RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
सोहन-- अभी भी रो रहा था, क्यूकीं उसकी गांड दर्द और जलन अभी भी था,
सोनू-- क्यूं सोनी रानी, तेरे गांड ने तो मेरे लंड को मस्त कर दिया।
सोहन-- आह मेरी गांड क्या है, जिस दीन उस डाक्टर की गांड मारोगे, मस्ती मे पागल हो जाओगे,
सोनू-- कौन रे?
सोहन-- कल ही आई है, मुबंइ से सरकारी डक्टराइन है, तबादला हुआ है,
सोनू-- कैसी है,
सोहन-- अरे इकदम दुध की तरह सफेद, गांड ऐसी की देख ले कोइ तो खड़े खड़े पानी निकल जाये, चुचीयां तो तेरी मां के जैसी बड़े बड़े और इकदम कसी,
सोनू-- क्या बात कर रहा है, उसका लंड फिर से खड़ा होने लगता है,
सोहन-- उसकी एक बेटी भी है, परी जैसी,
सोनू-- किसके घर में रुके है,
सोहन--सरपंच जी के यहा, सरकार के तरफ से जो सरपंच ने नया घर बनवाया है, उसी में॥
सोनू का लंड फिर से तनतनाया और वो फिर सोहन के पिछे आ जाता है, और सांड के जैसा उसकी गांड मारने लगता है,
पुरी रात सोहन वैसे ही खाट में बंधा रहा और सोनू का जब मन करता वो सोहन के पिछे खड़ा हो जाता और फिर तुफ़ान मचा देता,
पता नही सोनू ने कीतनी बार उसकी गांड मारी....
सुबह सोनू ने उसे खाट से खोला, फिर सोहन लगंड़ाते लगंड़ाते घर चला गया......,
सोनू रात भर सोहन का गांड मार मार कर थक चुका था, तो वह झोपड़े मे ही खाट पर लेट
कर सो गया, सुबह जब रजिदंर आया तो सोनू को जगाया, सोनू समय देखा तो करीब 11 बजे थे,
सोनू उठकर सिधा घर की तरफ़ चल देता है.....
डाक्टर साहिबा, अरे वो डाक्टर साहीबा एक आदमी आवाज लगाता है,
अंदर से एक खुबसुरत औरत ने दरवाजा खोला, जी कहीये क्या बात है,
डाक्टर साहिबा मेरी पत्नी की हालत बहुत खराब है, अस्पताल गया तो पता चला आप नयी
आयी है,
डाक्टर साहीबा-- जी हा मैं कल से अस्पताल आने वाली हू, लेकीन चलीये आपकी पत्नी की
हालत खराब है तो मेरा तो काम ही यही है, आप रुकीये मै अभी आती हू,
डाक्टर साहिबा अंदर से अपना मेडीकल का सामान ले के आती है, और अपने कार मे उस
आदमी को बिठा कर चल देती है,
बहुत जल्द ही कार गांव मे आके रुकती है, डाक्टर साहीबा उस आदमी के घर में
जाती है,
डाक्टर साहिबा-- अरे इन्हे तो ठंड लग गयी है, डरने की कोइ बात नही है, मैं
इन्हे इजेंक्शन दे देती हु, और ये दवाइया सुबह शाम देते रहना जल्द ही ठीक हो जायेगीं
डाक्टर साहिबा औरत को इजेंक्शन लाकने के बाद दवाइया देती है और औरत से.
डाक्टर साहिबा-- आपका नाम क्या है?
औरत-- मेरा नाम झुभरी है,
डाक्टर साहिबा-- और मेरा नाम पारुल है, मै आपके गांव की नयी डाक्टर हूं, अच्छा तो अब
मै चलती हू, इनको ठंड से बचाना और कल एक बार अस्पताल जरुर ले आना,
झुमरी का पती-- ठीक है मैडम, और पारुल का मेडीसीन बाक्स उठा कर बाहर आता है,
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