RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
रास्ते में अनीता-- कितनी कड़ाके की ठंडी हैं दीदी, जान ना निकल जाए ऐसी ठंडी में।
सुनीता-- अरे, अनीता जान तो मेरी तब निकाल जाएगी जब मेरा बेटा अगर मुझे देख कर नजरअंदाज करने लगेगा।
अनीता-- अरे दीदी आप भी ना.... ऐसा कुछ नहीं होगा भला एक बेटा अपनी मां से कब तक नाराज़ rahega।
सुनीता-- भगवान करे तेरी बात सच निकले.... क्युकी कल से ही मेरी ममता उजड़ती हुई दिख रही है.... अगर कहीं ऐसा हुआ ना की मेरा बेटा मुझसे अगर नाराज़ रहेगा तो मैं तो जहर खा लूंगी।
अनीता--- तुम भी कैसी बात कर रही हो दीदी ऐसा कुछ नहीं होगा.... सब फिर पहले जैसा हो जाएगा....।
और यही कहते हुए वो दोनो रास्तों पर तेजी से चलने लगते है.....।
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