08-01-2016, 06:54 PM,
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desiaks
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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
मेरा बैडरूम मुझे कभी इतना प्यारा नहीं लगा ...
मैंने सपने में भी नहीं सोचा था ..
कि ज़िंदगी इतनी रंगीन हो सकती है ...
मेरे सामने ही ..बेड के दूसरी छोड़ पर मेरी सेक्सी बीवी लगभग नंगी करवट लिए लेटी है ...
उसकी अति पारदर्शी नाइटी ..जो खड़े होने पर उसके घुटनो से ६ इंच ऊपर तक आती थी ...
इस समय सिमट कर उसके पेट से भी ऊपर थी ...
और मेरी जान अपने गोरे बदन पर कच्छी तो पहनती ही नहीं थी ....
उसके मस्त चूतड़ ..पीछे को उठे हुए ....मेरे सेक्स को कहीं अधिक भरका रहे थे ....
अब तक मजेदार भोजन खिलाने वाली मेरी बीवी ने.... आज एक ऐसी मीठी डिश मेरे सामने रख दी थी ,,,और सोने का नाटक कर रही थी ...
कि जिसकी कल्पना शायद हर पति करता होगा ..
मगर उसे मायूसी ही मिलती होगी ....
अनु के रसीले बदन से खेलते हुए ...मैं अपनी किस्मत पर रस्क कर रहा था ...
इस छोटी सी लोंडिया को देख मैंने कभी नहीं सोचा था कि ...
ये इतनी गरम होगी ....
और चुदाई के बारे में इतना जानती होगी ...
मेरा लैंड उसके हाथो ..में मस्ती से अंगड़ाई ले रहा था ...
और बार-बार मुँह उठाकर उसकी कोमल फ़ुद्दी को देख रहा था ...
या बोल रहा हो ...कि आज तुझे जन्नत कि सैर कराऊंगा ...
उसकी फ़ुद्दी भी मेरी उँगलियों के नीचे बुरी तरह मचल रही थी ...
वो सब कुछ कर गुजरने को आतुर थी ...
शायद ..उसकी फ़ुद्दी ..होने वाले कत्लेआम से अनभिग थी .....
मेरे और अनु के बदन पर एक भी कपडा नहीं था ..
अनु बार-बार मेरे गठीले एवं संतुलित बदन से कसकर चिपक जाती थी ...
मेरा मुँह उसकी दोनों रसीली आमियों को निचोड़ने में ही लगा था ...
मैं कभी दाई ..तो कभी बायीं चूची को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था ...
अनु कुछ ज्यादा ही मचल रही थी ...
वो मेरी तरफ घूम कर ..अपना सीधा पैर मेरी कमर पर रख देती है ...
मैं भी अपना हाथ आगे उसकी फ़ुद्दी से हटा ...उसके मांसल चूतड़ों पर रख उसको अपने से चिपका लेता हूँ ..
इस अवस्था में उसकी रसीली चूत मेरे लण्ड से चिपक जाती है ....
शाम से हो रहे घटनाक्रम से अनु सच में सेक्स लिए पागल हो रही थी ...
वो अपनी चूत को मेरे लण्ड से सटा खुद ही अपनी कमर हिला रही थी ..
उसकी रस छोड़ रही चूत मेरे लण्ड को और भी ज्यादा भड़का रही थी ...
मैंने एक बात और भी गौर की..... कि अनु शुरू शुरू में बार बार ...जूली की ओर घूमकर देख रही थी ....
उसको भी कुछ डर जूली का था...
मगर अब बहुत देर से वो मेरे से हर प्रकार से खेल रही थी ...
उसने एक बार भी जूली की ओर ध्यान नहीं दिया था ...
या तो वासना उस पर इस कदर हावी हो चुकी थी ...
की वो सब कुछ भूल चुकी थी ..
या अब वो जूली के प्रति निश्चिंत हो चुकी थी ....
हाँ मैं उसी की ओर करवट से लेटा था ...
तो मेरी नजर बार बार जूली पर जा रही थी ...
