Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-28-2020, 02:36 PM,
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
नह्ह्हीं्ई्ं्ईं्ईं्ईं्ईं, पपपपप्ली्ई्ई्ई्ई्ईज्ज्ज्ज। ऐसा मत करो।” मैं गिड़गिड़ाने का नाटक करने लगी। चाहती तो छूट सकती थी, मुक्त हो सकती थी और वे मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकते थे। लेकिन चाहती तब ना।

“कैसा न करें? न चोदें? छोड़ दें बिना चोदे? कल तो आह राजा, ओह राजा, चोद राजा बोल रही थी और आज क्या हुआ?” अब वह अपनी औकात पर आ गया था। मैं अंदर ही अंदर खुश हो रही थी।

“यह तुम क्या कर रहे हो?” मेरा नाटक बदस्तूर जारी था।

“वही जो कल किया था।”

“लेकिन कल तुम अकेले थे।”

“तो तुझे क्या फर्क पड़ता है?”

“फर्क पड़ता है। मैं अकेली और तुम तीन। मार डालोगे क्या?”

“तू? तू मरेगी नहीं साली नौटंकी बाज। अऊर तू लोग का देखाथा मादरचोद, पकड़ साली कुतिया के, खोल हरामजादी केर कपड़ा। (और तुमलोग क्या देख रहे हो मादरचोद, पकड़ो साली कुतिया को, खोलो हरामजादी के कपड़े)।” वह खूंखार लहजे में बोला। बस क्या था, पिल पड़े तीनों के तीनों मुझ पर और देखते ही देखते नंगी हो गयी मैं।

“हाय राम, नहीं नहीं। ओफ्फोह, मैं ऐसी नहीं हूं।” मैं न न करती रही।

“तू कैसी है, पता चल गया कल ही” वह फटाफट अपने कपड़े खोलने लगा। इस वक्त मेरा नंगा बदन फर्श पर बिछे सीमेंट के खाली बोरों के बिछौने पर गिरा पड़ा था। बल्ब की रोशनी में मेरा नंगा बदन चमक रहा था। मेरे दपदपाते नंगे जिस्म को देख कर उन तीनों के चेहरे की रंगत बदल गयी। अब तक झिझक रहे बाकी मिस्त्री, रफीक और बोदरा भी अब दुर्दांत भेड़िए की मानिंद दिख रहे थे। उनकी आंखों में वासना की चमक स्पष्ट देखी जा सकती थी। उन्होंने भी अपने कपड़ों से मुक्त होने में बिल्कुल समय नहीं गंवाया। साला चार फुटिया ठिंगना बोदरा तो कुछ अधिक ही बेकरार था। काला, ठिंगना बनमानुष जैसा आदमी, जिसका काले काले झांट से भरा अविश्वसनीय काला फनफनाता लिंग, करीब सात इंच लंबा बोदरा

“वाह सलीम भाई, खूब जबरदस्त माल पाईले (पाया) भाई। बड़ा किस्मत से अईसन (ऐसी) माल चोदे ले (चोदने के लिए) मिललक (मिला) भाई। अईज (आज) तक कहां करिया करिया (काली काली) रेजा मन केर बूर चोदत रहली अऊर अईज मिललक अईसन सुंदर जनी, वाह मजा आए गेलक (रेजा लोगों की चूत चोद रहे थे और आज मिली ऐसी सुंदर औरत, वाह मजा आ गया)।” कहते कहते कूद कर चढ़ गया मुझ पर और सीधे मेरी चूचियों पर धावा बोला। जिस हड़बड़ाहट और बेदरदी से उन्होंने मेरे कपड़ों को नोच नाच के खोला था, मैं हलकान थी, संभलना चाह कर भी संभल नहीं पाई और गिर पड़ी थी उसी सीमेंट के खाली बोरों की बिछावन पर और अभी सांसें संभली भी नहीं थीं कि बोदरा रुपी बनमानुष का आक्रमण हुआ था। वह मुझ पर चढ़ा हुआ मेरी चूचियों को पहले तो सहलाने लगा, “अहा, केतई मस्त गोल गोल, बड़का बड़का चूची आहे रे (अहा, कितनी मस्त गोल गोल, बड़ी बड़ी चूची हैं रे)” कहते हुए दबाना शुरू कर दिया।

