RE: Hindi Porn Story चीखती रूहें
(Jaari)
हालात ही ऐसे थे कि इमरान के सिवा सभी मानसिक तौर पर अपंग हो कर रह गये थे. वैसे जूलीया ने कोशिश की थी कि इमरान की इस हरकत का मतलब समझ सके. इस का पता तो उसे भी नहीं था कि शराब कैसे पानी हो गयी थी. लेकिन सवाल तो ये था कि इमरान ने जोसेफ को जंगल मे ठिकाना तलाश करने पर क्यों उकसाया था?
दोपहर को चौहान वापस आया. उस से जूलीया को पता चला कि वो मेक-अप मे लीज़ी और रॉबेरटु की निगरानी करता रहा था. वो दोनो
एक होटेल मे ठहरे थे. और चौहान बेचारा केवल इस लिए वापस आया था कि मसूर की दाल और चावल से अपने पेट के जहन्नुम को भर सके.
"ओह्ह......उस ने तुम्हें भी कुच्छ नहीं दिया?" जूलीया ने पुछा.
"नहीं......अब तो दिल चाहता है कि उस की टाँगें पकडू और समंदर मे डूबा आउ. पता नहीं कितनी रकम तिजोरी मे भरी पड़ी है......और हम मसूर की दाल और चावल से अपने पेट को तबाह कर रहे हैं."
"उस ने कुंजी सफदार से ले ली है." जूलीया ने कहा.
खाना खा कर फिर चौहान वापस चला गया......और वो अपने कमरों मे उंघते रहे. लेकिन जूलीया ने महसूस किया कि इमरान उपर से तो निश्चिंत दिखाई दे रहा है लेकिन वास्तव मे ऐसा नहीं है. मगर वो उस से अब कुच्छ नहीं पुच्छना चाहती थी.
फिर उंघते उंघते वो सो भी गयी और ये मुक़द्दर की खराबी ही कहा जाए कि आँख खुलते ही दिमाग़ अपना संतुलन खो बैठे. इमरान बिल्कुल पागलों की तरह खड़ा उसे झंझोड़ रहा था.
"क्या है....?" जूलीया भी पागलों की ही तरह दहाडी.
"पेपर समय से पहले ही लीक हो गया. अब आन्यूयल एग्ज़ॅम नहीं हो सकेगा."
"चले जाओ........यहाँ से..."
सभी तैयार बैठे हैं." इमरान बोला. "लेकिन तुम्हें यहाँ अकेली कैसे छोड़ जाएँ. आइलॅंड की पोलीस इधर आ रही है. चौहान यही खबर लाया है."
"क्या बक रहे हो?" जूलीया आँखें फाड़ कर बोली.
"रॉबेरटु नकली नोट चलाता हुआ पकड़ा गया है......और उस ने बता दिया है कि उसे वो नोट उसी इमारत की एक तिजोरी से मिले थे."
"माइ गॉड....!!" जूलीया बौखला कर खड़ी हो गयी.
चौहान और सफदार थोड़ा सा सामान जिस मे दो राइफलें भी थीं......संभाले हुए पिच्छले दरवाज़े के निकट खड़े हुए थे.
अंधेरा फैल चुका था और वो सब बड़ी तेज़ी से नाले मे उतर गये. कुच्छ दूर चलने के बाद उन्हें जोसेफ मिला. जिस के हाथ मे एक छोटी सी टॉर्च थी.
जूलीया ने एक गहरी साँस ली.
वो गिरते पड़ते आगे चले जा रहे थे. जोसेफ उन्हें रौशनी दिखा रहा था. सूखे हुए नाले की गहराई 10-11 फीट से कम नहीं थी. जैसे जैसे वो आगे बढ़ रहे थे गहराई अधिक होती जा रही थी. ज़मीन की सतह जहाँ वो चल रहे थे ऊबड़-खाबड़ थी. इस लिए जूलीया बहुत जल्दी थकान महसूस करने लगी थी.
"मुझ से तो नहीं चला जाता." वो मिन्मीनाई.
"पोलीस की गाड़ी मन्गवाऊ?" इमरान ने पुछा.
"मुझे खा-मखाह धमकाने की कोशिश मत करो. नहीं चला जाता. मैं दम लेने के लिए बैठूँगी.
"जोसेफ की पीठ पर बैठोगी? रुकना संभव नहीं है."
"लगाम तुम्हारे मूह मे हो तो अच्छा है." जूलीया ने कहा.
