05-04-2021, 11:55 AM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
ब्यूटी पार्लर
' कितना काम बचा है तुम्हारा "
मैंने पुछा।
" ज्यादा नहीं बस मुश्किल से १०-१५ मिनट का। "
वो फिर एक्सेल शीट में धंसते बोले।
मेरे मोबाईल पे जेना का मेसेज था , वही जो १५-२० दिन में मेरे चेहरे पे जादू करती थी , एक एक्सक्लूसिव सैलून था उसका।
आधे घंटे बाद मेरा अपवाइंटमेंट था वही कन्फर्म करना चाहती थी।
उन्हे देखकर मुझे कुछ सूझा और मैंने उसे मेसज किया वो मान गयी.
ड्राइव कर के वही ले गए लेकिन जब मैंने अंदर चलने को कहा तोवही ना नुकुर , मेरा क्या होगा।
लेकिन वो भी जानते थे और मैं भी ना नुकृर १-२ मिनट से ज्यादा नहीं चलती और उसके बाद वो भी अंदर।
और वहां मिली तनु और मेरी मुँहबोली छोटी बहन।
अभी उसने साल भर का ग्रूमिंग कोर्स पूरा किया था।
पहली बार इनसे मिली थी।
" दी मैं इनको जीजू बोल सकती हूँ न "
हंस के उनसे हाथ मिलाते वो बोली।
"नहीं बोलेगी तो पिटेगी मेरे हाथ से बहुत , "
मैंने बोला.
जेना ने मुझे चेयर पे बैठा दिया और तनु ने उन्हें और बोला ,
" डरिये मत जीजू मैंने यूनिसेक्स ग्रूमिंग कोर्स किया है लड़के लड़कियों दोनों का ".
उसने ऐसा मसाज शुरू किया की उन्हें आलमोस्ट नींद आ गयी।
पेडीक्योर , मेनिक्योर और जब चेहरे का नंबर आया तो मैंने अपनी ऊँगली से नाक के नीचे लगा के सीधे साफ करनेका इशारा किया
और जोर से आँख मारी।
तनु ने भी सर हिला के हामी भरी.
और जब वो निकले वहां से बस रूप निखर आया दुल्हन का।
गोरे ,चिकने ,शार्प फीचर्स तो पहले ही थे उनके अब और , ,… लेकिन सबसे बड़ी बात इतनी दिनों की खेती एकदम साफ।
( ये इनके लिए पौरुष का एक झंडा था , " मूंछ तो मर्द की शान होती है। बट नाउ इट वाज गान ,गान फॉरएवर )
कार में मैंने समझाया भी ,
" अरे यार साल्ली है तुम्हारी , आजायेगी कुछ दिन में वैसे ही , और फिर मेरा फायदा होगया न "
" वो कैसे " उन्होंने पूछा।
'ऐसे "
दोनों हाथों से उनके सर को पकड़ के जोर से उनके भूतपूर्व मूंछों की जगह जोर से मैं किस कर के बोली ,
" मोर प्लेस फॉर किसिंग यार ".
उनको मैंने ढांढस तो दिला दिया ,
लेकिन मुझे और तनु को साफ मालूम था की उसने सिर्फ शेव नहीं की थी बल्कि वैक्सिंग भी
और साथ साथ उसने जो इम्पोर्टेड हेयर रिमूविंग क्रीमलगाई है .
अगले डेढ़ दो महीने तक मूंछ क्या इनके चेहरे पे रोएँ भी नहीं आएंगे।
मैंने फिर उनका चेहरा सहलाते हुए कहा ,
" बुरी नजर से बचा के रखना इसे ,एकदम मकखन लग रहा है , चिकनी चमेली। "
और जोर से गाल पे पिंच कर लिया।
गाडी सब्जी मंडी के बीच से चल रही थी , एकदम धीरे।
तब तक मेरी निगाह सड़क पर बैठी एक सब्जीवाली के पास बिक रहे टिकोरों पर पड़ गयी।
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
टिकोरे , कच्चे
गाडी सब्जी मंडी के बीच से चल रही थी , एकदम धीरे। तब तक मेरी निगाह सड़क पर बैठी एक सब्जीवाली के पास बिक रहे टिकोरों पर पड़ गयी।
और जोर से मैं चीखी , हे गाडी रोको , जल्दी , रोको न।
और उन्होंने तुरंत ब्रेक मार के ,मेरी ओर अचरज देखते हुए कहा " हुआ क्या , "
" वो सब्जी वाली को देख रहे हो न , टिकोरे बेच रही है।
प्लीज जाके आधे किलो ले आओ न। बहुत अच्छे लग हैं , है न। लेकिन हाथ से दबा के चेक कर लेना।
कड़े होने चाहिएएकदम , कच्चे भी चलेंगे। प्लीज जाओ न। "
बड़ी मुश्किल से मैं अपनी मुस्कराहट रोक पा रही थी , जब वो नीचे उत्तर कर उस सब्जी वाली के पास गए।
मुझे अपनी ननद कम सौतन याद आ गयी ,
" मेरे भैया , टिकोरे , छूना भूल जाइए , नाम भी नहीं ले सकते। "
कार के शीशे से मैं देख रही थी।
एक एक दबा के चेक कर के ही वो ले आ रहे थे।
रात को उसकी चटनी बनायीं मैंने , और ऊँगली में लगा के उनकी ओर बढ़ाई और खुद चट्ट कर गयी।
वाउ क्या मस्त स्वाद है , उन्हें सुना के ललचाते मैं बोली। लेकिन फिर उन्हें वार्निंग भी दी
" चाहिए तो मांगना पड़ेगा "
" चटनी चटाओ न "
बड़े द्विअर्थी अंदाज में बोले।
" किस चीज की ,साफ साफ बोलो न "
मैंने और उकसाया।
कुछ देर तक तो वो हिचके ,फिर रुकते रुकते बोले
" टिकोरे की "
" अरे लो न मेरे रज्जा "
और न सिर्फ उन्हें चटनी चटाई बल्कि आधे से ज्यादा उन्होंने ही साफ की।
" अगर टिकोरे की चटनी खाने की मेज पर भी आ जाय न , तो भैय्या ,मेज से उठ कर चले जायेंगे "
.
