05-21-2019, 11:25 AM,
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RE: Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटिय�...
आज बंसल जी बहुत खुश थे, बहुत सारी शॉपिंग कर रखी थे उन्होंने अपनी पत्नी और दोनों बेटियों के लिये। परिवार में भी बंसल जी का बहुत बेसब्री से इंतज़ार हो रहा था, दोनों बेटियों ने घर में पकवान के साथ-साथ कुछ मिठाइयाँ भी बना रखी थी। दोनों हाथों में २ बड़े सूटकेस लिए हुये बंसल ने हरियाणा में अपने घर के दरवाजे पे दस्तक दिया। चारो तरफ जब अपनी नज़रें दौडाई तो काफी कुछ बदल गया था, घर के पास वाली रोड चौड़ी हो गई थी, घर का कलर भी दूसरा था और बाहर जो आम का पेड़ था वो भी काफी बड़ा हो गया था। आखिर २ साल एक लम्बा समय था, घर पे दस्तक देते ही सामने पीली साड़ी में उनकी पत्नी ने दरवाजा खोला। उर्मिला की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था, अपने पति को इतने सालों बाद देख उनकी बीवी उनके गले लग गई।
उर्मिला - आप कैसे हैं? मैं सुबह से आपका इंतज़ार कर रही थी। सफर कैसा रहा?
बंसल - मैं ठीक हूं, सफ़र अच्छा था। शालु और रीना कैसी है और कहाँ हैं?
मिस्टर और मिसेज बंसल दोनों घर के अंदर प्रवेश करते हैं और सिढ़ियों से ऊपर चढ़कर ऊपर अपने कमरे में समान रख देते है।
उर्मिला - शालु किचन में खाना बना रही है और रीना अपने कमरे में पढ़ाई कर रही है।
बंसल - अच्छा मैं चूपके से शालु और रीना बिटिया से मिलूँगा उन दोनों को नहीं बताना की मैं घर आ गया हूँ। मैं थोड़ी देर में नीचे आकर मिलता हूँ।
उर्मिला - ठीक है मैं भी नीचे जा रही हूँ अपने कमरे में।
बंसल - तुम्हारा कमरा नीचे? क्यों? तुम अब ऊपर नहीं रहती?
उर्मिला - नहीं जी, मेरे घुटनो में गठिया की शिकायत है तो मैं ज्यादा चल फिर नहीं सकती तो मैं अब नीचे ही रहती हूँ। आप १०-१५ दिन तो रहेंगे न?
बंसल - नहीं उर्मीला, मुझे २ दिन में दिल्ली जाना है। कुछ नया काम आया है तो मुझे जाना पडेगा। मैं महीने के आखिर में फिर आऊंगा तब रहूँगा कुछ दिन तुम्हारे साथ।
उर्मिला - ठीक है, जब २ दिन रहना है तो आप इसी कमरे में रुकिये। किसी चीज़ की जरुरत होगी तो आपके बगल का रूम शालु का है। आपके रूम के पीछे की तरफ रीना का रूम है। किसी चीज़ की जरुरत हो तो शालु या रीना को आवाज़ दिजिये वो आ जाऐंगी, आप फ्रेश हो जाइये।
बंसल - ठीक है उर्मीला।
उर्मिला सिढ़ियों से नीचे चलि गई।बंसल कमरे में चारो तरफ देख रहे थे, कमरा खूब अच्छे से सजाया गया था। सभी जरुरत की चीज़ें सामने सहेज कर रखी गई थी। कमरे में कम रौशनी थी तो बंसल ने रूम की खिड़की खोल दी। खिड़की के ठीक सामने शालु के कमरे की खिड़की थी जो खुली हुई थी, और खिड़की का पर्दा साइड में हटा हुआ था। बंसल ने शालु के कमरे में देखा तो, कमरा बहुत ही साफ़ सुथरा था। पिंक कलर की साइड वाल जिसपे शाहरुख़ खान के पोस्टर चिपके थे। खिड़की के साइड में एक बेड जिसपे पिंक कलर की चादर बिछी थी। बेड के बगल में एक चेयर पे एक ब्लू जीन्स और उसके ऊपर ब्लैक कलर की ब्रा लटक रही थी। ब्रा पे नज़र पडते ही बंसल दो कदम पीछे हो गए और अपनी नज़र शालु के कमरे से हटा ली। उन्हें बेटी के रूम में ऐसे देखना कुछ अटपटा सा लगा और उन्होंने खिड़ी पे कर्टेन लगा दिया।
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05-21-2019, 11:26 AM,
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RE: Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटिय�...