कमाल है ..उसने एक बार भी ना तो गर्दन घुमाई थी ..
और ना उसका बदन जरा भी हिला था ...
जूली पूरी तरह से अनु का उद्घाटन करने को तैयार थी .........
मेरा लण्ड इस तरह की मस्ती से ..और भी लम्बा, मोटा हो गया था .....
मैं अपने हाथ से उसके चूतडो को मसलते हुए .. अपनी ओर दबा रहा था ...
और अनु अपने कमर को हिलाते हुए मखमली चूत को मेरे लण्ड पर मसल रही थी ...
मेरे मुँह में उसकी चूची थी ...
हम दोनों बिलकुल नहीं बोल रहे थे ..
मगर फिर भी मेरे द्वारा चूची चूसने की ..पुच पिच जैसी आवाजे हो ही रही थीं ....
अनु की बेकरारी मुझे उसके साथ और भी ज्यादा खेलने को मजबूर कर रही थी ....
मैंने उसको सीधा करके बिस्तर पर लिटा दिया ...
अब मैं उसके ऊपर आ गया ......
मैंने एक बार उसके कंपकंपाते होठो को चूमा ...
फिर उसकी गर्दन को चूमते हुए ...जरा सा उठकर ..नजर भर अनु के मस्त उठानो को देखा ...
दोनों चूची छोटे आम की तरह ..उठी हुई ..जबरदस्त टाइट ... और उन पर पूरे गुलाबी ..छोटे से निप्पल ..
जानलेवा नजारा था ...
मैंने दोनों निप्पल को बारी बारी से .. अपने होंटों से सहलाया ..
फिर नीचे सरकते हुए उसके पतले पेट तक पंहुचा ..अब मैंने उसके पेट को चूमते हुए ..
अपनी जीभ उसकी प्यारी सी नाभि पर रख दी ...
मैं जीभ को नाभि के चारों ओर घुमाने लगा ...
अनु मचल रही थी ...उसके मुँह से अब हलकी हलकी आहें निकलने लगी ...
अनु: अह्ह्हाआ ह्ह्ह्ह आ
मैं थोड़ा और नीचे हुआ ...
मैंने अनु के पैरों को फैलाया ...और उसकी कोमल कली फ़ुद्दी ...पहली बार इतनी नजदीक से देखा ...
उसके दोनों फूल ..कास कर एक दूसरे से चिपके थे ...
चूत पर एक भी बाल नहीं था ...
जूली की चूत भी गजब की है .... बिलकुल छोटी बच्ची जैसी ....
मगर उस पर बाल तो आ चुके ही थी ... भले ही वो कीमती हेयर रेमोवेर से उनको साफ़ कर अपनी चूत को चिकना बनाये रखती थी ...
और फिर लण्ड खाने से उसकी चूत कुछ तो अलग हो गई थी ...
मगर अनु की चूत बिलकुल अनछुई थी .... उस पर अभी बालों ने आना शुरू नहीं किया था ...
जिस चूत में अंगुली भी अंदर नहीं जा रही थी ..उसका तो कहना ही क्या ...
इतनी प्यारी कोमल अनु की चूत इस समय मेरी नाक के नीचे थी ....
उसके चूत से निकल रहे काम रस की खुसबू मेरे को मदहोश कर रही थी ....
मैंने अपनी नाक उसकी चूत के ऊपर रख दी ...
अनु: अह्ह्हाआआआ ज
जोर से तरफी ...उसने अपनी कमर उठा ..बेकरारी का सबूत दिया ....
मैं उस खुसबू से बैचेन हो गया और ,,
मैंने अपनी जीभ उसके चूत के मुँह पर रख दी ...
बहुत मजेदार स्वाद था .... मैं पूरी जीभ निकाल चाटने लगा ...
मुझे चूत चाटने में वैसे बी बहुत मजा आता था ...
और अनु जैसी कमसिन चूत तो मख्खन से भी ज्यादा मजेदार थी ...
मैं उसकी दोनों टाँगे पकड़ ..पूरी तरह से खोलकर ...
उसकी चूत को चाट रहा था ...
