03-20-2021, 12:03 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,308
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
"काम की तरफ ध्यान दे।”
“अब आगे के कामों में हमारा क्या काम?"
“बहुत काम है—तुम... "
"मैं सोच चुका हूं। महाकाली की पहाड़ी पर हमारा कोई काम नहीं। देवराज चौहान-मोना चौधरी वहां जा रहे हैं। बाकी सब भी साथ में हैं। तू मुझे और कमला रानी को यहीं महल में रहने दे।"
“अच्छा, महल में रहकर तू क्या करेगा?"
“मैं...मैं कमला रानी के साथ प्यार करूंगा।"
"अभी पोतेबाबा, इसी तरफ ही आ रहा है।” शौहरी की आवाज कानों में पड़ी।
“इस तरफ?"
"हां, तुम दोनों के पास।"
"क्यों?"
“वो जो कहे, उसकी बात सुनना। आगे तुम्हें क्या करना है वो बताएगा।"
।
“तुम लोग हमें काम ही क्यों बताते रहते हो?"
"कालचक्र से जुड़े हर इंसान को काम में लगे रहना पड़ता..."
"तुमने तो कहा था कि पूर्वजन्म की दुनिया में जाकर बहुत मजा आएगा, परंतु...।"
"क्या तेरे को मजा नहीं आ रहा। कमला रानी के साथ तू दो बार स्नानघर की तरफ गया है।"
मखानी सकपकाकर बोला। “तू... तुझे कैसे पता?"
"मैं तेरे साथ ही तो था।”
“क्या?" मखानी हड़बड़ा उठा—“तूने सब देखा।"
"हां।"
“कमीना है तू, जो तूने देखा।” मखानी जल-भुनकर कह उठा।
“तू कमला रानी को उस वक्त बहुत तंग करता है।"
"किसने कहा ये।"
"मैंने देखा।”
"कमला रानी को उसमें मजा आता है। मैं तंग कहां करता हूं उसे।"
___ “मेरे से कुछ भी छिपा नहीं है, सब जानता हूं। तू सीधा हो जा।"
कमला रानी मुस्कराते हुए उसे देख रही थी।
“पोतेबाबा आ गया है। वो जो कहे ध्यान से सुनना।
मखानी ने हॉल के दरवाजे की तरफ देखा तो पोतेबाबा को भीतर प्रवेश करते देखा।
“आ गया।” मखानी बड़बड़ा उठा।
“क्या हुआ?" कमला रानी ने पूछा।
“पोतेबाबा हमें आगे का काम बताने आया है।” मखानी उखड़े स्वर में बोला।
"तो तू नाराज क्यों होता है।"
"मेरा मन कोई काम करने का नहीं है।" कमला रानी ने अपना हाथ मखानी की टांग पर रख दिया। मखानी के शरीर में बिजली कौंधी।
“तू जब टांग पे हाथ रखती है तो मुझे बहुत अच्छा लगता है।"
“अपने पर काबू रख । तेरा इंजन बहुत जल्दी ही गर्म हो जाता है।” कमला रानी ने प्यार से कहा।
“चल न, बाथरूम की तरफ।"
तभी पोतेबाबा उनके पास आ पहुंचा। कमला रानी ने उसकी टांग से हाथ हटा लिया। मखानी ने उखड़े अंदाज में पोतेबाबा से कहा।
"रात के इस वक्त त क्यों आया। ये हमारे आराम करने का वक्त है।"
पोतेबाबा ने दूर पड़ी कुर्सी को पास में घसीटा और बैठते हुए बोला।
“जब काम सामने हो तो तब आराम नहीं होता।"
“बहुत गलत वक्त पर आया तू।" मखानी ने मुंह बनाया।
पोतेबाबा ने दूर मौजूद देवा और मिन्नो पर निगाह मारी फिर कमला रानी और मखानी से बोला।
“कल सुबह तुम दोनों सबके साथ महाकाली की तिलिस्मी पहाड़ी पर, जथूरा को आजाद कराने जा रहे हो।”
“हमारी क्या जरूरत है साथ जाने की।" मखानी मुंह बनाकर बोला—“तिलिस्म तो देवा और मिन्नो के नाम बांधा है।"
“वो ही तो बता रहा हूं कि क्या जरूरत है।"
“बताओ।” कमला रानी ने कहा। मखानी ने नाराजगी-भरी नजरों से, कमला रानी को देखा। कमला रानी ने अपना हाथ मखानी की टांग पर रख दिया। मखानी की सारी नाराजगी उड़ गई।
"देवा और मिन्नो महाकाली का मुकाबला नहीं कर सकते। महाकाली तंत्र-मंत्र की विद्या में माहिर है, जबकि देवा-मिन्नो दूसरी दुनिया से आए साधारण इंसान हैं। उन्हें कभी भी तुम दोनों की सहायता की जरूरत पड़ सकती है।"
“भला हम क्या सहायता करेंगे।” मखानी ने कहा।
“तुम दोनों कालचक्र का हिस्सा हो। शौहरी और भौरी तुम दोनों के साथ रहेंगे। वो जरूरत पड़ने पर रास्ता सुझाएंगे।"
“उनसे कहो हर वक्त हमारे साथ न रहे।"
"क्यों?"
