Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-27-2020, 11:03 PM,
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा


“ठीक कहा हरिया। आज ऐसा चोदना है कि इस कुतिया को जिंदगी भर याद रहे। आज तक इस रंडी को किसी ने ऐसा नहीं चोदा होगा।” करीम चाचा भी कामोत्तेजना के आवेश में पूरे जानवर बन चुके थे। चाची बेचारी के पास उन दरिंदों की धींगामुश्ती को झेलने के अलावा और कोई चारा नहीं था। फंस चुकी थी हमारे बिछाए जाल में, हरिया और करीम को तो हमारी पूर्वनियोजित षड़यंत्र के तहत मुंहमांगी मुराद मिल चुकी थी, अब वे जी भर के मेरी चाची के शरीर से मनमाने ढंग खिलवाड़ करने को स्वतंत्र थे, जो वे कर भी रहे थे। उनके कामुक हरकतों के फलस्वरूप चाची अपने ऊपर हुए आकस्मिक आक्रमण के आरंभिक खौफ से उबर चुकी थी और उत्तेजना के मारे उनका शरीर अकड़ने लगा, थरथराने लगी वह।

“अब चोद भी डालो हरामजादों” उत्तेजना के आवेग में अंततः चाची सके मुंह से बेसाख्ता निकल ही पड़ा।

“हां री कुतिया, आज तो पूरी कसर निकालनी है, देख हमारे लौड़े कैसे फनफना रहे हैं” कहते कहते हरिया ने आव देखा न ताव, सीधे चाची की टांगों को फैला कर उनकी पनियायी फूली हूई योनिद्वार में अपने आठ इंच लंबे बेलन सरीखे लिंग का सुपाड़ा टिकाया और एक ही भीषण प्रहार से पूरा का पूरा लिंग चाची की योनि में पैबस्त कर दिया।

“आ्आ्आ्आ्आह्ह्ह्ह्” एक दर्दनाक चीत्कार चाची के मुंह से उबल पड़ी।

“ऐसे चीख मत बुरचोदी। अभी कह रही थी चोद भी डालो, अभिए से चिचिया रही है, यह तो शुरुआत है, अभी तो लौड़ा सिर्फ घुसा है, चोदना तो अब शुरू होगा साली चूतमरानी।” कहते कहते चाची की हालत को नजरंदाज करते हुए लगातार पंद्रह बीस धुआंधार ठापों की झड़ी लगा बैठा “हुं हुं हुं हुं हुं हुं, अब ठीक है, करीम अब तू भी आ जा भाई,” कहते हुए चाची को लिए दिए पलट गया और चाची की गुदा ऊपर हो गई।

इससे पहले कि चाची को सांस लेने का मौका मिलता, करीम पल भर में ही चाची के ऊपर सवार हो गया और अपने तनतनाए लिंग को एक ही झटके में चाची की गुदा द्वार में प्रविष्ट करा दिया, “ले साली कुतिया मेरा लौड़ा अपनी गांड़ में, ओह ओ्ओ्ओ्ओह कितना टाईट गांड़ है ओह ओ्ओ्ओ्ओह मजा आ गया,” कहते हुए उसने भी दनादन कई झटके मार डाला।”

“आह्ह्ह्ह्ह मार डाला रे हरामी ओह्ह्ह्ह फाड़ दिया मादरचोद हाय मेरी गांड़ फट गई हाय हाय हाय।” चाची की करुण चीत्कार से पूरा कमरा गूंज उठा, किंतु यह चीखें कुछ ही पलों में आनंद भरी सीत्कारों में परिवर्तित हो गईंं, “आह ओह चोदो हरामियों, आह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह खा जाओ मुझे, रगड़ डालो मुझे, मसल डालो मुझे, आह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह इस्स्स्स्स” और फिर क्या था, वासना का तूफान ही उठ खड़ा हो गया। धकमपेल, धींगामुश्ती, एक दूसरे में समा जाने की जद्दोजहद और साथ ही साथ बेहद गंदी गंदी वासना से ओत प्रोत अल्फाज उबलने लगे उनके मुंह से।

