08-13-2019, 12:32 PM,
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RE: Maa Bete ki Vasna मेरा बेटा मेरा यार
तभी मेने न साँस लेने के लिए चुम्बन तोड़ दिया और बोली ,
"राज अगर तुम्हें सही नहीं लग रहा है तो अभी भी रुक सकते हो । मैं नहीं चाहती कि बाद में तुम कुछ और फील करो । मुझे तो अच्छा लग रहा है पर मैं चाहती हूँ कि तुम फिर से सोच लो ।"
राज ने मेरी आँखों में देखा फिर बोला ,
" देखो मॉम तुम जितना मुझे चाहती हो , मैं भी तुम्हें उतना ही चाहता हूँ । सिर्फ निर्णय न ले पाने से उलझन थी , झिझक थी । जो अब दूर हो चुकी है ।अब तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो और मैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड ।"फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर लगा दिया और थोड़ा अंदर धकेल दिया ।
मेने दोनों हाथों से राज के चूतड़ों को पकड़ा और धीरे धीरे अपनी तरफ खींचने लगी। राज का पूरा लंड मेरी पूरी तरह से गीली हो चुकी चूत में घुसता चला गया ।
"अहह ........ राज बहुत अच्छा लग रहा है " मदहोशी में आँखे बंद करके सिसकारी लेते हुए मै बोली ।
राज के मोटे लंड से मेरे को अपनी टाइट चूत में कुछ दर्द सा भी महसूस हो रहा था लेकिन दर्द के साथ साथ बहुत कामसुख भी मिल रहा था । मेरे चेहरे के भाव देखकर राज ने मुझसे पूछा " मॉम तुम्हें कुछ परेशानी , दर्द तो नहीं हो रहा ? " में ने एक पल के लिए आँखे खोली , राज को देखा , हल्का मुस्कुरायी , " नहीं राज , मुझे कोई दर्द नहीं हो रहा । तुम करते रहो ।"
राज ने सुपाड़ा छोड़कर बाकी लंड बाहर निकाल लिया । फिर मेरे चूतड़ों को दोनों हाथ से पकड़कर उसे अपनी तरफ खींच कर , अचानक एक झटके में पूरा लंड अंदर धांस दिया । मेरी तेज चीख निकल गयी । फिर राज चूत में थपाथप धक्के लगाने लगा । धक्के लगाते हुए ही अपने एक हाथ से मेरी हिलती हुई बड़ी बड़ी चूचियों को पकड़कर उन्हें मसलने लगा । कुछ देर बाद अपने मुंह को मेरी क चूचियों पर रखकर उन्हें चूसने लगा ।
राज के अपनी चूत पर पड़ते धक्कों से मेरी सिसकारियां बढ़ती चली गयीं । दर्द और उत्तेजना से मेने राज के कन्धों पर अपने नाख़ून गड़ा दिये और अपनी टांगों को उसकी कमर के चारों ओर लपेट लिया । कुछ देर बाद मेरा बदन अकड़ गया ओर उसको एक जबरदस्त ओर्गास्म की लहरें आयीं । राज भी ज्यादा देर नहीं रुक पाया और उसने अपनी माँ यानी मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दिया । फिर कुछ समय तक हम दोनों एक दूसरे को आलिंगन में जकड़े रहे । दोनों ही एक दूसरे से अलग होना नहीं चाह रहे थे ।
फिर कुछ समय तक दोनों एक दूसरे को आलिंगन में जकड़े रहे । दोनों ही एक दूसरे से अलग होना नहीं चाह रहे थे ।
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08-13-2019, 12:33 PM,
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RE: Maa Bete ki Vasna मेरा बेटा मेरा यार
कुछ देर बाद राज ने मुझे किचन काउंटर से उतार दिया और मुझे घुमाकर कमर से झुका दिया ।
मेने ने अपनी बांहें किचन काउंटर पर टिका दीं । उसकी बड़ी बड़ी चूचियां लटकी हुई थीं और लम्बी चिकनी टाँगें थोड़ा फैली हुई थीं ।"लगता है अभी मेरे प्रेमी का मन नहीं भरा ।" में पीछे की ओर सर मोड़कर राज को देखते हुए बोली ।
राज बस मुस्कुरा दिया । मेरी खूबसूरत गांड उसके सामने थी । उसने मेरी एक टांग मोड़कर किचन काउंटर पर रख दी । अब में घबरा गयी मेने सोचा राज उसकी गांड में लंड घुसाने जा रहा है , वो भी बिना किसी lube के , जैसे उसने उस रात अँधेरे कमरे में घुसेड़ दिया था । तब राज के मोटे लंड ने मेरी गांड की जो कुटाई की थी , उससे मै दो दिन तक ठीक से चल नहीं पायी थी । राज ने जोर से सर हिलाकर "नहीं " कहा पर राज ने मेरी तरफ ध्यान नहीं दिया और अपने तने हुए लंड को, मेरी चूतरस से भीगी हुई चूत में पीछे से घुसेड़ दिया ।
में तो कुछ और ही सोच रही थी , हुआ कुछ और ।
राज ने पूछा , " तुमने नहीं क्यों कहा ?"
