Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
07-28-2018, 12:52 PM,
#11
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
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शीतल के जाने के बाद ममता ने गेट बंद किया…..और अंदर आई तो देखा अभी और पिंकी दोनो विनय के साथ खेल रहे थे…..ममता ने टेबल पर से बर्तन उठाए, और बर्तन सॉफ करने के बाद घर की सफाई की, बच्चे टीवी पर चल रहे प्रोग्रॅम्स को देखने मे मगन थे… सफाई करने के बाद ममता भी किरण के रूम मे चली गयी……जहाँ पर तीनो टीवी देख रहे थे…पिंकी अभी और विनय तीनो टीवी के सामने चटाई बिछा कर बैठे हुए थे…..

ममता रूम मे आई, और उन के पीछे बेड पर करवट के बल लेट गयी…..वो भी टीवी देखने लगी…..पर उसका ध्यान विनय मे था….जो अभी भी बच्चों की तरह उस कार्टून शो को देखने में इतना मगन था….जैसे उसको सेक्स वासना का पता ही ना हो….ममता वही लेटे हुए, इंतजार कर रही थी कि, कब विनय पलट कर उसकी तरफ देखे….पर विनय खुद ही ममता से नज़रें चुराता फिर रहा था….15 मिनिट बीत चुके थे…..ममता समझ चुकी थी कि ये तोता अभी नादान है…..इसको सब कुछ खुद ही सिखाना पड़ेगा……

ममता: विनय……

विनय: (पलट कर ममता की तरफ देखते हुए)जी

ममता: मेरे लिए एक ग्लास पानी ला दोगे….?

विनय: जी…….

विनय उठ कर किचन मे चला गया….और एक ग्लास पानी लेकर वापिस रूम मे आया तो देखा ममता उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी….उसने अपने सर को झुका लिया और ममता के पास आकर खड़ा हो गया….”दीदी पानी”

ममता: नीचे रख दो…..

विनय ने पानी का ग्लास नीचे रख दिया…..और फिर सीधा खड़ा हुआ….”यहाँ बैठो मेरे पास….” ममता ने धीरे से कहा…..तो विनय ने एक बार चटाई पर बैठो पिंकी और अभी की तरफ देखा…और फिर ममता की तरफ देखने लगा…..”बैठो ना…..” ममता ने उसका हाथ पकड़ कर उसे बैठाते हुए कहा…..विनय थोड़ा डर तो गया ही था…..

वो नीचे पैर लटका कर बैठ गया….उसकी पीठ ममता के पेट के साथ लग रही थी….क्योंकि ममता करवट के बल लेटी हुई थी….थोड़ी देर ममता भी चुप रही…..शायद वो बोलने से पहले तय कर लेना चाहती थी कि, उसका हर एक शब्द तीर की तरह एक दम निशाने पर जाकर लगे, ताकि विनय कुछ गड़बड़ ना कर सके……

ममता: तुम ने उस रात मुझे यहाँ पर क्यों हाथ लगाया……(ममता ने अपनी चुचि पर हाथ रखते हुए कहा….)

ममता की बात सुन कर तो जैसे विनय का मूत निकलने वाला हो गया…..वो इतने दिनो से सोच रहा था कि, शायद ममता वो सब भूल गयी है, तभी उसने किसी को बताया नही “मैं क्या पूछ रही हूँ….” ममता ने धीरे से टीवी की ओर देखते हुए कहा…..

विनय: वो वो ग़लती से हाथ चला गया…..

ममता: झूट बोल रहे हो तुम…तुम उस रात को जाग रहे थे…….है ना….सच बोलो…..

विनय को अब अपनी जान जंजाल में फँसती हुई नज़र आ रही थी….उसने हां में सर हिला दिया.

ममता: फिर क्यों छुआ तूने मुझे वहाँ पर…..?

विनय चुप…..

ममता: बोल ना अब……?

चुप…..

ममता: देख मेने अभी तक किसी को बताया नही है….इसका ये मतलब नही कि मैं तुम्हारी उस हरक़त से नाराज़ नही हूँ…….तुम्हे ये सब करना अच्छा लगता है…..

चुप….

ममता: बोल ना तुझे इन्हे छूना अच्छा लगता है…..?

इस बार विनय ने डरते हुए हां मे सर हिला दिया……

ममता: तुम्हे पता है ना ये कितनी ग़लत बात है गंदी बात है….

विनय:जी…..

ममता: फिर भी तुमने मुझे यहाँ पर हाथ लगाया…..

चुप….

ममता: अब तुमने ग़लती की है तो सज़ा तो तुम्हे मिलेगी ही….

विनय: आप चाहे मुझे जो मर्ज़ी सज़ा दे दो….पर प्लीज़ मामी मामा को ना बताना…..

ममता: ठीक है नही बताती….पर तुमने मुझे ग़लत जगह पर टच किया है तो, मैं भी तुम्हारी ऐसी जगह पर टच करूँगी यहाँ पर नही करना चाहिए…..

ममता की ये बात सुनते ही, विनय का दिल जोरो से धड़कने लगा….इससे पहले कि विनय कुछ बोलाता जान समझ पाता…ममता ने अपना एक हाथ उठा कर विनय की जाँघ के ऊपेर रख दिया. वो लगतार सामने टीवी और बच्चों पर नज़र बनाए हुए थी….कुछ देर बाद उसने अपना हाथ धीरे-2 उसके शॉर्ट्स के ऊपेर से उसके लंड की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया….

विनय के बदन पर झुरजुरी सी दौड़ गयी….आँखे ऐसी हो गयी…..मानो उसने पूरी बॉटल दारू की पी लो हो….होन्ट और गला सुख गये थे….और जैसे ही ममता ने विनय के लंड को शॉर्ट्स के ऊपेर से पकड़, विनय का पूरा बदन ऐसे कांप गया….जैसे उसके बिजली का झटका लगा हो… उस समय, विनय का लंड एक दम सिकुडा हुआ था….पर जैसे ही ममता के नरम हाथ का स्पर्श विनय को अपने लंड पर महसूस हुआ, उसमे जान आनी शुरू हो गयी….अभी ममता ने तीन चार बार ही विनय के लंड को मुट्ठी में भर कर दबाया था कि, विनय का लंड एक दम हार्ड हो गया.. और अपने पूरे आकर मे आ गया……
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07-28-2018, 12:53 PM,
#12
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जैसे ही ममता को विनय के लंड की लंबाई और मोटाई का अंदाज़ा हुआ, तो उसका दिल धक करके रह गया….उसके हाथ पैर मानो सुन्न पड़ गये हों….”हाए इतना मोटा लंड है इसका…..इतना लंबा..” उसे अपनी चूत में तेज खेंचाव सा महसूस होने लगा…..जांघे आपस मे खुद ब खुद सटाती चली गयी….

तभी सामने चटाई पर बैठे अभी ने पीछे मूड कर कहा…..”भैया यहाँ आओ ना…” दोनो अभी की आवाज़ सुन कर जैसे आसमान से गिर कर ज़मीन पर आए हो…दोनो एक दम चोंक गये… ममता ने अपना हाथ जल्दी से पीछे किया…और विनय उठ कर आगे जाकर चटाई पर बैठ गया. ममता गहरी साँसे लेते हुए बेहद हैरान हो रही थी…..उसने कभी सोचा भी नही था कि, मासूम से दिखने वाले इस बच्चे का हथियार इतना तगड़ा हो सकता है…..वो अपनी सांसो पर काबू पाने की कोशिस कर रही थी…….

उसका दिल बहुत बेचैन हुआ जा रहा था……काश कि ये बच्चे आज ना आए होते…..पर इस विनय ने कॉन सा कही भाग जाना है……रहना तो यही है ना इसने…..दोपहर का वक़्त हो चला था. ममता उठ कर किचन मे चली गयी…..और दोपहर के खाने का इंतज़ाम करने लगी….करीब 30 मिनिट में उसने दोपहर का खाना तैयार कर लिया….फिर वो किरण के रूम मे गयी….जहाँ पर तीनो बच्चे बैठे टीवी देख रहे थे……”चलो बच्चो खाना तैयार है…..आकर खा लो. टीवी बंद कर दो….कब से ऑन कर रखा है तुम लोगो ने……”

ममता की बात सुन कर सब उठ कर बाहर आ गये….विनय ने बाहर जाते हुए, टीवी बंद कर दिया. और फिर बाहर हाल में आकर खाना खाने लगा….खाना खाने के बाद अभी ने विनय से कहा. “भैया चलो ना हाइड & सीक खेलते है……”

ममता: (बीच में टोकते हुए) कोई हाइड & सीक नही खेलेगा……मुझे नींद आ रही है तुम लोग शोर मचाओगे…….

पिंकी: नही मासी हम शोर नही मचाएँगे…..

ममता: एक बार मना कर दिया ना तो नही खेलना…..जाकर लुडो खेल लो….और हां आवाज़ मत करना…..

अभी: ओके मासी…..

तीनो विनय के रूम की तरफ जाने लगी…..”अपने आप मे बनती क्या है…..हिट्लर” पिंकी ने मूह बनाते हुए ममता के बारे मे विनय से कहा…….

विनय: चुप ऐसा नही बोलते बड़ी है ना वो हम से…..

पिंकी: बड़ी है तो क्या हम पर रोब जमाएगी…….

विनय: अब चल चुप कर जा अम्मा…..चल लुडो खेलते है…….

तीनो विनय के रूम मे जाकर लुडो खेलने लगे…..उधर ममता ने झूठे बर्तन उठा कर किचन मे लेजा कर धोए…..और फिर अपने रूम में आकर लेट गयी…..बेड पर लेटते ही उसे नींद आ गयी……दूसरी तरफ तीनो बच्चे लुडो खेल रहे थे….और धीरे-2 उन तीनो को भी नींद आने लगी…..तभी बाहर डोर बेल बजी तो, विनय ने बाहर जाकर गेट खोला तो, देखा सामने उसकी मासी शीतल खड़ी थी……शीतल विनय को देख कर खुश हो गयी…..और उसे गले से लगाते हुए बोली…….”आ गया मेरा बच्चा वापिस……”

विनय: जी मासी……

शीतल: वो पिंकी और अभी कहाँ है बेटा…..

विनय: जी मेरे रूम मे है……

शीतल: जाओ उन्हे बुला लाओ…..बोलना कि मम्मी आई है लेने के लिए…..

विनय: आप अंदर नही आओगे…..

शीतल: नही बेटा अभी मुझे कुछ ज़रूरी काम है…..तुम शाम को घर आना…..ठीक है…

विनय: जी मासी……मैं अभी अभी और पिंकी को बुला कर लाता हूँ……

विनय रूम मे गया और पिंकी और अभी को लेकर वापिस आ गया……शीतल दोनो को लेकर घर चली गयी…..विनय ने गेट लॉक किया और अपने रूम मे आ गया…..एक बार जब फिर से उसे तनहाई मिली तो, उसे वो याद आ गया……जब ममता ने उसके लंड को उसके शॉर्ट्स के ऊपेर से पकड़ा था….उसका लंड कैसे कुछ ही सेकेंड्स मे खड़ा हो गया था….ममता के हाथ कितने नरम और मुलायम है……कितना मज़ा आया था…..जब उसने मेरे लंड को पकड़ा था…..काश अभी ना बुलाता तो, ममता मासी कुछ देर और मेरे लंड को पकड़ कर रखती…….

