RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
उधर सोसाइटी में....!!
दया :- बापूजी में ज़रा हाथी भाई के घर जा रही हूँ...
बापूजी :- क्या हुआ बहू ...तबीयत खराब है क्या तेरी...
इससे पहले दया कुछ बोल पाती...फोन बज जाता है...और बापूजी फोन उठाते हैं...
बापूजी :--
हेलूओ...!!!
हाँ नंजी बोल...
अच्छा...
हाँ हाँ बिल्कुल...
बस आधे घंटे में ...मिलता हूँ...
पार्क में..
ठीक है....
हाँ भाई .. सब रख लूँगा...
चल ठीक है...!!!!
फोन की कन्वर्जन ख़त्म हो जाती है...
दया :- क्या हुआ बापूजी....
बापूजी :- वो में अपने यंग ओल्ड ग्रूप के साथ ******* के दर्शन के लिए जा रहा हूँ...तो 5 दिन के बाद आउन्गा.....
दया :- अरे वाह बापूजी...अच्छे से दर्शन कीजिएगा...
बापूजी :- में जेठिया को बता देता हुन्न..
दया :- बापूजी आपको देर हो रही होगी...आप जाइए में बता दूँगी...अच्छा तो बापूजी में जाऊ हाथी भाई के घर पे..
बापूजी :- अरे हाँ तेरी तबीयत खराब हो गई है क्या बहू..
दया :- नही बापूजी.....वो आज सारी लॅडीस लोग वहाँ मिल रहे हैं...तो इसलिए...
बापूजी :- अच्छा अच्छा...हाँ हाँ जा बहू..
दया :- बापूजी आपको कोई समान की ज़रूरत तो नही है ना...
बापूजी :- नही बहू तू जा आराम से मेरा सारा समान निकला ही हुआ है....
दया :- ठीक है बापूजी....********
बापूजी :- ********* बहू....!!!!
और दया हाथी के घर की तरफ निकल पड़ती है.....!!!!!
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