RE: Thriller Sex Kahani - हादसे की एक रात
“म...मेरे जख्म से खून बहुत बुरी तरह निकल रहा है ।” अजनबी लगभग छटपटाता हुआ बोला- “म...मुझे जल्दी अपने घर ले चलो, व...वरना मैं मर जाऊंगा ।”
राज फिर चुप ।
“द...देर मत करो ।” अजनबी इस बार गिड़गिड़ाया ।
“म...मेरी जिंदगी का सवाल है, अ...अगर मेरे ऊपर नहीं, तो कम-से-कम मेरी हालत पर ही रहम खाओ ।”
राज ने देखा, उसकी आंखों में अब सफेदी पुतने लगी थी । होंठ शुष्क होने लगे थे ।
राज कश-म-कश में उलझा रहा ।
फिर कुछ सोचकर वो वापस ऑटो की ड्राइविंग सीट पर जा बैठा और उसने ऑटो रिक्शा सोनपुर की तरफ दौड़ा दी ।
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थोड़ी ही देर बाद जब राज की ऑटो रिक्शा सोनपुर मौहल्ले में अपने घर के सामने जाकर रुकी, तो उस समय पूरी गली अंधेरे में डूबी थी ।
बारिश भी बंद हो चुकी थी और अब सिर्फ हल्की-फुल्की बूंदा-बांदी ही हो रही थी ।
राज ने नीचे उतरकर अपने घर का ताला खोला ।
अजनबी व्यक्ति भी संभल-संभलकर चलता हुआ राज के पीछे-पीछे ही घर में आ गया था ।
अंदर घर में भी गली जैसा ही घुप्प अंधेरा था ।
राज ने बल्ब जलाने के लिये जैसे ही स्विच बोर्ड की तरफ हाथ बढ़ाया, तभी वो घटना घटी, जिसके बाद राज त्राहि-त्राहि कर उठा ।
अजनबी तब तक उसके करीब आ गया था, तभी एकाएक अजनबी का पूरा शरीर बुरी तरह लरजा । उसके मुँह से तेज कराह फूटी और झाग निकले ।
राज उसे संभाल पाता, उससे पहले ही वह अजनबी धड़ाम से नीचे फर्श पर जा गिरा ।
राज ने लपककर बल्ब का स्विच ऑन किया ।
भक्क से बल्ब जला ।
बल्ब के जलते ही राज ने जो मंजर देखा, उसे देखकर उसके कंठ से इतनी तेज हृदयविदारक चीख खारिज हुई कि वो चीख पूरे सोनपुर में गूंजी ।
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