10-15-2019, 12:17 PM,
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RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
अंजू फिर से चिपक गयी. अंजू को सीने से चिपकाने मे मुझे बहुत सकून मिल रहा था... नज़ाने अनु मे कैसा खिचाव था कि भले ही अंजू मेरा खून नही थी लेकिन मैने जब अंजू को अपना बेटी मान ही लिया तो अंजू ने मुझे पापा कह ही दी तो फिर बाकी क्या है.
मैं अंजू को जब अलग किया तभी दीदी रूम मे आई.
दीदी- चलिए खाना खा लीजिए
राज- हाँ खाना लगाओ मैं आता हूँ.
हाँ ये अंजू को लेती जाओ तबतक मैं आता हूँ.
तुम जानती हो ये मेरी बेटी है.
इतना बोलकर मैंने दीदी की तरफ आँख मार दिया.
दीदी मुस्कुराते हुए,' चलो बेटा खाना खाने तुम्हारे पापा आरहे है.''
दीदी की बात सुनकर अंजू मेरा मुँह तकने लगी.
मैं अंजू के माथे को चूमते हुए, 'अंजू बेटा आंटी के साथ जाओ तबतक मैं आपकी मम्मी को लेकर आता हूँ.
अंजू मेरे गालो को चूमते हुए मेरी गोदी नीचे उतरी ओर दीदी के साथ चली गयी.
मैने मौसी की ओर देखा वो बिना किसी चिंता फिकर के सो रही थी जैसे जिंदगी मे पहली बार उन्हे सकून आया हो.
मौसी की सांसो के साथ उनकी चुचियाँ उपर नीचे हो रही थी.
पूनम मौसी के दोनो गाल थोड़ा बाहर निकले हुए थे. मैं अपनी कोहनियो के बल झुका ऑर मौसी के एक गाल को होंठो मे भरकर चूसने लगा... थोड़ा-थोड़ा दाँत भी गढ़ाने लगा. पूनम मौसी थोड़ी देर बाद कसमसाई अपनी आँखे खोलते हुए मुझे अलग कर दी, ए बदमास क्या कर रहा था... अपनी मौसी के साथ भी एसा कोई करता है.''
राज- वाह पूनम क्या मीठे गाल है तुम्हारे, चूसने मे मज़ा आ गया.
पूनम- क्या बोला मैं तुम्हारी मौसी हूँ बीवी नही हूँ जो तुम इस तरह बात कर रहे हो.
मैं मौसी के दूसरे गाल को चुसते हुए,' जी नही तुम मेरी मौसी नही हो बल्कि तुम मेरी अंजू बेटी की माँ हो...
पूनम मौसी मेरी बात सुनकर खुश हो गयी. मुझे चित लिटाते हुए मेरे उपर चढ़ कर मेरे पूरे चेहरे को चूमने लगी...
लगभग 5मिनिट्स के बाद मौसी मेरे गालो पे अपने गालो को रगड़ने लगी.
मैंने उनकी आँखो मे देखा
दोनो आँखो मे दो बूँद आँसू थे...
मैं उनके को पकड़ते हुए उनके आँसुओ को पी गया.
राज- ये आँसू कैसे है, मैं कोई ग़लत बात तो नही बोल दिया हूँ....
मौसी अपने गालो को मेरे गालो मे रगड़ते हुए,' नही आप ये क्या कह रहे है आप मेरे बच्चों के बाप है तो मैं भला अपने बच्चों के बाप को कैसे कुच्छ कहूँगी.
मैं ने मौसी को नीचे उतारा मैं भी नीचे उतरा उनके सामने खड़ा हो गया.. मैं मौसी की ओर देखते हुए
राज- क्या बात कहूँ अंजू को मैंने कह दिया है कि वो मेरी बेटी है, तो भूल कर भी अंजू के सामने कभी मौसी वाला नाता नही चलेगा.
मौसी मेरी आँखो मे देखती रही फिर मेरी बाहों में चिपक गयी...
मैंने मौसी को बाहों मे कस लिया मौसी मेरे कंधे पर सर टिका कर चिपक गयी..