“ओह, नहीं, ओह बाबा छोड़ो मुझे। ओह इस तरह जलील मत करो मुझे।” मैं तड़प कर बोली।

“जलील? और तुझे? यही तो चाह रही थी ना?” सलीम हंसता हुआ बोल उठा।

“ऐसा तो नहीं चाह रही थी उफ्फो्ओ्ओ्ह्ह।”

“अब कैसा चाह रही थी, उससे हमें क्या, अब तो तू नंगी, हम नंगे, नोचा नोची, ठेल्लम ठेल्ली तो होगा ही। तू मान न मान, चोदा चोदी तो होगा ही।” सलीम बेशर्मी पर उतर आया। इधर इतनी देर से चुप वह दुबला पतला टकला दढ़ियल भी नंगा भुजंगा मेरी चूत सहलाने लगा। मैं गनगना उठी।

“अरे अरे इकर बुर देख, सार हरामजादी बड़ा शरीफ दिखात रहे अपन के। एतई बड़का बुर में तो दू दू लौड़ा घुईस जातौ। चल सलीम, अईज हम दुन्नो मिल के चोदब ई रंडी के (अरे इसकी बुर देखो, साली हरामजादी बड़ी शरीफ दिखा रही थी खुद को। इतनी बड़ी बुर में तो दो दो लंड घुस जाएगा। चल सलीम, आज हम दोनों मिलके चोदेंगे इस रंडी को)।” वह दढ़ियल टकला, लिक्कड़ भी कम नहीं था। कांप उठी मैं उसकी बात सुनकर। छटपटाने लगी मैं छूटने के लिए।

“नहीं ओह नहीं, ऐसा मत करो मेरे साथ, मर जाऊंगी मैं।” मैं बेबसी में बोली।

“हट साली रंडी, तू मरेगी थोड़ी। तू तो मजे से चुदवाएगी। सब दिख रहा है। सब पता चल रहा है, तू कितनी बड़ी लंडखोर है। साली इत्ता बड़ा पावरोटी जैसा फूला हुआ भोंसड़ा बना के भी ड्रामा कर रही है। चल रे रफीक, दुन्नो मिल के चोदबई और तोंय बोदरा, का करबे बोल इकर संगे (चल रफीक, दोनों मिलकर चोदेंगे और तू बोदरा, इसके साथ क्या करोगे बोल)।” मेरी योनि खुद ही बता रही थी कि मैं कितनी बड़ी लंडखोर हूं और सलीम जैसे चुदक्कड़ों को भला कैसे पता नहीं चलता।

“अरे दिखाई नहीं देवथे, इकर गांड़ के देख, एतई सुंदर गोल गोल मक्खन जैसन गांड़ के कईसन छोईड़ देबौ, ई एक्के ठो गांडू खोकोन केर गांड़ तो खूब चोईद लेलों, अईसन सुंदर गांड़ बड़ा किसमत से मिल आहे, कईसन छोड़बौ। पहिले तुहिन चोदा, उकर बाद मोंय इकर गांड़ केर बाजा बजाबूं, तबतक चूस रे रंडी हमर लौड़ा। (अरे दिखाई नहीं दे रहा है, इसकी गांड़ देखो, इतना सुंदर गोल गोल मक्खन जैसा गांड़ कैसे छोड़ दूं। इस एक ही गांडू खोकोन की गांड़ तो खूब चोद लिया, ऐसा सुंदर गांड़ बड़ी किस्मत से मिला है, कैसे छोड़ूं। पहले तुमलोग चोद लो, उसके बाद मैं इसकी गांड़ का बाजा बजाऊंगा, तबतक चूसो रंडी मेरा लौड़ा)।” बोदरा मादरचोद, गांड़ का रसिया, लार टपकाती आवाज में बोला और अपना दुर्गंध युक्त लिंग मेरे मुंह में घुसेड़ने लगा।
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-28-2020, 02:36 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,656,604 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 562,785 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,299,933 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 982,986 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,742,722 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,154,506 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,079,360 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,497,942 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,173,017 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 299,852 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)