" कुछ नहीं , मैंने सोचा तुम आज फिर मेरे बदन की कुटाई करने वाले हो । " मेने शरारत भरी मुस्कान से राज को देखा ।
राज मुस्कुरा दिया , उसे अच्छी तरह से पता था कि मेने “ नहीं “ क्यों कहा था। वो जानता था अब मै उसके मोटे लंड को अपनी टाइट गांड में डालने नहीं दूंगी । वो तो बस मज़े में मेरे मुंह से सुनना चाह रहा था । पर मेने भी सीधे कहने की बजाय इशारों में जवाब दिया था ।
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08-13-2019, 12:34 PM,
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RE: Maa Bete ki Vasna मेरा बेटा मेरा यार
माँ बेटे की इस चुदाई के चक्कर में राज के कॉलेज जाने का वक़्त निकल चुका था । पर हमें इसकी कोई परवाह नहीं थी ।
जब घर में इतना सुख मिल रहा हो तो कॉलेज जाके करना भी क्या था ।
शाम को जब राज मार्केट से घर वापस आया तो में टीवी देख रही थी । राज भी सोफे पर बैठ गया और मेरे हाथ से रिमोट लेकर चैनल बदलने लगा। इस वक़्त सारे चूतियापे के प्रोग्राम आ रहे थे इसलिए जल्दी ही वो बोर हो गया ।और मेरे को रिमोट पकड़ा दिया । जितनी देर तक वो चैनल बदलने में लगा था , मै TV स्क्रीन की बजाय उसी को देख रही थी । जब राज ने उसे रिमोट पकड़ा दिया तो मेने रिमोट को टेबल पर रख दिया और खुद राज से जांघें सटा कर बैठ गयी और उसके कंधे पर अपना सर रख दिया । राज ने मेरे कंधे पर अपनी बांह रख दी ।
कुछ देर बाद मेने अपनी एक टाँग उठाकर राज की जांघों के ऊपर डाल दी और उसके गले में बाँहें डालकर अपनी आँखें बंद करके होंठ गोल करके आगे को बढ़ाये । राज ने अपना हाथ मेरे सर के पीछे लगाकर अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिये और फिर हम दोनों की चुम्माचाटी शुरू हो गयी ।दोनों एक दूसरे के मुंह में जीभ घुसा घुसाकर , जीभ से ही ब्रश करने लगे ।
मेरे निप्पल खड़े होकर तन गए । अब मै राज की गोद में बैठ गयी और अपनी तनी हुई चूचियां राज की छाती में गड़ा के फिर से चुम्बन चालू कर दिया । अपने शॉर्ट्स के नीचे मुझे राज का खड़ा होता लंड चुभता सा महसूस हुआ । अब मेने अपनी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही राज के लंड के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया । मुझे अपनी पैंटी गीली होती महसूस हुई । दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था तब ही मेरी फ्रेंड रिया का फ़ोन आ गया
रिया ने फ़ोन रखा नहीं मुझ से किट - पिट करती रही तब तक राज का खड़ा होता लंड बैठ गया और मेरे तने निप्पल मुरझा गये । "
रात में ,मै किचन में डिनर की तैयारी कर रही थी । राज किचन के दरवाजे पर हाथ बांध के खड़ा हो गया और अपने कंधे दरवाजे पर टिका लिये । खाना बनाती हुई मुझ को निहारने लगा । अपने बेटे को अपनी ख़ूबसूरती निहारते देखकर मै मन ही मन ख़ुश हुई । फिर राज की तरफ देखकर बोली ,
"राज, मैंने तुम्हारे लिये स्पेशल डिनर बनाया है । जितना ज्यादा खा सकते हो , खा लेना । आज रात तुम्हें बहुत एनर्जी की जरुरत पड़ने वाली है ।"
मेरी कामुक बातें सुनकर राज का लंड नींद से उठ गया । वो मेरे पीछे गांड से चिपक के आलिंगन करते हुए मेरा चुम्बन लेने लगा ।
" तुम्हारे लिये मेरे पास पहले से ही बहुत एनर्जी है मॉम । अगर तुमने मुझे एक्स्ट्रा एनर्जी दे दी तो फिर तुम मुझे झेल नहीं पाओगी और फिर एक हफ्ते तक बेड से उठ नहीं सकोगी , और अगर उठ भी गयी तो लंगड़ा लंगड़ा के चलोगी ।"
जोर से ठहाका लगाते हुए राज बोला ।
