RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
ठीक दो मिनट बाद मास्कमैन वहाँ पहुँचा ।
डायमोक की लाश देखते ही उसकी आँखों में दहशत के भाव तैर गये ।
वो डर गया ।
फिर वह अपनी राइफल संभाले बड़ी तेजी के साथ इधर-उधर घुमा, लेकिन कमाण्डर उसे कहीं नजर नहीं आया ।
उसने झाड़ियों में देखा ।
आसपास के पेड़ों पर देखा ।
कमाण्डर का कहीं कुछ पता न था ।
तब मास्कमैन वापस डायमोक की लाश के करीब पहुँचा और उसने लाश को इधर-उधर पलटकर देखा ।
“यह क्या !” तुरन्त उसकी आँखें दहशत के कारण फटी-की-फटी रह गयीं- “बम !”
मास्कमैन ने झपटकर आरडीएक्स बम उठा लिया ।
उसने टाइम देखा ।
बम बस फटने वाला था ।
मास्कमैन ने बेपनाह फुर्ती के साथ डिटोनेटर पैंसिल, आरडीएक्स के अंदर से निकाल देनी चाही ।
मगर !
उसी क्षण भीषण धमाके के साथ बम फट पड़ा ।
मास्कमैन के मुंह से वीभत्स चीख निकल गयी । वह दहाड़ता हुआ किसी हल्के खिलौने की तरह हवा में उछला और दूर झाड़ियों में जाकर गिरा ।
उसका एक हाथ पूरा-का-पूरा उड़ गया ।
जिस्म खून में लथपथ हो गया ।
मास्कमैन ने वहीं झाड़ियों में पड़े-पड़े अपनी जेब से एक बहुत छोटा पोर्टेबल टेपरिकॉडर जैसा यंत्र निकाला ।
फिर उस पोर्टेबल टेपरिकॉडर को खोला और कुछ बटन दबाकर हैडक्वार्टर से उसका सम्पर्क स्थापित किया ।
उसके बाद वो जल्दी-जल्दी उस टेपरिकॉर्डर पर कुछ टाइप करने लगा ।
“जैक क्रेमर साहब, जल्दी कुछ कीजिये । सपोर्ट ग्रुप के तमाम छः योद्धा मारे जा चुके हैं । मेरी भी सिर्फ कुछ ही सांसे बची हैं और उन्ही उखड़ती सांसों के बीच मैं आपको अपना यह आखिर संदेश भेज रहा हूँ । कमाण्डर करण सक्सेना का अभी तक हम कुछ नहीं बिगाड़ सके हैं । वह न सिर्फ जिंदा है बल्कि पूरे जंगल में किसी शेर की तरह घूम रहा है । जंगल उसे न सिर्फ छिपने के लिये जगह मुहैया करा रहा है, बल्कि यहाँ उसे कैसी भी कोई मुश्किल पेश नहीं आ रही है । अगर जल्द ही कमाण्डर करण सक्सेना का कुछ इंतजाम न किया गया, तो वह दिन दूर नहीं है, जब कमाण्डर करण सक्सेना बाकी बचे हुए छः योद्धाओं को भी खत्म कर डालेगा ।”
आपका मास्कमैन !
उस समय मास्कमैन उस टेपरिकॉर्डर जैसे यंत्र पर जो कुछ टाइप कर रहा था, वह फौरन दूसरी तरफ फैक्स मशीन के जरिये हैडक्वार्टर में निकल रहा था ।
हैडक्वार्टर में वो संदेश भेजते ही मास्कमैन भी वहीं झाड़ियों में ढेर हो गया ।
वो मर गया ।
तभी कमाण्डर वापस दौड़ता हुआ वहाँ आ पहुँचा और उसने मास्कमैन की हार्टबीट चैक की । उसकी नब्ज टटोली । यह देखकर उसे राहत मिली कि अब उसमें जीवन का कोई चिन्ह शेष नहीं था ।
फिर कमाण्डर ने टेपरिकॉर्डर पर टाइप किये गये उस अंतिम संदेश को पढ़ा, जिसे मास्कमैन ने हैडक्वार्टर में भेजा था ।
संदेश पढ़कर उसके होंठों पर मुस्कान तैर गयी ।
उसके बाद कमाण्डर ने मास्कमैन की राइफल तोड़ी । डायमोक के दिल में अपना स्प्रिंग ब्लेड पेवस्त किया और फिर जंगल में आगे बढ़ा ।
☐☐☐
दिन निकल आया ।
सूर्य की प्रकाश-रश्मियां जंगल में पुनः चारों तरफ फैल गयी । चलते-चलते कमाण्डर करण सक्सेना अब काफी थकान महसूस करने लगा था ।
रात वो एक पल के लिये भी नहीं सोया था ।
वो जानता था, छः योद्धा मारे जा चुके हैं ।
लेकिन !