"जब हम बाथरूम की तरफ जाते हैं तो वो हमें देखते हैं।”
“उन बातों में शौहरी और भौरी की कोई दिलचस्पी नहीं है। वो बहुत व्यस्त रहते हैं।"
"लेकिन देखते तो हैं।"
“उन बातों की तरफ ध्यान दो, जो मैं तुमसे कर रहा हूं।"
“क्या अभी तुम्हारी बात पूरी नहीं हुई?"
“नहीं।"
"तो कहो।”
"मैं तुम दोनों को जो बता रहा हूं वो तुम दोनों तक ही रहे। रहस्य वाली बात है ये।” पोतेबाबा ने गम्भीर, किंतु धीमे स्वर में कहा—“गरुड़ को तो तुम दोनों ने देखा होगा?"
"हां"
"सच बात तो ये है कि वो जथूरा का सेवक न होकर, सोबरा का खबरी है।"
"ओह, तुम्हें कैसे पता?"
|
|
03-20-2021, 12:04 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,308
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
“इसकी वजह महाकाली है।" पोतेबाबा ने दोनों को देखा—“महाकाली की ताकतें बहुत ज्यादा हैं। वो आज तक किसी से हारी नहीं। सोबरा के कहने पर उसने जथूरा को कैद में रखा हुआ है। ऐसे में महाकाली कभी नहीं चाहेगी कि जथूरा उसकी इच्छा के बिना, उसकी कैद से निकल जाए। इसके लिए वो भरपूर, कठोर इंतजाम करेगी। किसी की जान लेने से भी पीछे नहीं हटेगी।"
"फिर तो खतरा पूरा है।” मखानी ने कहा। पोतेबाबा ने सिर हिलाया।
“तुम कहते हो कि तवेरा के पास तंत्र-मंत्र की विद्या है।” कमला रानी ने सोच-भरे स्वर में कहा।
“परंतु तवेरा महाकाली से कमजोर है।"
“नीलकंठ के बारे में तुम्हारा क्या खयाल है?"
"नीलकंठ हमारे बहुत काम आ सकता है।" पोतेबाबा कह उठा—“एक ही गुरु से दोनों ने विद्या सीखी है। नीलकंठ अवश्य महाकाली की चालों को पहचानता होगा।"
“वो मिन्नो का चाहने वाला है।" "तभी तो इस मामले में आ गया। उसके आने से महाकाली अवश्य बेचैन हुई होगी।” पोतेबाबा ने गम्भीर स्वर में कहा—“मैंने सारी बात तुम दोनों को बता दी है। तिलिस्मी पहाड़ी के सफर के वक्त तुम दोनों सतर्क रहना।" ___
“मोमो जिन्न किधर है?" मखानी बोला—“मैं उसे नहीं छोडूंगा। उसने हमारी हत्या करवा दी थी।"
“वो सब मेरे इशारे पर हुआ था।” पोतेबाबा ने कहा।
"तुम्हारे इशारे पर?"
