RE: Hindi Kamuk Kahani जादू की लकड़ी
अध्याय 27
मैंने तुरंत ही डॉ को फोन लगाया और उन्हें सभी बातें बताई जो मेरे साथ अभी कुछ देर पहले घटी..
"ओह माई गॉड ....राज तुम्हारे साथ अभी जो हुआ उसे आउट ऑफ़ बॉडी एक्सपीरियंस कहते है ...मतलब की तुम अपने शरीर को छोड़कर वंहा चले गए थे जिस जगह का तुमने सोचा था ,यानि की काजल के पास "
"मतलब ??"
मुझे डॉ की बातें समझ नहीं आ रही थी
"मतलब की हमारा सिर्फ एक शरीर नहीं है बल्कि कई शरीर है ,कही कही पर 7 शरीरो का वर्णन मिलता है ,तो कही चार ,लेकिन समझने के लिए हम २ शरीर को मोटे मोटे तौर से समझ सकते है,
एक हमारा स्थूल शरीर और दूसरा हमारा सूक्ष्म शरीर ,स्थूल शरीर वो है जो की जो अभी हम देख रहे है ,और सूक्षम शरीर उसके अंदर एक और शरीर है जो तरंगो से बना हुआ है और जिसका हमे कोई भी पता नहीं ,मरने के बाद सूक्षम शरीर ही बाहर चला जाता यही और स्थूल शरीर ही मरता है ,सूक्षम शरीर हमारे मन का धारक होता है यानि हमारा दिमाग स्थूल शरीर का हिस्सा है लेकिन हमारा मन सूक्षम शरीर का ....
लेकिन इसके बारे में हमें पता नहीं होता इसलिए हम मरने से डरते है ,योगी बहुत ही मेहनत से इस शरीर से जीते हुए भी निकलना सिख जाते है ,इसे ही मार्डन भाषा में आउट ऑफ़ बॉडी एपीरिएंस कहा जाता है ,तुम्हे इंटरनेट में इसके बारे में और भी कई बातें मिल जाएगी ,आजकल इसे सिखाया भी जाता है और सामान्य लोग भी इसमें कामियाब हो रहे है ,एक सामान्य आदमी भी कभी कभी इन चीजों का अनुभव करता यही ,लेकिन साधक इसे प्रॉपर तरीके से सीखते है और इसमें एक्सपर्ट हो जाते है ,तुम्हारे साथ भी आज यही हुआ लेकिन अनजाने में ,अब तुम्हे इसे जानकर सीखना होगा ,तुम्हारे पास एक गजब की कन्सन्टेरशन है तुम इसे आराम से कर सकते हो ..."
डॉ की आवाज में एक खुसी दिख रही थी
"मगर डॉ अगर जो मैंने देखा वो सच है तो काजल मेडम बहुत ही बुरी मुसीबत में फंसी हुई है "
"हां और साथ ही चंदू जरूर शैतानी ताकत हासिल करने में लगा हुआ है,वो अपने बाप की ही बलि दे रहा है ,खैर वो उसका बाप था ही कब,काजल को वंहा से निकलना होगा ,क्योकि अगर चंदू के पास वो ताकत आ गई तो बहुत अनर्थ हो जाएगा ,शैतानी ताकत से वो तुम्हे बहुत ही ज्यादा नुकसान पंहुचा सकता है और अब जब उसे ये पता है की तुम्हरे पास भी जादुई पावर है तो वो काजल को मरने में वक्त नहीं लगाएगा तुम्हे जल्दी से उसके ठिकाने का पता लगाना होगा राज "
मैं बड़ी असमंजस की स्तिथि में फंस गया था
"लेकिन डॉ मैं उसका पता कैसे लागू आपने ही तो कहा था की वो मुझसे अनजाने में हुआ है "
"तुम्हे अपने पर यकीन करना होगा ,मैं एक एक्सपर्ट को जानता हु जो की आउट ऑफ़ बॉडी एक्सपीरियंस कर चूका है और उसकी प्रॉपर विधि भी जानता है ,तुम उसके साथ मिलकर इसे तुरंत ही करने की कोसिस करो ,देखो मुझे भी पता है की ये एक दिन का काम नहीं है लोगो को महीनो लग जाते है पहला एक्पीरियंस करने में और सालो लग जाते है इसमें एक्सपर्ट बनाने में लेकिन तुम सामान्य इंसान नहीं हो तुम्हारे पास कुछ शक्तिया है तुम्हे उसका उपयोग करना भी सीखना होगा ...मैं उससे बात करके तुम्हे काल करने के लिए कहता हु तुम उसका प्रयोग करो और जल्दी से इसे सिख कर काजल को ढूंढ लो बाकि की चीजे हम देख लेंगे "
"ओके "
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थोड़े देर ही बीते थे और मेरे पास एक अननोन नंबर से फोन आया ,वो वही इंस्ट्रक्टर था जिसके बारे में डॉ ने मुझे बताया था ..