ये सोचते हुए, विनय बेड पर लेटा था…..उसके हाथ खुद ब खुद शॉर्ट्स के ऊपेर से उसके लंड पर चला गया……और वो उसे धीरे-2 सहलाने लगा…..उसकी आँखे अपने आप बंद होती चली गयी….नज़ाने क्यों उसकी कल्पना में ममता की छवि उभर कर आ गयी……कि ममता उसके नंगे लंड को हाथ मे पकड़ कर धीरे -2 हिला रही है……ये सब सोचते हुए उसके लंड की नसें और फूलने लगी……

6-7 मिनिट हो गये थे….अचानक से विनय को लगने लगा जैसे उसे बहुत तेज पेशाब आ रहा है…..उसने अपने लंड को हिलाना छोड़ दिया…..और उठ कर बाथरूम में चला गया…..बाथरूम में जाकर उसने अपने शॉर्ट्स को नीचे उतारा और अपने लंड को बाहर निकाल लिया….पर ये क्या, उसके लंड से पेशाब तो निकल ही नही रहा था……फिर उसे क्यों ऐसा लग रहा था कि, वो बेड पर ही पेशाब कर देगा…..अजीब से सवाल उसके जेहन में हड़कंप मचाए हुए थे…..

जल्दी-2 में वो अपने बाथरूम के डोर को बंद करना भी भूल गया था……कुछ देर वही खड़ा रहा….और फिर उसने सोचा क्यों ना वो फिर से अपने लंड को हिला कर देखे कि, पेशाब आता है कि नही…..और ये सोचते ही उसने फिर से अपने लंड को धीरे-2 हिलॅना शुरू कर दिया. ठीक मूठ मारने वाले अंदाज़ मे….क्योंकि वो अपने स्कूल के लड़के मनीष और पीयान को मूठ मारते हुए देख चुका था……

धीरे-2 अपने लंड को सहलाते हुए, उसके आँखे फिर से बंद होने लगी…..अजीब सी सरसराहट उसे अपने लंड के सुपाडे पर होने लगी थी…..विनय एक दम गरम हो चुका था….अब उसे फिर से लगने लगा था कि, उसका पेशाब आने वाला है….और ये महसूस करते ही उसने अपने लंड को और तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया…
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07-28-2018, 12:53 PM,
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धीरे-2 अपने लंड को सहलाते हुए, उसकी आँखे फिर से बंद होने लगी…..अजीब सी सरसराहट उसे अपने लंड के सुपाडे पर होने लगी थी…..विनय एक दम गरम हो चुका था….अब उसे फिर से लगने लगा था कि, उसका पेशाब आने वाला है….और ये महसूस करते ही उसने अपने लंड को और तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया……

अब आगे:-

“ये क्या हो रहा है विनय…….” तभी एक आवाज़ उसके कानो में गूँज उठी…..ऐसा लगा जैसे किसी ने कोई बॉम्ब फोड़ दिया हो……अगले ही पल उसका लंड मुरझाने लगा…..खोफ़जदा आँखो से उसने पीछे मूड कर देखा तो, ममता बाथरूम के डोर पर खड़ी उसे ही देख रही थी….विनय अभी भी अपने लंड को मुट्ठी में पकड़े खड़ा था…..पर अब उसका हाथ हिल नही रहा था….कुछ पलों के लिए मानो वो बुत बन गया हो…..

ना कुछ कहने को बन रहा था….और ना कुछ करने को……”मैने क्या पूछा…..? क्या कर रहे हो तुम ये……?” ममता ने आगे बढ़ कर थोड़ा सा गुस्से में कहा, 

तो विनय का मानो सतंभन टूटा हो……”वो मैं वो वो मैं पेशाब करने आया था……” विनय ने घबरा कर हकलाते हुए कहा……

ममता: झूट बोल रहे हो तुम…..मेने सब देखा जो तुम कर रहे थे……

विनय: नही साची मे वो वो हां मुझे पेशाब आया था…..पर वो जब मैं यहाँ आया तो पता नही क्यों वो बाहर नही निकला….

ममता: बाहर नही निकला….अगर पेशाब आया था तो क्यों नही निकला…देखो मैने सब देख लिया है……तुम गंदा काम कर रहे थे…..है ना…..?

विनय: नही नही मैं सच कह रहा हूँ……

ममता: अब चुप बॅस……मुझे सब पता है तुम मूठ मार रहे थे…..

ममता के मूह से मूठ शब्द सुन कर विनय को झटका सा लगा…..उसे तो लगता था कि, ये वर्ड औरतों को पता ही नही होता…..”क्यों मूठ मार रहे थे ना तुम……”

विनय: वो मासी मैं वो…….

ममता: ये वो वो क्या लगा रखा है……मेने अपनी आँखो से देखा है…..तुम अब मुकर नही सकते…..(ममता चोर नज़रो से सिकुड चुके विनय के लंड को देख रही थी….जिसे विनय ने अभी भी मुट्ठी में पकड़ रखा था……और उसने मुस्कुराते हुए कहा…..) बेशर्म…..

विनय को अपनी ग़लती का अहसास हुआ, तो उसने अपने लंड को छोड़ कर जैसे ही, शॉर्ट्स को ऊपेर करना चाहा तो, ममता ने बीच में टोक कर उसे रोक दिया……”जैसे खड़े हो वैसे ही खड़े रहो…..” ममता विनय की तरफ बढ़ी, तो विनय का गला सूख गया…..उसे लगा कि ममता अब उससे पीटने वाली है…..पर अगले ही पल ममता ने नीचे बैठ कर विनय के लंड को हाथ में पकड़ लिया…..

विनय: ये ये आप क्या कर रही है…..छोड़िए प्लीज़…..

ममता: (मुस्कुराते हुए ) क्यों अच्छा नही लग रहा…..या फिर मुझसे शरम आ रही है….

विनय: वो मासी जी मुझसे ग़लती हो गयी…..मुझे माफ़ कर दीजिए….आइन्दा ऐसे कभी नही करूँगा….प्लीज़ छोड़ दीजिए…….

ममता: मैं क्या पूछ रही हूँ…..पहले उसका जवाब दो…..(ममता ने विनय के लंड को मुट्ठी में पकड़ कर दबाते हुए कहा…..जो अभी सिकुडा हुआ था…..)

विनय: (एक दम से सिसकते हुए) जी…..

ममता: फिर बोलो अच्छा नही लग रहा या शरम आ रही है…..

विनय: जी शरम आ रही है……

ममता: इसका मतलब तुम्हे अच्छा लग रहा है…..कि मेने तुम्हारा लंड पकड़ा हुआ है…..

विनय: (ममता के मूह से लंड सुन कर विनय एक दम भौचक्का रह गया…..) आह नही वो मेरा मतलब……(ममता ने फिर से दो बार लंड को हिलाते हुए दबाया…..)

तो विनय के लंड में थोडा -2 तनाव आने लगा…..”शीइ अह्ह्ह्ह” नही अच्छा नही लग रहा है…..” विनय ने सिसकते हुए कहा……

ममता: (विनय के लंड के सुपाडे की चमड़ी को पीछे हटा कर उसके पेशाब वाले छेद को अंगूठे से कुरेदने लगी…..) अच्छा अगर तुम्हे मज़ा नही आ रहा तो, तुम्हारा ये क्यों खड़ा होना शुरू हो गया…….

विनय: आह मुझे नही पता….प्लीज़ छोड़ दीजिए ना…….

ममता: (अब थोड़ी तेज़ी से विनय के लंड को हिलाते हुए) छोड़ दूं, मज़ा नही आ रहा….

विनय: नही ओह्ह्ह्ह मासी…..प्लीज़……

ममता: क्यों कुछ हो रहा है ना….

विनय: आह श्िीिइ हाँ मासी……

ममता: क्या हो रहा है…..(अब ममता पूरी तरह विनय के लंड को मुट्ठी में भर कर हिला रही थी….)

विनय: ओह उफफफफ्फ़ मुझे नही पता……..

ममता: (लंड हिलाते हुए विनय के चेहरे की तरफ देखते हुए, जिसकी आँखे अब मस्ती में बंद हो चुकी थी……) मैं बताऊं……तुम्हे मेरे हाथ से अपना लंड की मूठ मरवाने मे मज़ा आ रहा है ना…..बोलो सच बोलना…..मैं किसी से कुछ नही कहूँगी….कसम से……

जैसे ही विनय का लंड पूरी तरह खड़ा हुआ, तो ममता की आँखे उसके लंड को देख कर हैरानी से फेल गयी…..दिल जोरो से धड़कने लगा….हाई मैं मर जावां…..इतना बड़ा इतना मोटा लंड वो भी इसका कैसे मुझे तो यकीन ही नही हो रहा…..ममता ने अपने मूह में आए हुए थूक को गटकते हुए सोचा…..विनय के लंड का लाल सुपाडा एक दम दहक रहा था…. जिसे देखते ही उसकी चूत ने पानी छोड़ कर उसकी पेंटी को नम करना शुरू कर दिया था…..
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07-28-2018, 12:53 PM,
#14
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विनय: ष्हिईीईईईईईई अहह हाां मौसी……

ममता: क्या कहा मज़ा आ रहा है……कितना…..?

विनय: बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा है…..उफफफ्फ़…….

ममता: फिर करती रहूं….या छोड़ दूं……

विनय: उफफफ्फ़ अहह हाईए मासी जी करते रहिए….आह ओह्ह्ह्ह मासी मेरा पेशाब निकलने वाला है….पीछे हट जाओ……अहह…….

ममता: (ये सुन कर ममता की आँखे ख़ुसी से चमक उठी……विनय अब किसी भी पल झड सकता था… उसने विनय के लंड को और तेज़ी से सहलाना शुरू कर दिया……) हाआँ कर दे कुछ नही होता….मैं पीछे हट जाउन्गी…..

विनय: अह्ह्ह्ह ओह मस्सी उफफफफफ्फ़ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उंघह उंघह

विनय की कमर तेज झटके खाने लगी…..और ममता की मुट्ठी में पकड़ा हुआ लंड भी. और साथ ही उसके लंड से तेज वीर्य के बोछार होने लगी….जो सीधा जाकर ममता के फेस और उसकी कमीज़ के ऊपेर खुले हुए गले से बाहर झाँकती चुचियों पर भी……विनय को ऐसा लग रहा था कि, जैसे दुनिया का सारा मज़ा उसके लंड से होकर बाहर निकल रहा है….मदहोशी के आलम में उसकी आँखे मुन्दती चली गयी…..इतना मज़ा इतना लुफ्त आज तक कभी नही मिला था….उसका पूरा बदन कांप रहा था…..बदन मानो जैसे सुन्न पड़ गया हो….

ममता भी फटी हुई आँखो से उसके लंड से निकल रही वीर्य की लंबी-2 पिचकारियों को देख रही थी……उसे यकीन नही हो रहा था कि, इस उम्र में ही उसके लंड से इतना पानी निकल रहा है….ममता का पति सेक्स के बाद जब भी झड़ता था तो, वो अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर अपना पानी ममता के होंटो को गिराता था…..जिसे ममता भी पसंद करती थी….दूसरी वजह ये थी कि, अभी कॉन सा दोनो को 3-4 साल बच्चा करना था…

विनय झड कर शांत हो चुका था…..और अपनी सांसो पर काबू पाने की कॉसिश कर रहा था. जब उसने आँखे खोल कर ममता की तरफ देखा, तो उसके चेहरे को अपने लंड से निकले पानी से पूरी तरह से सना हुआ पाया……ये पेशाब तो नही था….फिर ये है क्या …..जिग्याशा वश उसने अपनी एक उंगली को ममता के गाल पर गिरे हुए वीर्य पर लगा कर देखा तो, वो चीज़ एक दम चिकनी और गाढ़ी थी…..ममता उसकी ये हरक़त देखते हुए मुस्कुरा रही थी…..उसने पहले तो गोर से अपने वीर्य को देखा और फिर ममता की तरफ…..