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08-13-2019, 12:34 PM,
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RE: Maa Bete ki Vasna मेरा बेटा मेरा यार
उसकी इस गुस्ताखी पर , में ने अपने निचले होंठ को दातों में दबाते हुए , राज के पेट में अपनी कोहनी मार दी । मेने कहा मुझे यह मोटा लौड़ा अपनी चूत की पूरी गहराई में चाहिये… पूरा जड़ तक… तुझे मैं सिखाऊँगी किएक्स्ट्रा एनर्जी क्या हे और मुझे कैसी चुदाई पसंद है… मुझे जोरदार और निर्मम चुदाई पसंद है… कोई दया नहीं… वहशी चुदाई… अब रुको मत और एक ही बार में बाकी का लण्ड घुसेड़ दो मेरी चूत में…”
यह सुनकर राज ने एक जोरदार शाट मारा और पूरा का पूरा मूसल मेरी चूत में पेलम-पेलकर दिया। पर मेरे लिये यह भी पूरा न पड़ा।
“और अंदर…” मै चीखी।
फिर तो राज ने आव देखा न ताव और अपने लण्ड से जबरदस्त पेलाई शुरू कर दी।“बैठ जा इस पर, छिनाल… चल साली कुतिया… चोद मेरे लौड़े को। अब किस बात का इंतज़ार है… मुझे पता है कि मुझसे ज्यादा तू तड़प रही है मेरा लौड़ा अपनी चूत में खाने के लिये। बैठ जा अब इस पर राँड… चोद अपनी गीली चूत पूरी नीचे तक मेरे लण्ड की जड़ तक…”
“ये ले… साले हरामी…” मै बोली और उस मोटे लण्ड को जकड़ने के लिये उसने अपनी चूत नीचे दबा दी- “हाय… कितना बड़ा और मोटा महसूस हो रहा है, विशाल सख्त लौड़ा… अपना लण्ड मेरी चूत में ऊपर को ठाँस… चोदू, मुझे पूरा लण्ड दे दे… मैंने अपनी चूत में कभी कुछ भी इतना बड़ा नहीं लिया। ऐसा लग रहा है जैसे ये लौड़ा मेरी चूत को चीर रहा है…”
मै सच ही बोल रही थी। ये अदभुत ठुँसायी जो इस समय मेरी चूत में महसूस हो रही थी, इसकी मेने कभी कल्पना भी नहीं की थी। मुझे लग रहा था कि मेरी तंग चूत इतनी फैल जायेगी कि फिर पहले जैसी नहीं होगी। फिर भी बोली- “मुझे पूरा चाहिये… बेरहमी से चोद … मेरी चूत में ऊपर तक ठाँस दे… चीर दे मेरी चूत को, इसका भोंसड़ा बना दे…” गहरे, लम्बे धक्कों की ऐसी झड़ी राज ने लगाई कि मेरे मुँह से चूं तक न निकल पाई। मै जब झड़ी तो मुझे लगा कि वो शायद मर चुकी है। उसका अपने शरीर पर कोई जोर नहीं है। उसकी चमड़ी जैसे जल रही है। उसकी चूचियों में जैसे पिन घुसी हुई हों। उसकी चूत की तो हालत ही खस्ता थी। राज के मोटे लौड़े की भीषण पेलाई ने जैसे उसे चीर दिया था। उसके बाद भी वो मादरचोद लड़का पिला हुआ था उसकी चूत की असीमतम गहराइयों को चूमने के लिये।
मेने अपने होश सम्भालते हुए गुहार की- “दे मुझे यह लौड़ा, पेल दे, पेल दे, पेल दे… भर दे मेरी चूत, भर दे… भर दे इसे अपने लौड़े के पानी से…”
राजअब और न ठहर सका। और भरभरा कर अपनी मॉम की चूत में झड़ गया। मै अपनी चूत को उसके लण्ड पर रगड़ती जा रही थी।
जब दोनों शांत हुए तो मै राज को चूमते हुए बोली- “मेरे शानदार चुदक्कड़ बेटे, काश हम लोग भाग सकते होते तो हम कहीं ऐसी जगह चले जाते जहाँ हम जितनी चाहते, चुदाई कर सकते
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08-13-2019, 12:34 PM,
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RE: Maa Bete ki Vasna मेरा बेटा मेरा यार
शाम को राज घर लौटा तो मै घर पर नहीं थी मै अपने फ्रेंड्स के साथ शॉपिंग करने गयी थी । जब मै वापिस आयी तो पाया कि राज टीवी देख रहा था ।
में ने काले रंग की ड्रेस पहनी थी जो मेरी मांसल जांघों के सिर्फ ऊपरी भाग को ढक रही थी । राज ने उसको देख कर होंठ गोल करके सिटी बजायी ।
