08-01-2016, 10:06 PM,
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desiaks
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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
केवल पेटीकोट और ब्लाउज में अपने सफ़ेद बदन को समेटे ..शरमाती, सकुचाती ..जूली ..
बहुत क़यामत लग रही थी ..
तिवारी अंकल ने करीब १५ मिनट तक उसको साड़ी पकड़ना, उसको लपेटना, प्लेट्स और पल्लू ना जाने क्या-क्या ..
जूली के हर एक अंग को छूते हुए, सहलाते हुए, दबाते हुए ..और चूमते हुए उन्होंने आखिरकार साड़ी को बाँध ही दिया ...
वैसे दिल से मैं भी तिवारी अंकल की तारीफ करने से नहीं चूका ...
क्या साड़ी बाँधी थी उन्होंने ..
जूली साड़ी में कभी इतनी सेक्सी नहीं लगी ...
मुझे पहले लग रहा था ..
कि केवल साड़ी बाँधने नहीं ..वल्कि जूली से मस्ती करने के लिए उन्होंने झूठ बोला होगा ...
मगर अंकल में टैलेंट था ...
वाकई ऐसी साड़ी कोई एक्सपर्ट ही बाँध सकता था ...
साड़ी पहने होने के बाद भी जूली का हर एक अंग ..का उतार चड़ाव साफ़ नजर आ रहा था ...
ब्लाउज और साड़ी के बीच ..उन्होंने, काफी जगह खुली छोड़ी थी ...
ब्लाउज तो जूली का पुराना वाला ही था ..जो शायद कुछ छोटा हो गया था ...
उसमे से उसकी दोसनो चूची ..गजब तरीके से उठी हुई ..अपनी पूरी गोलाई दिखा रही थी ...
और ब्लाउज इतना पतला, झीना था कि उसकी ब्रा का एक एक लेस और अकार साफ़ नजर आ रहा था ...
साड़ी उन्होंने नाभि से काफी नीचे बांधी थी ....
इसीलिए उसकी लुहावनी नाभि, सुत्वाकार पेट और कमर का कर्वे तो दिल पर छुरियाँ चला रहा था ..
अंकल ने जूली के हर खूबसूरत अंग को बहुत खूबसूरती से साड़ी से बाहर नंगा छोड़ दिया था ...
कुल मिलाकर एक आकर्षक सेक्स अपील दे दी थी उन्होंने ...
मैंने मन ही मन खुद उनको धन्यवाद दिया ...
जूली बहुत खुश दिख रही थी ...
वो बार बार खुद को ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी हो ..हर और से ..घूम घूम कर .... चारों ओर से देख रही थी ....
अंकल भी मुस्कुरा रहे थे ...
जूली: ओह थेंक्यु अंकल ...
आप बाकई बहुत अच्छे हो ...
मजा आ गया ...
अंकल ..ठीक जूली के पीछे पहुंच गए ...
उन्होंने अपना हाथ जूली के नंगे पेट पर रख उसको अपने से चिपका लिया ...
अंकल: देखा मेरी हीरोइन कितनी खूबसूरत है ...
जूली: हाँ अंकल आपने तो बिलकुल हीरोइन ही बना दिया ...
अंकल अपना हाथ जूली के पेट के निचले हिस्से तक ले गए ..
अंकल: बेटा जब बाहर जाओ तो कच्छी जरूर पहनकर जाना ...
जूली: अच्छा ..मैं तो पहनकर जाऊं ..और आप बिना अंडरवियर के ही आ जाओ ...
अंकल: हे हे हे अरे मेरा क्या है, ...तो तूने देख लिया ..
जूली: इतनी देर से ..आपसे ज्यादा तो... आपका पप्पू ही लुंगी के बाहर आ मुझे देख रहा था ..
मैंने ध्यान दिया कि अंकल ने केवल लुंगी और सैंडो बनियान ही पहनी थी ...
वैसे वो इन्ही कपड़ों में सब जगह घूम लेते थे ...
कभी कभी तो कॉलोनी के बाहर भी ...
हाँ उन्होंने अंदर अंडरवियर भी नहीं पहना था... ये नहीं पता था ..
अंकल: तुम्हे तो पता है बेटा मुझे पसीना बहुत आता है ..और फिर अंदर खारिज़ हो जाती है ..
इसीलिए अंडरवियर नहीं पहनता ...
तभी बिंदास जूली ने एक अनोखी हरकत कर दी ..
उसने अपना सीधा हाथ पीछे कर कुछ पकड़ा ..मुझे तो नहीं दिखा ...
पर वो अंकल का लण्ड ही था ...
जूली: लगता तो ऐसा है ...जैसे आपके पप्पू को ही कैद में रहने कि बिलकुल आदत नहीं है ...
जब देखो लुंगी से भी बाहर आ जाता है ...
अंकल: अह्ह्ह्ह्हाआआआआआ .हाँ ये भी है ...
जूली: अच्छा तो इसको यहाँ से तो दूर करो ना ..
कहीं मेरी साड़ी में ऐसी वैसी जगह धब्बा लगा दिया ..तो हो गया फिर ..
कल मैं क्या पहनकर जाउंगी ...
अंकल: अरे आअह्ह्ह्हाआआआ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
हेेेेेेेेेेेेे आःआआ
जूली: ओह अंकल ....ये क्या .....?????
उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मेरा हाथ ..........
हा हा हा ..लगता है अंकल संभाल नहीं पाये थे ...
जूली का हाथ लगते ही ...
उनका बह गया था ....
जूली ने ड्रेसिंग टेबल से रुमाल उठाकर ...अपना हाथ और अंकल का लण्ड भी साफ़ कर दिया ...
अंकल: सॉरी बेटा ...ह्ह्ह्ह ह्ह्ह वो मैं क्या ..??
जूली: अरे कोई बात नहीं अंकल ..
हा हा
हो जाता है ...
चलिए आपको साड़ी पहनने का इनाम तो मैंने दे दिया ..
ठीक है ...
अंकल: नहीं ये कोई इनाम नहीं हुआ ...
वो तो मैं तेरी प्यारी मुनिया पर चुम्मी करके लूंगा ..
उनका इशारा जूली कि चूत की ओर ही था ...
जूली: नहीं जी मैं अभी ये साड़ी नहीं उतारने वाली ..
आज में अपने जानू का स्वागत ऐसे ही करुँगी ..
अंकल: कोण जानू ..मैं तो यहाँ ही हू ...
जूली: हे हे ..... मैं आपकी बात नहीं कर रही हूँ अंकल ..
मैं रोबिन की बात कर रही हूँ ...
वो बस आते ही होंगे ..
अब आप जाओ प्लीज ...
अंकल: क्या यार ...बस एक चुम्मी ...
अच्छा मैं साड़ी नहीं उतरूंगा ..
बस ऊपर करके ले लूंगा ...
अंकल जूली की साड़ी फिर से ऊपर करने लगे थे .
मुझे लगा कि अगर जोश में आ उन्होंने कहीं साड़ी खोल दी तो मैं अपनी जान को ऐसे कपड़ों में प्यार नहीं कर पाउँगा ...
बस मैं दरवाजे तक गया ..
और ज़ोर से खोलते हुए ...
मैं: अरे तुम आ गई जान ....
जाआआआं न कहाँ हो ????
.......
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