जो उसकी तरफ देख कर वासना भरी मुस्कान के साथ मुस्करा रही थी…..”सॉरी मासी वो मेने पहले ही कहा था कि, मेरा पेशाब निकलने वाला है…..पर आप पीछे नही हटी…पर ये है क्या…..”

ममता: वो सब मैं बाद में बता दूँगी…..पहले ये बता तुझे कैसे लगा…..?

विनय: (सर को झुका कर शरमाते हुए) बहुत अच्छा लगा……

ममता ने बाल्टी से एक मग पानी लिया……और विनय के लंड पर पानी डाल कर उसके लंड को अच्छे से सॉफ करने लगी…… “इससे भी ज़्यादा मज़ा लेना है……?” ममता ने उसके लंड को सॉफ करते हुए कहा….तो विनय ने हां में सर हिला दिया…..”

ममता: ठीक है……पर मेरी एक बार याद रखना….ये बात किसी को पता नही चलनी चाहिए. नही तो आज के बाद मैं तुम्हे कभी बुलाउन्गी भी नही……

विनय: नही नही मैं नही बताउन्गा किसी को……

ममता: अच्छा तू अभी मेरे रूम में जा…..मैं थोड़ी देर में आती हूँ…..

विनय ने अपना शॉर्ट्स ऊपेर किया और जाकर ममता के रूम में बैठ गया…..उसके दिमाग़ में उत्सुकता थी…..अंजानी उत्सुकता….ढेरो अरमान पता नही अब ममता मासी उसे क्या सिखाने वाली है….इससे भी ज़्यादा मज़ा पर कैसे…..दूसरी तरफ ममता ने अपना फेस और बूब्स पर लगे वीर्य को अच्छे से धोया और बाथरूम से बाहर आकर जैसे ही अपने रूम में जाने लगी तो, बाहर मेन डोर की बेल बजी….

ममता गेट के तरफ चली गयी…….जब जाकर गेट खोला तो देखा सामने शीतल खड़ी थी…. शीतल ने अंदर आते हुए कहा…” ममता वो विनय को बुला ला…..वो हम सब मार्केट जा रहे है…..शॉपिंग करने तो, सोचा कि कुछ नये कपड़े विनय को भी दिलवा दूं…..” ममता को ये सुन कर बहुत बुरा लगा…..पर बेचारी कर भी क्या सकती थी….उसने वही खड़े-2 विनय को आवाज़ लगा कर कहा कि, शीतल मासी बुला रही है, तो विनय उनके साथ चला गया….

ममता को बहुत गुस्सा आ रहा था…..ये सोच कर कि, जब भी बात बनने लगती है….तो ये शीतल बीच में आकर टाँग अड़ा लेती है…..पर फिर मन मार कर, ममता अपने रूम में और बेड पर लेट कर सो गयी……शाम के 6 बजे उठी….अभी तक विनय वापिस नही आया था…..खैर उसने रात के खाने की तैयारी शुरू कर दी…..करीब 8 बजे शीतल विनय को वापिस छोड़ कर चली गयी….विनय अपने लिए लाए हुए नये जीन्स और टीशर्ट दिखाने के लिए ममता के पास गया.

विनय: (अपने नये ड्रेस दिखाते हुए) ये देखो मासी शीतल मासी ने मुझे नई पेंट टीशर्ट लेकर दी है……

ममता: (बिना उसके कपड़ों की तरफ देखते हुए) अच्छी है….अब जा यहाँ से मुझे मेरा काम करने दे…..

विनय को बड़ा अजीब सा लगा…..पर उसने कुछ कहना सही नही समझा और वो अपने रूम में आ गया…..रात को करीब 9 बजे उसके मामा अजय भी वापिस आ गये…..विनय उस समय, उनके रूम में टीवी देख रहा था…..अजय ने विनय को चॉक्लेट निकाल कर देते हुए कहा….” अर्रे क्या बात है विनय बाबू आज सोए नही…..”

विनय: नींद नही आ रही थी….अभी ममता मासी खाना बना रही है…..

अजय: अच्छा पर बेटा जल्दी सो जाया करो…..

विनय: अभी तो 9 बजे है …..इतनी जल्दी सो कर क्या करना है…कॉन सा स्कूल जाना है अभी….

अजय: ओह्ह हां मैं तो भूल ही गया था कि, तुम्हारी वाकेशन्स चल रही है….अच्छा तुम टीवी देखो मैं ज़रा कपड़े चेंज करके हाथ मूह धो लेता हूँ….फिर साथ में खाना खाते है…..

विनय: ओके मामा जी……

उसके बाद तीनो ने एक साथ डिन्नर किया, और अपने अपने रूम्स में सोने के लिए चले गये… ममता का दिल तो कर रहा था कि, वो विनय के रूम में चली जाए….या फिर उसे अपने पास बुला ले…..पर अपने जीजा की माजूदगी में वो कोई रिस्क नही लेना चाहती थी…..सोचा कॉन सा अभी दीदी कुछ दिन और आने वाली है…..कोई ना कोई मोका तो मिल ही जाएगा….

ममता ने चिंगारी सुलगा दी थी….वो अब इंतजार में थी कि, कब वो चिंगारी आग में बदले और खुद विनय उसके पास आए, और उससे कुछ कहे…..क्योंकि जिस उम्र में विनय उस वक़्त था…..वो उम्र ऐसी होती है कि, अल्हड़ पन में बच्चा कुछ भी किसी के भी सामने बक सकता है…..
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अगली सुबह भी अजय ने ममता को जल्दी उठा दिया…..ममता ने अजय का नाश्ता और लंच तैयार करके दिया….अभी विनय सो रहा था…..जब उसका मामा नाश्ता करके चला गया….ममता ने टाइम देखा तो 7 बज रहे थे….वो अपने रूम में फिर से आकर सो गयी…….फिर 9 बजे उठी, तो देखा कि विनय अभी भी अपने रूम में सो रहा था….उसने जाकर विनय को जगाया और खुद किचन में जाकर नाश्ता तैयार करने लगी…..विनय भी नहा धो कर बाहर हाल में डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गया……तभी बाहर डोर बेल बजी……

ममता: (किचिन से विनय को आवाज़ लगा कर कहते हुए) विनय जाकर देखो तो कॉन है….?

विनय: जी मासी……

विनय उठ कर बाहर गया तो, देखा बाहर उसकी मासी शीतल खड़ी थी…..उसने अंदर आकर विनय को प्यार दिया…..और बोली, “नाश्ता कर लिया बेटा…..”

विनय: अभी नही मासी बना रही है……

शीतल: क्या अभी तैयार कर रही है….इतना टाइम हो गया….अभी तक मेरे बच्चे को उसने नाश्ता भी नही करवाया……चल आ मेरे साथ……

शीतल अंदर आ गयी….और किचन में चली गयी….”अर्रे दीदी आप नमस्ते…..”

शीतल: नमस्ते क्या बात है ममता आज इतनी लेट कैसे हो गया तुमको…..देर से उठी थी क्या…

ममता: हां दीदी वो जीजा जी ने सुबह 5 बजे उठा दिया था….पहले सुबह उनका नाश्ता दिया और फिर दोपहर का लंच भी बना कर साथ में दिया तो, उसके बाद फिर से सो गयी…..इसलिए बाद मे लेट उठी थी…..

शीतल: ओह्ह्ह अच्छा……चल तू नाश्ता बना मैं चलती हूँ…..

ममता: अर्रे दीदी बैठिए तो सही……मैं नाश्ता बना रही हूँ नाश्ता करके जाना….

शीतल: नही नही मैं तो अभी करके आई हूँ…..वो कल रात किरण से फोन पर बात हुई थी. परसो आ रही है……

ममता: जी……

उसके बाद शीतल अपने घर वापिस चली गयी…..शीतल के जाने के बाद उसने नाश्ता डाइनिंग टेबल पर लगाया और फिर विनय और ममता दोनो ने एक साथ नाश्ता किया….आज ममता चुप थी. वो देखना चाहती थी कि, क्या विनय उस दिन की घटना के बाद खुद कोई हरक़त करता है या नही…आज तो ममता की किस्मत भी उसका पूरा साथ दे रही थी…..घर का सारा काम निपटाने के बाद, वो अपनी बेहन किरण के रूम मे गयी…..जहाँ पर विनय अकेला बैठा टीवी देख रहा था……ममता ने उस समय बहुत ही डीप नेक कमीज़ पहनी हुई थी……..जो गले से काफ़ी खुली हुई थी…..

विनय बेड के किनारे पर लेटा हुआ टीवी देख रहा था…..ममता ने रूम के अंदर आकर बेड के साथ अपनी पीठ टिकाते हुए, नीचे चटाई पर बैठ गयी…..”क्या देख रहे हो विनय….” ममता ने विनय का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए उससे बात शुरू की….वो भी सामने टीवी पर ही देख रही थी……”कुछ खास नही आ रहा…..” विनय ने जब नीचे बैठी ममता की तरफ देखा तो उसका मूह खुला का खुला रह गया….ममता की चुचियाँ आधे से ज़यादा उसकी कमीज़ के गले से बाहर आ रही थी…..”लाओ रिमोट मुझे दो….” उसने बिना पीछे देखे अपना हाथ बढ़ाया. तो विनय ने उसे रिमोट दे दिया……

ममता चॅनेल चेंज करने लगी……पर अब विनय का पूरा ध्यान ममत की गोरे रंग की गुदाज मोटी चुचियों पर था……उन्हे देखते ही उसके लंड में तेज सरसाहट होने लगी….ममता कुछ देर बैठी, और फिर अपने रूम में चली गयी….वो देखना चाहती थी कि, क्या विनय उसके पीछे उसके रूम में आता है या नही…

.उस दिन ममता मासी ने उसके लंड को कितने प्यार से हिलाया था……सच में कितना मज़ा आया था…..उस दिन ममता मासी ने कहा था कि, वो उसे और मज़ा देंगी….

ये सोचते ही उसके बदन में अजीब सी झुरजूरी दौड़ गयी……वो डरते हुए पर दिल के हाथो मजबूर होकर उठा और ममता के रूम में चला गया….

ममता अपने रूम में बेड पर लेटी हुई अपनी बुक पढ़ रही थी….जब उसने विनय को अपने रूम में आते देखा तो, उसके होंटो पर तीखी मुस्कान फेल गयी…..”क्या हुआ कुछ चाहिए…..?” विनय ने ना में सर हिला दिया…..

विनय: वो मैं अकेला बोर हो रहा था……आज पिंकी और अभी भी नही आए…..

ममता: ह्म्‍म्म्म चल आ ही गया है तो इधर ही बैठ जा…..

विनय ममता के पास जाकर बेड पर बैठ गया…..ममता इंतजार कर रही थी कि, विनय कुछ कहे या कोई हरक़त करे, पर विनय तो चोर नज़रो से बीच-2 में ममता की कमीज़ में कसी हुई चुचियों को देख कर मन बहला रहा था…..जब ममता को लगा कि, इस भौंदू से उम्मीद रखने का कोई फ़ायदा नही है तो, उसने खुद ही बात को आगे बढ़ाया….उसने किताब बंद करके एक साइड में रख दी……
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07-28-2018, 12:53 PM,
#16
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ममता: विनय उस दिन तुम्हे मज़ा आया था ना……?

विनय: जी…….

ममता: पहले कभी किसी लड़की ने तुम्हे वहाँ टच किया है…..?

विनय: (चोंक कर ममता की ओर देखते हुए) नही……

ममता: अच्छा ये बता मैं तुम्हे कैसी लगती हूँ…..?

विनय: जी बहुत अच्छी…..

ममता: और……

विनय: और क्या….

ममता: मेरा मतलब मैं देखने में कैसे लगती हूँ…..

