RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
खैर हम जल्दी से घर पर आ गये 10:00 रहे थे माँ हमारा वेट कर रही थी मैं जाकर माँ के पास बैठ गया दीदी किचन मे खाना बनाने चली गयी मैने माँ से बता दिया कि दर्द मे अब आराम है
माँ-बेटे तुझसे एक बात पुछनि है
राज-क्या पूछनी है
माँ-देख बेटा अब मैं बूढ़ी हो गयी हूँ हरदम मेरा तबीयत खराब रहती है तो मैं चाहती हूँ कि तू शादी कर ले कब तक अकेला रहेगा खाना बनाने भी दिक्कत होती है तेरी दीदी भी ड्यूटी पे चली जाती है तू भी चला जाता है तो क्या मेरी एक अंतिम इच्छा पूरी नही करेगा
राज-ठीक है माँ जब तुम्हारा यही इच्छा है तो मुझे कोई इतराज नही है
माँ ख़ुसी के मारे उछल पड़ी मेरे माथे पर धीरे से किस कर दी
उसके बाद दीदी ने खाना बना दी हम ने मिलकर खाना खाया ऑर मैं अपने रूम मे चल आया फोन करके बता दिया कि आज मैं ऑफीस नही आऊंगा उसके बाद मैने अपने लिंग पर दवा लगाई ऑर सो गया उस्दिन कुच्छ नही हुआ दूसरे दिन भी मैं माँ दीदी के साथ लड़की देखने के लिए चले गया खैर लड़की वाले भी कोई धनी नही थे वो हम से भी ज़्यादा ग़रीब थे लड़की जब आई तो मेरे दिल की धड़कन ही रुक गयी माँ ने नाम पुछा तो पता चला कि लड़की का नाम स्वेता है उसकी एज लगभग 23 बर्ष थी बहूत ही सुंदर चेहरा था बहूत ही भोली-भाली थी नैन नकश बहूत ही तीखे थे
खैर शादी का दिन तय हो गया कि एक माह बाद शादी होगी
उसके बाद हम घर पर आ गये फिर डेली का काम शुरू हो गया रोज ड्यूटी पर ड्यूटी से घर . मेरे लंड पर रोज बैद्य जी की दवाई लगाना ऑर दवाई खाने का नतीज़ा एक माह निकला मेरा लंड बहूत ही मोटा ऑर बहूत ही लंबा हो गया
एक माह बीतते ही पूरे रस्मो रिवाजो के साथ मेरा शादी हो गयी स्वेता मेरी दुल्हन बन कर मेरी घेर पर आ गई सुबह से मेरा लंड परेशान कर रहा था
ज़यादा मेहमान नही आए थे जो आए थे वो शाम तक चले गये रात हुई मैं थोड़ा सा खाना खाया ऑर सोने के समय रूम मे गया स्वेता सुहाग सेज़ पर इंतज़ार कर रही थी मैने दरवाजे को बंद कर दिया
स्वेता घूँघट डाले बैठी हुई थी मैं जल्दी से पूरे कपड़े निकल कर केवल अंडरवेर में हो गया जैसे ही मैने स्वेता का घूँघट उठाया तो वो नीचे उतरी मेरे पैर छुए मैने उसको कंधो से पकड़ कर उपर उठाया स्वेता ने टेबल पर से दूध उठाया मेरे मूह मे लगा दी वैसे दूध मेरा मनपसंद चीज़ है तो मैं एक ही साँस मे पी गया स्वेता फिर से बेड पेर बैठ गयी
राज-मुझे इस रात का काई सालों से इंतेज़ार था. तुम मेरे सपनो की रानी जैसी हो.
स्वेता- मुझे और ज़्यादा शाइ मत कीजिए ना प्लीज़. वैसे ही मैं शर्म से सिकुड़ी जा रही हूँ.
राज-तुम सिकुड़ी जा रही हो और मेरा कुछ खड़ा हुआ जा रहा है.
स्वेता- हाए राम ऐसा मत बोलिए मुझे बहुत शर्म आती है.
राज-अब तुम्हें शरमाने की ज़रूरत नही है. मेरे साथ तुम बिल्कुल टेन्षन फ्री हो जाओ और खुद भी मज़े करो और मुझे भी मज़े दो.
स्वेता- तो क्या खड़े खड़े ही मज़े ले लेंगे यहाँ बेड पे आइए ना.
मैं बेड पे गया और मैं सिर्फ़ अंडरवेर में था उसने आखें नीचे कर ली उसने शादी वाली साड़ी तो पहले ही उतार ली थी. खाना बनाते टाइम वो सलवार सूट में थी मैने उसका कुर्ता उठाया और उसकी सलवार के नाडे को हाथ से पकड़ के खीचा वो खुल गया मैने धीरे से उसकी सलवार को उतारा उसने अपनी कमर उठा के हेल्प की और सलवार खिसकता हुआ उतर गया.
