RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
उसके पशीने की नमकीन लजाजत ससुर के जीभ में, उसको आकर्षित करती जा रही थी। जबकि आरती कसमसा रही थी, उस दौरान ससुर का लण्ड आरती के पेट पर रगड़ रहा था और धीरे-धीरे चूत की राह पा लिया लण्ड ने।
आरती ने सिसकते हुए जिश्म में उठती सिहरन के साथ अपने ससुर को बाहों में जोर से जकड़ा एक तड़पती आहह... के साथ और अपने ससुर की जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
मगर ससुर ने लण्ड को चूत में नहीं डाला बल्की उसको आरती के मुँह तक ले गया और एक प्यासे की तरह आरती ने उसके लण्ड को पूरा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, खुशी से एंजाय करते हुए और ससुर के चेहरे में हर बार देखते हुए। ससुर गुर्राया, उसका जिश्म काँपा, और उसकी आवाज ऐसे निकली- “ओह्ह... आह्ह... हाँ, ऐसे ही... हाँ और अंदर लो अपने मुँह में और अंदर लो इसे आरती... वाह... बहुत मजा आ रहा है... और अंदर अपने गले की गहराई तक जाने दो लण्ड को आरती.. इस्स्स्स ... आघघग.."
आरती अपने ससुर के चेहरे में देखते हुए उसको उस चुसाई की खुशी देने लगी, अपने गले की गहराई तक उसके लण्ड को लेते हुए। और कोई 10 मिनट की चुसाई के बाद आरती ने कुछ नखरे करते हुए नटखट आवाज में । कहा- “हम्म्... अब बस मेरा मुँह दुखने लगा, आपका बहुत बड़ा है। आपके बेटे वाले से ज्यादा बड़ा है आपका.."
ससुर मुश्कुराया और अपनी छोटी बहू की तारीफ से खुश हुआ। और फिर ससुर अपनी पीठ पर लेट गया और आरती को अपने ऊपर लिया। आरती लंबी अपने ससुर के जिश्म पर लेटी और आरती ने अपने हाथ से उसके लण्ड को खुद अपनी चूत के अंदर किया, अपनी दोनों टांगों को फैलाते हुए। उसकी सिसकारी निकल पड़ी जब लण्ड उसके अंदर घसा तो, फिर आरती बिल्कल बैठ गई ससर के लण्ड पर जैसे एक घोड़े पर बैठी हो और खद अपनी गाण्ड उछालने लगी लण्ड को अपने चूत के अंदर लिए हुए।
इस बार ससुर सिर्फ लेटा हुआ था और आरती सब कुछ कर रही थी। वो आरती की चूचियों को झूलते हुए देख रहा था आरती के उछलने पर।
जब आरती लण्ड का मजा लेने के लिए खुद ऊपर-नीचे उठक बैठक कर रही थी तो उसकी चूचियां जिस तरह से लटकती झूल रही थीं उसको देखकर ससुर को बड़ा मजा आ रहा था। ससुर ने अपने हाथों से दोनों चूचियों को मसलना शुरू किया और आरती ने गर्दन पीछे की तरफ कर दिया तड़पती आवाज में। फिर ससुर भी अपनी कमर हिलाने लगा लण्ड को उसकी चूत की ज्यादा गहराई में ठूसते हुए।
फिर आरती उसके लण्ड को चूत में लिए अपनी गाण्ड को गोल-गोल घुमाने लगी ससुर पर बैठकर, बड़ी मस्त अंदाज से आरती वैसा किए जा रही थी चुदाई का मजा लेते हुए जिससे ससुर बहुत खुश हुआ। फिर कुछ पल बाद आरती झुक कर अपने ससुर की छाती पर अपनी चूचियां दबाते हुए उसके गले को चाटना शुरू किया, लण्ड तब भी उसके अंदर ही था।
अपने ससुर की छाती के बालों को अपनी चूचियों पर महसूस कर रही थी अपने चूचियां रगड़ते हुए, और कमर लगातार हिलाती जा रही थी साथ-साथ। मतलब उपर छाती पर छाती रगड़ रही थी, नीचे कमर से कमर, चूत में लण्ड, आरती तड़प रही थी, कराहती जा रही थी, सिसकती जा रही थी और लगता था कि अब उसकी आगजम करीब थी और ससुर भी जैसे झड़ने वाला था। तो ससुर ने अपने टोस पर खड़े होते हुए आरती के चूतड़ों को । अपनी जांघों के ऊपर उठाया, और अपनी कमर जोरों से हिलाते हुए अपने लण्ड की रफ़्तार को बढ़ाया जो तेजी के साथ आरती के अंदर आने जाने लगा।
तो आरती की जिश्म में एक कंपन सी उठी और और वो चिल्लाई- “हाँ डैड हाँन्न आई आम कम्मिंग, हाँ... ऊओह्ह... आआहह.. हम्म्म म... अयाया..."