विनय: बहुत सुंदर……

ममता: मुझमे सबसे सुंदर क्या लगता है तुम्हे….घबरा नही….देख आज तक मेने कभी तेरी किसी भी बात की शिकायत की है….

विनय: (ना में सर हिलाते हुए) आप बुरा तो नही मनोगे…..

ममता: नही बता भी ना…..

विनय: (ममता की चुचियों की तरफ इशारा करते हुए…..) ये आपके दूध…..

ममता: हहा हा क्या कहा तुमने दूध मेरे भौंदू राम इन्हे दूध नही चुचियाँ कहते है….क्या कहते है…(ममता ने विनय की तरफ वासना भरी नज़रो से देखते हुए कहा….)

विनय: (कांपती हुई आवाज़ मे…..) चुचियाँ…….

ममता: तुम्हे इन्हे छूना अच्छा लगता है ना…..?

विनय: (हां में सर हिलाते हुए) जी…..

ममता: अभी भी छूने का मन है ना……

विनय चोंक कर ममता की तरफ देखने लगा….

ममता: अभी छूना चाहता है……?

विनय: (लड़खड़ाती हुई आवाज़ मे) हां….

ममता की आँखो में वासना के गुलाबी डोरे तैर रहे थे……7 महीने हो चुके थे….उसे अपने पति से चुदे हुए, अभी -2 तो उसे लंड का स्वाद अच्छा लगने लगा था कि, शादी के 1 महीने बाद ही उसका पति अब्रॉड चला गया था……..ममता कुछ सोच कर बोली…..

ममता: बाहर गेट लॉक है ना….?

विनय: हां…..

ममता: जा एक बार फिर से चेक करके आ……

विनय बेड से उठा और जैसे ही वो ममता के रूम से बाहर निकला तो वो तेज़ी से गेट की तरफ भागा…अभी वो गेट के पास पहुचा ही था कि, डोर बेल बज उठी…अंदर बैठी ममता ने भी डोर बेल सुनी तो, वो एक दम झुंझला सी गयी…..उसने घड़ी में टाइम देखा तो, अभी सिर्फ़ 10 बज रहे थे…..”अब इस वक़्त कॉन कम्बख़्त आ मरा……” ममता एक दम से खीजते हुए उठी और रूम से बाहर आई, जब वो रूम से बाहर आई तो, देखा कि विनय हाथ मे एक बड़ा सा बर्तन उठाए हुए, गेट की तरफ जा रहा था….

ममता: कॉन है विनय….और तू ये पतीला कहाँ लिए जा रहा है…..

विनय: वो मासी जी दूध वाला है…..

ममता: ओह्ह्ह जा जल्दी से दूध डलवा ला….

विनय बाहर गया तो, ममता भी गेट पर चली गयी…..थोड़ी देर बाद विनय भी दूध लेकर घर के अंदर आ गया…..”जा किचन में रख दे…..मैं गरम कर देती हूँ…कही खराब ही ना हो जाए…..” ममता ने गेट के कुण्डी लगाते हुए कहा…..ममता ने सोचा कि वो तो भूल ही गयी थी कि, इस वक़्त दूध वाला दूध देने आता है….ममता ने गेट लॉक किया और वही खड़े होकर मन ही मन दुआ करने लगी कि, अब कम से कम 2-3 घंटो तक कोई और ना आए…….

गेट लॉक करने के बाद ममता किचन मे गयी…..और दूध गरम करने लगी….विनय भी वही खड़ा था…..”तू क्यों यहाँ गरमी मे तप रहा है….जाकर बाहर बैठ……मैं दूध गरम करके आती हूँ…..” ममता ने दूध गरम किया, फिर किचन से बाहर निकल कर किचन का डोर बंद किया और अपने दुपट्टे से पसीना पोंछते हुए अपने रूम मे जाने की बजाए किरण के रूम में चली गयी……

क्योंकि पूरे घर में किरण के रूम में ही एक विंडो एसी था…..उसने वहाँ जाकर एसी ऑन किया और अपना पसीना सुखाने लगी…..विनय वही बाहर बैठा था……जाते हुए उसे मासी ने क्यों अपने साथ जाने के लिए नही कहा…ये सोच -2 कर वो परेशान हो रहा था….करीब 10 मिनिट बाद किरण के रूम से ममता की आवाज़ आई…..”विनय इधर आओ…..” विनय उठ कर किरण के रूम की तरफ चल पड़ा….जैसे ही वो रूम मे पहुँचा तो देखा ममता बेड पर पीठ के बल लेटी हुई थी…..उसने अपना दुपट्टा उतार कर टेबल पर रखा हुआ था….उसकी मोटी-2 चुचियाँ उसकी कमीज़ में कसी हुई, ऊपेर नीचे हो रही थी…
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07-28-2018, 12:53 PM,
#17
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ममता बेड पर लेटे हुए डोर पर खड़े विनय को देख कर मुस्कुराइ, और कामुकता भरी आवाज़ में उसे अंदर आने को कहा….”विनय अंदर आ जाओ…..” जैसे ही विनय अंदर की तरफ बढ़ा. “विनय डोर बंद कर दो एसी चल रहा है….” डोर को बंद करना है, ये सुनते ही विनय के लंड में कुछ हलचल सी होने लगी…..एक अंजान उत्सुकता उसके दिल को घेरने लगी….उसने मूड कर डोर बंद किया तो, ममता ने एक और ऑर्डर उसे दे डाला…..”विनय ये लाइट भी बंद कर दो. आँखो में चुभ रही है…..

विनय ने लाइट बंद की, और धीरे-2 बेड की तरफ बढ़ा….ममता के पास जाते हुए उसका दिल जोरो से धड़क रहा था….वो पास पहुँच कर बेड के किनारे बैठ गया…ममता पीठ के बल लेटी हुई थी….जब विनय बेड के किनारे पर बैठा तो, ममता ने उसकी तरफ करवट बदलते हुए, उसका हाथ पकड़ कर बहुत ही लरजता से कहा…..”लेट जाओ ना….ऐसे बैठे-2 थक जाओगे…..” विनय ने ममता की बात सुनी और फिर पैरो में पहनी हुई चप्पल उतार कर बेड पर पीठ के बल लेट गया…..”

मेरी तरफ फेस करके लेटो….” ममता ने उसे कंधे से पकड़ कर अपनी तरफ घूमाते हुए कहा, तो विनय खुद ही करवट लेते हुए उसकी तरफ घूम गया….

पूरे घर मे एक दम सन्नाटा छाया हुआ था…..कहाँ तो कुछ दिन पहले तक इस समय सभी बच्चे मिल कर हुड़दंग मचाया करते थे…..पर आज वही हुड़दंग विनय के मन में मचा हुआ था….आगे क्या नया होने वाला है, ये सोच-2 कर ही विनय का बुरा हाल हो रहा था….दोनो एक दूसरे की तरफ फेस किए हुए लेटे हुए थे….ममता ने विनय का हाथ पकड़ा और अपने राइट मम्मे पर रखते हुए धीरे से मस्ती भरी आवाज़ मे फुसफुसा कर कहा….”तुम्हे इन्हे छूना अच्छा लगता है ना…..?”

ममता ने उसके हाथ को अपनी चुचि पर दबाना शुरू कर दिया….विनय ने अपने गले का थूक निगलते हुए हाँ में सर हिला दिया….”फिर दबाओ ना…..जैसे उस रात को दबा रहे थे….” विनय सवालिया नज़रों से ममता की ओर देखने लगा….वो अभी डर रहा था कि, कही ममता मासी बुरा ना मान जाए…..”शियीयीयी दबाओ ना कुछ नही कहूँगी मैं….” ममता ने अपना हाथ उसके हाथ के ऊपेर से हटाते हुए कहा….तो विनय ने डरते हुए, धीरे-2 उसकी चुचि को दबाना शुरू कर दिया….ममता के पूरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गयी….

उसने विनय की कमर में अपनी बाहों को डालते हुए, उसे अपनी तरफ खेंचते हुए अपने से सटा लाया….”अहह हाआँ सबाश विनय हाआँ ऐसे ही थोड़ा सा ज़ोर से दबाओ….हां थोड़ा और ज़ोर से…..” विनय ममता की चुचियों को दबाता हुआ, उसके तमतमा रहे फेस को देख रहा था….उसकी आँखे मस्ती में बंद हो गयी थी…..और ममता धीरे-2 सिसकारियाँ भर रही थी… ममता की चूत में सरसराहट अब और बढ़ चुकी थी…उसने अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए, उसके लंड पर शॉर्ट्स के ऊपेर से रख दिया, और धीरे-2 उसके लंड को सहलाने लगी…..

विनय का सेमी एरेक्टेड लंड थोड़ी ही देर में पूरे तनाव में आ चुका था……और उसका शॉर्ट्स फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा था……”शीई विनय तुम्हे अच्छा लगता है, जब मैं तुम्हारे लंड को सहलाती हूँ….” उसने विनय के लंड को शॉर्ट्स के ऊपेर से मुट्ठी मे भरते हुए कहा…..

विनय: (काँपती हुई आवाज़ मे…) हां मासी जी…..

ममता: कितना अच्छा लगता है…..?

विनय: बहुत……

ममता: और मेरी चुचियों को दबाना…..?

विनय: और भी ज़्यादा अच्छा लगता है…

ममता: देखना चाहता है इन्हे….

विनय: हूँ…..

ममता ने विनय का लंड छोड़ा और एक दम से उठ कर बैठ गयी…..उसने जैसे ही अपनी कमीज़ को पकड़ कर ऊपेर उठाना शुरू किया, तो टीवी पर रखा उसका मोबाइल बजने लगा….वो बेड से नीचे उतरी और अपनी कमीज़ उतार कर बेड पर फेंकते हुए, टीवी की ओर बढ़ी, पीछे बैठा विनय हैरानी से ये सब देख रहा था….ममता की नंगी पीठ देखते ही उसके लंड ने झटके खाने शुरू कर दिए…..उसकी पीठ पर कसी हुई ब्रा के स्ट्रॅप्स कितने सेक्सी लग रहे थे…ममता ने जाकर अपना मोबाइल उठा कर देखा, तो उसके मायके से फोन था….

ममता: हेलो…..

दूसरी तरफ से किरण की आवाज़ आई…..

किरण: हेलो ममता कैसी हो…..?

ममता: मैं ठीक हूँ दीदी आप कैसे हो…..?

किरण: मैं भी ठीक हूँ…..मैं परसो वापिस आ रही हूँ…..कोई परेशानी तो नही है ना…..?

ममता: नही दीदी कोई परेशानी नही है…….

किरण: अच्छा विनय कैसा है….?

ममता: जी वो भी ठीक है……

किरण: ला मेरे राजकुमार से मेरे बात तो करवा….

ममता: दीदी वो तो सो रहा है…..

किरण: अच्छा चल रहने दे उसे सोने दे….सुन घर का और विनय का ध्यान रखना….

ममता: दीदी ये भी कोई कहने वाली बात है….क्या ये मेरा घर नही है…..

किरण: हां बिल्कुल तुम्हारा ही घर है…..अच्छा अब मैं फोन रखती हूँ….

ममता: ओके दीदी बाइ…..

ममता ने जलदी से फोन कट किया….और अपनी सलवार का नाडा पकड़ कर खोलते हुए उसे भी उतार दिया….अब ममता और देर नही करना चाहती थी….क्योंकि वो जानती थी कि, कभी भी कोई भी कबाब मे हड्डी बन सकता है……जैसे ही ममता अपना मोबाइल टीवी पर रख कर विनय की तरफ मूडी, तो विनय का मूह खुला का खुला रह गया…..ये नज़ारा विनय अपनी जिंदगी में पहली बार देख रहा था…..ममता गोलडेन स्किन कलर की ब्रा और पेंटी पहने उसके सामने खड़ी थी…….रूम में बेहद अंधेरा था….इसीलिए ममता ने टीवी ऑन कर दिया….और उसकी वॉल्यूम को बिल्कुल बंद कर दिया…….