वो रुक गये थे. जोसेफ ने जूलीया और इमरान की बात सुनी थी.......और दाँत निकाल दिए थे.
"हां मिसी....." वो अचानक ज़मीन पर दोनों हाथ टेक कर बैठता हुआ बोला.
"हुशहत्तत्त...." जूलीया भन्ना गयी.
"अर्रे तो सफेद घोड़ा कहाँ से पैदा करूँ." इमरान माथे पर हाथ मारता हुआ बोला.....और फिर उस ने जोसेफ की गर्दन पकड़ कर सीधा खड़ा कर दिया.
"चलती रहो." जूलीया के कंधे पकड़ कर उसे आगे बढ़ाते हुए बोला.
लगभग एक घंटे बाद वो जोसेफ की तलाश की हुई जगह तक पहुँच सके. ये एक काफ़ी बड़ी गुफा थी.....जिस के मूह मे आस पास बड़ी
बड़ी झाड़ियाँ थीं.
"माइ गॉड...." जूलीया बड़बड़ाई...."अगर ये किसी दरिंदे का ठिकाना हुआ तब क्या करेंगे?"
"रूमी या 'कट थ्रोट खेलेंगे. मैं ताश के पत्ते लाया हूँ." इमरान ने उत्तर दिया.
"तुम्हारी आवाज़ मुझे ज़हर लगती है." जूलीया बोली.
"जब स्यूयिसाइड करने का दिल चाहे तब मुझ से एक गीत की फरमाइश करना."
"मत बकवास करो." इस बार हमें शायद मरना ही पड़े."
इमरान कुच्छ ना बोला. वो चुप चाप इधर उधर बैठ गये. कभी कभी जोसेफ टॉर्च जलाता......और फिर घुप्प अंधेरा छा जाता.
"हां.....अब तुम पूरी बात बताओ चौहान." इमरान ने कहा.
"मैं ये सोच भी नहीं सकता था कि वो नोट नकली होंगे." चौहान ने कहा.
"लेकिन इस पर सोचने की ज़रूरत भी नहीं समझा किसी ने कि उस तिजोरी मे नोट भरे हुए थे और कुंजी भी उस के उपर ही पड़ी हुई मिल गयी थी. बोघा लाख शरीफ......और दिलवाला सही.....लेकिन इस तरह भी दौलत लुटाई जा सकती है? इस पर किसी ने गौर नहीं किया.......क्यों?"
"आप हमें दोषी नहीं ठहरा सकते मिस्टर इमरान."
"क्यों?"
"आप के कहने पर ही हम ने खुद को हालात के धार पर छोड़ दिया था."
"लेकिन मैं ने ऐसा कब होने दिया. क्या मैं ने तुम मे से किसी को तिजोरी वाली दौलत मे हिसादार बनने दिया था?"
"तुम सच मच दरिंदे हो." अचानक जूलीया बोल पड़ी.
"ये किस खुशी मे मिस जुलीना फिट्ज़वॉटर?"
"तुम ने बेचारे रॉबेरटु को फंस्वा दिया."
"चालीस आदमियों का हत्यारा 'बेचारा' नहीं हो सकता मिस फिट्ज़वॉटर.....और फिर आप ने ये भी तो फ़रमाया था कि आप भी उसी के साथ बाहर तशरीफ़ ले जाएँगी."
"क्या तुम नहीं चाहते थे कि वो बाहर जाए?"
"ये मैं ने कब कहा है?" इमरान बोला. "नोटों पर मुझे संदेह था. इस लिए किसी ना किसी तरह तजुर्बा तो करना ही था. खैर ख़तम करो. मैं
ने सही कदम उठाया या ग़लत इस की ज़िम्मेदारी केवल मुझ पर ही आएगी. हां मिस्टर चौहान....."
"उस ने पोलीस को जो स्टेट्मेंट दिया है उस मे हमारा ज़िक्र कहीं नहीं आने पाया." चौहान बोला.
"गुड......तो फिर क्या बयान दिया?"
"उस ने बताया कि वो रोम जा रहा था. तभी एक जगह शिप रुका......और कॅप्टन ने उन्हें एक बोट पर उतरने पर मजबूर कर दिया. उन दोनों के साथ एक आदमी और भी उतरा था जो उन्हें रिवॉल्वार के ज़ोर पर इस आइलॅंड तक लाया......और एक खाली मकान मे छोड़ कर खुद गायब हो गया. फिर रॉबेरटु ने उन्हें उस तिजोरी की कहानी सुनाई थी."
(जारी)
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