08-30-2020, 12:59 PM,
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desiaks
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RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
कहानी की एक छोटी सी झलक
सोनिया के नारंगी जैसे गोल पुख्ता और रसीले मम्मे राज के चेहरे के सामने ऊपर-नीचे झुलते हुए उसे ललचा रहे थे। बहन की चूत में अपने लन्ड की दनादन रफ़्तार को कम किये बगैर, राज आगे को झुका और सोनिया के एक सख्त, गुलाबी निप्पल को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा। सोनिया मस्ती से चीख पड़ी। अब उसके जवाँ जिस्म को दो मुँह चाट - चाट कर मचला रहे थे। ऐसी मस्ती उसके बर्दाश्त के बाहर थी!
“दोनों भाई-बहन कितने हरामी हैं! ओहह ओहह! उंह हा! राज मैं झड़ रही हूं! उंह आँह! डॉली चोचले को भी चूस! आँह आँम्ह आँह !” |
डॉली ने जब उसके धड़कते हुए चोंचले को अपने मुँह के अंदर लेकर एक छोटे से कड़क लन्ड की तरह चूसना चालु किया और अपने गाल पर सोनिया की जाँघों की माँसपेशियों को सिकुड़ते और कसते हुए महसूस करने लगी।
साथ ही राज ने भी अपने हाथ को सोनिया के निप्पल से ऊपर सरका कर पहले उसकी भींची हुई गर्दन पर सहलाया, फिर उसके खुले मुँह की ओर बढ़ाने लगा। सोनिया ने अपने मुँह को राज के मुँह पर झुकाया, दोनों के मुँह एक दूसरे से चिपके और दोनों जुबाने चूसने, टटोलने और आपस में रगड़ने लगीं।
सोनिया अपनी चूत को अपनी जाँघों के बीच चूसते मुंह और मचलती जीभ पर दबाती हुई राज के कुचलते चुंबन में जोर से कराहती हुई झड़ने लगी। सोनिया की चूत ने डॉली के मुँह को गरम, मलाईदार रिसाव से लबालब कर दिया, जिसे डॉली ने भी बड़ी खुशी से चाट लिया और उसकी चूत से आखिरी बूंद को भी निगल गयी।
जैसे सोनिया के जिस्म के धधकते शोले ठंडे पड़ने लगे, उसने अपनी टपकती चूत को डॉली के रिसाव से लथे हुए मुँह से उठाया और वहीं बिस्तर पर चकनाचूर हो कर पड़ गयी।
“लौन्डिया, कैसी रही चुदाई ?”, राज ने पूछा।
सोनिया ने मदहोश हो कर ऊपर देख और गौर किया कि राज उसकी आनन- फानन फैली हुई चूत पर और उसकी लाल - लाल गहराईयों में से चुहुते हुए गाढ़ेरिसाव पर नजरे गाड़े था।
ओह, बढ़िया थी! चुदाई में मजा आ गया !”, लौन्डिया को चुदाई के बाद वाकई बड़ा इतमिनान मिला था।
मेरा लन्ड तो रॉकेट की तरह सर्र - सर्र झड़ रहा था!”, राज ने सोनिया के बचकाने उतावलेपन पर मुस्कुराते हुए कहा।
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08-30-2020, 01:00 PM,
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desiaks
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RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
1 दाम्पत्य
जैसे-जैसे मिसेज़ टीना शर्मा अपने मुलायम होंठों से अपने पति के मुंह में कराह रही थी, उनके पति उनकी कमसिन कमर से उनकी पैन्टी को नीचे सरकाये जाते थे। दोपहर से ही आफिस में मिसेज शर्मा के बदन में कामोत्तेजना अंगड़ाइयाँ ले रही थी। आफिस के जवां-मर्दो के तने हुये लन्डों पर नजर जाती और चूत में एक सनसनी सी पैदा कर दी थी।
मिसेज शर्मा की उम्र कुछ चौंतीस साल होगी - पर जवानी की कामोत्तेजना में कुछ कमी नहीं आयी थी। जवानी में कईं आशिक थे उनके – पर एक मिस्टर शर्मा ही, जो उनके अब पति थे, उनके सुलगते अन्गारों से खेल सके थे। दोनों सैक्स के बड़े मजे लेते थे और इस कला में निपुण थे। दोनो का शिव और शक्ति सा तालमेल था।
“बच्चे सो तो रहें हैं ना ?” मिसेज शर्मा अपनी लम्बी उंगलियां पति के तनते हुए लन्ड पर फेरती हुई बोलीं।
मिस्टर शर्मा एक हाथ से उसके स्तनों को पुचकारते हुए बोले “बेफ़िक्र रहो जानेमन । जय का कल मैच है, वो तो कबका सो गया।”
टीना जी ने जवाब में उनके तने हुए लन्ड को प्यार से ऊपर-नीचे खींच कर उसकी फूलती लाल सुपारी को अंगूठे से दबाया, “और सोनिया ?”