“ज्यादा सवाल मत पूछो। इतना बता दूं कि मोमो जिन्न, लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा भी रास्ते में मिलेंगे और तुम लोगों के साथ ही चल पड़ेंगे। उन्हें अपना दोस्त समझना।" ___
“मोमो जिन्न की क्या जरूरत है इस मामले में।” मखानी नापसंदगी-भरे स्वर में कह उठा।
__
"बहत जरूरत है। मोमो जिन्न वक्त आने पर बहत काम आएगा।” पोतेबाबा उठ खड़ा हुआ—“अब जो भी बात करनी हो, वो तुम दोनों शौहरी या भौरी से कर सकते हो। मैं चलता पोतेबाबा देवराज चौहान के पास पहुंचा।
"नींद ले लो। इसके बाद तुम्हें आराम नहीं मिलेगा।” पोतेबाबा ने कहा।
देवराज चौहान जवाब में मुस्करा पड़ा। पोतेबाबा ने कुछ दूर टहलती मोना चौधरी से कहा। “तुम भी सो जाओ मिन्नो।" मोना चौधरी ने उसे देखा, कहा कुछ नहीं।
“जथूरा को आजाद करवाने में तुम कोई परेशानी महसूस कर रही हो तो कह सकती हो।” पोतेबाबा पुनः बोला।
“ऐसी कोई बात नहीं। मोना चौधरी ने ऊंचे स्वर में कहा।
पोतेबाबा ने देवराज चौहान को देखा तो देवराज चौहान ने कहा। "हमारे सफर की तैयारी कर ली तुमने?"
"हां, तैयारी हो चुकी है देवा।"
"तो सुबह मिलेंगे।"
पोतेबाबा वहां से बाहर निकल गया। मखानी ने उसी पल कमला रानी से धीमे स्वर में कहा। “अब तो स्नानघर की तरफ आ जा।"
“अब क्या हो गया?" कमला रानी ने मुंह बनाया।
"कभी तो मेरी बात मान लिया कर।"
“आज दिन में दो बार तेरी बात मानी है।"
“एक बार और मान ले। तेरा क्या जाता है। जाता तो मेरा ही है।"
कमला रानी मुस्करा पड़ी। मखानी की आंखों में चमक आ ठहरी।
“चलती है?" मखानी के स्वर में आग्रह था।
"चल ।” कमला रानी ने गहरी सांस ली—“एक बार और तेरी बात मान लेती हूं।"
"तेरा जवाब नहीं कमला रानी। तू रास्ते पर आ तो जाती है लेकिन मुझे तड़पा-तड़पाकर। ये भी अदा है। इससे भाव बढ़ा रहता है। जवानी में तूने बहुतों को तरसाया होगा, इसी तरह।"
“जल्दी चल ले। मेरा मन बदल गया तो...।"
“मैं जाता हूं-तू आ जाना।" कहकर मखानी उठा और स्नानघर की तरफ बढ़ गया।
'साला, हरामी।' कमला रानी बड़बड़ा उठी—'जवानी में इसने बहुत गुल खिलाए होंगे। जवान तो अब भी है। मैं भी जवान हं। भला हो कालचक्र का, जिसने हमें फिर से जवान कर दिया। बड़बड़ाने के पश्चात कमला रानी उठी और बाथरूम की तरफ बढ़ गई।
तभी कमला रानी की निगाह देवराज चौहान पर पड़ी। देवराज चौहान उसे ही देख रहा था। कमला रानी ने मुस्कराकर आंख दबा दी। देवराज चौहान ने गहरी सांस ली और मुंह फेर लिया।
'हाथ नहीं रखने देगा। नखरे वाला है।' कमला रानी बड़बड़ा उठी।
|
|
03-20-2021, 12:04 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,308
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
तभी कमला रानी की निगाह देवराज चौहान पर पड़ी। देवराज चौहान उसे ही देख रहा था। कमला रानी ने मुस्कराकर आंख दबा दी। देवराज चौहान ने गहरी सांस ली और मुंह फेर लिया।
'हाथ नहीं रखने देगा। नखरे वाला है।' कमला रानी बड़बड़ा उठी।
तभी मोना चौधरी देवराज चौहान के पास पहुंची।
"मैं सोच रही हूं कि हमें महाकाली की तिलिस्मी पहाड़ी के बारे में खास जानकारी नहीं है।"
“पोतेबाबा खास कुछ नहीं बता पाया।" देवराज चौहान ने कहा।
“ऐसे में हमारे लिए खतरे बढ़ जाएंगे...हमें...।"
“तुम नीलकंठ से तिलिस्मी पहाड़ी के बारे में जानकारी ले सकती हो।”
मोना चौधरी ने देवराज चौहान को देखा। देवराज चौहान की निगाह मोना चौधरी पर थी। “तुमने ठीक कहा। कल पूछंगी नीलकंठ से।”
"वो कैसे आएगा तुम्हारे पास?"