मैं वहां के माहौल को मंत्रमुग्ध निहार रही थी, उत्तेजना के मारे मेरा भी बुरा हाल हो गया था, पूरे शरीर पर चींटियां दौड़ रही थीं और तभी गजब हो गया, मेरे खुद का चुना हुआ बनमानुष नुमा मर्द, बिना एक पल गंवाए मुझ पर किसी जंगली जानवर की तरह टूट पड़ा था और मेरी नंगी देह को किसी गुड़िया की तरह अपने दैत्याकार बाजुओं में दबोच कर अपने सूअर जैसे थूथन से मेरे चेहरे पर चुम्बनों की झड़ी लगा रहा था। मैं उनके इस अचानक हमले के लिए तैयार नहीं थी, हकबका उठी। उफ्फफ, ऐसा लग रहा था मानो मेरी पसलियां चरमरा उठी हों। मेरी सांस ऊपर की ऊपर ही रह गई किंतु अब मैं पूरी तरह पंडित जी के चंगुल में थी, परकटी पंछी की तरह छटपटाने के सिवा कुछ कर भी नहीं सकती थी। सच तो यह था कि मैं कुछ करना चाहती भी नहीं थी। उस जंगली जानवर के वहशीपन का पूरा अनुभव करना चाहती थी। उनकी हर वहशियाना हरकतों को झेलने के लिए अपने मन को कड़ा करके सिर्फ दिखावे की छटपट करते हुए, “आह्ह्ह्ह्ह छोड़िए, ओह्ह्ह्ह मार ही डालिएगा क्या, उफ्फ्फ हाय राम,” कहती कहती समर्पित होती चली गयी। पंडित जी पूरे जोश में थे। पूरी बेदर्दी से मेरी चुचियों को मसलने लगे। मेरे मुंह के अंदर अपनी लंबी मोटी जीभ डाल चुभलाने लगे। उनका भीमकाय लिंग मेरी योनी के अंदर पैबस्त हो कर फाड़ डालने को बेताब, बार बार मेरी योनी द्वार पर ठोकर मार मार कर मेरे अंतरतम को आंदोलित किए जा रहा था। मेरी उत्तेजना पूरे चरम पर थी। योनी फकफका रही थी। पनिया उठी थी। पंडित जी ने अपनी एक उंगली मेरी योनी के लसलसे पानी से भिगोकर मेरी गुदा मे ठोंक दिया। मैं चिहुँक उठी और अनायास ही झटके से बेध्यानी मे और आगे बढ़ गयी, परिणाम स्वरूप मेरी पनिया उठी योनी खुद ही उनके तनतनाये हुए लिंग का एक तिहाई हिस्सा विशाल सुपाड़े समेत अपने अंदर समाने को विवश हो उठी। पंडित जी की धूर्तता काम कर गई। एक प्रकार से उन्होंने मुझे अपने लिंग से बींध दिया था। “आह्ह्ह्ह्ह” मेरी आह निकल पड़ी। एक झटका मेरी ओर से था तो दूसरा झटका उनकी ओर से था।, जिससे उनका आधा लिंगमेरे अंदर समा गया। उफ्ईफ्फ्फ, गजब का अहसास था वह। मगर यह तो आरंभ था। पंडित जी मुझे लिए दिए फर्श पर लुढ़के और साथ ही एक और करारा ठाप जड़ दिया। “आ्आ्आ्आ्आ्आह,” बेसाख्ता मेरी लंबी चीख निकल पड़ी। सभी मेरी ओर देखने लगे।

Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-27-2020, 11:03 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,587,289 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 554,144 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,270,014 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 960,052 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,702,190 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,121,841 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,022,355 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,304,291 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,115,595 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 293,271 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)