मौसी की बड़ी-बड़ी चुचिया मेरे सीने मे धसने लगी. मैं मौसी के पीठ को सहलाते हुए,' पूनम?
मौसी- हूँ
राज- जब अंजू मेरी बेटी हुई तो तुम मेरी क्या हुई..
मौसी- बीवी
इतना बोलते ही मौसी ने शर्म के मारे सीने मे अपना चेहरा छुपा लिया.
मैं मौसी के बालो मे उंगलियो को फेरते हुए,' अरे पूनम तुम तो मेरी शर्मीली बीवी हो.
चलो अब खाना खाने चले नही तो अनिता यहाँ आ जाएगी.
बाद मे बात करेंगे ठीक है.
मौसी धीरे से अपना चेहरा उपर उठाई, थोड़ी देर पहले मुरझाया हुआ चेहरा गुलाब की तरह खिल गया...
मैंने मौसी के दोनो गालो को चूम लिया फिर हम खाना खाने आ गये.
डाइनिंग टेबल पर खाना लग चुका, दीदी ऑर अंजू बैठे हुए थे..
मैं जाकर अपने चेर पर बैठ गया. मौसी भी बैठ गयी. अंजू दीदी के पास से उठी ऑर मेरे पास आकर बैठ गयी..
राज- क्या हुआ अंजू बेटा,
अंजू- पापा मुझे आप खिलाओ ना
मैंने अंजू की बात सुनकर मुस्कुराते हुए, अंजू को अपने गोदी मे बिठाया ऑर अंजू को खिलाने लगा. मैं भी खाने लगा.
मौसी ऑर दीदी दोनो मेरी हरकत देखकर मुस्कुरा रहे थे..
नाश्ता करने के बाद दीदी बर्तन उठाकर किचन मे चली गयी. मैंने मौसी को उनके रूम मे भेज दिया.
अंजू भी मौसी के साथ रूम के अंदर चली गयी.
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RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
मैं तुरंत नीचे उतरा ऑर बाथरूम की तरफ भागा मैं बिना इधर-उधर देखे आँखो को बंद करके अँधा धुन्द मूठ मारने लगा.. कुच्छ देर के बाद मेरा लंड किसी ने पकड़ते हुए अपने होंठो मे भर लिया.. मेरे उपर इतनी मस्ती चढ़ गयी कि मेरी आँखे भी नही खुल पाई..
मैं समझा दीदी होगी इसीलिए मेरे लंड को चूस रही थी. लेकिन ये तो लंड को चूसने के साथ गॉटो को भी सहलाने लगी..
थोड़ी देर मे मैं सिसकरी भरते हुए वीर्य की पिचकारिया छोड़ने लगा.. दीदी पूरा वीर्य को गटक गयी..
जब मैं शांत हुआ तो मेरी आँखे खुली- की- खुली रह गयी..
सामने दीदी नही बल्कि मौसी थी.. जो होंठो पे बह रहे वीर्य को चाट के पी रही थी...
राज- अरे पूनम तुम यहाँ सॉरी मुझे लगा कि अनिता है
मौसी- इसमे सॉरी की क्या बात है मैं आपकी बीवी नही हूँ. फिर तो पत्नी का धरम होता है पति की सेवा करना..
क्या मुझसे कोई ग़लती हुई है..
राज- नही पूनम अब जल्दी चलो उसके बाद मौसी ने मुँह सॉफ किया ऑर रूम के अंदर चली गयी..
मैंने लंड को सॉफ किया अंडरवेर उपर चढ़ाया बाथरूम से निकला आकर मौसी के बगल मे लेट गया
मौसी ने करवट बदली मेरे सीने पर सर रखते हुए लेट गयी..
मैं मौसी के पीठ को सहलाते हुए,' चलो पूनम डार्लिंग अब सुना भी दो कि तुम्हारे पति ने तुम्हे क्यो छोड़ा है.