अभी छः योद्धा जीवित हैं ।
और वो बचे हुए छः योद्धा पहले छः योद्धाओं से कहीं ज्यादा खतरनाक थे । उनसे मुकाबला करना कोई आसान काम न था ।
कमाण्डर ने इरावती नदी के किनारे पहुँचकर स्नान किया, जिससे उसके शरीर में ताजगी की लहर दौड़ी ।
उसके बाद उसने मिल्क पाउडर का भी सेवन किया ।
पिछले कुछ दिनों से चूंकि उसका कोई भी काम नियमित रूप से नहीं हो रहा था, इसलिये वो अपने शरीर में कुछ कमजोरी महसूस करने लगा था और थकान भी उसे काफी जल्दी हो जाती थी ।
तभी कमाण्डर की निगाह एक गुफा पर पड़ी ।
वह बड़ी अजीबोगरीब-सी गुफा थी और उस गुफा को देखकर ऐसा लगता था, जैसे कुछ महीने पहले ही किसी ने उस गुफा का निर्माण किया है ।
गुफा बहुत साफ-सुथरी बनी हुई नजर आ रही थी और ऐसा बिल्कुल नहीं लगता था, जैसे उस गुफा में कोई जंगली जानवर रहता है ।
कमाण्डर गुफा के अंदर दाखिल हुआ ।
उसमें सचमुच कोई जानवर नहीं था । इतना ही नहीं, गुफा भी अंदर से काफी अंधेरी थी और लम्बी थी ।
कमाण्डर करण सक्सेना गुफा में आगे बढ़ता चला गया ।
गुफा के बिल्कुल अंतिम छोर पर जाकर उसके नेत्र और फटे ।
वहाँ कुछ संकरी-सी सीढ़ियां बनी हुई थीं, जो नीचे कहीं चली गयी थीं ।
कमाण्डर उन सीढ़ियों पर उतरता चला गया ।
थोड़ी ही देर बाद वो एक काफी लम्बी सुरंग में खड़ा था ।
उस सुरंग को देखकर कमाण्डर करण सक्सेना की हैरानी और बढ़ी । सुरंग में जगह-जगह कुछ कमरे भी बने हुए थे ।
कमाण्डर ने रिवॉल्वर निकालकर सावधानीपूर्वक अपने हाथ में ले ली ।
उसके बाद वो तेज-तेज कदमों से एक कमरे की तरफ बढ़ा ।
कमरे का बाहर से ताला खोल डाला ।
ताला खोलकर वह कमरे के अंदर घुसा ।
उस पूरे कमरे में लकड़ी की बड़ी-बड़ी पेटियां रखी हुई थीं । कमाण्डर ने एक पेटी का फट्टा हटाकर देखा, तो उसमें हशीश भरी थी ।
दूसरी पेटी का फट्टा हटाकर देखा, उसमें स्मैक थी ।
कुल मिलाकर वह नशीले पदार्थों का गोदाम था ।
कमाण्डर ने अब अपने हैवरसेक बैग में से एक टाइम-बम निकाला और लकड़ी की उन पेटियों के बीच में फिट कर दिया ।
फिर वो उसे कमरे से निकालकर बड़ी तेजी के साथ सुरंग में आगे की तरफ भागा ।
काफी आगे एक कमरा और बना हुआ था ।
कमाण्डर बेतहाशा दौड़ता हुआ जैसे ही उस दूसरे कमरे तक पहुँचा, तभी पिछले कमरे में बहुत धमाकाखेज आवाज के साथ टाइम-बम फटा ।
बम बहुत शक्तिशाली था । उसके फटने से न सिर्फ उस पूरे कमरे की धज्जियां बिखर गयीं बल्कि उन सीढ़ियों के भी परखच्चे उड़ गये, जो ऊपर से नीचे तक आने का रास्ता था । सुरंग का वह हिस्सा लगभग पूरी तरह ध्वस्त हो गया ।
कमाण्डर ने परवाह न की ।
उसने तांबे के तार से ही दूसरे कमरे का ताला खोला और फिर उसके अंदर दाखिल हुआ ।
वहाँ भी ढेरों पेटियां थीं ।
नशीले पदार्थों का बड़ा स्टाक था ।
सचमुच उन योद्धाओं ने नारिकाटिक्स का अच्छा खासा साम्राज्य वहाँ जंगल में फैला रखा था ।
कमाण्डर ने उस कमरे के अंदर भी एक टाइम बम रखा और वहाँ से भी भागा । उसके बाद वो सुरंग में भागता रहा और जगह-जगह टाइम बम रखता रहा ।
सुरंग में भीषण धमाके गूंजते रहे ।
सुरंग तबाह होती रही ।
भागते-भागते कमाण्डर एकाएक ठिठका ।
उसे सुरंग में सामने की तरफ से अब कुछ आदमियों के दौड़ने की आवाज सुनायी दे रही थीं, जो बड़ी तेजी से दौड़ते हुए उसी तरफ आ रहे थे ।
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