अगर आज वो ज़रा सा भी नखड़ा करते तो मैं उनकी माँ चोद देती।
लेकिन उनकी माँ बची नहीं , रात में।
बहुत दिन बाद रात में तीन बार , और हर बार पहले मैं , बहुत जोश में थे वो।
एक बूँद हम रात में नहीं सोये।
वो इत्ते जोर जोर का धक्का मार रहे थे की मेरी चूल चूल ढीली हो गयी।
" अरे यार मेरी सास का भोंसड़ा नहीं है जो इत्ती ताकत से , हचक हचक के पेल रहे हो , जरा आराम से। "
वो एक पल के लिए शरारत से मुझे देखते रहे , खूंटा पूरा जड़ तक घुसा हुआ था।
मैंने फिर वार्न किया ,
" अगर तुमने दुबारा ऐसे तेज पेला न तो मैं समझ जाउंगी , तुम मेरी सास का भोंसड़ा समझ के ही ,… "
बस क्या था , उन्होंने मेरी दोनों कलाई जोर पकड़ीं , सुपाड़े तक लंड बाहर निकाला , और क्या धक्का मारा ,
मेरी पांच छ चूड़ियाँ चुरुर मुरुरु करते टूट गयीं ,सीधे मेरे बच्चेदानी पे लगा।
मैं हिल गयी , और उन्होंने फिर निकाल के , दरेरते ,रगड़ते , उससे भी तेज।
पांच धक्के एक के बाद एक ,
मैं गालियां देती रहीं
तेरी माँ की , तेरे सारे मायकेवालियों की ,...
हर धक्का सीधे बच्चेदानी पे और जब मैं झड़ गयी तभी उन्होंने कुछ रफ्तार कम की।
मेरे बिना कहे दो बार डॉगी पोज भी
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05-04-2021, 11:56 AM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग ११
मैं एक दिन बाजार से आ रही थी , इनके साथ।
और मैंने देखा , फलों की दूकान पे आम आगये थे ,
दसहरी ,लंगड़ा ,चौसा।
मेरी चमकी।
मेरी तो सोच सोच के सुरसुरी होने लगी , ' वहां '
एकदम देह गिनगिनाने लगी , एक बार मैंने उनकी ओर देखा और फिर अपनी ननदिया की इमेज याद आ गयी
" भाभी भइया , आम खाना तो छोड़िये उसका नाम भी नहीं ले सकते "
और मैं उसकी फ्राक में झांकती छोटी छोटी कच्ची अमिया पर चिकोटी काटते चिढ़ाया ,
" अरे तूने ये अपने कच्चे टिकोरे उन्हें चिखाये की नहीं , शर्तिया खा ले ते "
बस एक बार किसी तरह इन्हे आम खिला दूँ , बस ननद रानी की कच्ची अमिया तो ये कुतरेंगे ही ,
मैं तो भूल ही गयी थी अपनी शर्त ,छुटकी ननदिया के साथ ,
इन्हे आम खिलाने की वो भी उसके हाथ से।
और मैं अगर शर्त जीत जाती तो फिर वो मेरी गुलाम चार घंटों के लिए।
"यार कित्ते रसीले आम आये हैं। मुझे तो बहुत अच्छे लगते हैं। "
मैंने जान बूझ के उन्हें सुनाते हुए कहा।
वो एकदम से सिहर गए ,लेकिन कुछ बोले नहीं ,
और मैं मन ही मन मुस्कराती रही।
घर पहुँचने पर उनके आफिस का कोई मेल था , उन्हें अपना अगले तीन चार महीने का लीव प्लान भेजना था।
और वो मैंने तय कर दिया ,
" सुन यार , बहुत दिनों से तेरे मायके नहीं गए हैं। और जेठानी जी का फोन भी आया था ,
जुलाई एंड में तेरी मांम और भैया , कहीं तीर्थ यात्रा पे शायद एक हफ्ते के लिए जा रहे हैं , वो बुला रही थी तो ७ दिन के लिए तो तुम वही बना लो। "
उन्होंने प्लान कर लिया ,लेकिन मेरी आँखे कैलेण्डर पे टहल रही थीं।
अभीजून का महीना चल रहा था , और १२ दिन बाद उन की बर्थ डे थी ,
पहली जुलाई।
"एक काम करो , एक कोई है जिसकी बर्थ डे आने वाली है। "
मैंने कहा।
" कौन है ,? "
बनते हुए उन्होंने पूछा। जान वो भी रहे थे , लेकिन सुनना चाहते थे।
और मैंने घुड़क दिया ,
" तुमसे मतलब ,हर चीज जानना जरूरी है क्या ?"