वो धीरे-2 बेड की तरफ बढ़ी, और बेड पर बैठते हुए बोली….”क्या देख रहा है….कैसी लग रही हूँ मैं…..”





उसने मुस्कराते हुए कहा…. “बहुत खूबसूरत…” विनय ने वैसे ही लेटे हुए कहा, तो ममता ने अपने दोनो हाथो को पीछे लेजाते हुए, अपनी ब्रा के हुक्स खोल दिए. और फिर अगले ही पल उसने धीरे-2 ब्रा को अपने बदन से अलग करते हुए बेड पर रख दिया…ममता की 34 साइज़ की तनी हुई मोटी-2 चुचियाँ देख विनय की आँखे हैरानी से फेल गयी…..वो एक टक ममता की चुचियों को घुरे जा रहा था…..

ममता ने अपनी चुचियों पर अपने हाथों को फेरते हुए विनय की तरफ देखा और फिर धीरे से मादक आवाज़ में बोली…..”विनय तुम्हे मेरी चुचियाँ कैसी लगी…..” 

तो विनय ने हकलाते हुए झपक से बोला….”बहुत हॉट है मासी……” तो ममता मन ही मन अपनी चुचियों की तारीफ सुन कर मुस्करा पड़ी….”मासी नही ममता बोल मुझे……अब तो हम दोस्त है ना….”

विनय: जी…..

ममता: फिर बोल ना मुझे ममता….

विनय: ममता……

ममता धीरे से विनय के पास पीठ के बल लेट गयी……और उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी चुचि पर रखते हुए, धीरे से फुस्फुसाइ….”अब तुझे किस बात का इंतजार है मेरे राजा…..दबा ना इनको तुझे इन्हे दबाना अच्छा लगता है ना….” विनय ममता के ऊपेर झुक गया….उसने अपने काँपते हाथो को जैसे ही ममता की चुचियों पर रखा तो, ममता ने भी अपने दोनो हाथ उसके हाथो पर रख दिए….जैसे वो चाहती हो कि, अब ये हाथ हमेशा उसकी चुचियों से ही चिपके रहे….पिछले 6 महीने से पति के लंड के लिए तरस रही ममता, की चुचियों पर विनय के हाथ लगे ही थे कि, ममता की चूत मे तेज सरसराहट हुई, उसकी आँखे मस्ती मे बोझल होने लगी….

ममता: (सिसकते) श्िीीईई विनय दबा ना…..ज़ोर ज़ोर से जितना तेरा मन करे, जब तक तेरा दिल ना भरे अपनी ममता की चुचियों को दबाता रह…..

विनय अब थोड़ा सहज महसूस करने लगा था….उसके हाथो मे ममता की 34 साइज़ की चुचियाँ संभाले नही संभाल पा रही थी….एक बहुत ही सुखद अनुभाव विनय के हाथो से होता हुआ, उसे अपने लंड पर महसूस हो रहा था….वो भी ममता की तरह गर्म हो चुका था. और जैसे ही विनय ने पहली बार ममता की नंगी चुचियों को अपने हाथों मे भर कर दबाया तो, ममता की आँखे मस्ती मे बंद हो गयी….पूरा बदन थरथरा कर रह गया… होन्ट खुल गये…..”अहह श्िीीईईईईई विनय हाआँ मेरे जान ऐसे ही और ज़ोर से दबा ना….” ममता ने जैसे विनय से मिन्नत करते हुए कहा….


ममता की मस्ती भरी सिसकारी ने आग मे घी का काम किया, और विनय ने धीरे-2 ममता की चुचियों को दबाना शुरू कर दिया….ममता के तीखे नोक दार निपल्स विनय की हथेलियों के बीच मसले जा रहे थे……जिसके कारण ममता को अपनी चुचियों के निपल्स मे तनाव बढ़ता हुआ महसूस हो रहा था….उसकी चूत अब चीख-2 कर लंड माँग रही थी….वो एक दम मदहोश हो चुकी थी….अब उसके सबर का पैमाना उछलने को था….उसने विनय के सर को दोनो हाथो से पकड़ा, उसके होंटो को अपने होंटो से लग दिया…..

अगले ही पल ममता विनय के लड़कियों जैसे रसीले होंटो को पागलो की तरफ चूस रही थी….विनय की आँखे भी मस्ती मे बंद हो गयी थी…..करीब 2-3 मिनिट बाद, ममता ने अपने होंटो को विनय के होंटो से अलग किया, और उखड़ी हुई सांसो के साथ मस्ती भरी आवाज़ मे बोली……”मेरे शोना ओह तू भी चूस ना मेरे होंटो को….” और फिर से दोनो के होन्ट आपस मे उलझ गये….इस बार विनय ममता के होंटो को चूस रहा था…धीरे-2 नरमी से…. और ममता उसका हॉंसला बढ़ाने के लिए एक हाथ से उसके सर के बालो को और दूसरे हाथ से उसकी पीठ को सहला रही थी….

जिससे विनय धीरे-2 जोश मे आता जा रहा था….और ये सोच कर कि, ममता मासी को उसका ये सब करना कितना मज़ा दे रहा है, उसका कॉन्फिडेन्स लेवेल भी बढ़ता जा रहा था…अब ममता ने उसके ऊपेर वाला होन्ट चूसना शुरू कर दिया था….और विनय ममता का नीचे वाला होन्ट चूस रहा था….दो बदन काम की आग मे जल रहे थे…..विनय अब जोश में बढ़ता जा रहा था…उसने धीरे-2 फिर से ममता की चुचियों को फिर दबाना शुरू कर दिया था….विनय की इस हरक़त से ममता मन ही मन खुश हो गयी….आख़िर विनय ने अपनी तरफ से कोई पहला कदम उठाया था….ममता ने अपने होंटो को विनय के होंटो से अलग किया, तो विनय ने अपनी आँखो को खोल कर ममता की तरफ देखा….

ममता: (मदहोशी भरी आवाज़ मे.) विनय मेरे मम्मे चुस्स ना…..पी ले मेरा दूध….
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07-28-2018, 12:54 PM,
#18
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
ये कहते हुए, उसने विनय के सर को पकड़ कर जैसे ही उसके होंटो को अपनी चुचियों पर झुकाया तो, विनय ने भी अपने गीले होंटो मे ममता के राइट निपल को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया…..”ष्हिईीईईईईई हाईए विनय आहह हां पीजा मेरे दूध को अह्ह्ह्ह और ज़ोर से चूस मेरे मम्मे पूरा का पूरा खाली कर दे…” ममता ने सिसकते हुए, विनय को अपनी बाहों में कसते हुए अपने ऊपेर लुड़का लिया…..अब विनय ममता के ऊपेर आ चुका था. उसका लंड ममता की पेंटी की पैंटी के ऊपेर से उसकी चूत पर दस्तक दे रहा था….

जिसे महसूस करके, ममता की चूत पैंटी को अंदर से पानी बहा कर गीला कर रही थी…. उसने विनय की पीठ से उसकी टीशर्ट के अंदर हाथ डालते हुए उसकी टीशर्ट को उतारना शुरू कर दिया….और किसी आग्याकारी बच्चे की तरह विनय ने भी ममता की चुचियों से मूह हटाते हुए अपनी बाहो को ऊपेर कर लिया, ताकि ममता उसकी टीशर्ट को उतार सके…..टीशर्ट उतार कर ममता ने बेड पर फेंकी और फिर विनय के शॉर्ट्स को खेंच कर उतारना शुरू कर दिया…. 

विनय ने घुटनो के बल बैठते हुए खुद ही अपने शॉर्ट्स और अंडरवेर को उतार कर साइड में रख दिया….ममता की नज़र जैसे ही विनय के तने हुए लंड पर पड़ी, तो उसकी आँखे वासना की चमक से भर उठी…..उसने अपने दोनो हाथ नीचे लेजाते हुए, विनय के लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया, और उसके लंड को धीरे-2 सहलाते हुए विनय के चेहरे की ओर देखने लगी…

ममता: विनय उस दिन तुम्हे मज़ा आया था ना…..जब मेने तुम्हारे लंड की मूठ मारी थी..

विनय: श्िीीईईई हां मासी…..

ममता: चल आज तुझे मैं उस दिन से भी ज़्यादा मज़ा दूँगी…पर ये सब तू किसी को बताएगा तो नही…..?

विनय: (ना में सर हिलाते हुए….) नही मासी जी….

ममता: अच्छा चल तो फिर मेरी पैंटी उतार…..(ममता ने मुस्कुराते हुए विनय को कहा….)

विनय: क्या मैं….

ममता: हां तुझे ही बोल रही हूँ मेरे राजा….उतार ना….

विनय ने अपने काँपते हाथो से ममता की पेंटी को दोनो तरफ से पकड़ कर नीचे सरकाना शुरू किया तो, ममता ने खुद ही अपनी गान्ड बेड से ऊपेर उठा ली, ताकि विनय उसकी पैंटी उतार सके……विनय ने जैसे ही पैंटी को उतारा तो देखा, उसकी पैंटी नीचे से एक दम गीली थी…..ममता के काम रस की तेज सुंगध विनय के नथुनो में घुल गयी…..”इसे प्री कम कहते है….” ममता ने मुस्कुराते हुए कहा….”जब किसी लड़की या औरत को कोई लड़का या मर्द मज़ा देता है, जैसे तूने मुझे दिया है, तो उसकी फुद्दि से ऐसा गाढ़ा पानी निकलता है…..

अब विनय का ध्यान ममता की बिना झान्टो वाली क्लीन शेव्ड चूत पर गया, तो उसके बदन मे अजीब सी झुरजुरी दौड़ गयी…..”पहली कभी देखी है किसी की चूत….” ममता ने मुस्कुराते हुए कहा…..तो विनय ने अपने गले का थूक गटकते हुए ना मे सर हिला दिया… “देख ना इसे खोल कर अपने हाथो से कैसे पानी छोड़ रही है…..”

ममता ने विनय का एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रखते हुए कहा, तो विनय का हाथ अपनी चूत पर महसूस करते ही, ममता एक दम सिसक उठी…..”श्िीीईई ओह विनय…..” विनय ने एक बार मस्ती में सिसक रही ममता की तरफ देखा, और फिर अपने हाथो की उंगलियों से उसकी चूत की फांको को फेलाना शुरू कर दिया…..जैसे ही ममता की चूत का गुलाबी रस से भरा छेद विनय की आँखो के सामने आया तो, उसके लंड ने एक जबरदस्त झटका खाया. मानो ममता की चूत को सलामी दे रहा हो…….




ममता ने फिर से अपना हाथ बढ़ा कर विनय के लंड को पकड़ लिया, और उसके सुपाडे की चमड़ी पीछे सरकाते हुए, उसे अपनी चूत की फांको के बीच में जैसे ही रगड़ा तो, ममता ने सिसकते हुए, अपनी आँखे बंद कर ली….ममता की चूत की गरमी को अपने लंड के सुपाडे पर महसूस करते ही, विनय भी सिसक उठा….”अहह मासिईईईईई”

ममता: मासी नही ममता बोल ना जानू……

विनय: अह्ह्ह्ह ममता बहुत हॉट है, आपकी चूत…..

ममता: अब तू अपना लंड मेरी चूत में घुसा धीरे-2…..आराम से अंदर करना…..

