MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 02:11 PM,
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
93
जब मैने देखा कि, उसका ध्यान मोबाइल की तरफ ज़रा भी नही है. तब मैने उसका ध्यान मोबाइल की तरफ दिलाते हुए कहा.

मैं बोला “तेरा मोबाइल कब से बजा जा रहा है. ज़रा देख तो किसका कॉल आ रहा है.”

कीर्ति बोली “मुझे नही देखना. अभी मैं तुम्हारे सिवा किसी से बात करना नही चाहती.”

मैं बोला “मैं तुझे बात करने को कहा कह रहा हूँ. मैं तो सिर्फ़ इतना चाहता हूँ कि, तू एक बार देख बस ले कि, कौन तुझे इतना कॉल लगा रहा है.”

कीर्ति बोली “जो कॉल लगा रहा है. उसे अब तक समझ जाना चाहिए था कि, मैं अभी कहीं पर बिज़ी हूँ. फिर वो क्यो ज़बरदस्ती इतने कॉल लगाए जा रहा है.”

मैं बोला “हो सकता है कि, तेरा ही कोई ज़रूरी कॉल आ रहा हो. एक बार देख लेने मे क्या बुराई है.”

कीर्ति बोली “जो मेरे लिए ज़रूरी है. वो मेरे पास है. मेरे लिए तुमसे ज़रूरी कुछ नही.”

कीर्ति की ये बात सुनकर मैने उसके गालों पर एक थपकी दी और फिर उसे समझाते हुए कहा.

मैं बोला “मैं कौन सा कही भागा जा रहा हूँ. मैं तो तेरे पास ही हूँ. तू एक बार देख बस ले कि, ये किस का कॉल आ रहा है.”

मेरी बात सुनकर कीर्ति ने, अनमने मन से अपना मोबाइल निकाला और कॉल देखने लगी. कॉल देखने के बाद मन ही मन कुछ बुदबुदाने के बाद, उसने मोबाइल वापस रख दिया. उसकी इस हरकत पर मैं मुस्कुराए बिना ना रह सका. मैने उस से मुस्कुराते हुए पुछा.

मैं बोला “क्या हुआ. इतना गुस्सा किस पर कर रही है. किसका कॉल आया था.”

कीर्ति बोली “तुलिका का कॉल था.”

मैं बोला “तुलिका, तेरी वही सहेली है ना. जिसके घर जाने का कह कर, हम यहाँ आए है.”

कीर्ति बोली “हाँ, ये वही है. लेकिन ये मेरी कोई सहेली वहेली नही है.”

मैं बोला “तो फिर ये कौन है.”

कीर्ति बोली “ये सौरव की गर्लफ्रेंड है.”

मैं बोला “तो फिर ये तुझे क्यो कॉल लगा रही है. इसके पास तेरा मोबाइल नंबर कहाँ से आ गया.”

कीर्ति बोली “मुझे क्या मालूम, ये मुझे क्यो कॉल लगा रही है. मुझे तो सौरव ने इस से मिलवाया था. ताकि इसको यकीन आ सके कि, सौरव मुझसे शादी नही कर रहा है. मैने इस से मिलकर शादी ना करने की सच्चाई बता दी थी. तभी इसने मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया था और मेरा मोबाइल नंबर लिया था.”

मैं बोला “तो फिर सुबह तूने ये क्यों कहा कि, तू अपनी सहेली तुलिका के यहाँ जा रही है.”

कीर्ति बोली “वो तो मैने इस लिए बोल दिया था. क्योकि इसे मेरे सिवा कोई नही जानता. अब मुझे क्या मालूम था कि, वहाँ मैं इसका नाम लुगी और यहाँ इसका कॉल आने लगेगा.”

मैं बोला “ठीक है, लेकिन इसमे इतना गुस्सा होने की क्या बात है.”

कीर्ति बोली “गुस्सा नही करूँ तो, क्या उसकी आरती उतारू. मैं यहाँ अपना समय तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ और वो मुझे कॉल करके डिस्टर्ब कर रही है.”

मैं बोला “चल अपना गुस्सा छोड़ और अब उसका कॉल आए तो बात कर लेना. पता नही उसे तुझसे क्या काम आ गया है.”