अपना सूटकेस खोल बंसल ने अपने कुछ कपडे निकाले और बाथरूम में चेंज कर नीचे अपनी बेटियां को सरप्राइज देने चल पडे। बंसल ने दूर से देखा की उसकी बड़ी बेटी किचन में है, वो दबे पाँव चुपके से किचन के दरवाजे के पास गये। बंसल अपनी बेटी को सरप्राइज देना चाहते थे लेकिन इस वक़्त वो सरप्राइज था।
उसने ये नहीं सोचा के २ साल बाद उसकी बेटी इतनी बड़ी हो जाएगी। किचन के दरवाजे के पास से उसने शालु को देखा, शालु येलो कलर के सलवार सूट में थी और उसने अपने सीने पे दुपट्टा नहीं रखा था। शालु की सलवार तो ढीली थी लेकिन ढीली सलवार भी उसकी जवानी को छुपा नहीं पा रही थी। उसकी कुर्ती साइड से उठी थी जिसमें से उसकी मोटी जाँघ नज़र आ रही थी। बंसल ने २ साल पहले जब अपनी बेटी को देखा था तो वो दुबली पतली थी, लेकिन आज वो मोटी जवान हो गई थी। खासकर उसके सीने की गोलाइयाँ बढ़ गई थी, और उसकी कमर के नीछे उसके कुल्हे बहुत भारी हो गए थे। फिर बंसल ने अपनी नज़रें हटायीं और शालु के पीछे आ गये।
बंसल - बेटी शालू.....
शालु ने मुड़कर देखा।
शालु - वाओ पापा, व्हाट ए सरप्राइज आप कब आये? (शालू अपने पापा की आँखों में देखते हुए बड़े प्यार से अपने पापा को साइड से हग दिया और उनके सीने पे सर रख दिया)
बंसल - है है अभी आया बेटी। मेरी बेटी तो बहुत काम करने लगी है। (बंसल ने एक हाथ से बड़े दुलार से अपनी बेटी के बाल सहलाये)
शालु - नहीं पापा आपके पसंद की डिश बना रही हूँ ।
बंसल - (अपने दोनों हाथो से शालु के गाल को छूते हुए) अरे वाह बेटी, मुझे बहुत भूख भी लगी है। रीना कहाँ है? उसे भी सरप्राइज दूंगा मैं। उसे आवाज़ तो लगाओ।।
शालु - अभी बुलाती हूँ।रीना।रीना। इधर आ जरा मेरी मदद कर दे। (बंसल दरवाजे के पीछे चुप गए)
रीना - क्या हुआ दीदी? मैं टयुशन के लिए जा रही थी।
रीना ब्लैक कलर का जीन्स और ब्लैक कलर का टॉप पहने हुए दिवार के सहारे खड़ी हो कर अपनी दीदी से बोली। तभी दरवाजे के पीछे से उसके पापा बाहर निकले। पापा को देखते ही रीना उछल पडी।।।
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05-21-2019, 11:26 AM,
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RE: Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटिय�...
उर्मिला - जी मिल लिए आप अपनी बेटियों से?