“सोनिया को छोड़ो, वो तो हमेशा लाईट ऑन कर के सोती है। इस वक्त तो मुझे सिर्फ़ तेरी गर्मा-गर्म चूत से मतलब है।” | टीना जी ने जाँघों को फैलाते हुए अपनी चूत का द्वार अपने पति के दूसरे हाथ के लिए खोल दिया। मिस्टर शर्मा के हाथों का स्पर्श टीना की टपकती चूत पर पड़ा तो उसके मुंह से एक उन्मत्त कराह निकल पड़ी।
“म्माअह! मजा आ रहा है !” कहते हुए टीना जी ने अपनी फड़कती हुई चूत को पति की उंगलियों पर मसलना शुरू कर दिया।
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08-30-2020, 01:01 PM,
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RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
वैसे तो सोनिया अपने बाप के लन्ड को देख चुकी थी पर इस समय वो फूल-तन कर विशालकाय आकार ले चुका था जिसे देख कर उसकी चूत मे सिरहन सी पैदा हो जाती थी। साँप सी लचीली थिरकन थी उस लन्ड में जो उसे सम्मोहित करे लेती थी। वो उसकी माँ की चूत से बाहर उभरता, फूली लाल सुपारी की एक झलक दिखती, और तुरन्त वापस माँ की उछलती चूत मे समा जाता। सोनिया हैरान थी कि इतना विशाल को कैसे माँ की चूत मे घुस पा रहा था। इस नजारे ने सोनिया के मन में उथलपुथल मचा दी थी - रोमांचित भी थी। | सोनिया सैक्स - जीवन में सक्रिय तो नहीं थी पर ऐसी अनाड़ी भी नहीं। पिछली गर्मियों की छुट्टियों में राजेश, जो कि उसके ही स्कूल में था, से उसकी मुलाकात हुई थी। राजेश अट्ठारह साल का छरहरा जवान था और सोनिया का उससे काँटा भिड़ गया था।
3 बेटी सेर
राजेश ने जब उसे चूमा था, सोनिया मोम की तरह पिघल गई थी। कुछ ही देर में उसने अपनी पैंटी खोल कर अपनी कुंवारी चूत राजेश के लन्ड के सामने खोल दी थी। शुरू में दर्द हुआ, पर जल्द ही मजा भी आने लगा था। राजेश ने लंड बाहर निकाल कर उसके गोरे, नर्म पेट पर अपना सफ़ेद, चिपचिपा लन्ड का तेल उडेल दिया था। उस वक़्त तो उसे राजेश का लंड बड़ा लगा था, पर अब बाप के दमदार लन्ड के सामने कुछ भी नहीं लगता था।
सोनिया के मस्त जवाँ बदन में अब वही भावनएं मचल रहीं थीं जिन्हें वो सामान्य अवस्था में कभी उजागर नहीं होने देती थी। अंदर झांकने पर उसने देखा उसकी माँ जाँघों की छरहरी मांसपेश्हीयों को भींच कर अपनी भूखी चूत उछाल-उछाल कर पति के खौलते हुए लंड के झटके झेल रही थी। | सोनिया का मुँह खुला रह गया जब उसने अपने बाप के लसलसाते लंड को माँ की मलाईदार खाई में सटा- सट गोते लगाते और माँ को कराहते देखा। अब उसकी माँ आनंद से अपने प्रेमी को पुचकार रही थी - ऐसी बेशर्मी से गंदी बतें कर रही थी, जिसे सुनने को सोनिया व्याकुल थी।
“ऊन्हुह! ऊन्हह! चोद मुझे ! हरामी कस के चोद! बाप रे, क्या लन्ड है तेरा!” इस हैरान कर देने वाले नजारे को देख कर सोनिया के जवान बदन में कामुकता की लहरें उमड़ रहीं थीं। उसके पाँव जैसे जमीन से गड़ गये हों। मम्मी-डैडी की उत्तेजक चुदाई को देख सुन कर खुद-ब-खुद उसक एक हाथ अपनी गोल मखमली चूचियों को रगड़ने लगा। दूसरा हाथ अपनी पैंटी के अंदर सरक गया और अपनी किशोर चूत को सहलाने लगा। बारह साल की उम्र से वो हस्तमैथुन कर रही थी और जो चूत एक बार भड़की, उसे आनंद देना भली तरह जानती थी।
पहले उसने चूत के होंठों को एक उगली से सहलाया, जब उंगली गिली हो गयी तो उससे अपने मादा - द्रवों को चूत की पंखुड़ीयों पर मल कर उसे चिपचिपा कर दिया। उसकी जवान चूत में रोमांच की बिजली दौड़ पड़ी जब चूत के चोचले को दो उंगलीयों के बीच दबाया। सैक्स के बस एक ही अनुभव ने उसे सैक्स के गुप्त आनंद का ज्ञान करा दिया था। अब उसे चाहिये था तो बस एक मर्द जो उसकी चूत में एक लन्ड को भर दे।
“म्म्मूहहह! अन्न्घ! अम्म्म्म!” अपनी रिसती चूत में लन्ड के बदले एक और उंगली डाल कर सोनिया कराह पड़ि।
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