मेरी जीभ अनु के चूत के छेद को कुरेदती हुई अब अंदर भी जा रही थी ....
उसकी चूत के पानी का नमकीन स्वाद मुझे मदहोश किये जा रहा था ....
मैं इतना मदहोश हो गया कि मैंने अनु की टाँगे ऊपर को उठाकर ...
उसके चूतड़ तक चाटने लगा ...
कई बार मेरी जीभ ने उसके चूतड़ के छेद को भी चाटा.....
अनु बार बार सिस्कारियां लिए जा रही थी ...
हम दोनों को ही अब जूली की कोई परवाह नहीं थी ...
मैंने चाट चाट कर उसका निचला हिस्सा पूरा गीले कर दिया था ...
अनु की चूत और गांड दोनों ही मेरे थूक से सने थे ...
मेरा लण्ड बुरी तरह फुफकार रहा था ...
मैंने एक कोशिश करने की सोची ...
मैंने अनु को ठीक पोजीशन में कर उसके पैरों को फैला लिया ...
और अपना लण्ड का मुँह ... उसके लपलपाती ..चूत के मुख पर टिका दिया .....
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08-01-2016, 06:56 PM,
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desiaks
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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
जिसका सपना काफी समय से देख रहा था ..
आज वो पूरा होता नजर आ रहा था ...
ये सब गदराये अंग मैंने कुछ समय पहले भी नंगे देखे थे ....
मगर कुछ दूरी से देखा ... वो भी कुछ पल के लिए ..
तो कुछ ठीक से दिखाई नहीं देता ... पर इस समय सभी मेरी आँखों के सामने नंगा था ...
वल्कि मेरे हाथो के नीचे था...मैं इन सबको छू रहा था मसल रहा था ...
मैं अपनी किस्मत पर नाज कर रहा था ...
कि कल रात एक कुआंरी कली पूरी नंगी मेरे वाहों में थी ...
और आज एक अनुभवी सेक्सी हुस्न से मैं खेल रहा था ...
एक मुझसे बहुत छोटी थी ... सेक्स से बिलकुल अनजान .. केवल खेल समझने वाली ...
और ये मुझसे बड़ी ...सेक्स की देवी ... सेक्स को पढ़ाने और सिखाने वाली ..
रंजू भाभी की कुर्ती उनके छाती तक उठी थी ...
और उनकी पजामी मैंने चूतड़ों से खिसककर काफी नीचे कर दी थी ...
उन्होंने ब्रा , कच्छी कुछ भी नहीं पहनी थी ...
उनका लगभग नंगा जिस्म मचल रहा था ...
और जवानी को जितना तड़पाओ उतना मजा आता है .
मैंने भाभी के दोनों चूतड़ अच्छी तरह मसल रहा था ..
रंजू भाभी: ओह रोबिन तुम कब आ गए ...आहहाआ और ये क्या कर रहे हो ..
देखो अभी छोड़ दो .. ये कभी भी आ सकते हैं ..
उन्होंने खुद को छुड़ाने का जरा भी प्रयास नहीं किया ...
वल्कि और भी सेक्सी तरीके से चूतड़ हिला हिला कर मुझे रोमांचित कर रही थीं ...
मैंने एक हाथ उनकी पीठ पर रख उनको झुकने का इशारा किया...
वो वाकई बहुत अनुभवी थी ...
मेरे उनकी नंगी कमर पर हाथ रखते ही वो समझ गई ..
रंजू भाभी अपने आप किचिन की स्लैप पर हाथ रख ..अपने चूतड़ों को ऊपर को उठा .. झुक जाती है ..
उन्होंने बहुत सेक्सी पोज़ बना लिया था ...
मैं नीचे उकड़ू बैठ ..उनके चूतड़ों के दोनों भाग ..अपने हाथों से फैला लेता हूँ ...
और अब उनके दोनों स्वर्ग के द्वार मेरे सामने थे ...
वाओ भाभी ने भी अपने को कितना साफ़ रखा था ..
कोई नहीं कह सकता था की उनकी आयु ३५ साल हो गई है ...
