RE: XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत
जब से मैं हॉस्पिटल से आया था शकील से मेरी बात नही हुई थी,पता नही क्यो लेकिन ना उसने मुझे मिलने बुलाया ना ही कोई मार्किट के संबंध में बात हुई ,इधर मेरे दिमाग में पैसे को लेकर टेंशन बढ़ रही थी मेरे लिए अभी पैसे कमाना जरूरी हो गया था वही मैं प्यारे और संजय सर से भी बात नही कर पा रहा था,मेरे ऊपर सिक्युरिटी बहुत ही बढ़ गई थी ,ऐसे तो हमेशा ही रहती थी लेकिन हॉस्पिटल से आने के बाद से जो बदलाव हुआ था वो मुझे अचंभित करने लगा था ,मैं बहुत हद तक ठीक हो चुका था और अब मुझे बाहर जाना था लेकिन कालेज जाने से भी मुझे मना कर दिया गया था ,मैंने प्यारे को अपने पास बुलाना चाहा लेकिन इसके लिए भी मुझे मना कर दिया गया..
मैं बेहद ही गुस्से में था लेकिन कर भी कुछ नही सकता था ,प्यारे और संजय सर मेरी अनुपस्थिति में काजल की देखभाल कर सकते थे या अगर जरूरत पड़ी तो उसे डॉ के पास ले जा सकते थे ,लेकिन हॉस्पिटल में ले जाने के लिए पैसे चाहिए थे,मैं सोच में ही पड़ा था की आखिर क्या किया जाए …
मैं हवेली में अपने कमरे से बाहर जाकर वंहा काम करने वाले लोगो से मिलने जुलने लगा,क्या पता वक्त में यही लोग मेरे काम आ जाए,वो लोग मुझे कुछ नही समझते थे लेकिन हॉस्पिटल वाले वाकये के बाद से कुछ कुछ सम्मान मुझे मिलने लगा था ,वही मैं एक टोली के साथ बैठा हुआ चाय पी रहा था …
“ऐसे चिरकुट तूने वो कमाल ही कर दिया रे उस तिवारी की बहन को छेड़ दिया तूने हा हा हा…”
यंहा आखिरकार लोग मुझे या तो चिरकुट कहते या चूतिया,खैर ..
“अरे नही भाई बस गलती से निकल गया था “
“हा लेकिन वो अविनाश भी साला है बड़ा वाला,कई बड़े नेताओ से उसके पहचान है ,हमारे भाई की पुरानी दुश्मनी है उससे “
मेरे दिमाग में ये बात खटक गई ,अविनाश ने तो कभी नही कहा था की उसकी शकील से कोई दुश्मनी है…मेरे सामने हॉस्पिटल का वो मंजर घूम गया जब अविनाश और शकील आमने सामने हुए थे,शकील के चहरे में एक अजीब से भाव आये थे ..
“क्यो..”
“क्या पता यार बस जब जब भाई उसका नाम सुनते है तो उनका चहरा ही थोडा अजीब हो जाता है,हॉस्पिटल में भी देखा ना कैसे उन्होंने कुछ नही कहा और उनका चहरा थोड़ा अजीब हो गया जैसे कुछ सोच रहे हो …”
साला आखिर उनके बीच कौन सी दुश्मनी हो गई ,हर चीज की एक शुरुवात होती है तो हो उनके दुश्मनी की भी कही ना कही से शुरुवात हुई होगी ,आखिर कहा से
“ओ ऐसे भाई यंहा आने से पहले किस जगह में थे …”
“पहले भाई केशरगढ़ में रहता था,यंहा से कुछ 200 किलोमीटर की दूरी पर है ,बढ़िया जगह है पहाड़ झरने सब है वंहा ,उस रंडी काजल के साथ भाई यंहा आया और फिर छा गया …”
रंडी काजल...मेरे जेहन में फिर से काजल का ख्याल उभरा
“भाई आखिर काजल का क्या हुआ वो मिली की नही “
“अभी तक तो नही लेकिन मिल जाएगी ,साली जाएगी कहा,शकील भाई जब से उस अविनाश से मिले तब से उसके पीछे भी आदमी छोड़ रखे है,उन्हें शक है की शायद उसी ने काजल को उठवाया होगा …”
“अविनाश ने वो क्यो उठवायेगा “
मैं बुरी तरह से चौका और साथ ही साथ मेरे जेहन में डर की एक लहर भी दौड़ गई
“”वो तो भाई ही जाने लेकिन जब से उससे मिले है तब से कह रखा है की उसे निगरानी में रखो ,पहले लगा की तेरे कारण कह रहे है लेकिन फिर एक बार उनके मुह से सुना की अगर काजल को इसने उठवाया है तो दोनों को जान से मार दूंगा,तब पता लगा की आखिर वो क्यो ऐसा करवा रहे है “
उसकी बात सुनकर मेरी सांस ही फूलने लगी थी ,मैं चुपचाप वंहा से निकला और अपने कमरे में चला गया,मेरे अंदर डर का एक साम्राज्य खड़ा हो गया क्योकि शकील ने अविनाश के लिए भी आदमी लगा रखे थे,लेकिन फिर मुझे अविनाश की एक बात याद आ गई जब उसने कहा था की वो काजल का चहरा भी नही देखेगा ,यानी वो उससे नही मिलेगा...हे राम ..मैंने एक गहरी सांस ली मुझे थोड़ा सकून मिल रहा था मैं सीधे शकील से मिलने पहुच गया …
“भाई मुझे कालेज जाना है “
“क्या करेगा तू कालेज जाकर ,यंहा रह और काम कर “
“लेकिन भाई पढ़ाई??”
