Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
07-28-2018, 01:03 PM,
#71
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
दोनो एक दूसरे के होंटो को चूस्ते हुए, अपने प्यार का इज़हार एक दूसरे से कर रहे थे, और जब विनय अपना लंड किरण की चूत से बाहर निकाल कर दोबारा अंदर पेलता, तो किरण अपनी जांघों को फेला कर अपनी गान्ड को ऊपेर उठा कर फिर से विनय के लंड को अपनी चूत मे लेने के लिए आतुर हो उठती….और जब विनय का लंड फिर से किरण की चूत की गहराइयों मे जाता, तो किरण अपने दोनो हाथों से विनय के चुतड़ों को दबा कर उसके लंड पर अपनी चूत को और दबा देती…..

उसकी चूत की दीवारे विनय लंड को अंदर ही अंदर कस कर छोड़ रही थी….मानो जैसे उसके लंड को मथ रही हो……किरण की चूत की गरमी को अपने लंड पर महसूस करके, विनय भी मदहोश हुआ जा रहा था…..हर धक्के के साथ विनय की स्पीड बढ़ रही थी, और किरण भी मस्ती मे अपने होंटो को चुस्वाते हुए, उसकी लय में अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उछाल कर विनय का लंड अपनी चूत की गहराइयों में लेने की कॉसिश कर रही थी……

अब विनय पूरे जोश मे आ चुका था…..उसने अपने होंटो को किरण के होंटो से अलग किया, और उसकी जांघों के बीच बैठते हुए, ताबडतोड़ धक्के लगाने लगा…..विनय के लंड के तबडतोड़ धक्को ने किरण की चूत की दीवारों को बुरी तरहा रगड़ कर रख दिया…..उसके पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी……..

किरण : (अपनी चुचियों के निपल्स को अपने हाथों से मसलते हुए) आहह आह विनय धीरे कर ओह्ह्ह मर गइईए रीई धीरे बेटा ओह अहह उंह और बहुत मज़ा आ रहा है विनय ओह्ह्ह्ह धीरे बेटा अहह अह्ह्ह्ह चोद मुझे अहह

विनय: आह चोद तो रहा हुन्न्न्न्न्न अहह अह्ह्ह्ह

किरण ने अपनी सिसकियों को दबाने के लिए अपने होंटो को दाँतों के बाच मे दबा लिया….और तेज़ी से अपनी गान्ड को ऊपेर की और उछलते हुए झड़ने लगी……विनय के लंड ने भी उसकी चूत की दीवारों को भीगो कर रख दिया….झड़ने के बाद विनय किरण के ऊपेर निढाल होकर गिर पड़ा…..

सुबह के 5 बज चुके थे….किरण आज काफ़ी दिनो के बाद झड़ने के कारण काफ़ी हल्का महसूस कर रही थी….विनय और किरण दोनो गहरी नींद मे सो रहे थे कि, तभी बाहर हॉल की लाइट ऑन हुई और बाहर की हलचल की आवाज़ सुन कर किरण की नींद टूटी. वो बेड पर उठ कर बैठ गयी….उसने अपनी कमर पर चढ़े हुए पेटिकोट को ठीक किया. और बेड से नीचे उतर कर अपने ब्लाउस के हुक्स बंद करते हुए, लाइट ऑन की. लाइट ऑन करने के बाद किरण ड्रेसिंग टेबल के सामने जाकर खड़ी हो गयी….और अपने आप को मिरर में देखने लगी कि, कही उसके चेहरे पर कोई निशान तो नही है…

अभी किरण आईने मैं ही देख रही थी कि, विनय ने एक दम से उठ कर पीछे से बाहों में भर लिया….और उसके गालो पर अपने होंटो को रगड़ने लगा…”सीईईई ओह्ह्ह विनय कब उठे तुम….?” किरण ने मस्ती में सिसकते हुए कहा….”अभी उठा हूँ…” विनय ने अपने दोनो हाथो को आगे लाकर किरण के ब्लाउस के ऊपेर से उसकी चुचियों को मसलते हुए कहा…तो किरण के पूरे बदन में झुरजुरी से दौड़ गयी….” विनय सुबह हो गयी है…सब लोग उठने वाले होंगे….मुझे सब के लिए चाइ नाश्ता भी तैयार करना है….” किरण ने विनय की तरफ घूमते हुए कहा….