मगर मेरी बात से कीर्ति को गुस्सा आ गया. वो तुनकते हुए कहने लगी.

कीर्ति बोली “मुझे अभी उस से कोई बात नही करना और अब तुम भी इस बारे मे कोई बात नही करोगे. तुमने अब यदि उसकी तरफ़दारी की तो, मुझसे बुरा कोई नही होगा.”

मैं बोला “गुस्सा क्यो होती है. तुझे बात नही करना तो मत कर, लेकिन अपना मूड तो खराब मत कर. चल तू अपना मूड सही कर, मैं तुझे एक चीज़ दिखाता हूँ.”

ये कह कर मैने अपना मोबाइल निकाला और एक फोल्डर खोल कर, मोबाइल कीर्ति को पकड़ा दिया. कीर्ति बड़े गौर से उस फोल्डर को देखने लगी और मैं बड़े इतमीनान के साथ कीर्ति को देखने लगा. कुछ देर बाद कीर्ति ने कहा.

कीर्ति बोली “तो ये है, निक्की.”

मैं बोला “हाँ, ये ही निक्की है.”

कीर्ति बोली “लेकिन ये फोटो तुम्हे कहाँ से मिली.”

मैं बोला “मैने निक्की को तुम्हारी फोटो इसी शर्त पर दिखाई थी कि, वो अपनी फोटो तुम्हे दिखाने के लिए मुझे देगी.”

कीर्ति बोली “ये तो सच मे हू-बू-हू मेरी तरह ही दिखती है. तुमने बेकार मे ही इस पर गुस्सा किया था.”

मैं बोला “हाँ वो तो है. मगर मैं क्या करता. मुझसे ये बात सहन नही हुई की, निक्की से तेरी बराबरी की जा रही है.”

कीर्ति बोली “चलो जाने दो. ये बताओ क्या तुमने प्रिया की फोटो ली है.”

मैं बोला “नही. लेकिन तुझे प्रिया की फोटो क्यो देखना है.”

कीर्ति बोली “मुझे देखना है कि, वो कौन सी खूबसूरत लड़की है. जो मेरी जान से इतना ज़्यादा प्यार करती है.”

कीर्ति की इस बात पर मैने भी कीर्ति को छेड़ते हुए कहा.

मैं बोला “ये बात तो सच है. प्रिया सच मे बेहद खूबसूरत है. तू एक बार उसे देख ले तो, तुझे भी उस से जलन होने लगेगी.”

मेरी बात सुनकर कीर्ति ने पहले गुस्से से मुझे घूरा और फिर ना जाने क्या सोच कर, अपना मूह बनाते हुए कहने लगी.

कीर्ति बोली “मुझे क्यो उस से जलन होगी. मैं जानती हूँ, तुम ये बात मुझे छिडाने के लिए कह रहे हो. प्रिया मुझसे ज़्यादा सुंदर नही है.”

मैं बोला “नही, मैं झूठ नही बोल रहा. प्रिया सच मे तुझसे भी ज़्यादा सुंदर है.”

कीर्ति बोली “तुम फिर झूठ बोल रहे हो.”

मैं बोला “नही मैं झूठ नही बोल रहा. लेकिन तुझे क्यो लग रहा है कि, मैं झूठ बोल रहा हूँ.”

मेरी बात सुनकर कीर्ति हसने लगी और अपनी आँखे मटकाती हुई कहने लगी.

कीर्ति बोली “तुम भूल गये हो कि, अभी कुछ देर पहले तुमने ही कहा था कि, प्रिया निक्की से सुंदर नही है.”

मैं बोला “हाँ मैने ऐसा कहा था. लेकिन मैने ये तो नही कहा कि, प्रिया तुझसे सुंदर नही है.”

कीर्ति बोली “इसमे कहने की क्या बात है. निक्की और मैं तो एक जैसे ही दिखते है और तुम्हारा ही कहना था कि, मैं निक्की से भी ज़्यादा सुंदर हूँ. अब बताओ जब प्रिया निक्की से ज़्यादा सुंदर नही हुई तो, वो मुझसे ज़्यादा सुंदर कैसे हो गयी.”

ये कह कर कीर्ति अपनी आँखो और हाथो से इशारे कर अपने सवाल का जबाब माँगने लगी. तब मुझे कीर्ति की बात का मतलब समझ मे आया और मैने हँसते हुए कहा.