“अरे मादरचोद पढ़ कर किसने आजतक क्या उखाड़ लिया है जो तुझे पढ़ाई करना है …”
“भाई मैं ऐसे भी कभी कभी ही कालेज जाता हु,सप्ताह में कम से कम दो दिन तो जाना ही पड़ेगा वरना मुझे एग्जाम में बैठने नही देंगे “
“अबे यंहा तो तू कमा रहा है ना फिर क्या करेगा पढ़कर “
पास खड़े हुए एक आदमी ने कहा मैं शकील की तरफ होकर बोला
“भाई ये कमाई कोई कमाई है ,अगर पढ़ लिया डिग्री ले ली तो इसे ही बड़े लेवल में ले जा सकते है,इसके बाद MBA भी कर सकता हु और खुद का एक इन्वेस्टमेंट फर्म भी खोल सकते है ,आपको फिर ये सब करने की जरूरत ही नही होगी एक ही फर्म से आप इतना कमा सकते हो ,और आपके पास इतने आदमी है की हम उनसे मार्केटिंग करवाकर अपने क्लाइंट जोड़ा करेंगे ,पूरी तरह से वाइट मनी वो भी करोड़ो नही अरबो में ,अभी इस हवेली में रहते हो तब आप बंगले में रहोगे वो भी कई एकड़ के ,और स्कार्पियो की जगह आपके बंगले में मर्सडीज और लम्बेर्गिनी खड़ी होगी ,भाई आजकल अंडरवर्ड के धंधे में ना पैसा है ना ही सम्मान ,सोचो अगर पैसा होगा तो आप इलेक्सन भी लड़ सकते हो ,फिर वो अविनाश जैसे चिरकुट आपके सामने मुह भी नही खोल पाएंगे …”
अविनाश का नाम सुनते ही शकील ने मुझे घुरा..
“हा भाई अगर हम ऐसे ही रहे तो एक दिन वैसे लड़के साले इलेक्सन लड़कर फिर नेता बन जायेगे पावर में बैठे तो आपका पूरा धंधा ही चौपट करवा सकते है “
मेरी बात सुनकर शकील तो शांत था लेकिन उसका एक चमचा भड़क गया
“मादरचोद भाई का धंधा बंद करवा दे इतना दम किसी में नही है ,काट के रख देंगे “
उसकी बात सुनकर मैं हंसा
“भाई सही कहु आपकी जितनी भी पहुच हो लेकिन धंधा तो इनलीगल ही है ना,कोई मंत्री अगर चाहे तो आज के आज ही सब बंद करवा देगा ये आप भी जानते हो ,सरकार के पास इतने पुलिस और आर्मी वाले है की आपके एक एक आदमी का एनकाउंटर कर दे ,जब तक सब चल रहा है तब तक सब ठीक है अगर कुछ हुआ तो सब खत्म एक ही झटके में ...भाई आज असली पावर तो सत्ता में ही है ,और अगर आपका कोई लीगल बिजनेस हो तो कोई आपके ऊपर उंगली भी नही उठा पायेगा “
मेरी बात सुनकर वहां एक सन्नाटा सा छा गया था वंहा खड़े लोग सालों से शकील के वफादार थे लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नही थी की कोई उसके सामने ऐसी बात बोल सके ,शकील भी मुझे ही घूर रहा था…….आखिर वो जोरो से हँस पड़ा..
“साले तू सपना बहुत ही बड़े दिखाता है ,तुझे कालेज जाना है ठीक है जा,लेकिन इतना मत फेका कर कभी कभी पचता नही है “
शकील फिर से मुस्कुराने लगा
“नही भाई क्यो नही हो सकता बिल्कुल हो सकता है”
शकील फिर से हंसा लेकिन इस बार उसकी हंसी में वो बात नही थी ..
“वो बाद की बात है ,अभी तू जा,पहले तो मैं उस रंडी काजल को ढूंढ कर उसे उसके कर्मो की सजा दे दु फिर नेता भी बन जाऊंगा ,और उस अविनाश के सामने फिर से उसे नंगी करके चोदूगा तभी मुझे सकून मिलेगा …”
शकील की बात में वो गुस्सा था की मैं अंदर तक हिल गया था ,मुझे समझ नही आ रहा था की अखिर मैं कैसे रिएक्ट करू ,मेरे दिमाग में उसका कहा एक शब्द बार बार घूमने लगा था ‘फिर से ‘.....
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