उसने मुझे अपने सूक्ष्म शरीर को इस शरीर से बहार निकलने की विधि समझाई..
"तुम्हे बस सोना है अपने शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ देना है ,इतना ढीला की अगर तुम हाथो को उठाना भी चाहो तो न उठा सको इसे साइकोलॉजिकल पैरालिसिस कहते है ,फिर तुम्हे इमेजिनेशन करना होगा की तुम्हारा शरीर तुम्हरे शरीर से बाहर है ,या फिर तुम अपने पुरे शरीर की एनर्जी को जो की ध्यान के रूप में पुरे शरीर में फैली हुई है अफने सर तक लाओ और फिर इमेजिनेशन करो की तुम्हारे सर में एक रस्सी बंधी हुई है उसे खींचते हुए तुम्हारा शरीर बहार निकल रहा यही इसे रोप टेक्निक कहते है ,ये दो पॉपुलर विधिया है इसके अलावा और भी विधि है एक बार तुम्हे समझ आ जाये की शरीर से बहार कैसे निकलते है तो फिर तुम तुम्हे किसी विधि की जरूरत नहीं पड़ेगी ,तुम बस चाहोगे और काम हो जाएगा ..."
मुझे उसकी बातें तो समझ आ गई थी लेकिन एक सवाल अभी भी दिमाग में था ..
"सर ऐसे इसे सीखने में कितना समय लग जाता होगा "
"मैंने देखा है की जो व्यक्ति पुरे दिल से इसे सीखता है वो 6 महीने में शरीर से बहार निकलने में कामियाब हो जाता है ,लेकिन शरीर से निकल कर बहार कहि और जाने में सालो की प्रेक्टिस लग जाती है "
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जो काम करने में लोगो को सालो का समय लग जाता है वो मुझे अभी करना था ,जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी करना था ...
बाबा ,डॉ ,और काजल मेडम सभी ने मुझसे एक ही चीज कही थी की मुझे अपनी शक्तियों का अहसास नहीं है मुझे खुद पर भरोसा करना होगा ...
मैंने एक गहरी साँस भरी और अपने आप से कहा
"आई केन डु इट"
मैं अपनी लकड़ी को चाट कर बिस्तर में सो गया और अपने शरीर को ढीला कर दिया ,मुझे इसकी टेक्निक पहले ही बाबा ने सीखा दी थी ,उन्होंने मैडिटेशन के रूप में इसे सिखाया था तो मेरे लिए ये कठिन नहीं था ,थोड़े देर बाद मैंने अपने पुरे शरीर में फैले हुए एनर्जी को इकठ्ठा करना शुरू किया ,आज मुझे समझ में आया की बाबा ने ये सभी चीजे मुझे पहले ही सीखा दी थी जिसका मैं इतने दिनों से प्रेक्टिस करता था लेकिन मुझे नहीं पता था की इसका उपयोग किस प्रकार करना चाहिए ,कई दिनों से मैं इसकी प्रेक्टिस कर ही रहा था तो पूरी एनर्जी एक जगह एकत्रित करके मैं सर की और बढ़ा और वंहा एक रस्सी को बंधा हुआ महसूस करने लगा मैं उस रस्सी को पकड़ कर ऊपर की तरफ जाने की कोसिस करने लगा और धीरे धीरे अपने एक अलग ही शरीर को इस शरीर से बहार जाते हुए पाया ,मुझे बहुत ही तेज डर लगा ,मरने का डर जो लेकिन बाबा जी ने मुझे ध्यान सिखाते हुए एक बार कहा था की जब तुम्हे मरने का डर लगे तो समझ जाना की तुम अपनी मंजिल के बहुत ही करीब हो ,मैंने खुद को ऊपर खींचना जारी रखा और ये क्या मैंने खुद को बेहद ही हल्का पाया,मैं ऊपर उड़ रहा था वही मेरा शरीर नीचे सोया हुआ था ,मेरे माथे से एक चमकीली सी रेखा जो किसी रस्सी की तरह ही मेरे इस शरीर से जुडी हुई थी ,मैंने कुछ कुछ आउट ऑफ़ बॉडी एक्पीरियंस के बारे में पढ़ा था तो मुझे समझ आया की ये ही सेतु है जिससे मैं फिर से अपने शरीर में जा सकूंगा ...
इस अहसास के बाद मानो मेरे लिए पूरी दुनिया ही बदल सी गई ,मैं बेहद ही हल्का था और अब मुझे वो सोचना था जंहा मैं जाना चाहता था ,मैंने काजल का विचार किया और मेरा सूक्षम शरीर बहुत ही तेजी से उस ओर जाने लगा ......
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