मैं बोला “अब मेरी समझ मे आया की, तूने ये क्यो पुछा था कि, निक्की और प्रिया मे ज़्यादा सुंदर कौन है. मुझे नही पता था कि, तेरा दिमाग़ इस तरफ चल रहा है. तू सीधे सीधे मुझसे नही पूछ सकती थी कि, तुझमे और प्रिया मे ज़्यादा सुंदर कौन है.”

मेरी बात सुनकर कीर्ति खिलखिला कर हँसने लगी और कहा.

कीर्ति बोली “मैं सीधे सीधे पूछती तो, तुम यही कहते कि, मैं ज़्यादा सुंदर हूँ. मैं दुनिया की सबसे सुंदर लड़की हूँ.”

ये कह कर वो फिर खिलखिला कर हसने लगी. लेकिन मैने उसका हाथ पकड़ा और बड़े ही प्यार भरे शब्दों मे कहा.

मैं बोला “देख तू चाहे माने या ना माने. लेकिन सच बात ये ही है कि, तू प्रिया और निक्की से बहुत ज़्यादा सुंदर है. तेरे ये लंबे बाल और ये माथे की बिंदी, तेरी सुंदरता को चार चाँद लगा देते है. तेरी ये आँखे, जिनमे झील से भी ज़्यादा गहराई है. इसकी बराबरी दुनिया की किसी चीज़ से नही की जा सकती. इस सब से बाद कर तेरी ये मुस्कुराहट है. जिसमे तेरा चेहरा किसी कमाल की तरह खिला हुआ दिखता है. मेरे लिए तो तू सच मे दुनिया की सबसे सुंदर लड़की है.”

मेरी बात सुन कर कीर्ति खिलखिलाकर हँसते हुए और कहने लगी.

कीर्ति बोली “बस बस जान, मेरी बहुत तारीफ हो गयी. मैं जानती हूँ तुम्हारे लिए दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की मैं ही हूँ. अब बहुत बातें हो चुकी है. अब हमे घर वापस लौटना चाहिए.”

मैं बोला “मेरा वापस जाने का मन नही है. हम इतनी जल्दी घर वापस जाकर क्या करेंगे. अभी तो सिर्फ़ 3:30 ही बजा है.”

कीर्ति बोली “तुम्हे 5:30 बजे एरपोर्ट पहुचना है. इस हिसाब से अब हमारे पास सिर्फ़ 2 घंटे बचे है. इन 2 घंटो मे हमे अंकिता से भी मिलना है और घर पर भी सब से मिलना है.”

मैं बोला “मुझे अंकिता से नही मिलना. जो समय मुझे अंकिता मे मिलने मे लगेगा. वो मैं तेरे साथ बिताना चाहता हूँ.”

कीर्ति बोली “जान समझा करो. यदि उस से मिलना ज़रूरी नही होता तो, मैं तुमसे अभी उस से मिलने के लिए नही कहती. लेकिन अब तुम्हे वहाँ जाकर मेहुल से बात करना ही पड़ेगी. तब हो सकता है कि, मेहुल को समझाने के लिए, तुम्हे अंकिता की ज़रूरत पड़ जाए.”

मुझे कीर्ति की बात सही लग रही थी. फिर भी मेरा मन वहाँ से जाने का नही कर रहा था. मैने कीर्ति की बात का बिना कोई जबाब दिए. उसको खीच कर अपनी गोद मे बैठा लिया और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए. कीर्ति को भी जैसे इसी पल का इंतजार था. उसने बिना देर किए, मेरे सर पर अपना हाथ रखा और मेरे होंठों को चूसने लगी.

एक बार फिर हम एक दूसरे के शरीर मे समा जाना चाहते थे. हम दुनिया की हर बात से बेफिकर होकर एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे. कुछ देर बाद कीर्ति ने मेरे होंठों को चूसना बंद किया और मेरे सारे चेहरे पर चुंबनो की बौछार करने लगी. वो बेहताशा मेरे चेहरे को चूमे जा रही थी.