और फिर प्यार से उनके गाल चूम लिए और हंस के बोली ,
" अरे यार है कोई , मैं उसे बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूँ , खूब सोना सा है ,मुन्ना मेरा ,
लेकिन कभी कभी बदमाशी करता है तो उसके कान का पान भी बनाना पड़ता है। "
और मैंने सच में उनके कान के पान बना दिए , फिर उन्हें साफ साफ इंस्ट्रक्शन दे दिए ,
"पहली जुलाई को छुट्टी ले ले तू यार, सेकेण्ड और थर्ड को सैटरडे ,सन्डे। बस लांग वीकेंड।
कही जाएंगे वायंगे नहीं , बस यहीं घर पे , अपने सोना की बेबी की बर्थडे हाँ और ३० कोजल्दी आफिस से , पांच बजे तक घर। "
एक बार फिर उनके होंठ चूमते मैं बोली।
शाम को हम लोग फिर सुजाता के यहाँ से आ रहे थे , रास्ते में हम दोनों एक फ्रूट जूस स्टाल पे रूक गए।
" क्यों मैंगो जूस है क्या भैया "
मैंने उस से पुछा।
इनकी तो हालत ख़राब , .... लेकिन।
मैंने इनकी ओर देखा , बड़ी मुश्किल से ये नारमल लगने की कोशिश कर रहे थे।
इतना मजा आया मुझे की बता नहीं सकती।
फिर मैंने स्टाल वाले को बोलै
" भइया , दो ऑरेंज जूस "
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05-04-2021, 11:56 AM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
बर्थडे के, ..... पहले
उनकी हरदम चाय पीने की मायके की आदत मैंने छुड़वा दी थी , फ्रूट जूस वो भी , सिर्फ फ्रेश।
और मैं उनको हमेशा के लिए , पूरी तरह बदल देना चाहती थी टोटल चेंज।
और उस री- बर्थ के लिए ऊनके बर्थडे से अच्छा दिन और क्या होता , इसलिए तीन दिन पूरी तरह ,
बर्थ डे या डी डे के दो दिन पहले २९ जून को हम बाजार गए ,
" सुनो यार तुम सामने वाली जो फ्रूट शाप है न वहां से दो किलो दसहरी , दो किलो लंगड़ा आम ले लेना ,
केले और अंगूर भी। हाँ ,जरा छू के दबा के देख लेना , कच्चे तो नहीं हैं मैं जरा इस कॉस्मेटिक शाप से ,"
बिचारे।
मैं बगल की दूकान से देख रही थी , झिझकते , घबड़ाते , लेकिन लिया उन्होंने और चेक भी किया।
उसके बाद एक पोल्ट्री शाप से , कुछ एग्स , मटन ,
और फिर एक वाइन शाप से रम , व्हिस्की , वोडका
और भी बहुत सी चीजें।
मेरी अपनी जो टेलर थी ,उसके यहां भी मैं उनको ले गयी ,कुछ उसे नाप जोख करनी थी , पर वो मुस्करा के बोली ,
आधे घंटे में आइये थोड़ा सा फिटिंग ,
उतना टाइम हमने ब्यूटी पार्लर में गुजारा ,
आज तनु अकेली थी
लेकिन आज उसने भी और भी ज्यादा ,लाइट ब्राइडल मेकअप , और सारे कॉस्मेटिक्स पक्के ,
पांच छ दिन तो छूटने वाले नहीं।
और अगले दिन जब वो घर में आये ,बर्थ डे या डी डे की पहली वाली शाम , …
३० जून
बाहर दरवाजे पर ताला बंद था और एक नोटिस लगी थी।
पीछे के दरवाजे से आओ ,
वहां एक दूसरी नोटिस थी ,
सीधे बाथरूम में जाओ।
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05-04-2021, 11:56 AM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
इंस्ट्रक्शंस
३० जून
इंस्ट्रक्शंस
३० जून
बाहर दरवाजे पर ताला बंद था और एक नोटिस लगी थी।
पीछे के दरवाजे से आओ ,
वहां एक दूसरी नोटिस थी ,
सीधे बाथरूम में जाओ।
बाथरूम की दीवाल पर इंस्ट्रक्शन की लिस्ट थी ,
• नो हेयर बिलो आईज। ,
• सोक योरसेल्फ इन टब फॉर हाल्फ एन हावर , टेक ड्रिंक केप्ट ऑन टेबल, फिनश ड्रिंक।
• शैम्पू ट्वाइस , सोप थारोली , एवरी पार्ट
• क्लीन आल योर होल्स , थारोली , यूज सोप , ब्रश ,योर फिंगर्स ,
बट क्लीन इट एंड चेक बिफोर कमिंग आउट।
थोड़ा वो झिझक ,सकुचा रहे थे , लेकिन उन्होंने सारे ,....