वो सिर्फ़ कुर्ते में थी और पैर सिकोड के बैठी थी.जिससे उसकी जांघे दिख रही थी बहुत ही सेक्सी. मैं सोच रहा था कि धीरे धीरे मज़े ले ले के सुहागरात मनाउन्गा. लेकिन मेरा कंट्रोल ख़तम सा हो रहा था. मैने जब उसका कुर्ता उतारा तो उसके ब्रा के अंदर से चुचियों ने मेर स्वागत किया और यह मेरे सबर की इंतेहा हो गयी. मैने उसे चूमा भी नही.
चाटा भी नही, सीधे अपनी अंडरवेर उतारी मेरा लंड तो पहले ही खड़ा था और बहुत ही भयानक लग रहा था उसने देखा तो उसकी साँस रुक गयी. उसने कहा भी कि जल्दी मत कीजिए प्लीज़ मैं वर्जिन हूँ बहुत दर्द होगा लेकिन अब मैं कुछ भी नही सुन पा रहा था. मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था. मेरा लंड और मेरी मेरी हवस मुझ पे हावी हो चुकी थी मैने उसकी टांगे फैला दी.
वो अपने हाथ से अपनी चूत छुपा रही थी और मुझे धीरे धीरे करने को कह रही थी.मैने जिंदगी में कभी किसी लड़की को नंगी नही देखा था. और आज तो मेरा दिमाग़ बिल्कुल ही बंद हो चुका था. मैने उसकी एक ना सुनी और उसकी पैंटी उतार दी. और सीधे उसकी टाँगों के बीच आ गया वो मना करती रही कि धीरे करो धीरे करो. लेकिन मैं नही माना. मैने एक धक्का मारा और मेरा आधा लंड घुस गया उसकी चूत में.
वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि मुझे लगा मेरे कान फट जाएँगे.मेरे अंदर का हैवान इतना हावी था कि मैने उसके दर्द की ज़रा भी परवाह नही की और लगातार धक्के मारता रहा. उसकी चूत बहुत ही टाइट थी और मेरा लंड बहुत ही मोटा था.मैं धक्के मारे जा रहा था और वो चीखे जा रही थी. करीब 10 मिनिट की धुँआधार चुदाई के बाद मैने पानी निकाल दिया उसकी चूत में. अब जाकर मेरा लंड कुछ ढीला पड़ा.
मैने चूत से लंड निकाला तो खून की धार बह निकली उसे बहुत ही ज़्यादा दर्द हो रहा था. एक बार झड़ने के बाद मेरा दिमाग़ कुछ ठिकाने पे आया तो मुझे एहसास हुआ कि मैने उसे बहुत दर्द दिया है. मैने माफी माँगी लेकिन वो कुछ न बोली. वैसे ही बेजान पड़ी रही और रोती रही. मुझे उसकी हालत देख के बहुत दुख हुआ. मैं तुरंत पानी गरम कर के लाया और कपड़ा गीला कर के उसकी चूत को सेंकने लगा.
वो चुपचाप रोती रही, मैं बार बार उससे बात करने की कोशिश करता रहा लेकिन उसने मुँह नही खोला. उसके आँसू देख के मुझे बहुत ही ज़्यादा दुख हुआ.
मैने उसकी चूत को सेंका जिससे उसकी चूत को आराम मिलना चाहिए था लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ. उसकी चूत बुरी तरह सूज गयी थी और रह रह के खून निकल रहा था. मैने उसकी तरफ़ देखा तो पाया कि वो सो चुकी है.
मुझे थोड़ी शांति मिली. मुझे लगा कि शायद कल तक उसका दर्द कुछ कम हो जाए. वो बिना कपड़ों के ही सो रही थी. और उसकी टाँगें फैली हुई थी. उसे इस कंडीशन में देख के मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. मुझे अभी भी बहुत गिल्ट था कि मैने उसे इस बुरी तरह से पेला.लेकिन लंड कुछ और ही सोच रहा था. मैने उसकी चूत को देखा तो उसमे से अब खून नही निकल रहा था.
मेरे लंड का पानी धीरे धीरे उसकी चूत से बाहर रिस रहा था. मेरा लंड पूरा तन गया. मैने बहुत कंट्रोल किया कि अब मैं इसे और नही चोद सकता. मैं बाथरूम में आया और मूठ मार ली. मेरा दिमाग़ फिर से शांत हुआ. लेकिन दिल ही दिल में इस बात की खुशी थी कि जिंदगी में पहली बार चुदाई की है और अब तो मैं जब चाहे अपनी बीवी को चोद सकता हूँ. मैं चुपके से उसकी साइड में लेट गया और सो गया.
बड़ी गहरी नींद में थे हम दोनो तभी डोरबेल बजी.मेरी नींद खुली तो मैने देखा कि उसकी आँखें भी खुली हुई है और वो फिर से रो रही है. मैने कहा क्या हुआ? तो वो बोली कि बहुत ज़्यादा दुख रहा है.आप तो पूरे जानवर हैं. मैने फिर से माफी माँगी और कहा कि अगली बार मैं ध्यान रखूँगा कि उसे दर्द ना हो. उसने कहा कि वो खड़ी नही हो पाएगी तो मैं उठा और गेट खोलने गया. मैने घड़ी देखी तो सुबह के 11 बज चुके थे डोर खोला तो माँ और दीदी बाहर खड़े थे.
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