“मॉम , इस ड्रेस में तुम कितनी सेक्सी लग रही हो ! ये ड्रेस तुम्हारे बदन से बिलकुल चिपकी हुई है और ढकने के बजाये तुम्हारे खूबसूरत जिस्म के सारे उभारों और कटावों को दिखा रही है । "
अपनी तारीफ सुनकर मेने शरारती मुस्कान के साथ राज के सामने एक चक्कर गोल घूमकर हर तरफ से उसको ड्रेस में अपना बदन दिखाया । फिर राज के पास आकर उसको अपने आलिंगन में भर लिया और अपनी बड़ी बड़ी चूचियां राज की छाती में दबा दी । अपने रसीले कामुक होंठ राज के होठों पर रख दिये । दोनों एक दूसरे का चुम्बन लेने लगे और एक दूसरे के मुंह में जीभ घुमाने लगे ।
राज चुम्बन लेते हुए ही अपने हाथ नीचे ले जाकर मेरी बड़ी लेकिन मक्खन जैसी मुलायम गांड को अपने हाथों में दबाकर मसलने लगा । फिर ड्रेस के अंदर हाथ घुसाकर गांड की दरार के बीच से मेरी मखमली चूत के होठों को सहलाने लगा । मै थोड़ा और राज से चिपक गयी ।
" तुम्हें मालूम है राज , आज हमारे इस नए रिश्ते को एक महीना पूरा हो गया है । "
"अच्छा ! तब तो कुछ सेलिब्रेशन होना चाहिए । बताओ आज अपने बॉयफ्रेंड को क्या गिफ्ट देने वाली हो। "
मेरे खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों के बीच प्यार से पकड़कर राज बोला ।
मै कुछ पल सोचती रही । फिर अचानक मै राज से अलग होकर उसकी तरफ पीठ करके कुछ दूर खड़ी हो गयी । थोड़ा कमर झुकाकर राज की तरफ अपनी गांड बाहर को निकालकर धीरे धीरे से अपनी ड्रेस ऊपर को उठाने लगी । अंदर उसने मैचिंग कलर की काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी । जिसमें पीछे से सिर्फ एक पतली डोरी थी और दोनों चूतड खुले हुए नग्न थे । फिर मादक मुस्कान बिखेरते हुए बोली ,
“ आज रात ये तोहफा , तुम्हारे लिये राज !!!उस मक्खन जैसी मुलायम , बड़ी गांड को देखकर राज होठों पर जीभ फिराते हुए मुस्कुराया ,
"आज रात मुझे बहुत मज़ा आने वाला है माँ , कसम से !!!
"मॉम , हम लोग बिस्तर में चलें?| राज ने मेरी कामवासना लिप्त चेहरा देख कर शरारत से पूछा.
शयनकक्ष में पहुँचते ही राज ने मुझे प्यार से वस्त्रहीन कर दिया। शीघ्र ही मैं निवस्त्र बिस्तर में लेटी राजको कपड़े उतारते हुए
देख रही थी. राज भी निवस्त्र हो कर मेरे साथ बिस्तर में लेट गया . हम दोनों ने एक दुसरे को बाँहों में भर कर खुले मुंह से चूमने लगे. राज ने मेरे गुदाज़ चूतड़ों को मसलते हुए मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल कर मेरे सारे मुंह के अंदर सब तरफ घूमा दी. मैंने भी अपने जीभ
राज की जीभ से भीड़ा कर उनके मीठे मुंह के स्वाद का आनंद लेने लगी.
राज ने मुझे चित लिटा कर मेरे मुलायम बड़ी चूचियों को अपने मूंह से उत्तेजित करने लगा राज ने मेरे चूचुक अपने मूंह में
भर कर उनको पहले धीरे-धीरे फिर ज़ोर से चूस-चूस कर मेरी सिसकारी निकल दी.
राज ने मेरे गोल भरे हुए पेट को चूमते हुए मेरी गीली चूत के ऊपर अपना मूंह रख कर मेरी हल्की सुनहरी झांटों को अपने
जीभ से भाग कर मेरी चूत के द्वार के अंदर डाल दी. मेरी ज़ोर की सिसकारी ने राज को भी उत्तेजित कर दिया. राज ने मेरी चूत
और भगशिश्निका को अपनी जीभ और मुंह से सता कर मेरी वासना को चरम सीमा तक पहुंचा दिया.
राज ने अपनी खुरदुरी जीभ से मेरे क्लीटोरिस को चाट कर मुझे बिलकुल पागल सा कर दिया। उसकी एक उंगली अहिस्ता से
मेरी गीली मचलती चूत में फिसल कर अंदर चली गयी। उसने अपनी उंगली को टेड़ा कर के मेरी चूत के सुरंग के आगे की दीवार को
रगड़ने लगा । उसकी जीभ और उंगली दोनों ही मुझे एक बराबर का आनंद दे रहीं थीं।
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