RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 61
हाँ जब स्कूल ओवर होने लगा तो जिग्नेश ने सबको हकीकत बता दी, सभी बच्चे चले गये, सबसे पीछे में निकला, मैंने एक बार फिर क्लास में नजर दौड़ाई तो पाया की पायल ने टीना का हाथ पकड़ कर रोक रखा था, मैं तुरन्त ही दरवाजे के पास चिपक कर खड़ा हो गया ताकि दोनों की बात सुन सकूँ.
पायल की आवाज मेरे कान में पड़ी वो टीना को बोल रही थी कि उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया,
तो बोली- सुबह जो उसने बोला, उसका सबक सिखाना था.तभी पायल बोली- देख नया लड़का है, उसके बारे में तू ठीक से जानती नहीं है, कहीं ऐसा न हो कि लेने के देने पड़ जाये?‘उसकी मां की चूत!’ टीना की आवाज आई.
तभी पायल बोली- अपने ऊपर संयम रख, कही ऐसा न हो कि कोई तेरे से बदला निकालने के चक्कर में तेरे साथ मजा न ले ले.
"किसी भोसड़ी वाले में हिम्मत नहीं है कि मेरी चूत को हाथ लगा सके, लंड न काट लूंगी उसका!’
मुझे उसकी बात से लगा, बहुत ही बिगड़ैल लड़की है.
तभी पायल बोली- लंड तो बाद में काटेगी, चूत तेरी पहले चुदेगी.
तभी टीना बोली- ठीक है ठीक है, चल अब घर चलना है.
वो दोनों निकलने लगी, मैं दरवाजे का ओट लेते हुए क्लास के अन्दर चला गया, टीना बाहर निकलते हुए पायल से बोली- कल जो वीडियो तूने भेजा था, बहुत ही मजेदार था.
मैं समझ नहीं पाया कि किस वीडियो की बात कर रही हैं.
खैर बाद में मामला रफा दफा हो गया.
मेरी पढ़ाई और क्लास में विहेवियर देखकर टीचर मुझसे इम्प्रेस रहने लगे. अगर किसी को कोई प्रॉबल्म होती तो मेरे पास आता, लगभग क्लास के सभी बच्चे मेरे से डिस्कस करते थे, नहीं करती थी तो वो टीना थी.
खैर उस दिन से मैं टीना पर नजर रखने लगा, जैसे ही वो बाहर जाती तो मैं भी उसके पीछे चल देता, लेकिन वो गर्लज टॉयलेट में चली जाती और फिर कुछ देर में लौट आती.
अभी तक उसके खिलाफ मेरे पास कुछ नहीं था.
पाँच-छः दिन ही हुए थे मुझे उस स्कूल में ज्वाईन किये हुए, इसलिये उसकी किसी ख़ास जगह के बारे में नहीं समझ पा रहा था.
पर आज का दिन मेरे लिये लकी साबित हुआ.
हुआं यूं कि जब स्कूल छूटने वाला था और सभी बच्चे क्लास से निकल रहे थे, मैं भी निकल ही गया था क्लास से, तभी मेरी नजर पायल पर पड़ी जो बाकी सभी बच्चों की तरह घर जाने के लिये चल दी, लेकिन टीना ने उसका हाथ पकड़ लिया और सभी का बाहर जाने का इंतजार करने लगे.
ये दोनों क्लास में क्यूं रूकी, इसकी वजह जानने के लिये जल्दी से दूसरे क्लास में जाकर छुप गया और जब बच्चे चले गये तो वो दोनों निकलकर जल्दी से बाथरूम की तरफ भागती हुई चली गई.
चूंकि इस समय सभी बच्चे एंव टीचर बिल्डिंग से बाहर जा चुके थे, इसलिये मुझे भी डर नहीं था, मैं भी सीधा उनके पीछे उनकी नजर को बचाकर दरवाजे के पास पहुंचा तो टीना की आवाज आ रही थी, वो पायल से सलवार और पैन्टी उतारने के लिये बोल रही थी.
पायल बोली- नहीं टीना, आज मेरा मन नहीं है, तू शाम को घर आ जाना तो वहीं मस्ती करेंगे!‘
मैं शाम को घर भी आऊँगी, बस अपनी मुनिया का रस दो मिनट चखा दो.’
‘ओह, तो ये बात है, दोनों लड़कियाँ ही आपस में मस्ती करती है और टीना मादरचोद अच्छी बनने के लिये दूसरों को बुरा बना देती है!’
तभी पायल बोली- ले बाबा, पर जल्दी कर ले कोई आ नहीं जाये?
‘कोई नहीं आयेगा!’
ठीक इसी समय मैं धड़ाक से अन्दर घुस गया, पायल की सलवार और पैन्टी उसके पैरों में फंसी हुई जमीन में पड़ी थी और वो अपनी कुर्ती को हाथ से पकड़ कर ऊपर उठाई हुई थी, जबकि टीना उसकी चूत में अपनी जीभ लगा चुकी थी और उसके मुख से उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल गया.मेरे सामने दो स्कूल गर्ल सेक्स कर रही थी लेकिन मैं इस समय बड़े गुस्से में था, तुरन्त ही
टीना को बोला- क्यों री मादरचोद, ऐसे तो बड़ी शरीफ बनती है और यहाँ पर पायल की चूत को चाट रही है, बहन की लौड़ी देख अब कल से रोज तेरी गांड में उंगली न की तो कहना!
और ये बात मैं सभी को बता दूंगा.
दोनों के हाथ पैर काँपने लगे.पायल रूँआसी सी होकर बोली- रेशू प्लीज किसी को मत बताना!‘क्यों नहीं बताऊँगा, तुम लोगों ने मुझे छोड़ा था, पूरे स्कूल में बेइज्जत किया था.
अब मेरी बारी है!’‘लेकिन मैंने तो नहीं बताया.’
तभी टीना भी हाथ जोड़ते हुए बोली- रेशु जाने दे यार, नहीं तो कोई आ जायेगा.‘चल मादरचोद तेरे को जाने दूं, रंडी साली, आने दो सभी को पता तो चले कि तू साली चीज क्या है.’
अब दोनों लगभग रो चुकी थी.
उनको रोती देखकर और वास्तव में कोई आ गया तो लड़का होने के कारण पहले मैं ही बलि का बकरा बनता, इन बातों को सोचकर मैं बोला- ठीक है, जाने देता हूँ, अपने पैन्ट की जिप खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल कर बोला- थोड़ा इसे प्यार कर लो और जाओ.
टीना फिर बोली- अभी जाने दो!‘नहीं ऐसे नहीं, अपने लंड के खाल को पीछे करते हुए कहा- चलो दोनों मेरे इस लाल वाले भाग को चूमो और चलती बनो.
दोनों मरती क्या न करती, दोनों ने बारी-बारी से मेरेलंड पर चूमा और जाने लगी.
मैंने पीछे से आवाज लगाई- रूको, एक बात और कहनी है तुम दोनों से!दोनों क्लास के पास पहुंचते ही ठिठक कर रूक गई.‘अपना फोन नम्बर दो, मुझे शाम को कुछ बात करनी है.’
पहले तो दोनों ने आनाकानी की लेकिन हल्की सी घुड़की से दोनों ने एक दूसरे को देखा और फिर चलते-चलते फोन नम्बर दे दिया.
फोन नम्बर लेते हुए हिदायत देते हुए कहा- फोन जरूर उठा लेना.
हम लोग बात करते हुए गेट तक पहुंच गये थे.
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