बानसाल - हाँ उर्मिला मिल लिया, इतने दिनों बाद तुम सब को सामने देख बहुत अच्छा लग रहा है।
उर्मिला - बेटी, तुमने अभी तक लंच नहीं बनाया? बेटी जल्दी कर तेरे पापा थके होंगे। जल्दी से खाना बना कर ऊपर इनके कमरे में लेती जा, और इन्हे आराम करने दे। हमसब लोग बाद में लंच कर लेंगे।
शालु - जी मॉम।।
उर्मिला - आप जाइये जी अपने रूम में आराम करिये।
बंसल - ठीक है।
बंसल किचन से बाहर निकल आता है।
उर्मिला - शालु बेटी, रीना कहाँ है?
शालु - जी वो टूशन के लिए गई।
उर्मिला - उसने नाश्ता भी नहीं किया? बहुत परेशान कर रखा है इस लड़की ने। सुन बेटी, तू जाकर पापा को लंच करा दे। मैं किचन में बाकी का काम कर लूंग़ी।
शालु - जी मॉम।।
उधर बंसल अपने कमरे में बिस्तर पे आकर लेट जाता है। कमरे के छत की ओर देखते हुए उसे बार-बार शालु और रीना का ध्यान आता है।
बंसल मन ही मन - ये शालु कितनी बड़ी हो गई है, कितनी छोटी थी। मैं उसे गोदी में खिलाता था अब वो इतनी बड़ी हो गई है। गोदी में बैठ नहीं पायेगी उसकी कमर और कुल्हे कितने बड़े हो गए है। और रीना, वो भी जवान हो गई है। बंसल को रीना के पीठ की छुअन याद आ रही थी। जब मैंने नीचे देखा तो कैसे उसकी टाइट जीन्स उसकी मांसल जाँघो पे कसी थी, और उसकी वो नाभि की हलकी सी झलक।। ओह मेरे दिमाग में ये सब कैसी बातें है।
बंसल को ये सब सोचना अच्छा लग रहा था, शालु और रीना के बारे में सोचते हुए बंसल ने एक करवट ली और बिस्तर पे रखे तकिये के ऊपर अपनी टाँग चढा ली। अपने कमर से बंसल तकिये में दबाव ड़ालने लगा, उसे तकिये में दबाव डालना अच्छा लग रहा था। कुछ देर तकिये में अपनी कमर का फ्रंट भाग रगडने के बाद बंसल का ध्यान गया की उसके लंड में हलकी-हलकी इरेक्शन आ गई है। बंसल को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की ऐसा क्यों हो रहा है। उसने अपने दिमाग पे थोड़ा जोर ड़ाला तो उसे याद आया कि, वो पिछले कई दिनों से ऑफिस के काम में कितना बिजी था। इतना बिजी कि, उसे शायद मुट्ठ मारे हुए आज पूरे ८ दिन हो गए थे।
उसे लगा की शायद बिस्तर पे रगडने से उसमे इरेक्शन हो गया और उसे मुट्ठ मारने का मन होने लगा। उसने सोचा की उसे मुट्ठ मार लेनी चाहिये। बंसल पेंट के ऊपर से अपने लंड को पकड़ रगडने लगा, लेकिन अभी उसका इरेक्शन ख़तम हो गया था, वो कस कर अपने लंड को मसलने लगा। कुछ होता न देख उसने अपने पेंट के अंदर हाथ ड़ाला और लंड को पकड़ कर हिलाने लगा। बंसल बिस्तर पे पड़े सोच रहा था की काश उसे अभी कोई पोर्न मूवी मिल जाती तो वो उसे देख के माल गिरा देता और रिलैक्स हो जाता।
उसने सोचा क्यों न किसी एक्ट्रेस के बारे में सोच के मुट्ठ मारे। उसने रिसेंटली करीना की अजनबी मूवी देखि थी। वो सोचने लगा की करीना के गांड उस पिंक कलर के सलवार में कितनी अच्छी दिख रही थी, आह करीना की गांड कितनी मस्त दिखती है। जिस करीना के बारे में सोचने मात्र से बंसल का लंड खड़ा हो जाता था। आज़ उसके बारे में सोच के हिलाने से भी उसका लंड खड़ा नहीं हो रहा। बंसल सोचने लगा की अब क्या करे?