मौसी- बात कोई लंबी नही है राज, बस जब मेरी शादी हुई तो हमारा बिबाहिक जीवन बहुत ही अच्छा था मेरे पति मुझे बहुत प्यार देते थे.. दो साल बाद मैंने अंजू को जन्म दिया. घर मे कोहराम ही मच गया. अंजू के पापा को लड़का चाहिए था इसीलिए वो अंजू के जन्म के बाद शराब पीके घर पर आने लगे, मुझे बहुत ही मारने लगे, अंजू को तो हरदम मारन की चेस्टा करते.. फिर एक दिन उन्होने मुझे कसम खिलाई कि जब तक मुझे बेटा नही हो जाता तबतक अंजू उनको पापा नही कहेगी. अंजू जब बोलने लायक हुई तो मैं बता दी कि तुम्हारे पापा दूसरी जगह है
फिर मैं गर्भवती हुई.. तो उन्होने डॉक्टर से चेक़प करवाए तो पता चला कि फिर से मेरे पेट मे लड़की है. तो उन्होने मुझे तलाक़ देके मुझे ऑर अंजू को घर से निकाल दिए..
मैंने अंजू को लेकर यहाँ आ गई . जब मैंने तुम्हारे मुँह से अंजू को बेटा कहते हुए सुना तो तो मेरा दिल खुश हो गया है.. अब सबसे बड़ी बात तुमने अंजू को बेटा मान लिया है तो क्या मेरे पेट मे जो पल रहा है.. उसका क्या होगा.
मैंने मौसी को पीठ के बल सुलाया ऑर उनके पेट को सहलाते हुए... पूनम डार्लिंग शायद तुम भूल रही हो कि मैंने तुमको बीवी कहा है तो तुम्हारे शरीर की सब चीज़ मेरी है...
ये तुम्हारे पेट जो पल रहा है वो मेरा बच्चा है,' राज मल्होत्रा का समझी'
मेरी बात सुनकर मौसी खुशी के मारे मेरे पूरे चेहरे को चूमने लगी.. लगभग 5मिनिट्स के बाद मौसी मेरे सीने पर सर रखते हुए सो गयी...
मैं भी मौसी को बाहों मे कसते हुए सो गया...
दोपेहर को 3:45 मे नींद खुल गयी तो देखा कि मैं मौसी को बाहों मे कसे हुए सो रहा था, लेकिन अंजू पास मे नही थी... मैं पूनम से अलग हुआ ऑर उसको जगाया
राज- पूनम डार्लिंग चलो उठ जाओ.. पूनम को हिलने पूनम उठ गयी...
पूनम- क्या है अभी सोने दो ना
राज- मेरी स्वीटो देखो तो टाइम क्या हुया है...3:45 हो गया है...
पूनम इतना सुनते ही उठ कर बैठ गयी.. मैं रूम से निकला ऑर बाथरूम मे घुस गया.. जब बाथरूम से फ्रेश होकर निकला तो दीदी ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठी हुई थी... उनके साथ अंजू भी खेल रही थी...
मैं जाकर सोफे पर बैठ गया तो अंजू मेरे गोदी मे आकर बैठ गयी..
तभी पूनम रूम से बाहर निकली ऑर बाथरूम मे घुस गयी..
जब पूनम बाथरूम से फ्रेश होकर बाहर निकली सोफे के उपर आकर बैठ गयी...
थोड़ी देर बाद हम ने लंच किया
उसके बाद फिर से सोफे पर बैठ कर बाते करने लगे..
बातो-बातो मे पूनम से कहा', पूनम चलो तैयार हो जाओ पार्क मे घूम कर आते है...
अंजू- पापा मैं भी चलूंगी..
मैने अंजू को अपने गोद मे बैठा कर,' तुम मेरी अच्छी बेटी हो ना
अंजू- हाँ
मैने उसके माथे को चूमते हुए,' अंजू बेटा हम कल चलेंगे ठीक है ना..
अंजू- हाँ ठीक लेकिन कल मिस मत कीजिएगा
राज- नही बेटा मैं कल पक्का ले जाऊँगा..
30 मिनिट्स के बाद पूनम तैयार होकर आ गई .
मैं तो उसे देखता ही रह गया.
साँवले बदन पर गुलाबी रंग की साड़ी, चमकता हुआ चेहरा.. गुलाब की तरह खिले हुए गाल
सबसे अच्छा सीन मंगलसूत्र का था मंगलसूत्र उसकी दोनो छातियो की घाटी के बीच लटक रहा था...
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