ये हमारे इस मिलन की अंतिम बेला थी. जिसमे वो मुझे जी भर कर प्यार कर लेना चाहती थी. मैने भी उसके चेहरे को चूमना सुरू कर दिया. कुछ देर तक मैं यू ही उसके चेहरे को जगह जगह चूमता रहा. फिर कीर्ति ने मुझे रोका और मेरे माथे पर चूमते हुए खड़ी हो गयी.

लेकिन मैं अभी भी बैठा ही रहा. मेरा मन वहाँ से उठने का नही हो रहा था. मैं चाहता था कि, मैं अपने जाने से पहले, जितना ज़्यादा से ज़्यादा समय कीर्ति के साथ बिता सकूँ, बिता लूँ. यही सोच कर मैं कीर्ति की तरफ हसरत भरी निगाहों से देखने लगा.

कीर्ति मेरे दिल की बात समझ रही थी. उसने जब मुझे खड़े होते नही देखा तो, मेरा हाथ पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया और कहने लगी.

कीर्ति बोली “जान, अब बहुत प्यार करना हो गया. अब हमे चलना चाहिए.”

मैने अनमने मान से जबाब दिया.

मैं बोला “मेरा जाने का मन नही कर रहा है.”

कीर्ति बोली “जान, मुझे पता है. क्योकि मेरा मन भी यहा से जाने का नही कर रहा है. लेकिन अब अमि मिमी की खातिर हमे यहाँ से जाना ही होगा. क्योकि वो बड़ी बेसब्री से तुम्हारे वापस आने का इंतजार कर रही होगी.”

ये बात कह कर कीर्ति ने मेरी दुखती रग पर हाथ रख दिया था. मेरी ज़िद कमजोर पड़ गयी थी. कीर्ति भी शायद इस बात को समझ चुकी थी. उसने मेरे हाथ को पकड़ कर खिचा और मैं बिना कोई विरोध किए खड़ा हो गया.

कीर्ति ने मेरी बाहों को अपने हाथों मे थाम लिया और फिर हम चलते हुए नीचे आ गये. मगर अब मैं खामोश था. कीर्ति ही थोड़ी बहुत बातें कर रही थी. नीचे आकर मैने अपनी बाइक उठाई और फिर हम अंकिता से मिलने के लिए चल पड़े.

मैं रास्ते मे भी खामोश ही रहा. कीर्ति मेरी इस खामोशी का मतलब समझ रही थी. इसलिए उसने मेरी इस खामोशी को तोड़ने और मेरे मन को बहलाने के लिए, मुझसे कहा.

कीर्ति बोली “जान, तुमने मुझे अपने इस नये दोस्त के बारे मे तो, कुछ भी नही बताया.”

मैं बोला “किसके.”

कीर्ति बोली “वही, जिसने तुम्हे यहाँ आने मे इतनी मदद की है.”

मैं बोला “उसका नाम अजय है. उस से मेरी मुलाकात अंकल के ओप्रेशन के दिन हुई थी. मैं और रिया उसकी टॅक्सी मे बैठ कर ही घर आए थे. तब उस से मेरी रिया को लेकर थोड़ी बहुत बातें हुई और इन्ही बातों बातों मे मेरी उस से दोस्ती हो गयी. फिर मेरी उस से अक्सर उस से हॉस्पिटल मे मुलाकात होने लगी. क्योकि वो हॉस्पिटल के बाहर ही अपनी टॅक्सी लगाता था. मगर तब तक मैं उसके बारे मे कुछ नही जानता था.”

“लेकिन जब मैने तेरी सगाई की खबर सुनी तो मैं पूरी तरह से टूट गया था और अपने आपको संभालने के लिए मेरे मन मे शराब पीने का ख़याल आया. उस दिन अजय अपनी टॅक्सी लेकर हॉस्पिटल मे ही था. उसने जब मेरी हालत देखी तो, वो समझ गया कि, मेरे साथ कुछ बुरा हुआ है. जब मैने उस से मुझे किसी होटेल मे छोड़ने की बात की तो, वो मुझे अपने घर ले गया. मैं तो समझा था कि, उसका घर छोटा सा होगा.”