और जब सवा -डेढ़ घंटे में साफ सुथरे , रिफ्रेश होके निकले
तो एक और इंस्ट्रक्शन की लिस्ट बाथरूम के दरवाजे के अंदर की ओर चिपकी थी।
• अच्छी तरह पोंछ और सुखा लो।
•
• सारे कपडे और टॉवेल लाँड्री बास्केट में डाल दो
•
• सिर्फ बाथरूम स्लीपर पहन कर बेडरूम में जाओ
•
• बिस्तर पर इन्तजार करो
•
• डोंट टच योर सेल्फ बिलो द वेस्ट
•
• हाँ , अपने 'निप्स ' टच करो ,सोचो ये तेरे 'माल' के हैं।
और वो बेडरूम में आ गए।
एक काली साटन की बड़ी सी बेडशीट डबल बेड पर बिछी हुयी थी। कई बड़ी ऐरोमैटिक कैंडल हलकी हलकी जल रही थी।
वो किंग साइज़ ड्रेसिंग टेबल के मिरर के सामने खड़े हो गए और अपना रिफ्लेक्शन देखने लगे।
वहां एक और इंस्ट्रक्शन शीट लगी थी।
गो स्ट्रेट टू बेड ऐंड लाइ डाउन।
यूज द हैंडकफ , हैंगिंग विद बेड पोस्ट्स एंड टाई योर राइट हैण्ड।
वेट फॉर मी।
और नीचे सिग्नेचर की जगह मेरे होंठों के निशान थे पिंक लिपस्टिक में।
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग १२
बर्थडे या री -बर्थ ,
एक नया जीवन , नया अंदाज़
और वो बेडरूम में आ गए।
एक काली साटन की बड़ी सी बेडशीट डबल बेड पर बिछी हुयी थी।
कई बड़ी ऐरोमैटिक कैंडल हलकी हलकी जल रही थी।
वो किंग साइज़ ड्रेसिंग टेबल के मिरर के सामने खड़े हो गए और अपना रिफ्लेक्शन देखने लगे।
वहां एक और इंस्ट्रक्शन शीट लगी थी।
गो स्ट्रेट टू बेड ऐंड लाइ डाउन।
यूज द हैंडकफ , हैंगिंग विद बेड पोस्ट्स एंड टाई योर राइट हैण्ड।
वेट फॉर मी।
और नीचे सिग्नेचर की जगह मेरे होंठों के निशान थे पिंक लिपस्टिक में।
वह इन्तजार करते रहे ,
आधे घंटे बाद मैं आई ,
………………………………….
ब्लैक विनाइल कॉर्सेट , पुशिंग आउट माई फर्म एंड वेरी हार्ड बूब्स ,
लांग ब्लैक बूट्स विद 3. 5 इंच हील्स कवरिंग आलमोस्ट अप टू नीज़ ,
फिशिंग नेट ब्लैक स्टॉकिंग,
लांग जेट ब्लैक हेयर टाइड इन अ पोनीटेल ,
डार्क कोल फिल्ड पियर्सिंग आईज एंड विद अ लॉन्ग व्हिप इन माई हैण्ड।
मैंने जरा सा कोड़े को झटका दिया और उनकी आँखों में एक मजे और डर की मिली जुली लहर दौड़ गयी।
बो , मैं एक डॉमीनेटरिक्स की तरह गरजी।
वो सहम कर एकदम झुक गए।
किस ,
मैंने अपने चमकते जूते आगे बढाए।
और तुरंत झुक कर उन्होंने जूते चूम लिए।
लिक इट क्लीन ,
मैंने फिर बोला।
और वह चालू हो गए।
रिमूव माई शूज ,
और उन्होंने दोनों जूते उतार दिए। [
अब मैंने अपना पैर पलंग पर रख दिया।
उनका दायां हाथ पलंग से बंधा हुआ था और कुछ भी करना मुश्किल था।
कमरे में हलकी हलकी मखमली रौशनी थी , बस कुछ कैंडल्स की जो पलंग से कुछ दूर थे।
मैंने अपना कॉर्सट उतार दिया और अब मेरे भरे उरोज कसी कसी ब्रा में छलक रहे थे।
मेरे एक इशारे पे उन्होंने मेरी स्टॉकिंग उतार दी।
अब मैं सिर्फ ब्रा और थांग में थी।
और अब अगला अध्याय शुरू हो गया।
मैंने एक स्विच दबाया और रोशनी का एक गोला , सिर्फ वहीँ जहाँ मैं खड़ी थी , बिस्तर से कुछ दूर ,
साथ ही हलका हलका इरोटिक म्यूजिक भी शुरू हो गया।
और मैं बहुत नशीले ढंग से हलके हलके ,
