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RE: Bhai Behen Sex Kahani साला बहन्चोद कहीं का
(07-28-2018, 12:45 PM)bhai yaar mazaa aa gya ek ek word read karte hue land khadaa ho rhaa tha sexstori Wrote: ( बॅक टू दा अशोक)
अशोक सोने की कोशिश करता है पर उसे नींद नही आती
ऑर अशोक अपने मोबाइल पे बैठ के देर रात तक पॉर्न देखता रहता है... क्यू कि कल उसकी छुट्टी थी...
नेक्स्ट डे सनडे था मनीषा ने सुबह उठ कर अपनी लेग्गी को थोड़ा नीचे कर दिया ताकि उसकी उभरी हुई चूत को मम्मी ने देख लिया तो उसकी वॉट लग जाएगी.... सुबह से वो कोई ना कोई तरकीब लगा रही थी ताकि उसको लौडा खाने को मिले....
कल की तरह बाल्कनी मे कपड़े सूखा रही थी तब उसे अहसास हुआ कि कोई उसकी तरफ आ रहा है तो उसने जानबूझ के अपने हाथ से कपड़े ज़मीन पर गिरा दिए ऑर झुक के एक एक कर के उठाने लगी.... ऑर जैसे जैसे उसको महसूस हो रहा था कि अशोक उसके नज़दीक आ रहा है वो वैसे वैसे अपनी गान्ड को ऑर चौड़ी करती गयी ऑर साथ साथ अपनी गान्ड को फेला भी दिया.... वो थोड़ा ज़्यादा ही झुक गयी थी... अब वो इस तराहा से झुकी थी कि अगर अशोक अपना तना हुआ लंड उसकी गान्ड मे घुसाने की कोशिश करता तो लंड सीधा उसकी चूत मे घुस जाता....
वो झुकी हुई खड़ी ही थी कि उसको अहसास हुआ कि अब कुछ ही पॅलो मे मेरी चूत मे लंड धसने वाला है... ये सोच कर उसकी चूत मे एक लहर सी दौड़ जाती है जैसे किसीने उसकी चूत मे बिजली का झटका दिया हो....
ऑर फिर अचानक दो हाथ उसकी कमर पे आते है ऑर उसकी कमर को थाम लेते है ऑर मनीषा अब जो होने वाला था उसका भर पूर आनंद लेने के लिए अपनी आखे बंद कर देती है ऑर एक लंबी सास लेती है..................
कुछ सेकेंड बीत गये पर लंड अब तक उसकी चूत मे क्यू नही धसा तो उसने मन मे अपने भाई को गालियाँ देने लगी...
मनीषा- अबे ओह बेहन्चोद कबतक मे ऐसे ही झुकी रहूगी जल्दी से अपना लंड घुसेड दे ऑर फिर मैं अपनी फेली हुई टाँगो को बढ़ा दूँगी ऑर तेरे लंड को अपनी गान्ड से जाकड़ के उसको अपनी चूत के यहाँ दबा कर रखुगी........
पर उसके लंड घुसाने की बजाए अशोक उसकी गान्ड को साइड मे कर रहा था... ये हरकत देख के मनीषा क़ी झान्टे जल गयी उसको लगा कि आटिट्यूड दिखा रहा है अशोक ऑर भाव खा रहा है वो.......
मनीषा बोहोत गुस्से मे होती है वो ऑर झट से साइड मे हो जाती है ऑर मन मे सोच लेती है कि अब इस मादरचोद को अपने आस पास भी भटकने नही दुगी....
कपड़े सुखाने के लिए जब वो रस्सी पे डालती है तो उसे पता चलता है कि ये तो अशोक नही उसकी माँ है मंजू वो कुछ लेने आई थी बाल्कनी मे... तब जा के उसका गुस्सा ठंडा हुआ....
अशोक तो रात भर पॉर्न देख रहा था... अबतक वो उठा ही नही था नींद से
दुपेहर के 12 बजे अशोक नींद से उठा ऑर आराम से नहा वहा के 1:30 बजे टी-शर्ट ऑर शॉर्ट पहन के थोड़ी देर वेट किया ऑर खाना वाना खा के बाहर चला गया....
मनीषा को थोड़ा अजीब लगा वो सोच मे पड़ गयी कि कही उसके भाई को गिल्टी तो फील नही हो रही कि वो जो कर रहा है वो ग़लत है... साले के अंदर का जमीर तो नही जाग गया ना....?
अबे साले मेरी चूत मे आग लगा कर अब शरीफ बॅन रहा है...?
मनीषा उसको कोस रही थी तभी डोर बेल बजती है ऑर वो उठ के डोर खोलती है तो सामने अशोक होता है वो बिना कुछ बोले अंदर घुस जाता है ऑर सोफा पे बैठ के प्लास्टिक की कॅरी बॅग साइड मे रख के अपने माथे का पसीना पोछता है ऑर मनीषा उसको सवालिया नज़रो से देख रही थी ऑर सोच रही थी कि साला लंड लेने का मोका गया हाथ से....