“लेकिन जब उसके घर पहुचा लो वहाँ एक आलीशान बंग्लो था. लेकिन उस समय मेरी हालत ऐसी नही थी कि, मैं उस से इस सब के बारे मे पुच्छ सकूँ. फिर आज जब मैने एरपोर्ट जाने के लिए अजय को बुलाया तो, निक्की ने उसे देख कर कहा कि, वो उसे अच्छी तरह से जानती है. फिर अजय ने भी यही बात कही कि, वो निक्की को जानता है और निक्की की वजह से ही वो पहले दिन मेरे और रिया पर ध्यान दे रहा था. मैने उस से पुछा कि, वो मेरी इतनी मदद क्यो कर रहा है तो, उसका कहना था कि, वो भी किसी से प्यार करता है. लेकिन उसका प्यार उसे नही मिल रहा है. इसलिए मेरे प्यार को मुझसे मिलकर उसे खुशी हो रही है.”

इतना कह कर मैं चुप हो गया और कीर्ति के कुछ बोलने का इंतजार करने लगा. मेरी बात सुनने के बाद कीर्ति कुछ देर तक खामोश रही. फिर कुछ सोच कर उस ने कहा.

कीर्ति बोली “जान, तुम जानते हो, अजय जिस लड़की से प्यार करता है, वो लड़की कहाँ है.”

मैं बोला “नही, मेरी इस बारे मे कभी बात नही हुई.”

कीर्ति बोली “लेकिन मैं जानती हूँ कि, वो लड़की कहाँ है.”

मैं बोला “जब मैं उस लड़की के बारे मे कुछ नही जानता तो, तू कैसे जान सकती है कि, वो लड़की कहाँ है.”

कीर्ति बोली “जान, सीधी सी बात है. इतना बड़ा आदमी यदि टॅक्सी चला रहा है तो, वो पैसे कमाने के लिए तो, टॅक्सी नही चला रहा होगा.”

मैं बोला “बात तो तेरी सही है. लेकिन तू कहना क्या चाहती है.”

कीर्ति बोली “जान, मैं कहना चाहती हूँ कि, अजय अपनी टॅक्सी हॉस्पिटल मे ही लगाता है. जिसका मतलब सॉफ है कि, वो लड़की हॉस्पिटल की ही कोई लड़की है. शायद उस लड़की को भी मालूम नही होगा कि, अजय इतना बड़ा आदमी है.”

मैं बोला “तेरी इस बात मे दम तो है. लेकिन एक बात समझ मे नही आ रही कि, डॉक्टर अमन, जब अजय का दोस्त है. तो फिर वो इस सब मे, अजय की मदद क्यो नही कर रहा है.”

कीर्ति बोली “जान, ऐसा नही है. जब डॉक्टर अमन, अजय के कहने पर तुम्हारी मदद कर सकता है तो, तुम खुद सोचो कि, वो अजय की मदद क्यो नही करेगा. वो अजय की मदद ज़रूर कर रहा होगा. लेकिन मुझे लगता है कि, अजय की लव स्टोरी मे कोई ऐसा ट्विस्ट है. जिसकी वजह से कोई भी, कुछ नही कर पा रहा है.”

मैं बोला “हो सकता है कि, तेरा कहना सही हो. अब जो भी बात होगी. अजय से बात करके ही पता चलेगी.”

कीर्ति बोली “तुम बात करके देख लेना. मेरी बात सही निकलेगी. वो लड़की हॉस्पिटल की ही कोई लड़की होगी.”

मैं बोला “ठीक है, अब तू ये बता कि, मुझे अंकिता से क्या बात करनी है.”

कीर्ति बोली “तुम्हे उस से कोई बात नही करनी है. मैं सिर्फ़ उस से तुम्हे मिलवाने के लिए, लेकर चल रही हूँ. वहाँ चल कर तुम्हारा मोबाइल नंबर उसको और उसका मोबाइल नंबर तुमको दे दुगी. बस इतना ही करना है.”

मैं बोला “लेकिन यदि मेहुल उस से बात करने को बोलेगा तो फिर क्या करूगा.”

कीर्ति बोली “वो मैं उसको समझा दुगी कि, हो सकता है कि, पुन्नू का दोस्त पुन्नू की गर्लफ्रेंड से बात करना चाहे. तब तुम पुन्नू की गर्लफ्रेंड बन कर उस से बात कर लेना.”