वो सिर्फ पेरी पीठ , मेरा पिछवाड़ा देख सकते थे।
मेरी लम्बी उंगलिया , मेरी पीठ पे टहल रही थीं और ब्रा के हुक को खोलने की कोशिश कर रही थीं।
वो एक टक मुझे देख रहे थे।
मेरी उँगलियाँ ब्रा के हुक से खेल रही थीं ,
लेकिन अचानक ब्रा के हुक को छोड़कर मेरे गदराये भरे भरे नितम्बो को वो सहलाने लगीं।
एक्स्पोजिंग माई पर्ट ,फर्म रियर ,
मैं उनकी ओर मुड़ी और , अपनी बड़ी बड़ी आँखों को झपकाया
और स्कारलेट रेड नाखूनों
से थांग को थोड़ा सरकाया।
" डू यूं वांट इट बेबी। "
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05-04-2021, 11:57 AM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
" डू यूं वांट इट बेबी। "
………………
हालत खराब थी ,बिचारे की। मुश्किल से बोल फूट रहे थे,
" हाँ ,हाँ , प्लीज , दो न "
एकदम बेताब वो
" और क्या करोगे इसके लिए तुम "
मुस्करा कर मैंने पूछा।
" कुछ भी , कुछ भी ,जो तुम कहोगी , प्लीज ,"
बिचारे बेसबरे हो रहे थे।
"पक्का ,… "
मैंने फिर पूछा ,और अब मैं उनके चेहरे के पास झुकी हुयी थी।
मेरी लम्बी लम्बी उंगलिया , मेरी लेसी ब्रा के ऊपर फिसल रही थीं ,
ब्रा सेआधे निकले मेरे गोरे गोरे ,गदराये उभारों को और उचका रहीं थी ,दबा रही थीं।
" हाँ ,हाँ कुछ भी ,कुछ भी। "
उन की आवाज अब अटक रही थी , थूक गटक के उन्होंने बोला।
" ओके लेट मी आस्क , विल यू फक योर माल , लोगे उसकी "
मैंने रेशमी ,लरजती आवाज में बहुत हलके से पूछा।
:" हाँ हाँ , एकदम "
" मुन्ना ,तू उसे चोदना चाहते हो ना , बताओ न मुझे "
मैंने एकदम उनके चेहरे के पास जा के बोला और साथ ही मेरी ब्रा एक झटके से खुल गयी ,
सीधे उनके चेहरे पे।
लेकिन मेरे जोबन अभी भी मेरी दोनों हाथों की उँगलियों के परदे के पीछे छिपे थे।
" हाँ ,हाँ चोदना चाहता हूँ , चोदूंगा उसे "
उन्होंने कबूल कर लिया।
मेरा एक पैर भी अब पलंग पे था और मैं उन के ऊपर झुकी थी।
" तो तू बहनचोद बनेगा न , चल बना दूंगी बहनचोद तुझे "
और अब मेरे उरोज एक दम अनावृत्त हो गए।
मेरा एक हाथ उनके बाल सहला रहा था ,
दूसरा उनके गोरे नमकीन चेहरे को केयरेस कर रहा था।
और मैंने तर्जनी का लम्बा नाख़ून उनकेमालपूये ऐसे गाल में धंसा दिया।
जोश के मारे उनकी हालत खराब थी , मैंने कनखियों से देखा , खूंटा एकदम खड़ा था , पूरा तन्नाया , टनाटन।
लेकिन अभी उसे आज बहुत वेटकरना था।
" बहनचोद मौके पे पीछे मत हटना , "
मैंने इस बार अपने गुलाबी रसीले होंठ , आलमोस्ट उनके होंठ के पास ले जा के बोला।
वो बेचैन हो रहे थे ,लेकिन एक हाथ बंधा था इसलिए फंसे बंधे , उठना असंभव था।
" नही , नहीं , "
और अब उनकी आँखे मेरी गोरी गोरी फैली जाँघों के बीच चिपकी थी , जहाँ मेरी दो उंगलिया मेरे रेड थांग के ऊपर से रगड़ रही थीं।
अगले ही पल थांग खुल कर सीधे उनके 'खूंटे ' पे मैंने उछाल दिया ,
हैप्पी बर्थडे
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05-04-2021, 11:57 AM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
हैप्पी बर्थडे
हैप्पी बर्थडे
और मैं उनके ऊपर ,
………………………….