ममता ने विनय के लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर सेट करते हुए कहा….तो विनय ने धीरे-2 अपने लंड के सुपाडे को ममता की चूत के छेद पर दबाना शुरू कर दिया….जैसे ही विनय के लंड का सुपाडा ममता की चूत के छेद फेलाता हुआ अंदर घुसा तो, ममता के रोम-2 मे मस्ती की लहर दौड़ गयी….उसने सिसकते हुए अपने हाथ को विनय के लंड से हटा लिया….”श्िीीई ओह विनय हां ऐसे ही अंदर करते रहो…..धीरे-2…..उंह” विनय भी अपने लंड के सुपाडे के इर्द गिर्द ममता की चूत की टाइट दीवारो को महसूस करके एक दम से सिसक उठा….




उसे अपने कुंवारे लंड के सुपाडे पर मदहोश कर देने वाली गुदगुदी महसूस हो रही थी… उसकी आँखे भी ममता की आँखो की तरह धीरे-2 बंद होने लगी थी….पर मासी ने ऑर्डर जो दिया था….और अपनी मासी जो कि अब उसकी सबसे अच्छी दोस्त बन चुकी थे…उसका कहा विनय कैसे टाल सकता था….अपने लंड के सुपाडे पर हो रही तेज सरसराहट को भी मात देते हुए, उसने अपने लंड को और अंदर की तरफ दबाया तो, विनय का आधा लंड ममता की चूत के दीवारो को खोलता हुआ अंदर जा घुसा…

ममता: ओह हाईए विनय…..तेरा लंड किन्ना सोना खड़ा है…..हाईए कर दे हुन पूरा अंदर श्िीीईईईईईईईई………

ममता ने अपनी बाहों को विनय की दोनो बगलो से निकालते हुए, उसके पीठ पर अपनी बाहों को कस लिया….दोनो नंगे जिस्म एक दूसरे से ऐसे चिपक गये…..जैसे एक ही जिस्म हो…..ममता को मज़ा आ रहा है….ये देख विनय ने खुद पर गर्व महसूस किया कि, ममता को उसका लंड अपनी चूत में लेकर मज़ा आ रहा है, तो उसने फिर से अपने लंड को चूत के अंदर धकेलना शुरू कर दिया….इस बार विनय का लंड ममता की पनियाई हुई चूत की दीवारो को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर जा घुसा….ममता के होंटो पर कामुक संतुष्टि भरी मुस्कान फेल गयी.

उसने अपनी टाँगो को उठा कर विनय की पीठ पर कस लिया….”श्िीीईईई उंह विनय हाआँ आईसीए ही लेटे रहो आहह मेरे ऊपेर…..” ममता ने मदहोश होकर विनय के गालो को चूमना शुरू कर दिया…..”हाईए विनय आज कितने दिनो बाद मेरी चूत को कितना सकून मिला है…उंह उंह…” विनय के गालो पर चुंबन झाड़ते हुए…..) ममता जानती थी कि, भले ही विनय का लंड किसी बड़े मर्द जितना बड़ा हो गया है….पर विनय चुदाई के इस खेल में कितनी देर टिक पाता है….इसका ममता को कोई अंदाज़ा नही था….वो नही चाहती थी कि, विनय उसे बीच मज़धार में ही छोड़ दे….इसीलिए वो विनय के लंड को अपनी चूत मे अच्छी तरह महसूस करके पूरी तरह गरम हो जाना चाहती थी….ताकि वो उस चर्म सुख को पा सके. जिसके लिए वो पिछले कई महीनो से तड़प रही थी……

ममता: विनय मेरे मम्मे चूसो ना….प्लीज़ मेरी जान…..तुम बहुत अच्छा चूस्ते हो…..

विनय: मासी आपको अच्छा लग रहा है….

ममता: (विनय के होंटो को चूमते हुए) हां बहुत अच्छा मेरे शोना, तुम्हे अच्छा शीईइ नही लग रहा है……

विनय: ओह्ह्ह्ह मासी बहुत गरम है आपकी ये….

ममता: अह्ह्ह्ह क्या गरम है…..और तू श्िीीई फिर से मासी क्यो क्यों बोल रहा है मेरी जान.

विनय: तुम्हारी चूत ममता…..

विनय के मूह से ये सुनते ही, ममता की चूत ने और रस टपकाना शुरू कर दिया….”हाई मेरे शोना…..तुझे अच्छा लग रहा है ना….तो मुझे भी अच्छा लग रहा है…..ले चूस ना मेरी चुचियों को…..” ममता ने विनय के सर को पकड़ कर अपनी चुचि पर झुकाते हुए कहा तो, विनय ने लपक कर ममता की चुचि को मूह में भर लिया….और ठीक बच्चों की तरफ उसके निपल को अपने होंटो में दबा -2 कर चूसने लगा….ममता ने मस्ती मे आकर तड़पते हुए अपने सर को इधर उधर पटकना शुरू कर दिया…..

ममता: ओह्ह्ह्ह विनय हाां मेरे शोना चूस ले अपनी मासी की चुचियों को अह्ह्ह्ह खा जा मेरी जान हाईए मेरी फुदी ओह…..

ममता लगातार सिसकते हुए, विनय की पीठ को तेज़ी से सहला रही थी…..विनय ममता की कभी एक चुचि को चूस्ता तो कभी दूसरी को, उसका लंड ममता की चूत की गरमी से और हार्ड हो चुका था……जिससे ममता अपनी चूत में झटके ख़ाता हुआ सॉफ महसूस कर पा रही थी….ममता अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी…..ज़रूरत थी तो, सिर्फ़ 15-20 जबरदस्त झटको की, जो कि विनय अपना लंड सुपाडे तक बाहर निकाल-2 कर अंदर करते हुए मारता….

ममता: ओह्ह्ह्ह विनय अब अह्ह्ह्ह धीरे-2 अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करो…ध्यान रखना पूरा बाहर मत निकाल लेना…

विनय ने जैसे ही ममता की ये बात सुनी, तो उसने ममता की चुचियों से अपना मूह हटा लिया और ममता की नशीली मदहोशी से भरी आँखो मे देखने लगा….तो ममता ने उसके फेस को दोनो हाथो में लेकर उसके होंटो को अपने होंटो से लगा दिया….इस बार खुद ही विनय ने ममता के होंटो को अपने होंटो में भर कर चूसना शुरू कर दिया….और अपने लंड को धीरे-2 सुपाडे तक बाहर निकाला और फिर से धीरे-2 अंदर कर दिया….”ममता अपनी चूत की दीवारो पर विनय के लंड के सुपाडे की रगड़ को महसूस करके एक दम मदहोश गयी.

उसकी आँखे पूरी तरह से बंद हो गयी……ममता ने अपने होंटो को ढीला छोड़ कर पूरा खोल दिया…तो विनय ने भी ममता के रसीले शहद जैसे मीठे होंटो के रस को अपने होंटो से दबा -2 कर चूसना शुरू कर दिया…..और साथ ही धीरे-2 अपने लंड को ममता की चूत में अंदर बाहर करने लगा…..अभी विनय ने 6-7 बार ही अपने लंड को चूत के अंदर बाहर किया था, कि ममता मस्ती मे एक दम मचल उठी….उसने अपने होंटो को विनय के होंटो से अलग करते हुए उसने सर को अपनी गर्दन पर दबा लिया और काँपती हुई आवाज़ मे बोली…..

ममता: ओह व व विनय ओह्ह्ह मेरे राजा चोद अपनी मासी को अह्ह्ह ओह्ह्ह और ज़ोर से घस्से मार…..और तेज़ी से अहह…..

ये सुनते ही विनय एक दम से जोश में आ गया….और उसने तेज़ी से अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….”ओह्ह्ह विनय य्स्स बेबी हाआँ ऐसी ही चोद डाल मुझे आहह ओह्ह्ह्ह उंह श्िीीईईईईईई हइई विनय आहह कर दे मुझे ठंडी अहह….” फिर तो विनय जैसे ही ममता की बातें सुन कर ऐसे जोश में आया कि, उसने ताबडतोड़ धक्के लगाते हुए, ममता की चूत मे उसके कामरस की नदी बहा डाली…..झाड़ते हुए ममता का पूरा बदन काँपने लगा……जब मदहोशी और मस्ती की इंतिहा हो गयी तो, ममता ने भी नीचे से झाड़ते हुए, अपनी गान्ड को खूब कस कर उछाला….और फिर एक दम काँपते हुए झाड़ कर निढाल हो गयी….

इधर विनय भी अपनी जवान से भरपूर मासी की चूत की गरमी को ज़्यादा देर बर्दास्त ना कर सका….”अहह ओह्ह्ह्ह मस्ससी ओह मेरा अहह……….” उसने अपने लंड मे तेज सनसनाहट महसूस हुई, बदन का सारा खून उसे अपने लंड की नसों मे इकट्ठा होता हुआ महसूस होने लगा….और विनय भी हुंकराते हुए ममता की चूत में झड़ने लगा….विनय का लंड अब रह-2 कर ममता की चूत मे झटके ख़ाता हुआ, अपने वीर्य की बूंदे टपका रहा था…और विनय ममता की चुचियों में अपना चेहरा रखे, अपनी उखड़ी हुई सांसो पर काबू पाने की कॉसिश कर रहा था…..
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07-28-2018, 12:54 PM,
#19
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
11

जैसे ही दोनो की साँसे दुरस्त हुई, तो विनय ममता के ऊपेर से उतर कर उसकी बगल मे लेट गया…..ममता ने उसकी तरफ करवट ली, और उसकी चेस्ट को हाथ से सहलाने लगी….”विनय कैसा लगा तुम्हे ये सब करके…..?” ममता जानना चाहती थी कि, क्या विनय ये सब दोबारा करना चाहेगा…..”बहुत अच्छा…बड़ा मज़ा आया…..”

ममता: अब बस किसी को बताना नही….ये बातें सब से छुपा कर की जाती है…जब घर मे हमारे आसपास कोई हो तो, हम ऐसे बिहेव करेंगे….जैसे आज से पहले करते थे.

विनय: ओके समझ गया…..

ममता: अब तुम्हारा दोबारा जब भी मन करेगा तो मुझे बता देना……

विनय: ओके बता दूँगा……

इतने में ममता के मोबाइल की रिंग बजी, तो ममता ने उठ कर अपना मोबाइल उठाया….. फोन अजय की दुकान से था….”हेलो हांजी जीजा जी…..”

अजय: (दूसरी तरफ से…..) वो मेने ये बताने के लिए फोन किया था कि, आज शाम 7 बजे शो की टिकेट्स मेने बुक करवा रखी है…..शीतल दीदी के घर से भी सब जा रहे है….तुम और विनय भी तैयार हो जाना…..मैं 6 बजे तक घर आ जाउन्गा…..

ममता: (दीवार पर लगी घड़ी की तरफ देखते हुए….जिसमे अभी सिर्फ़ 4 बजे थे…) ओके जीजा जी…..

अजय: वैसे वो बदमाश है कहाँ पर….मेरी बात तो करवाओ उसके साथ…..

ममता: सो रहा है…..

अजय: चल रहने दे…..थोड़ी देर बाद उठा देना..

उसके ममता ने कॉल कट की, और विनय की तरफ मुस्कुराते हुए देखा….”क्या हुआ मासी किसका फोन था…..”

ममता: तुम्हारे मामा जी का…..कह रहे थे….आज शाम को मूवी देखने चलना है….

विनय: 7 बजे वाला शो…..?

ममता: हां….पर अभी बहुत टाइम है हमारे पास…..दोबारा करना है…..?