ससुर का भी काम हो गया और जल्दी से उसने आरती को अपने नीचे घुमाया, और अपने लण्ड को बाहर खींचकर अपने वीर्य की पिचकारी आरती की चूचियां पर मारा जिसको आरती ने अपनी उंगली में लेकर चाटा। फिर दोनों बिस्तर पर थके हुए हाँफते हुये लेट गये। बिस्तर का बुरा हाल था उस वक्त।
ज्ञान सर खपा रहा था कि घर में कौन था, जबकि नेहा एक हफ्ते के लिए बाहर गई हुई है तो। हाँ ज्ञान को पता था कि हनिमून के लिए नेहा एक हफ्ते के लिए बाहर गई है अपने पति के साथ। ज्ञान बहत उत्तेजित हआ जब उसने एक अधेड़ आदमी को एक गरम जवान लड़की को अपनी बाहों में उठाकर अंदर ले जाते हए देखा। उसको पक्का यकीन था कि वो बूढ़ा उस जवान लड़की को चोदने जा रहा था और ज्ञान ने सोचा कि उसको भी उसका हिस्सा जरूर मिलना चाहिए उस गरम जवान लड़की से।
अब क्योंकी ज्ञान नेहा के घर और आँगन से अच्छी तरह से वाकिफ था, हर कोने-कोने का पता था ज्ञान को। तो जब नेहा के पापा आरती को बाहों में उठाकर अंदर ले गया था तो तुरंत ज्ञान आँगन में घुसा था उन लोगों के दरवाजा बंद करने के बाद। वो पानी भरने के बहाने अंदर गया था और कुछ देर बाद घर के पिछवाड़े चलकर गया था, नेहा के कमरे तक और बाहर की खिड़की के पास झुक कर सुनने की कोशिश किया था और उसको सब कुछ सुनाई दिया था, जिससे उसको सब कुछ पता चल गया।
ज्ञान को सब समझ में आ गया कि ससुर बहू को चोद रहा था, क्योंकी उसको पता चल चुका था शादी में कि वो लड़की नेहा की छोटी भाभी है और इनकी बातों से अभी ज्ञान की समझ में आ गया कि बूढ़ा नेहा का पापा है। ज्ञान को बड़ी खुशी हुई कि उसको एक और गरम जवान लड़की मिल रही है चोदने को, मगर उसको अब बूढ़े के घर से निकलने का इंतेजार था।
उधर फाइव स्टार होटेल में नेहा और प्रवींद्र का राजाओं की तरह स्वागत किया गया। रिसेप्शन पर सभी मों की नजरें नेहा पर गड़ी हुई थीं। वो एक फ्लिमसी साड़ी में थी, और उसकी ब्लाउज़ बस एक ब्रा की जैसी थी जिसमें उसकी पूरी क्लीवेज दिख रही थी। वो कुछ ऐसी दिख रही थी कि हर कोई नेहा को अपने दिमाग में अपनी फैंटेसी केरूप में सोच सकता है, जरूरी नहीं कि इस पिक्चर में जो है उसकी तरह दिखे। इस पिक्चर में बस उसकी साड़ी और ब्लाउज़ को देखिए। नेहा ने वेसा ही पहना था और होटेल के सभी लोग वही देख रहे थे।
सबकी नजरें उसी पर थी रिसेप्शन में खासकर उसकी क्लीवेज पर। लोग उसको इस तरह से घूर रहे थे जैसे इस तश्वीर में लोग देख रहे हैं।
एक बुजर्ग आदमी था जिसने नेहा को उसके कमरे तक ले गया, और वो ऐसे नेहा के बगल में चलकर गया जब प्रवींद्र पीछे आ रहा था।
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