RE: Kamukta kahani कीमत वसूल
मैंने कहा- "मुझे समझ में नहीं आया, तुम साफ बता दो। अब सब बता दिया फिर क्यों शर्मा रही हो?"
ऋतु ने कहा- "हम दोनों ने एक दूसरे की चूत को चाटा..."
मैंने कहा- अन् को मजा आया?
ऋतु ने कहा- "वो तो पागल हो गई थी, बोली की मैंने आज तक इतना सुख कभी नहीं पाया, जितना तूने मुझे दिया है। और आपको पता है मैंने जब दीदी से कहा की मैं तो कुछ भी नहीं करना जानती जितना बो (मेरे लिए) जानते हैं। वो जब मेरी चूत को चाटते हैं तो ऐसा लगता है जैसे मैं स्वर्ग में आ गई हैं.." कहते-कहते उसने अपनी निगाहों को मुझसे चुरा लिया।
मैंने कहा- "तुमने मुझे तो ये बात कभी नहीं बताई की मैं जब तुम्हारी चूत चाटता हूँ, तुम स्वर्ग में चली जाती हो."
ऋतु बोली- "आपको क्या बताऊँ मैं... आपको खुद पता चलना चाहिए..."
मैंने कहा- "हाँ, ये तो मेरी कमी है। चलो अब पता चल गया..." और मैं उसको बोला- "अब मैं तुमको इससे भी ज्यादा मजा दूंगा.."
फिर मैंने कहा- "तुम्हारी दीदी ने फिर क्या कहा?"
ऋतु बोली- "उन्होंने कहा तो कुछ भी नहीं पर आपकी बातें मुझसे सुन-सुनकर उनको कुछ हो जाता था."
मैंने ऋतु से कहा- "ऋतु एक काम करोगी?"
ऋतु ने पूछा- क्या?
मैंने कहा- "आज रात को तुम अपनी दीदी के साथ जब बात करो, तब अपने मोबाइल में रेकार्ड कर लेजा। पर ये बात अनु को पता नहीं चलनी चाहिए की बातें रेकार्ड हो रही हैं.."
ऋतु मेरी बात सुनकर बोली- "सर, ये ठीक नहीं है, मैं ऐसा नहीं करूँगी। दीदी मुझे अपना समझकर मेरे से बात करती हैं, मैं उनको धोखा नहीं दे सकती."
मैंने ऋतु से कहा- "तुम मुझसे ऐसी बात कर रही हो? मैं क्या गैर हैं? मैं तो ये देखना चाहता हूँ की तुम लोग कैसी बात करते हो। मुझे आज तुमने जो बातें बताई हैं, उनको सुनकर ही इतना उत्तेजित हो गया है और जब मैं तुम लोगों की असली आवाज में बातचीत सुनूँगा, तो उसमें कितना मजा आएगा?"
ऋतु बोली- "नहीं सर। में आपको जो भी बात होगी सब आकर बता दूँगी । पर प्लीज... आप मुझे ये सब करने को मत कहिए..."
मैंने ऋतु को एमोशनल ब्लैकमेल करते हुए कहा- "मैं तुमको अपनी बाइफ समझता हैं, और तुम मेरी इतनी छोटी सी बात नहीं मान सकती। तम्हारी इस बात से मझे लग रहा है की तम मुझे अपना हब्बी नहीं मानती। अगर मानती होती तो अपने हब्बी के लिए इतना भी नहीं करती?" मेरा तीर सही निशाने पर लगा।
ऋतु ने हथियार डाल दिए और बोली- "मैं आपकी बात मानकर जैसा आप कहोगे वैसा करेंगी। पर आप कभी ऐसा नहीं कहना..."
मैंने कहा- "अपने मोबाइल की रेकार्डिंग जरा चेक करवाओं मुझे?"
फिर मैंने उसके मोबाइल मैं अपनी आवाज की काई करी और सुनी। मस्त साफ आवाज थी। मैं खुश हो गया। मैंने मन में सोचा मोबाइल की कीमत डबल हो गई।
मैने ऋतु को कहा. "अब तुम जाओ। तुम आराम करोगी तभी रात को बातें करोगी..'
ऋतु चली गई।
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