मैं उन्हें चूम रही थी , उनके गालों , होंठों ,चेहरे के ऊपर अपने होंठ रगड़ रही थी कचकचा कर ,
और मेरे भारी भारी उरोज उनके सीने पे हलके सहला रहे थे ,
उन्होंने एक हाथ से मुझे पकड़ने की कोशिश की , लेकिन मैं थोड़ा ऊपर हट गयी।
उनकी आँखों में झाँक कर मैंने देखा और कड़ी आवाज में उन्हें मना कर दिया ,
"नो ,बर्थडे ब्वॉय विल ओनली फॉलो आर्डर्स ,अंडरस्टैंड। "
और तुरंत सहम कर उन्होंने हाथ पलंग पर कर लिया।
साइड टेबल पर रखी एक प्लेट मैंने खोली , उसमे एक खूब लम्बा ,मोटा ,कड़ा केला और अंगूर के गुच्छे रखे थे।
केला मैंने उठा के उन्हें दिखाते हुए अपने कड़े कड़े ,कंचे ऐसे साइज के निप्स पे पहले तो हलके से दबाया ,
फिर अपनी चूंचियों के चारो ओर हलके हलके सहलाया।
और उसके बाद अपने दोनों जोबन के बीच उसे दबा के ,
अपने दोनों हाथों से उरोजों को उसके ऊपर मसल रही थी जैसे जोर जोर से उसे टिट फक कर रही होऊं ,
और साथ में , सिसकियों की ,मस्ती की आवाज , मेरी आँखे आधी बंद थी।
आई वाज मोनिंग इन ज्वाय
एंड सो वाज ही ,…
इन फ्रस्ट्रेशन एंड अराउजल।
और वहाँ से थोड़ी देर में ,
वो मेरे निचले लव लिप्स पे , केयरेस कर रही थी , अपने भगोष्ठों को रगड़ रही थी सिसकियाँ भर रही थी
फिर उन्हें दिखाते हुए गोल गोल , उसके टिप को अंदर घुसाना शुरू कर दिया।
मस्ती के मारे उनकी हालत ख़राब थी , लेकिन हैंडकफ से बंधे होने से।
दो इंच अंदर घुस गया था , फिर मैंने अपनी कलाई की ताकत से उसे अंदर ठेलना शुरु कर दिया ,
मैं कभी सिसकती , कभी चीखती , लेकिन मेरा पूरा ध्यान मेरी प्रेम गली में घुसते केले पे था , और उनकी निगाहें भी वहीँ चिपकी थीं।
कुछ देर में छ इंच अंदर था।
लेकिन अभी भी काफी बाहर था। मैंने उसे गोल गोल घुमाना शुरू कर दिया और वह पूरी तरह मेरे रस में भीग गया।
और फिर एक झटके में निकाल के सीधे उनके होंठों पे ,
मेरे कहे बिना उन्होंने मुंह खोल दिया और धीमे धीमे सारा , गड़प।
और अब अंगूर की बारी थी।
जैसे कोई हूर सीधे अरेबियन नाइट्स के पन्नों से बाहर उतर आई हो ,
अंगूर के गुच्छे सीधे मेरे उरोजों से सटे ,मेरे निपल्स से अठखेलियां खेलते ,
और जब वो निपल की तलाश में होंठ खोलते ,जीभ बढ़ाते ,
तो वो मेरे निचले होंठों के बीच
और मेरे निचले होंठों को सहलाने दुलराने के बाद , उसके अंदर से निकल कर वही अंगूर उनके होंठों के बीच
( और बाकी फलों की तरह अंगूर भी उनके नो नो लिस्ट में था )
कभी मैं अपने निप्स को सहलाती , कभी अपने कड़े , खड़े तन्नाए निप्स को उंगलियों से फ्लिक करती और वो बेचारा बौराया , मेरे जोबन का दीवाना
कई बार तड़पाने ,तरसाने के बाद आखीर बर्थडे ब्वॉय को मैंने निपल दे ही दिया ,
और बेसबरा वो , जोर जोर चूसने लगा।
जब वो रसीले निप्स में बिजी थे,
मैंने पलंग पर पड़े अपनी ब्रा और थांग उठाया , और सीधे जबरदस्त ब्लाइंड फोल्ड ,
उनकी आँखे बंद।
एक हाथ पहले ही हैंडकफ से बंधा था और
अब ब्लाइंड फोल्ड भी,…
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग १३
आम रस -काम रस
और अब मैंने दूसरी प्लेट खोली ,
लम्बे लम्बे सुनहले रसीले आम की फांके ,
एक साथ मैंने दो लम्बी फांक निकाली
और सीधे मेरी चूत में।
लम्बी लम्बी फांके थी , पांच छह इंच लम्बी और आधी से ज्यादा बाहर।
और अब मेरे निचले होंठ , उनके होंठो चिपके।
सक इट बेबी , सक इट हार्ड , सक , यस्स यस्स टेक इट।
और वो चूस रहे थे , पूरी ताकत से , जोर जोर से।
थोड़ी ही देर में फांकों के टुकड़े उनके मुंह में थे और चूसने की रफ्तार और बढ़ गयी थी।