विनय: मामी इतनी जल्दी कोई नही उठेगा…..कल रात भी एक बार ही किया था….प्लीज़ एक बार और करने दो ना….

विनय लगातार किरण की चुचियों को मसल रहा था….जिसके कारण किरण भी मदहोश होती जा रही थी….उसने अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए अपने पेटिकोट का नाडा पकड़ कर खोल दिया…जैसे ही पेटिकोट का नाडा खुला पेटिकोट उसके कमर से सरकता हुआ नीचे फर्श पर जा गिरा…अगले ही पल किरण विनय के सामने नीचे पैरो के बल बैठ गयी…और उसके शॉर्ट्स को दोनो तरफ से पकड़ कर खेंचते हुए उसके बदन से अलग करके फेंक दिया….

किरण किसी भूखी कुतिया की तरह विनय के लंड पर टूट पड़ी….उसने विनय के लंड को हाथ में लिया….और अगले ही पल उसने विनय के लंड के गुलाबी सुपाडे को अपने होंटो मे भर कर चूसना शुरू कर दिया…उसने अपने होंटो को विनय के लंड पर दबा कर अपने सर को आगे पीछे करना शुरू कर दिया…विनय की आँखे मस्ती मे बंद हो गयी… खड़े-2 उसके पैर काँपने लगी….किरण अब पूरे जोश के साथ विनय के लंड के चुप्पे लगा रही थी….और विनय मस्ती मे आहह आहह कर रहा था. फिर किरण ने विनय के लंड को मूह से बाहर निकाला…और उसके लंड के सुपाडे को अपने दाँतों से कुरेदा…तो विनय एक दम से मचल उठा…

उसने किरण के सर को दोनो हाथो से कस के पकड़ लिया….किरण ने अपनी आँखो को ऊपेर उठाते हुए उसकी ओर देखा..और फिर विनय की आँखो मे देखते हुए, अपनी लाल रसीली जीभ को बाहर निकाल कर लंड के सुपाडे के चारो तरफ फेरा. विनय की आँखे एक बार फिर कुछ पलों के लिए बंद हो गयी…ये सब करते हुए, किरण विनय के चेहरे को देख रही थी….विनय ने फिर से आँखे खोल कर किरण की ओर देखा…तो उसने इस बार विनय की आँखो मे देखते हुए, विनय के लंड को थोड़ा सा ऊपेर उठाया…और फिर अपनी जीभ को नोकदार बना कर विनय के लंड के पेशाब वाले छेद पर रगड़ने लगी….
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07-28-2018, 01:03 PM,
#72
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
मामी की इस हरक़त से विनय एक दम से मचल उठा….उसने किरण के कंधो को पकड़ कर ऊपेर उठाया और पीछे बेड की तरफ धकेल दिया…और अपने लंड को मुट्ठी मे भर कर मूठ मारने वाले अंदाज़ मे हिलाते हुए, किरण की ओर देखने लगा… किरण ने भी अपनी वासना भरी आँखो से देखते हुए, अपने ब्लाउस के हुक्स को फिर से खोलना शुरू कर दिया…

ये सब किरण बड़ी ही अदा के साथ कर रही थी….वो जान बुझ कर अपने ब्लाउस को खोल रही थी….और विनय की बेकरारी को देख कर मुस्करा रही थी….पर जैसे ही उसकी नज़र विनय के लंड पर पड़ी. तो उसकी चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया….विनय भी बेड पर चढ़ गया. उसने अपनी बेताबी दिखाते हुए, किरण की दोनो टाँगो को घुटनो से पकड़ कर ऊपेर उठा दिया….

किरण की चूत का कुलबुलाता हुआ रसीला छेद विनय की आँखो के सामने आ गया…विनय ने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर लंड के सुपडे को किरण की चूत की फांको की लाइन के बीच मे रगड़ा तो, किरण एक दम से सिसक उठी. उसने सिसकारी भरते हुए, अपने सर के नीचे रखे तकिये को कस के पकड़ लाया….और अपनी गहरी नशीली आँखो से विनय की ओर देखते हुए, अपने थरथरा रहे होंटो से कहा….

