RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
काकी- हाये पंडित, अह्ह्ह्हह्ह.. उम्म्ममम्म.. जालिम, अब चोद भी दे मुझे.. अह्ह्हह्ह्ह्ह…
मैं- बहनचोद काकी चुप कर, रंडी ताई आ जायेगी वरना.
(फिर मैं काकी का मुह बंद करने के लिए अपना मुंह काकी के मुँह पर रख देता हूँ, और उसकी जीभ को चूसने लगता हूँ , वो भी मेरी जीभ को चूसने लगती है उसके बाद मैं काकी की बालों से भरी चूत में अपना मुह लगाता हूँ और जीभ से चूत चोदने और चाटने लगता हूँ, जिससे काकी अपना होश खो बैठती है और कामवासना में डूबकर तरह तरह की गालियां देने लगती है और कामुक सिसकारियां भरने लगती है)
काकी- हाये हाये अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह… हरामजादे, भेन के लोड़े, ममममम…. चाट मेरी चूत, सारा पानी पी जा भोसदिवाले, अह्ह्ह्हह्.. उम्ममम्ममम्म… उईईईई… मैं गयी पंडित मादरचोद.. ओहूऊऊऊ…..
(जीभ चुदाई के चलते 15 मिनट बाद काकी की काली बड़ी और फैली हुई चूत से 1 गिलास चिपचिपा नमकीन पानी की धार निकलती है जो मैं पी लेता हूँ, काकी झड़ जाती है और कांपने लगती है, काकी 1 बार झाड़ चुकी है लेकिन अभी भी काकी की वासना बाकी है)
काकी- अह्ह्ह्ह्ह्ह…. ओहोहोहोहो… पंडित जल्दी लोडा मेरी चूत में डाल भेन के लोड़े.
मैं- बहुत गाली दे रही है रंडी, तेरी माँ की चूत, अभी डालता हूँ, आज चूत फाड़ डुंग तेरी बहन की लोड़ी.
(फिर मैं अपना लण्ड काकी की चूत में सेट करता हूँ और एक जोरदर धक्का मारता हूँ और 6 इंच लंबा पूरा लण्ड काकी की चूत में चला जाता है जिससे काकी की चीख सपना, ताई और आनन्दी के कमरे में चली जाती है, और फिर हमारी चुदाई आरम्भ हो जाती है,
कमरा पच पच की आवाज़ और काकी-भतीजे की आवाज़ से गूंज उठता है, चुदाई होने के साथ साथ काकी के विशालकाय काले बूब्स भी हिल हिल का चुदाई की शोभा बढ़ा रहे हैं. काकी की दोनों टांगें मेरी पीठ में बंधी हुई हैं, मैं काकी को चोद रहा हूँ, काकी कभी मेरे बाल खींच रही है तो कभी अपने बड़े नाखुनो से मेरी पीठ पर वार कर रही है)
मैं- अह्ह्ह्हह्ह…काकी उम्म्ममम्म.. बहनचोद.. रंडी साली चिनाल अह्ह्ह्ह्ह्ह…
काकी- रंडापे भोसड़ीचोद अह्ह्हह्ह्ह्ह.. चोद अपनी ठरकी चची को हरामी, उम्म्ममम्म.. उईईई..
(काकी-भतीजा चुदाई के चलते काकी की गालियों और पायल व चूड़ियों की खनखनाहट से मेरा जोश और बढ़ जाता है और मैं घपाघप छपाछप काकी की चूत में लण्ड चुदाई करता हूँ.
करीब आधे घंटे घपघप घपघप चुदाई के बाद मैं अपना माल काकी की चूत में ही छोड़ देता हूँ और हम दोनों पति-पत्नी जैसे नंगे दो जिस्म एक जान होकर एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही लेटे रहते हैं, और एक दूसरे को किस करते हैं.