उनके दोनों छेद बता रहे थे की वो चुदी तो बहुत है..
उनकी चूत अंदर तक की लाली दिखा रही थी ..
और गांड का छेद भी कुछ फैला सा था ..
मगर उन्होंने अपना पूरा छेत्र बहुत चिकना और साफ़ सुथरा किया हुआ था ...
मेरी जीभ इतने प्यारे दृश्य को केवल दूर से देखकर ही संतुष्ट नहीं हो सकती थी ...
मैंने अपने थूक को गटका ..और अपनी जीभ रज्जु भाभी की चूत पर रख दी ...
मैंने कई गरम गरम चुम्मे उनकी चूत और गांड के छेद पर किये ...
फिर अपनी जीभ निकाल कर दोनों छेदों को बारी बारी चाटने लगा ...
और कभी कभी अपनी जीभ उनकी चूत के छेद में भी घुसा देता था ...
भाभी मस्ती में आहें और सिस्कारिया ले रही थी ..
रंजू भाभी: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआ आए ओओओओ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आहा आउच अह्हा अह्ह्ह यह ह्ह्ह्ह्ह आअह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह माआअ आआ इइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ उउउ
ना जाने कितनी तरह की आवाजें उनके मुह से निकल रही थीं ...
उनके घर का दरवाजा . मैन गेट से लेकर यहाँ किचिन तक सब पुरे खुले थे ..
मुझे भी कुछ याद नहीं था ...
मैं तो उनके नंगे हुस्न में ही पागल हो गया था ...
अब मैंने उनकी पजामी को नीचे उतारते हुए भाभी के गोरे पैरों के पंजों तक ले आया ..
उन्होंने मुस्कुराते हुए पैर उठाकर पजामी को पूरा अलग कर दिया ...
अब वो मेरी और घूमकर ..
किचिन कि स्लैप पर बैठ जाती हैं ..
रंजू भाभी अपना बायाँ पैर उठाकर स्लैप पर रख लेती हैं ..
इस अवस्था में उनकी चूत पूरी तरह खिलकर सामने आ जाती है ..
मैं उकड़ू बैठा बैठा आगे को खिसक उनकी चूत को अपने हाथ से सहलाता हूँ....
चूत उनके पानी और मेरे थूक से पूरी गीली थी ...
मैं उनके चूत के दाने को छेड़ता हूँ ...
रंजू भाभी: आह्ह्ह्हाआआ खा जा इसे ... ओह
वो मेरे बाल पकड़ मेरे सर को फिर से चूत पर लगती हैं ..
मैं एक बार फिर उनकी चूत चाटने लगता हूँ ...
पर मुझे समय का ज्ञान था ..
और मैं आज ही सब कुछ कर मौका अपने हाथ में रखना चाह रहा था ..
मेरा लण्ड भी कल से प्यासा था ...
उसमे एक अलग ही तड़फ थी ..
कल उसे चूत तो मिली थी ...पर वो उसमें जा नहीं पाया था ...
और आज एक परिपक्व चूत अपना मुख खोले निमन्तरं दे रही है ....
मैं आज कोई मौका खोना नहीं चाहता था ...
मैं खड़ा हुआ ..और मैंने पेंट की चैन खोल अपने लण्ड को आज़ाद किया ...
लण्ड सुपाड़ा बाहर निकाले चूत को देख रहा था ...
भाभी भी आँखे में लाली लिए लण्ड को घूर रही थीं ..
उन्होंने हाथ बढ़ाकर खुद ही लण्ड को पकड़ लिया ..
रंजू भाभी अब किसी भी बात को मना करने की स्थिति में नहीं थीं ...
मैं आगे को हुआ ..
लण्ड ठीक चूत के मुह पर टिक गया ...
कितनी प्यारी पोजीशन बनी ...
मुझे जरा सा भी ऊपर या नीचे नहीं होना पड़ा ..
भाभी ने खुद लण्ड अपने चूत पर सही जगह टिका दिया ..
मैं भी देर करने के मूड में नहीं था ..