ममता ने विनय के पास आकर बैठते हुए कहा…..तो विनय ने भी हां में सर हिला दिया… ममता के होंटो पर तेज कामुक मुस्कान छा गयी…बलि का बकरा हालाल हो चुका था…उसने विनय के ऊपेर झुकते हुए, अपने होंटो को विनय के होंटो पर रख दिया….दोनो एक दूसरे के होंटो को चूसने में मस्त थे कि, तभी बाहर डोर बेल बजी…..ममता एक दम से हड़बड़ा गयी….”हाई अब कॉन आ गया…..” ममता ने जल्दी से अपने सर कपड़े समेटे….और विनय को कहा कि, वो जल्दी से अपनी टीशर्ट और शॉर्ट्स पहन कर बाहर का गेट खोले….वो अपने रूम में कपढ़े पहनने जा रही है……

विनय ने एक ही मिनिट में अपने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहनी, और भागता हुआ बाहर गेट की तरफ चला गया…..जब विनय ने जाकर गेट खोला तो, देखा सामने पिंकी और अभी खड़े थे…दोनो बेहद खुश लग रहे थे….शायद उन्हे भी पता चल चुका था कि, सब लोग शाम को मूवी देखने जा रहे है…..”विनय भैया पता है….पापा का फोन आया था…..बोल रहे थे कि, हम सब मूवी देखने जा रहे है शाम को आप भी…..”

विनय: हां मुझे पता है….

पिंकी: कैसे…..?

विनय: मामा जी का भी फोन आया था….

फिर तीनो अंदर आ गये….थोड़ी देर बाद ममता भी कपड़े पहन कर जब रूम से बाहर आई तो, पिंकी और अभी को देख कर दाँत पीसने लगी….कि इनको इतनी धूप में भी चैन नही है…..सारा मज़ा किरकारा कर दिया….इन आफ़ात की पूडियों ने….खैर ममता को मन मारना पड़ा, शाम को सब लोग मूवी देखने चले गये…..रात को खाने के वक़्त मामा ने बताया कि, कल किरण वापिस आने वाली है…..ममता को ये सुन कर बुरा तो लगा, पर आख़िर किरण को अपने घर तो वापिस आना ही था…..

उस रात मामा विनय के साथ उसके रूम मे सो गये…..विनय को प्यार जो बहुत करते थे….अगली सुबह भी अजय ने ममता को जल्दी उठा दिया….ममता ने अपने जीजा के लिए ब्रेकफास्ट बनाया और फिर लंच पॅक करके दिया….अजय के जाने के बाद ममता ने गेट बंद किया और फिर से अपने रूम मे आकर सो गयी…..जब आँख खुली तो 10 बज चुके थी….वो जल्दी से उठी, और विनय के रूम में गयी, तो देखा विनय अभी तक सो रहा था….उसने विनय के पास जाते हुए आवाज़ लगा कर विनय को उठाया……..

और जैसे ही विनय उठा तो, ममता ने झुक कर उसके होंटो पर हल्का सा चुंबन झाड़ दया…. “गुड मॉर्निंग शोना…..” उठ जाओ….मैं ब्रेकफास्ट बनाने जा रही हूँ….फ्रेश होकर डाइनिंग टेबल पर आ जाओ….करीब 11 बजे दोनो ब्रेकफास्ट करके फ्री हुए तो, ममता झूठे बर्तन उठा कर किचन मे चली गयी……तभी बाहर डोर बेल बजी, तो ममता ने विनय को गेट खोलने के लिए कहा…..जब विनय ने जाकर गेट खोला तो सामने किरण खड़ी थी……विनय को देखते ही मामी के होंटो पर ममता भरी मुस्कान उमड़ आई, उसने विनय को अपने सीने से लगा लिया.

पहले भी कई बार किरण विनय को दुलारते हुए गले से लग लेती थी……और विनय ने भी आज तक ऐसा कभी महसूस नही किया था….जो वो आज कर रहा था….किरण की 38 साइज़ की बड़ी-2 चुचियाँ जो ममता से कही ज़्यादा बड़ी थी….विनय को अपने गालो पर दबति हुई महसूस हुई, तो उसके बदन मे वही अजीब सी सरसराहट दौड़ गयी, जो उसे ममता की चुचियों को छूते वक़्त हुई थी…..”कैसा है मेरा राज कुमार…..” किरण ने विनय के माथे पर चूमते हुए कहा…

विनय: मैं ठीक हूँ…..आप कैसे है…..और वैशाली कहाँ है…..?

किरण: वो….उसे तो आते ही रिंकी ने रोक लिया…..

विनय: (किरण के हाथ से एक बॅग लेकर उठाते हुए) लाइए मामी मैं लेजाता हूँ अंदर…..

ममता भी किरण की आवाज़ सुन कर बाहर आ गयी….और बाहर से वशाली भी अंदर आ गयी. वशाली और विनय दोनो ही हम उम्र थे…..इसीलिए दोनो में बेहद लगाव था….हां हालाकी वशाली थोड़ी तुनक मिजाज़ की थी….छोटी-2 बातों पर भड़क जाती थी…..खैर मामी और वशाली अंदर आए तो, ममता ने उनके लिए चाइ पानी का इंतज़ाम किया….

नाश्ता करने और थोड़ी देर आराम करने के बाद ममता अपनी बेहन किरण के साथ अपने भाई की शादी को लेकर मसरूफ़ हो गयी….क्या हुआ क्या-2 खरीदा कितनी तैयारी हो गयी….वग़ैरह-2. किरण ने बातो-2 में ममता को बताया कि, मम्मी पापा कह रहे थे कि, ममता का कॉलेज जब तक शुरू नही हो जाता. तब तक वो वहाँ आ जाए…..अभी शादी की बहुत सारी शॉपिंग करनी बाकी है……एक तरफ भाई की शादी की खुशी थी…..और दूसरी तरफ अपने नये प्रेमी से बिछड़ने का दुख भी था…..अभी-2 तो उसने विनय के साथ पहली चुदाई का सुख लिया था…..

किरण मामी के घर आ जाने से मानो घर में रौनक लौट सी आई थी…….पर अब विनय को ये रौनक कहाँ अच्छी लगती थी…..उसे तो बस तनहाई पसंद थी….वो भी ममता के साथ. जो अब मामी के आने के बाद उन्हे बेहद मुस्किल से मिलने वाली थी….उस दिन घर में खूब चहल पहल रही….शीतल भी घर आई अपने बच्चों के साथ….शादी को लेकर तीनो आपस में बातें करती रही…..

विनय हमेशा इस तलाश में रहता कि, उसे ममता के साथ अकेले रहने के लिए कुछ पल ही मिल जाए……वो तरसती निगाहो से ममता को घूर रहा था….और ममता भी उसके आँखो में छुपी हुई तड़प को देख कर मन ही मन मुस्कुरा रही थी…..एक जवान औरत या लड़की को इससे ज़यादा और क्या चाहिए…..कि एक जवान लड़का कैसे उसके आगे पीछे चक्कर लगा रहा है. वो कई बार विनय की तरफ देख कर अपने होंटो को अपने दाँतों में दबा कर उसे कामुक इशारा करती, तो ममता की नज़रें विनय के दिल को चीर जाती……

विनय का बेहद बुरा हाल था……घर में रहा तो, दिमाग़ ही खराब हो जाएगा….ये सोच कर विनय घर से बाहर निकल गया……कुछ देर दोस्तो के साथ घूमता रहा…..पर फिर जब वो घर को वापिस आने लगा तो, रास्ते में जब अपने स्कूल के सामने से गुज़रा तो, स्कूल के छोटे गेट के बाहर खड़े पीयान रामू ने उसे आवाज़ देकर अपने पास बुला लिया…..जब विनय उसके पास गया तो, रामू ने विनय से हाथ मिलाते हुए कहा……

रामू: क्यों विनय बाबू किधर घूम रहे हो……?

विनय: कुछ नही ऐसे दोस्तो के पास से आ रहा हूँ……

रामू: यार कामाल हो इतने दिनो से यहाँ आए भी नही…..आओ अंदर चलते है…..

विनय: नही -2 मुझे देर हो रही है……

रामू: अर्रे विनय बाबू आओ भी ना…..एक बहुत ज़रूरी बात करनी है……

विनय: नही मुझे सच में देर हो रही है….जो भी कहना है यही कह दो….

रामू: देख लो विनय बाबू……एक मस्त चीज़ बतानी थी तुमको….वरना बाद मे हाथ मलते रह जाओगे……

विनय के मन में अजीब सी हलचल हुई, आख़िर ऐसी क्या बात है……जो रामू उसकी इतनी मिन्नतें कर रहा है…..विनय कुछ सोच कर रामू के साथ अंदर आ गया….रामू ने गेट बंद किया….और उसे स्कूल की बिल्डिंग के पीछे बने हुए, अपने रूम्स की तरफ लेजाने लगा…..एक बार फिर से अंजानी उत्सुकता ने विनय के दिल को घेर लिया था….”आइए विनय बाबू अंदर आईए…..” रामू ने रूम के डोर पर पहुँचते हुए विनय से कहा….और फिर अंदर चला गया……जैसे ही विनय उस रूम में दाखिल हुआ, तो उसकी नज़र नीचे बैठी एक औरत पर पड़ी…..जो नीचे रखे हुए गॅस स्टोव पर रात के लिए सब्जी बना रही थी…..

उस औरत का रंग सांवला था…..एक दम गदराई हुई थी….उसने अपनी साड़ी को अपने घुटनो तक उठा रखा था…..उसके साँवले रंग की सुडोल पिंदलियाँ सॉफ दिखाई दे रही थी…. जैसे ही उस औरत ने विनय को रामू के साथ अंदर आते हुए देखा तो उसके माथे की थ्योरियाँ चढ़ गयी…….”अब ये किसे उठा लाया है तू…..दोपहर को तेरा जी नही भरा….” उस औरत ने मूह मे भुन्भुनाना शुरू कर दिया…..”पता नही इसको कहाँ-2 से ऐसे छोकरे मिल जाते है…”

रामू: अर्रे भगवान ये हमारे स्कूल में पढ़ते है…..विनय बाबू….

औरत: स्कूल में पढ़ते है, तो यहाँ कॉन से तेरे बाप ने क्लास खोल रखी है….जो तू इसे यहाँ उठा लाया…..

रामू ने देखा कि उसकी पत्नी का मूड उखड़ा हुआ है तो, उसने विनय की तरफ मुस्कुराते हुए देख कर कहा…..”विनय बाबू आप चलिए मेरे साथ….” विनय समझ चुका था कि, ये औरत रामू की पत्नी है…..पर वो उस पर इतना क्यों भड़क रही है…..विनय की समझ में नही आ रहा था….जैसे ही दोनो रूम से बाहर आए तो, रामू ने विनय के सामने थोड़ा सा मुस्कुराते हुए कहा….”वो मेरी पत्नी है….कुछ ही दिन पहले गाओं से आई है….आज सुबह-2 ही इसके साथ झगड़ा हो गया था….तो इसलिए कुछ गरम है….अच्छा जो मैं कहना चाहता था. वो अभी नही बता सकता…..लेकिन आप कल ज़रूर आइयेगा……सच में बहुत ज़रूरी बात है……

विनय: ठीक है अब मैं जाऊ….बहुत देर हो रही है….

रामू: हां विनय बाबू आइए मैं आपको बाहर छोड़ देता हूँ…..

उसके बाद रामू ने विनय को स्कूल से बाहर छोड़ दिया…..और गेट बंद करके फिर से अपने रूम में चला गया….
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07-28-2018, 12:54 PM,
#20
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
12


रामू गेट बंद करके, जैसे ही अपने रूम में पहुँचा तो, उसकी पत्नी अंजू उस पर बरस पड़ी……”क्यों रे तेरी गान्ड मे फिर से कीड़े रेंगने लगे….जो तू उनको शांत करने के लिए इसको बुला लाया था……पूरी दोपहर तू उस छोकरे के साथ पीछे कमरो मे गान्ड मरवाता रहा….फिर भी तेरा दिल नही भरा….जो एक और नया लड़का ढूँढ लाया……

रामू: ओहो अंजू तुम भी ना…..कुछ बोलने से पहले एक बार कुछ सोच समझ तो लिया करो… किसी के सामने कुछ भी बकती है तू भी….साली जब देखो रंडी की तरह मूह से आग उगलती रहती है…अर्रे बोलने से पहले ये तो जान लेती कि, वो कॉन है…..