मैंने नीचे की ओर देखा।
इनका लिंग कभी इत्ता तना , इत्ता कड़ा मैंने इसके पहले नहीं देखा।
और कुछ ही देर में प्लेट में रखी सभी फांके , मेरी प्रेम गली से इनके मुंह में ,
और अब हम 69 की पोज में थे।
उनके होंठ अभी भी मेरी चूत से चिपके आम का रस ,चूस चाट रहे थे।
और मेरे होंठ , उन्होंने प्यार से 'दुल्हन ' का घूंघट खोल दिया ,और सुपाड़ा मेरे होंठों के बीच,
क्या मस्त कडा था ,कदम खूब फूला , लाल , मेरी जीभ की टिप सीधे 'पी होल ' ( पेशाब के छेद ) पे , और मैं जोर जोर से सुरसुरी करने लगी।
जवाब उन्होंने पूरी ताकत से मेरी आम रस से पगी भीगी चूत को पूरे ताकत से चूस कर दिया ,
और बची खुची आम की फांके , मेरी प्रेमगली से सीधे उनके मुंह में,
मेरे होंठ अब प्यार से सुपाड़े को दबोचे हुए थे और जीभ चारो ओर ,लप लप ,लप लप,…
नीचे मेरे अंगूठा और तर्जनी , जोर से मोटे पगलाए बांस के बेस को दबाये हुआ था।
एक पल के लिए मैंने सुपाड़े को आजाद किया ,
बगल में एक प्याला अल्फांसो के ढेर सारे छोटे छोटे टुकड़े , और आइस क्यूब से भरा हुआ था।
अगले ही पल मेरे अल्फांसो , आइस क्यूब भरे मुंह में फिर उनका सुपाड़ा कैद था ,
और बर्फ के पहले स्पर्श से ही वो जोर से चीखे ,
लेकिन इत्ते मस्त कड़े कड़े सुपाड़े को मैं ऐसे थोड़े छोड़ने वाले थी , मैंने और जोर जोर से चूसना शुरू किया।
मेरे दूसरा हाथ सीधे उनके बाल्स पे , जोर से मैंने उसे भी दबोच लिया।
मैं उनके मोटे कड़ियल चर्मदण्ड को जोर जोर से मुठिया रही थी ,
दूसरा हाथ उनके बाल्स को कभी सहलाता और कभी दबोचता और अब आधे से ज्यादा बांस मेरे मुंह में था।
फिर मैंने उनके पिछवाड़े भी मोर्चा खोल दिया।
मेरी ऊँगली पहले उनके गोल कुइयां के आस पास चक्कर काट रही थी , फिर नाख़ून स्क्रैच करना शुरू किया , और थोड़ा सा अंदर।
मेरे होंठ कभी बहुत रोमांटिक ढंग से हलके हलके , प्यार से उनके सुपाड़े पे , खूंटे पे रगड़ते , छेड़ते ऊपर नीचे होते तो , और कभी एकदम जोर से , शरारत से हलके से दांत लगा देते , पूरी ताकत से उनका सुपाड़ा दबा देता।
और अल्फांसो के सुनहले टुकड़े ,उनके मोटे कड़े सुपाड़े से बार बार रगड़ रहे थे ,घिस रहे थे।
मैंने मुठियाने की रफ्तार तेज कर दी। मेरा अंगूठा उनके लंड के बेस को खूब जोर से दबा रहा था ,
और गचाक से , अपनी कलाई के पूरे जोर से मैंने एक ऊँगली पूरी ताकत से उनके पिछवाड़े पेल दी।
बस एक भयानक एक्सप्लोजन ,
लेकिन मैंने सारी मलाई अपने मुंह में रोप ली और जोर जोर से मुठ मारने लगी।
मेरे होंठ पूरी ताकत से चूस रहे थे , और जब मेरी ऊँगली ने पिछवाड़े ,अंदर प्रोस्ट्रेट को ऊँगली मोड़ के दबाया ,
तो एक बार फिर से , पहले से भी ज्यादा जोर से खूब गाढ़ी थक्केदार मलाई ,
मेरा पूरा मुंह भरा हुआ था , गाल फूला हुआ।
मुश्किल से मैंने सम्हाला हुआ था।
अल्फांसो के टुकड़े ,मलाई में अच्छी तरह भीगे ,गीले ,
और अब एक बार मैं फिर मुड़ी , मेरे होंठ सीधे उनके मुंह पे ,
और मेरे मुंह का रस पूरा उनके मुंह में और साथ में मेरी जीभ भी ,
उनके होंठ मेरे होंठों ने जबरन सील कर रखा था ,
और उंगलिया अभी भी हलके हलके थोड़े सोये जगे ,थके 'खूंटे' को सहला रही थीं।
एंड ही हैड टू गल्प एवेरी पीस आफ कम सोक्ड मैंगोज।
उसके बाद भी मैं अपने होंठ उनके होंठों पे रगड़ती रही। होंठों पे लगा हुआ सब लिंग रस
" क्यों कैसा लगा मैंगो शेक,मजा आया खूब। "
आँख नचा के मैंने चिढ़ाया।
आखिरी कम सोक्ड टुकड़े अभी भी उनके मुंह में थे।