मैंने कसकर एक जोर सा धक्का मारा ..
ऊऊर्र्र्र्र्र्र्र्र्र आऊऊऊर्र्र्र्र्र्र्र और ..
धाआआआ प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्क्क्क्क्क्क्क्क
की आवाज के साथ लण्ड अंदर .....
मैंने कमर पर जोर लगाते हुए ही पूरा लण्ड अंदर तक सरका दिया ...
चूत की गर्मी और चिकनाहट ने मेरा काम बहुत आसान कर दिया था ...
अब मेरा पूरा लण्ड चूत के अंदर था ...
मैं बहुत आराम से खड़ी पोजीशन में था ...
मैंने तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे ...
रंजू भाभी बहुत बेकरार थी ..
उन्होंने खुद अपनी कुर्ती अपनी चूचियों से ऊपर कर अपनी मदमस्त चूची नंगी कर दी थीं ..
और उनको अपने हाथ से मसल रही थी ..
मैं उनकी मनसा समझ गया ..
मैंने अपने हाथ उनकी मुलायम चूची पर रख उनका काम खुद करने लगा ..
मेरे कठोर हाथो में मुलायम चूची का अकार पल प्रतिपल बदलने लगा ....
रंजू भाभी : अह्ह्ह्हाआ जल्दी करो ... रोबिन ..तुम्हारे अंकल आ गये तो मुझे मार ही डालेंगे ..
मैं: अऊ ओह ह्ह्ह्ह्ह्ह अरे कुछ नहीं होगा ...वो वहां जूली के साथ हैं ...
रंजू भाभी: अह्ह्हाआ हाँ पर वो कभी भी आ सकते हैं ..
मैं: अरे आने दो ..वो भी तो जूली से मजे ले रहे हैं ...
रंजू भाभी: अरे नहीईईईईईईईईई वो तो केवल देखे हैं ...
मगर मुझे बहुत चाहते हैं ...
इस तरह चुदते देख मार ही डालेंगे ...
मैं: क्या कह रही हो भाभी ... ??? क्या वो जूली को नहीं चोदते...
रंजू भाभी: नहीं पागल ...उन्होंने केवल उसको नंगा देखा है ..
जैसा तूने मुझे देखा था ...
मैंने उनको बता दिया था ..
तो उन्होंने भी मुझे बता दिया ...बस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स
मैं: अरे नहीं भाभी ...आप को कुछ नहीं पता ... उन दोनों में और भी बहुत कुछ हो चुका है ..
रंजू भाभी: तू पागल है ...अह्ह्हाआ अहा ... कुछ नहीं हुआ ... और वो अब किसी लायक भी नहीं हैं ...
उनका तो ठीक से खड़ा भी नहीं होता ..
ओह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ और तेज अहा
मजा आ गया
कुछ मत बोल अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह
आज बहुत दिनों बाद ....अह्ह्ह ह्ह्ह्ह
मेरे को करार आया है ...
मैं: चिंता मत करो भाभी ... अब जब आप चाहो ..
ये लण्ड तुम्हारा ही है ...ओह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
रंजू भाभी: अह्ह्ह्हाआआआ ह्ह्ह
वैसे शक तो मुझे भी है ....कि ये जूली के यहाँ कुछ ज्यादा ही रहने लगे हैं ...
तू अह्ह्ह्हाआ ह्ह्ह अह्हा
अब मैं ध्यान रखूंगी ..
और करने दे उनको ..
तेरे लिए मैं हूँ ना अब ...
इसको तो तू ही ठंडा कर सकता है ...
मैं: अह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
हाँ भाभी मैंने दोनों को चिपके और चूमते सब देखा था ...
जूली अंकल का लण्ड भी सहला रही थी ...
अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआ
रंजू भाभी: हाँ एक बार मैंने भी देखा था ...
हाआआआअह्हह्हह
मैं : क्याआआआआआ बताओ न ...
रंजू भाभी : हाँ अह्ह्ह्हाआ हां
अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़
मजा आ रहा है ....
अह्ह्ह ओ ओ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
उ उ उउउउउ
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