किरण: हइई विनय तेरे लंड तों अहह फदड दी मेरी फुद्दि ….

विनय ने किरण की बात सुन कर जोश में आते हुए, अपने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर जैसे ही दबाया….किरण को महसूस हुआ कि, उसकी चूत का छेद किसी इलास्टिक की तरहा खिंच कर खुल गया हो….आज तक उसे अपनी चूत का छेद इस तरहा खुला हुआ महसूस नही हुआ था..विनय के लंड का सुपाडा बुरी तरहा से उसके छेद में फँस गया था…

और किरण को अपनी चूत के छेद विनय के लंड पर कसा हुआ सॉफ महसूस हो रहा था….विनय ने दो तीन बार अपने लंड को किरण की चूत मे आगे पीछे किया..जिससे विनय के लंड का सुपाडा किरण की चूत से निकल रहे कामरस से एक दम भीग गया….विनय के लंड का सुपाडा अब धीरे-2 किरण की गहराइयों मे घुसने लगा…किरण को अपनी चूत की दीवारे बुरी तरह फेली हुई महसूस हो रही थी….

जैसे ही विनय का पूरा लंड किरण की चूत मे समाया तो, किरण को अपनी चूत आख़िरी हिस्से तक भरी हुई महसूस हुई…किरण विनय के लंड को अपने अंदर महसूस करके एक दम मस्त हो गयी थी…उसके पूरा बदन थरथरा कांप रहा था….और रह-2 कर झटके खा रहा था…” हाई विनय तेरा लंड इतना आह बड़ा कैसे हो गया…आह मार ना फुद्दि मेरे पुत्तर आह तेरे को लंड देखते ही मेरी फुद्दि ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया है..

विनय ने भी किरण की नाइटी को पकड़ कर उसके बदन से अलग कर दिया…अब दो नंगे जिस्म एक दूसरे से चिपके हुए थे….और विनय अपना मुनसल सा लंड किरण की चूत की गहराइयों मे ठोक रहा था…”हाई मर गयी आह उंह विनय तेरा लौडा अहह आहह आह आह हाई मेरी फुद्दि फाड़ दी…अह्ह्ह्ह उंह सीईईई सीईइ स स विनय मेरी फुद्दि फॅट गयी….”

जैसे ही विनय पूरी ताक़त से अपना लंड किरण की चूत की गहराइयों मे उतरता. किरण बुरा सा मूह बना कर हाए-2 करने लगती… उसके चेहरे पर से सॉफ झलक रहा था कि, किरण को सच मे विनय के लंड को लेने मे तकलीफ़ हो रही है….पर इस दर्द के साथ किरण आज मज़े की उन वादियों मे घूम रही थी…जिसकी उसने आज तक कल्पना भी नही की थी…कि उसे कोई इस तरह सुबह के 5 बजे भी उठ कर चोदने के लिए उतावला हो सकता है…
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07-28-2018, 01:04 PM,
#73
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
चुदाई का ये दौर करीब 15 मिनिट तक चला….जब दोनो झड कर शांत हुए तो, दोनो ने जल्दी-2 अपने कपड़े पहने और बेड पर लेट गये…किरण करीब 6 बजे तक बेड पर लेटी रही….और फिर 6 बजे उठ कर बाहर आई….किरण फ्रेश होकर सुबह के नाश्ते की तैयारी करने मे जुट गयी….दो दिन बाद शादी थी….इसलिए घर मे मेहमानो का ताँता लगा हुआ था…इसी दौरान शादी के काम काज और भाग दौड़ मे किरण प्रेग्नेन्सी रोकने वाली टॅब्लेट्स खाना भी भूल गयी….और घर मे मेहमानो और शादी का समान इधर उधर बिखरे होने के कारण वो टॅबलेट भी पता नही कहाँ खो गयी थी….पर मसरूफयत की वजह से किरण ने उस और ध्यान ही नही दिया….