“मन-ही-मन पुकारूंगी तो वो आ जाएगा। यही बात उसने मेरे मन में डाली थी।"
/
देवराज चौहान ने स्नानघर वाली दिशा की तरफ देखकर कहा। “पोतेबाबा कमला रानी और मखानी से कोई बेहद खास बात करके गया है।"
"तुम कैसे कह सकते हो?"
“इस वक्त पोतेबाबा का आना इसी बात की तरफ इशारा करता है।"
“मैं मालूम कैसे करूं दोनों से?"
"कोई फायदा नहीं। वे बताने वाले नहीं।” देवराज चौहान ने इंकार में सिर हिलाया।
- “तुम्हें क्या लगता है कि पोतेबाबा हमसे कुछ छिपा रहा है?" मोना चौधरी बोली। ____
"मैं तो इतना जानता हूं कि वो हमें अपने काम के लिए इस्तेमाल कर रहा है। ये बात जानते हुए भी हम कुछ नहीं कर सकते। क्योंकि पूर्वजन्म में आने के बाद हम तभी वापस जा सकते हैं, जब यहां का कोई बिगड़ा काम संवार दें।" __
“ये नियम किसने बनाया?"
“मैं नहीं जानता। परंतु हमारी वापसी के दरवाजे तभी खुलेंगे, जब हम जथूरा को आजाद करा लेंगे।"
“माना कि न आजाद करा सके तो?"
"तब के बारे में मैं कुछ नहीं जानता। जो भी हो, हमें सफल होने की पूरी चेष्टा करनी है।”
जगमोहन, सोहनलाल और नानिया सुबह जब उठे तो दिन निकल आया था। कुछ खास छेदों में से होकर सूर्य की किरणें भीतर
आ रही थीं।
“हम देर तक सोए रहे।” जगमोहन बोला। सोहनलाल ने नानिया को देखा। दोनों की नजरें मिलीं।
नानिया मुस्करा पड़ी। उसके चेहरे पर सुबह की खूबसूरती चमक रही थी। ___
“कम-से-कम सुबह के वक्त का तो खयाल कर लो।” जगमोहन कह उठा।
"हम गुड मॉर्निंग कर रहे हैं।” सोहनलाल ने जगमोहन से कहा।
"ऐसे होती है गुड मॉर्निंग।” ।
“तुम भी प्यार करना सीख लो, तो गुडमॉर्निंग करना जान जाओगे।” सोहनलाल मुस्करा पड़ा।
“तुम्हारा दोस्त चिढ़ता क्यों है हमारे प्यार से?" नानिया कह उठी।
"चिढ़ता नहीं है।"
"चिढ़ता है।"
"ये इसकी सामान्य हरकत है, जिसे तुम चिढ़ता महसूस कर लेती हो।” सोहनलाल ने कहा।
“सच में बहुत अजीब है तुम्हारा दोस्त।"
"प्यार के रंग से दूर है, इसलिए ।”
“तुम सीधे हो जाओ सोहनलाल ।” जगमोहन कह उठा—“एक औरत के चक्कर में तुम पूरी तरह बिगड़ गए हो।"
“सुना।” नानिया तीखे स्वर में कह उठी—“कहता है, मैंने तुम्हें बिगाड़ दिया है।"
"तुम इसकी बातों की परवाह मत करो। ये इसी तरह की बातें करता है।"
जगमोहन खड़ा होता कह उठा।
"हमें नहा-धोकर, सोबरा से मिलना है। ताकि उसे बता सकें कि हमने देवराज चौहान को समझाने का फैसला कर लिया है।"
तभी एक युवती ने भीतर प्रवेश किया।
"जाग गए आप लोग। मैं सोबरा के आदेश पर आपको जगाने ही आई थी।” वो बोली। ___
“हम सोबरा से मिलना चाहते हैं।" ____
“अवश्य, परंतु पहले नहा-धोकर कुछ खा लीजिए। उसके बाद ही सोबरा से मुलाकात होगी।" उसने कहा।
“नहाना-खाना जरूरी है क्या?" जगमोहन बोला।
|
|
|