ओर फिर वो साइड मे पड़ी चेयर पे बैठ जाती है....
तब अशोक उसको पूछता है..
अशोक- मम्मी तो सो रही होगी खाना वाना खा के...?
मनीषा- हाँ सो रही है.. कुछ काम था क्या माँ से....?
अशोक- नही बस ऐसे ही पूछा.... अच्छा छोड़ो ये बताओ तुम्हे चूसना ज़्यादा पसंद है या चाटना....?
ये बात सुन के मनीषा की उदास चूत फिर से खिल जाती है
मनीषा- मे कुछ समझी नही...?
अशोक- अरे बताओ ना दीदी......
मनीषा डाइरेक्ट्ली तो बोल नही सकती थी कि हाँ मुझे लंड चुसाओ... मुझे लंड चूसना अच्छा लगता है.....
मनीषा- मुझे कुछ समझ नही आ रहा कि मे क्या बोलू....?
अशोक- तुम बस इतना बताओ कि तुम्हे चूसना ज़्यादा अच्छा लगता है या चाटना...?
मनीषा मन मे सोचती है कि चलो बोलके देखती हूँ कि मुझे चूसना अच्छा लगता है फिर देखते है ये क्या करता है
मनीषा- अगर कोई चीज़ अच्छी हो ऑर चूसने लायक हो तो ऑफ कोर्स...
अशोक- व्हाट यू मीन बाइ ऑफ कोर्स....?
मनीषा- आइ मीन यॅ आइ लव टू सक इफ़ इट्स वर्त इट देन आइ लव सकिंग.... मेरा मतलब मुझे चाटने से ज़्यादा चूसना पसंद है.....
अशोक- तो फिर यहाँ आओ ऑर चूसो....
मनीषा के तो होश ही उड़ जाते है ये बात सुन के उसको लगता है आज पक्का मुझे लंड चूसने को मिलेगा ऑर खुश होते हुए वो पूछती है क्या चुसू....?
अशोक- मावा कुलफी.... गर्मी लग रही थी तो मे एक मावा कुलफी ऑर दूसरी चॉको बार लाया था.....
मनीषा के तो जैसे अरमानो पे पानी फिर गया था... मुँह बिगाड़ के अपने मन मे कहती है साले ने मूड खराब कर दिया मे यहाँ लंड लेने के लिए बैठी हूँ ओर ये मुझे कुलफी खिला रहा है.....
मनीषा- चॉको बार तो कुलफी ही होती है ना.....? तू क्या चाट के ख़ाता है चॉको बार....?
अशोक- अरे दीदी कुलफी ऑर चॉको बार का शेप तो देखो.... कुलफी तुम पूरी अपने मुँह मे ले कर चूस सकती हो पर चॉको बार नही....
अशोक- यहाँ आओ मे तुम्हे मुँह मे देता हूँ....
मनीषा भी समझ रही थी उसके डबल मीनिंग बातो को उसने भी कहा
मनीषा- हाँ चल डाल दे मेरी मुँह मे कब्से तड़प रही हूँ गर्मी के मारे.... तबीयत मे थोड़ी जान आए....
अशोक- फिर तो दीदी तुम्हे रोज एक केला खाना चाहिए... तुम्हारी तबीयत भी खिल जाएगी ऑर तुम भी......
मनीषा- अच्छा....? तो फिर तुम ही रोज खिलाया करो ना केला.... मे भी तो देखु केला खा के मे केसे खिलती हूँ....?
अशोक- अरे दीदी तुम्हारी दोस्त दिव्या को देखा ना शादी के बाद केसे खिल गयी है....? उसका पति उसको रोज केला खिलाता है ( अपने मन मे तुम्हे भी रोज मे अपना लंड दूँगा तो तुम भी वेसी ही खिल जाओगी )
मनीषा- वो मेरी दोस्त है या तेरी...? तुझे केसे पता उसका पति उसको रोज केला खिलाता है...?
अशोक- (अपने मन मे... साली एमोशन पे ध्यान दे मैं क्या कह रहा हूँ तू साली डाइलॉग मे घुसी पड़ी है.... ) अरे दीदी मेने उसके पति को केला लेते हुए देखा था.....
मनीषा- अच्छा ठीक है कल खिला देना... मे भी तो देखु तेरे केले मे कितना दम है....
अशोक- ( अपने मन मे दम की तो बात मत करो दीदी अभी अपना लंड तुम्हारी चूत मे घुसा कर तुम्हे उपेर उठा सकता हूँ अपने लंड के दम पे...... जोश मे आ कर मे कुछ ज़्यादा बोल गया.....? लंड से वैसे भी कॉन्सा वो सुन रही है :-* )
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