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05-21-2019, 11:26 AM,
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RE: Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटिय�...
तभी करीना के सलवार सूट से उसका ध्यान हट कर अपनी बेटी के येलो कलर के सलवार सूट पे गया। फिर वो सोचने लगा की कैसे सुबह किचन में साइड से शालु की गांड नज़र आ रही थी, इतना सोचना था की उसका लंड सख्त हो कर पूरी तरह से खड़ा हो गया। वो अपने लंड को पेंट के अंदर हाथ डाले मसलता रहा। आज उसे करीना से ज्यादा शालु के फिगर का ध्यान करना ज्यादा अच्छा लग रहा था। वो और आगे की सोचने लगा की जब शालु की ढीली सलवार में उसकी गांड इतनी बड़ी लग रही थी तो वो लेग्गिंग्स पहनती होगी तो कैसी लगती होगी। उसका निचला भाग और थाइस की शेप लेग्गिंग्स में बहुत ही कामुक दिखती होगी।
इतना सोचना था की उसे कुछ अजीब सा आनन्द महसूस हुआ और उसका शरीर कंपकपा उठा।उसने अपने लंड को मुट्ठी में कस के पकड़ लिया। जैसे ही उसने अपने शरीर को ढीला छोडा, अगले ही पल उसकी मुट्ठी उसके गाढे मुट्ठ से भर गई। वो अपने पेंट के अंदर ही पूरी तरह से स्खलित हो चूका था। उसकी पूरी मुट्ठी उसके सफ़ेद मुट्ठ से सन गई थी।।बंसल अब खुद को काफी रिलैक्स महसूस कर रहा था, उसने अपना हाथ पेंट से बाहर निकाला और अपनी हथेली को खोल के देखा। ओह इतने महीनो से मैं मुट्ठ मार रहा हूँ लेकिन कभी इतना ज्यादा मुट्ठ नहीं निकला था और निकला भी तो अपनी बेटी के बारे में सोच कर, बंसल अपनी हरकत से बहुत ही शरमिंदा था, उसने शीशे में खुद को देखा। उसके पेंट पे उसके मुट्ठ के धब्बे पड़े हुए थे। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था की अभी २ मिनट पहले ऐसा क्यों हुआ? कहाँ वो दुबई में लैपटॉप पे घण्टो पोर्न देख के मुट्ठ मारते और आज शालु के बारे में जरा सा सोचकर उसका ये हाल था।
आज से पहले कभी भी वो शालु के बारे में ऐसा नहीं सोचा था। उसे अपने आप पे पछ्तावा हो रहा था। उसने सोचा शायद ८ दिनों से मुट्ठ न मारने की वजह से ऐसा हुआ। और सुबह से उसने न तो कोई पोर्न देखी थी न ही किसी मैगज़ीन में किसी लड़की की गन्दी फोटो। सुबह अगर किसी जवान लड़की को देखा तो वो उसकी अपनी बेटी ही थी, और शायद इसलिये उसे मूठ मारते हुए उसके दिमाग में अपनी बेटी का चित्र सामने आ रहा था। वो अपने आप को दिलासा देते हुए बाथरूम में वॉशबेसिन का नल खोल कर अपना हाथ धोने लगा। तभी दरवाजे पे शालु ने आवाज़ लगाईं ।
शालु - पापा, आप कहाँ हो? मैं खाना लाई हूं।
बंसल - (जल्दी-जल्दी अपना हाथ साफ़ करते हुए) बेटी आ रहा हूँ बस २ मीनट। तुम खाना टेबल पर रख दो।
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