अंजू: क्यों किसी मिनिस्टर की औलाद है काया….?

रामू: नही मिनिस्टर के औलाद नही है…..पर वो ऐसा लड़का भी नही है समझी…..मेरी तो मति ही मारी ही गयी थी…..जो मेने तेरे बारे मे सोचा….

अंजू: (मूह बनाते हुए) अबे हिजड़े अगर मेरे बारे मे सोचता होता तो, आज तक मैं 5 बच्चों की माँ बन चुकी होती….पर तुझे तो बस तेरी गान्ड मे नये-2 लौन्डो का लंड चाहिए…..(अंजू बर्तन पर बन रही सबाज़ी की तरफ देखते हुए बोली….)

रामू: देखा-2 साली रांड़ का अभी भी मूह बंद नही हो रहा…….अब भगवान ने मुझे ऐसा बनाया है तो इसमे मेरा क्या कसूर…..साली तेरे चक्कर में मेने उसका कोरा लंड आज तक अपनी गान्ड मे नही लिया……

अंजू: (बेलन उठा कर रामू को दिखाते हुए) आबे गान्डू चुप कर…….सब जानती हूँ…..साला नमार्द कही का…तू क्या खाक सोचेगा मेरे बारे मे….

रामू: साली छिनाल तुझसे मिलवाने लाया था मैं उसको……

अंजू: (रामू की बात सुन कर हैरान होते हुए) क्या मुझसे मिलवाने….क्यों…..ओह्ह्ह अच्छा-2 कही वो भी तेरी तरह गान्डू तो नही है…..कि इसीलिए तू मुझे उससे मिलवा कर ये दिखाना चाहता था कि, देख इस दुनाया में मै ही अकेला गान्डू नही हूँ…..

रामू: साली सीधी बात तो तुझे समझ ही नही आती….तू सुन छिनाल रंडी ये ये इतना लंबा लंड है उसका…..साला कसम से जब खड़ा होता है, तो…….(रामू बोलते-2 चुप हो गया….)

अंजू हैरानी से रामू के हाथ की तरफ देख रही थी…..जिससे उसने विनय के लंड की लंबाई को हाथ से बताया था…..”क्या इतना बड़ा….तो साले मादरचोद अब तक तूने उसे छोड़ कैसे दिया…” अंजू ने साड़ी के ऊपेर से ही अपनी चूत को खुजाते हुए कहा….”तेरे लिए छोड़ दिया. साली एक दम कोरा लंड है……एक दम मस्त….तू रात को मुझे तंग करती रहती है…..साली ने लंड के चुप्पे लगा-2 कर मुरझा दिया है…..

अंजू: (शर्मा कर मुस्कुराते हुए) कहाँ अब कहाँ लगाने देते हो तुम…..15 दिन हो गये…. चूत में जाने लायक तो तुम्हारा खड़ा होता ही नही….

रामू: देख अंजू……लड़का एक दम कोरा है….जवान है…..और मुझसे खुला हुआ भी है….हर तरह की बात हम आपस मे कर लेते है….साली तेरी चूत के लंड का इंतज़ाम किया था….और तूने अपनी भयानक आवाज़ सुना कर भगा दिया…

अंजू: क्या सच मे उस लड़के का लंड इतना बड़ा है…..

रामू: कसम मुझे अपनी गान्ड के कीड़ों की…..साली लंड तो मस्त है उसका…..हां पर है कच्चा खिलाड़ी…..मेने अपनी आँखो से देखा है उसका लंड….पकड़ा भी है….बोल क्या कहती है…..

अंजू: अब तुम मुझे स्कूल के बच्चे से चुदवाओगे…..

रामू: साली अब नखरे मत कर…..ऐश करेगी….

अंजू: वो तुम्हारी पत्नी को चोदेगा और तुम्हे बुरा नही लगेगा…..

रामू: देख मैं तुम्हे वो सुख नही दे सकता…..जो एक पति अपनी पत्नी को देता है….पर तुझे वो सुख दिलवा तो सकता ही हूँ…..मुझे क्या ऐतराज होगा….हां पर इसके बदले में मुझे भी कुछ चाहिए…..

अंजू: हां बोल क्या चाहिए….

रामू: देख आज के बाद तू मुझे दोबारा कभी नही रोकेगी…..

अंजू: वो तो बाद की बात है….पहले ये तो देख लूँ कि जितनी तारीफ तू उसके लंड की कर रहा है…..उसमे सच मे इतना दम है भी या नही…..

रामू: है मेरी जान है…..

अंजू: चल अगर तेरे बात सही हुई तो, फिर तुम्हे कभी किसी बात के लिए नही रोकूंगी….

रामू: और मुझ पर गुस्सा भी नही करोगी…..


दूसरी तरफ जब विनय घर पहुँचा तो, शाम के 7 बज चुके थे……उसकी मामी बाहर गेट पर ही खड़ी थी….शायद वो विनय को ही ढूँढ रही थी…..जैसे ही उसने विनय को देखा तो उसने राहत के साँस ली…..”कहाँ चला गया था तू….कब से तुम्हे ढूँढ रही हूँ…..कितना वक़्त हो गया है….”

विनय: वो मामी अपने दोस्त के घर चला गया था….

किरण: दोस्त के घर चला गया था…..और ये तूने अपनी क्या हालत बना रखी है…चल अंदर चल कर हाथ मूह धो ले….ऐसे ही मत घुमा कर……

विनय अंदर चला गया……और जाते ही बाथरूम में घुस गया…..फ्रेश होकर बाहर आया, और वशाली के साथ बैठ कर टीवी देखने लगा…..रात के 9 बजे करीब सब ने खाना खाया और ममता वशाली और विनय के साथ ऊपेर छत पर जाने की तैयारी करने लगी…वशाली विनय और ममता ने अपने-2 बिस्तर उठाए और एक के पीछे एक लाइन से चलते हुए ऊपेर जाने लगे….. सबसे आगे वशाली चढ़ रही थी….उसके पीछे ममता और लास्ट में अपना विनय. ममता जानबूज कर कुछ धीरे धीरे सीढ़ियाँ चढ़ रही थी….वशाली सबसे पहले ऊपेर पहुँची, और अपना बिस्तर रख कर बिछाने लगी….तब तक विनय और ममता भी ऊपेर आ गये और बिस्तर बिछाने लगे….

ममता ने देखा कि वशाली अपना बिस्तरा लगा चुकी है…..”वशाली बेटा एक काम कर तू नीचे से पानी की बॉटल ले आ….नही तो प्यास लगने पर नीचे जाना पड़ेगा रात मे….” ममता ने अपने बिस्तर को जल्दी -2 बिछाते हुए कहा…

वशाली: ठीक मासी जी ले आती हूँ….

और जैसे ही वशाली सीढ़ियों से नीचे उतरी तो ममता तेज़ी से सीडयों की तरफ गयी….और कुछ सीढ़ियाँ नीचे उतर कर, उसने विनय को आवाज़ दी….जब विनय ने ममता की तरफ देखा तो वो कामुकता के साथ मुस्कुराते हुए उसे अपने पास आने का इशारा कर रही थी…..विनय भी तो कब से तड़प रहा था….वो तेज़ी से उठा और सीढ़ियों पर दो कदम नीचे उतर कर ममता के सामने जाकर खड़ा हो गया….ममता ने एक बार फिर से नीचे की तरफ नज़र डाली और फिर एक दम विनय को अपने बाहों में भरते हुए, अपने से चिपका लिया….और उसके गालो और माथे पर चूमते हुए बोली….”ओह्ह्ह मेरे शोना कहाँ था सारा दिन….पता है इतना अच्छा मोका था आज…..दीदी और वशाली शीतल दीदी के घर गये थे….आधे घंटे बाद वापिस आए….पर तू पता नही कहाँ गायब हो गया था….”

विनय: वो मैं तो दोस्त के घर चला गया था….

ममता: चल वो सब छोड़……आज अपनी दोस्त को प्यार कर ले…..कल तो मैं घर जा रही हूँ….

विनय: (चोन्कते हुए) क्या कल घर जा रही हो आप…..?

ममता: हां मम्मी पापा ने बुलाया है…..चल वो सब बाद में बात करेंगे…..

ये कहते हुए ममता ने अपने सुर्ख रसीले होंटो को विनय के होंटो से लगा दया…..जैसे ही विनय के मूह मे ममता के सुर्ख होन्ट का रस घुला, तो उसकी आँखे मस्ती मे बंद होती चली गयी…..आँखे तो ममता की भी बंद होने लगी थी….पर वशाली कभी भी ऊपेर आ सकती थी…विनय ने कुछ ही पॅलो मे ममता के होंटो को अपने होंटो मे दबा-2 कर चूसना शुरू कर दिया…..उसका लंड उसके शॉर्ट मे एक दम तन चुका था…..जिसे ममता अपनी सलवार के ऊपेर से अपनी चूत पर रगड़ ख़ाता हुआ सॉफ महसूस कर पा रही थी…..ममता का दिल तो कर रहा था कि, वो अभी अपनी सलवार उतार कर विनय के लंड को चूत में घुसवा ले, और विनय उसके जबरदस्त चुदाई करे…..

पर समय इसकी इजाज़त नही दे रहा था…..विनय के हाथ खुद ब खुद ही, ममता के कुर्ते के ऊपेर से उसकी चुचियों पर आ चुके थे….और जैसे ही विनय ने ममता की चुचियों को अपने हाथो मे लेकर दबाया तो, ममता के रोम-2 में मस्ती की लहर दौड़ गयी…..पर तभी उसे किसी के सीढ़ियों पर चढ़ने की आवाज़ आए तो, वो एक दम से विनय से अलग हो गयी… “लगता वशाली ऊपेर आ रही है….दोनो वापिस ऊपेर जाकर बिस्तरों पर बैठ गये…

नीचे बिस्तर पर बैठ कर, कुछ देर वो ऐसे ही इधर उधर की बातें करते रहे….अजय अभी तक नही आया था….तीनो रात के 10 बजे तक आपस में बातें करते रहे….फिर धीरे-2 सब को नींद आने लगी….अजय कब आया उन तीनो को पता नही चला….सुबह-2 5 बजे का वक़्त था….आज आसमान मे घने बदल छाए हुए थे….बेहद ठंडी हवा चल रही थी……ऊपेर से कूलर की ठंडी हवा से कूलर के सबसे नज़दीक लेटी वशाली की नींद खुल गयी….

ऊपेर हल्की-2 सर्दी लग रही थी……इसीलिए वो उठ कर नीचे जाने लगी….और जैसे ही उसने नीचे जाने के लिए सीढ़ियों का डोर खोला तो, उसकी आवाज़ सुन कर ममता भी जाग गयी….उसने अपनी अध खुली नींद से भरी आँखो से सीढ़ियों के डोर की तरफ देखा….जहाँ से वशाली नीचे उतर गयी…..उसने थोड़ी देर वेट किया और फिर सीढ़ियों के डोर पर जाकर नीचे देखा. वशाली नीचे जा चुकी थी….उसने जल्दी से सीढ़ियों के डोर को फिर से लॉक किया…..और तेज़ी से विनय के पास आकर नीचे बैठते हुए उसके गालो को थपथपाते हुए जगाना शुरू कर दिया…..
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