उस रात भी किरण ने विनय से दो बार और चुदवाया….शादी का दिन आ गया….शादी बहुत धूम धाम से हुई….शादी के अगले दिन उनके घर मे पार्टी थी….इसी तरह मोज मस्ती मे 4 दिन गुजर गये….किरण के दिमाग़ से ये बात निकल ही चुकी थी कि, उसने गरभ निरोधक टॅब्लेट्स नही ली है….इस बीच किरण का भाई शादी के बाद एक बार फिर से किरण के घर आया….जशन सा महॉल था…इन 15 दिनो मे….किरण और विनय की वासना बढ़ती जा रही थी….उन्हे जब भी मोका मिलता दोनो चुदाई का खेल खेल लेते. दिन पर दिन गुजरते जा रहे थे….किरण को इस महीने पीरियड्स नही आए थे…पर किरण का ध्यान इस तरफ गया ही नही था….

इसी तरह एक मंथ और गुज़रा तो, एक दिन वशाली को पीरियड्स आए….उसके पास एक ही पॅड घर पर बचा था…वो अपनी मोम के रूम मे गये….”क्या हुआ बच्चे….इतनी परेशान क्यों है….?’ किरण ने वशाली के माथे पर हाथ रखते हुए कहा…”माँ वो मुझे पीरियड्स आए हुए है…और घर पर पॅड ख़तम है…आप बाज़ार से जाकर ला दो ना…” वशाली ने किरण के पास लेटते हुए कहा….

किरण: ठीक है ला देती हूँ….

ये कह कर किरण रूम से बाहर आई और फिर घर से बाहर निकल कर शॉप की तरफ जाने लगी तो, एक दम से उसके दिमाग़ मे ये बात कोंध गयी कि, उसे लास्ट पीरियड्स दो महीने पहले आए थे….वो भी उसके भाई की शादी से पहले….किरण के तो पाँव के नीचे से ज़मीन ही खिसक गयी..उसके चेहरे का रंग एक दम से उड़ गया….वो घबराई हुई सी शॉप पर पहुँची और जल्दी से पॅड खरीद कर घर की तरफ चल पड़ी…
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07-28-2018, 01:04 PM,
#74
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
किरण बहुत बुरी तरह घबराई हुई थी….वो दो महीने से पेट से है….ये सोच कर ही उसकी रूह कांप जाती….वो जल्दी से घर पहुँची, और वशाली को पॅड देकर बेड पर बैठ गयी….वशाली बातरूम मे चली गयी….उसे समझ मे नही आ रहा था कि, वो क्या करे….वो किसी डॉक्टर के पास जाने से भी घबरा रही थी…उसे समझ मे नही आ रहा था कि, वो क्या करे….शाम को तैयार होकर वो एक नर्सिंग होम मे पहुचि. और वहाँ जाकर एक लेडी डॉक्टर से मिली….

डॉक्टर: बताए आप को क्या तकलीफ़ है….

किरण: जी वो मुझे अबर्षॅन करवाना है…..

डॉक्टर: आप अबर्षॅन क्यों करवाना चाहती है……

किरण: जी मेरे पहले से दो बच्चे है….इसीलिए हम तीसरा बच्चा नही करना चाहते….

डॉक्टर: ठीक है, आप अपने हज़्बेंड को यहाँ ले आएँ….अबर्षॅन के लिए उनका सहमत होना भी ज़रूरी है….जब तक आपके पति खुद यहाँ आकर पेपर्स साइन नही करते…हम अबर्षॅन नही कर सकते….(किरण जो घर से सोच कर आई थी…वो वही रटे रटाये जवाब दे रही थी….पर बिना हज़्बेंड की सहमति के अबोर्शन होना ना मुनकीन था.)

डॉक्टर: आप बाहर जाकर अपना नाम और अड्रेस लिखवा दीजिए….और कल अपने पति को साथ ले आएगा…..

किरण: जी…

किरण घबराई हुई सी बाहर आई…और बिना अपना अड्रेस लिखवाए ही चली गयी….किरण चारो तरफ से बुरी तरह फँस चुकी थी…कि अब वो सब क्या जवाब देगी…..किरण जब घर पहुँची तो, शाम के 7 बज चुके थे….उसका कुछ भी करने का मूड नही था….उसने विनय को पैसे दिए…और सब के लिए ढाबे से खाना मँगवा लिया….वो रात ऐसे ही गुजर गयी….सोचते-2 अगले दिन की दोपहर भी हो गयी…इसी दौरान किरण के दिमाग़ मे आया कि, जब उसके भाई की शादी हुई थी…उसके दो या तीन दिन बाद उसके पति ने उसके सेक्स किया था….किरण के मन मे उम्मीद की चिंगारी फूटी और उसने इस बारे मे अपने पति से बात करने के लिए कहा….