लेकिन ये तो अभी शुरुआत थी।
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05-04-2021, 11:58 AM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
रसीली फँकियां
आखिरी कम सोक्ड टुकड़े अभी भी उनके मुंह में थे।
लेकिन ये तो अभी शुरुआत थी।
मैंने उनकी हथकड़ी खोल दी , लेकिन ब्लाइंडफोल्ड अभी भी रहने दिया।
ढेर सारे मैंगो पीसेज अब मेरे जुबना पे ,
मैं उन्हें गाइड कर रही थी , और ढूंढ ढूंढ कर एक एक पीस उन्होंने गड़प कर लिया।
कुछ ही देर में वो फिर'तैयार', थे , और इस बार मैंने उन्हें अपने ऊपर आने दिया।
हम दोनों पागल हो रहे थे।
वो वेयर ,रेस्लिंग, बाइटिंग ,
स्क्रैचिंग, ग्रोपिंग , हगिंग ,स्क्वीज़िंग इच अदर।
उनकी उँगलियाँ , होंठ मेरे उभार ढूंढ रहे थे
और मेरी उँगलियों ने उन्हें रास्ता दिखा दिया ,
फिर क्या जबरदस्त रगड़ाई , मसलाई हुयी मेरी चूंचियों की।
मुश्किल से एक पल के लिए मैंने उन्हें अपने उरोजों से हटाया , और
फ्रेश क्रीम के साथ एक कप में आम की फांके रखी थी , मैंने निकाल के दोनों जोबन पे , सब की सब ,
और एक बार फिर दोनों हाथों से उनके सर को पकड़ के ,
होंठों को सीधे वहीँ ,
फिर तो नदीदों की तरह , एक एक करके , सब की सब पीसेज ढूंढ ढूंढ के , उनके होंठों ने ,गड़प।
ब्लाइंड फोल्ड अभी भी आन था।
सबसे ज्यादा हालत ख़राब थी उनके 'उसकी' , एकदम तन्नाया ,बौराया ,पगलाया ,मदमस्त।
बिचारा ,
मैंने उसे गाइड कर प्रेमगली का रास्ता दिखाया लेकिन एक बार 'दरवाजे ' पे पहुंचते ही ,मेरी पतली कमरिया को दोनों हाथों से पकड़ के ,
क्या धक्का मारा ,मुझे बंद कमरे में तारे नजर आ गए ,
और साथ में उनके होंठ कभी फ्रेश क्रीम मिली आम की फांको का स्वाद ले रहे थे मेरे कड़े कड़े जुबना पर से तो कभी कचकचा कर निपल काट लेते।
अब सिसकने की ,चीखने की बारी मेरी थी। कुछ दर्द से ,कुछ मजे से।
क्या जबरदस्त धक्के मारे उन्होंने , हचक हचक कर।
और लता की तरह मेरी लम्बी गोरी टाँगे भी उनकी कमर से जाके लिपट गयीं , और जोर जोर से अपनी ओर खींचने लगी।
अगला धक्का सीधे मेरी बच्चदानी पे।
और दर्द के मारे मैं उछल पड़ी ,
साथ ही उन्होंने जोर से मेरे निप्स भी काट लिए।
स्क्रैचिंग , बाइटिंग , और क्या मस्ती से धक्के मार रहे थे वो ,
इसी के लिए तो मैं तड़प रही थी इत्ते दिनों से।
एंड सो मेनी थिंग्स वेयर हैपनिंग टूगेदर ,
वि वेयर ईटिंग इच अदर , इटिंग फ्रॉम इच अदर ,स्क्रैचिंग, बाइटिंग , फाँडलिंग जेंटली वन मूमेंट एंड स्क्वीज़िंग वाय्लेंटली ऐट अनादर।
और बिना रुके उनके धक्के , मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहे थे ,जैसे कोई धुनिया रुई धुन रहा हो।
और जब मेरे 'बर्थडे ब्वॉय ' ने झड़ना शुरू किया तो खूब देर तक ,
और चूत रानी ने दबा कर , निचोड़ कर ,भींच कर ,एक एक बूँद अपने अंदर समो लिया।
कुछ देर में मैं फिर ऊपर थी , और मेरी चूत सीधे उनके खुले मुंह से
अपने योनि कूप से 'प्यार का अमृत 'सीधे उनके मुंह में।
दोनों हाथों से मैं जोर से उनके सर को पकडे थी और साथ में मेरी मखमली , केले के तने ऐसी जांघे भी पूरी ताकत से उनके सर को भींचे थी ,
टस से मस नहीं हो सकते थे वो।
अंदर की गाढ़ी थक्केदार मलाई चट करने के बाद , बाहर भगोष्ठों पर लगी दो चार बूंदो को भी उनकी चटोरी जीभ ने ढूंढ कर चाट लिया।
और मैंने उनका ब्लाइंड फोल्ड खोल दिया।
झुक कर उनकी आँखों में झांकते मैंने धीमे से पूछा ,
" बोल ,कैसे लगा। "
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