तभी अचानक हम दोनों की नजर दरवाजे पर पड़ती है तो वहां ताई सुनंदा खड़ी थी जिसने हम दोनों के अपवित्र कारनामे देख लिए थे, काकी और मैं एक दूसरे से अलग होते हैं और ताई गुस्से से अपने कमरे में जाती है, तभी मैं ताई की ओर लपकता हूँ और ताई को जबरन पकड़कर काकी के कमरे में लाता हूँ, ताई छूटने का प्रयास करती है परंतु असफल होती है)
मैं- ताई, गलती हो गयी, माफ़ कर दो हमे.
ताई- पंडित, मुझे जाने दे वरना मैं चिल्ला के सबको बुला दूंगी, और तुम्हारा चेहरा काला करके गाँव में घुमाएंगे फिर सब लोग.
काकी- करमजली, अपनी लड़की का चेहरा काला करके घुमा पहले गाँव में, उस रंडी ने तो बाहर हमारी इज़्ज़त का फालूदा बना रखा है, और तू हमें बोल रही है, हम कम से कम घर के अंदर तो चुद्दम चुदाई कर रहे हैं, तेरी लड़की तो पूरे गाँव से रंडियों की तरह चुदती है.
ताई- जबान पे लगाम दे रंडी, खबरदार जो मेरी बेटी को कुछ बोला, तेरी बेटी क्या दूध की धुली है, मास्टर से चुदवाती है स्कूल में, बड़ी आयी साली हरामण.
मैं- भैंस की आँख, ताई खबरदार जो काकी या सपना को कुछ कहा, तेरी माँ चोद दूंगा वरना.
ताई- अच्छा जी इस रंडी ने तुझे चूत क्या बेच दी अपनी तू इसी के गुण गाने लगा.
काकी- पंडित, तू इसके लगा 2 गाल पे, ये बुढ़िया तभी चुप होगी.
(तभी मेने गाली देते हुए ताई के गाल पे 2 झापट लगा दिए, ताई रोने लगी और चिल्लाने लगी, इससे पहले की ताई की चीख सारे गाँव वाले सुनते, मैंने ताई के मुह पर काकी का दुपट्टा बाँध दिया और ताई को काकी के बेड से बाँध दिया और ताई के सारे कपडे उतार दिए, अब ताई बिलकुल नंगी थी, बड़े विशालकाय बूब्स, बड़ा प्रौढ़ शरीर, मोटी गांड, देखकर मेरा लण्ड फिर झटके मारने लगा जिसे देखकर ताई के होश उड़ गए, फिर काकी और मैं रणनीति बनाने लगे कि ताई के साथ क्या करना है)
मुह पर दुपट्टा बंधी मेरी बुढ्ढी ताई दबे मुह कुछ बड़बड़ा रही थी, कुछ कहना चाह रही थी लेकिन उसकी आवाज़ उसके मुह में ही दबी रह गयी।
दूसरी तरफ मैं और मेरी मोटी सेक्सी काली काकी रणनीति बनाने लगे।
मैं – काकी, क्या करना है इस भेन की लोड़ी का..?
काकी – अगर इस देहाती को छोड़ दिया तो ये पुरे गाँव में हमारी बात फैला देगी और हमे बदनाम भी कर देगी आज इसकी चूत चुदाई कर दे बेटा पंडित, जब इसकी बूढी पुरानी तड़पती हुयी चूत तेरे लण्ड से बंद हो जायेगी तो इसका मुह भी खुद ब खुद बंद हो जायेगा।
मैं- ठीक है काकी जान, नंगी तो कर ही दिया इसे हमने, अब ऐसा करते हैं तू इसके निप्पल मसल और चुस भी और मैं इसके बाकी बदन का मोर्चा सम्भलता हूँ।
काकी – जो हुकुम मेरे स्वामी।
(और हम दोनों ताई के पास जाते हैं, ताई हमे पास आते देख सहम जाती है, डर के मारे उसकी गांड फट जाती है, उसे डर लगता है कि हमने क्या रणनीति बनाई होगी..
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