मैं बोला “वो ये नही पुछेगि कि, तुम खुद मेरे दोस्त से बात क्यो नही कर लेती हो.”

कीर्ति बोली “जान, मैं उस से कह दूँगी कि, पुन्नू का दोस्त मेरे रिश्ते मे लगता है. इसलिए मैं उस से बात नही कर सकती.”

मैं बोला “यदि मेहुल ने कभी उस से मिलने की ज़िद की, तब क्या करेगे.”

कीर्ति बोली “जानंनननणणन्, तुम इतना सब कुछ मत सोचो. मैने सब सोच कर रखा है. यदि मेहुल उस से मिलना चाहेगा तो, हम मेहुल को उस से मिलवा देगे.”

मैं बोला “तू कहती है तो, मैं कुछ नही सोचता. लेकिन ये अंकिता देखने मे कैसी है.”

मेरी बात सुनकर कीर्ति हँसते हुए कहने लगी.

कीर्ति बोली “जान, तुम मेरी पसंद पर यकीन रखो. मैने तुम्हारे लिए झूठी गर्लफ्रेंड ज़रूर ढूंढी है. मगर उस कमिनि शिल्पा को ध्यान मे रख कर ढूंढी है. अंकिता किसी भी तरह से शिल्पा से कम नही है.”

मैं बोला “तू शिल्पा से इतना क्यो चिढ़ती है. उसने तो हमारे साथ कुछ भी ग़लत नही किया है.”

कीर्ति बोली “वो इसलिए क्योकि तुमने उस से प्यार किया और उसने कभी तुम्हारे प्यार का अहसास तक नही किया.”

मैं बोला “उसे अहसास तो तब होता, जब मैं कभी उसे बताता. लेकिन जब मैने कभी उस से कुछ कहा ही नही है तो, फिर उसे अहसास कैसे होता. फिर इसमे उसकी ग़लती कैसे हुई.”

कीर्ति बोली “मुझे नही मालूम. लेकिन मेरी जान को कोई ठुकराए, ये मैं नही सह सकती.”

मैं बोला “लेकिन इस बात मे तो मेरा भला ही हुआ है. मुझे भला तेरे जितना प्यार करने वाला कहाँ मिलता. मेरे लिए तो तू.........”

मैं अभी इतना ही बोल पाया था कि कीर्ति ने मेरी बात को बीच मे ही रोक कर, पूरा करते हुए कहा.

कीर्ति बोली “तू दुनिया की सबसे सुंदर लड़की है.”

ये कह कर वो खिलखिलाकर हँसने लगी. उसकी इस बात पर मुझे भी हसी आ गयी और मैं फिर उसे कुछ कहने लगा.

मैं बोला “तू......”

लेकिन फिर कीर्ति ने मेरी बात को पूरा करते हुए कहा.

कीर्ति बोली “तू कभी नही सुधरेगी.”

ये कह कर कीर्ति फिर से हँसने लगी और उसके साथ साथ मैं भी हँसने लगा. हम यूँ ही अपनी बात करते करते, अंकिता के घर पहुच गये. मेरे बाइक रोकते ही कीर्ति उतर कर डोरबेल बजाने चली गयी और मैं बाइक खड़ी करने लगा. मैं बाइक खड़ी करके कीर्ति के पास आया, तब तक दरवाजा भी खुल चुका था.

दरवाजा अंकिता ने ही खोला था. कीर्ति को अपने सामने देखते ही उसने कीर्ति को अपने गले से लगा लिया. फिर कीर्ति ने अंकिता से मेरा परिचय करवाया और उसके बाद हम लोग अंकिता के साथ उसके घर के अंदर आ गये.

अंकिता ने वाइट कलर का सलवार सूट पहना हुआ था. वो कीर्ति जितनी सुंदर तो नही थी. लेकिन शिल्पा को टक्कर देने वाला रूप ज़रूर उसने पाया था. वो किसी भी तरह से शिल्पा से कम नही लग रही थी. उसको देख कर मैं मन ही मन कीर्ति की पसंद की दाद देने लगा.
Reply


Messages In This Thread
RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 02:11 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,634,296 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 559,711 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,290,143 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 975,137 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,728,256 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,143,374 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,060,615 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,432,513 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,153,246 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 297,567 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)