जब किरण के दिमाग़ मे ये सब आया तो, किरण ये सोच कर खुश होने लगी की, उसके इस झूट से उसको दो फ़ायदे हो जाएँगे….एक तो वो बदनामी से बच जाएगी….और दूसरा कि उसे भी माँ बनने का सुख मिल जाएगा….किरण अपने रूम से बाहर आई, और उसने विनय को जो कि हॉल में टीवी देख रहा था…उसे शीतल को बुला कर लाने को कहा….विनय अपनी मासी शीतल के घर चला गया…थोड़ी देर बाद जब विनय शीतल के साथ घर वापिस आया तो, वो शीतल को अपने रूम मे ले गये….

शीतल: हां बोल किरण क्या काम है…..

किरण: दीदी मुझे आपसे एक बात करनी है…..

शीतल: हां बोल…..

किरण: दीदी समझ में नही आ रहा कैसे कहूँ….

शीतल: तूँ बोल तो सही….

किरण: दीदी मुझे दो महीने से पीरियड्स नही आए है….

शीतल: (एक दम चोन्कते हुए) क्या फिर तो तुम्हे किसी डॉक्टर से चेक करवाना चाहिए था…..

किरण: नही दीदी मैने घर पर चेक किया है….मैं दो महीनो से पेट से हूँ…

किरण की बात सुन कर शीतल और ज़्यादा चोंक गयी….”पर ये सब कैसे हुआ….वो भी इतने सालो बाद….क्या भैया कोई मेडिसिन वहगरा ले रहे थे….” शीतल ने बात की गहराई को समझने की कॉसिश करते हुए कहा….

किरण: नही दीदी….वो भैया की शादी के दो दिन बाद हम दोनो एक साथ हुए थे…पिछले महीने तो शादी की भागदौड़ मे मैने ध्यान ही नही दिया और इस मंथ भी मेरे दिमाग़ मे ये बात नही आई थी….

शीतल: तो फिर तू इस तरह उदास क्यों लग रही है…ये तो बहुत ख़ुसी की बात है….

शीतल को खुश देख कर किरण को थोड़ा हॉंसला हुआ…अगर शीतल उसकी बात मान गयी थी…तो हो सकता है कि, अजय भी उसकी बात मान जाए…..जैसे तैसे वक़्त कटा और शाम हुई, अजय अभी घर नही आया था…रात के 8 बजे विनय खाना खा रहा था कि, अभी वहाँ आ गया…”भैया मेरे साथ घर चलो ना…पापा नये वीडियो गेम लेकर आए है…” अभी ने विनय के पास बैठते हुए कहा…”अच्छा रूको पहले मुझे खाना खाने दो….” विनय ने जल्दी खाना खाना शुरू कर दिया…..

अभी: भैया कल सनडे है तो, आज रात हम देर तक वीडियो गेम खेलेंगे….

विनय: ठीक है…तू रुक मैं मामी से पूछ कर आता हूँ….

विनय ने अपने खाली प्लेट्स उठाई और किचन में चला गया….किरण ने किचन मे काम करते हुए, ही विनय और अभी की बातें सुन ली थी….”मामी वो मैं मासी के घर जाउ…..मौसा जी नये गेम लेकर आए है….”

किरण: ठीक है जाओ….पर जल्दी सो जाना….देर रात तक नही जागना….

विनय; जी मामी….

विनय खुशी से भागता हुआ किचन से बाहर आया और अभी को साथ लेकर उसके घर चला गया…किरण ने जल्दी घर का काम निपटाया और अपने पति के आने का इंतजार करने लगी…वशाली खाना खा कर सो चुकी थी…रात के करीब 10 जब अजय घर पहुँचा तो, किरण ने उसके लिए डाइनिंग टेबल पर खाना लगाना शुरू कर दिया…अजय रूम मे गया….और अपने कपड़े उतार कर कमर पर टवल लप्पेटा और बाथरूम मे घुस गया….शवर लेने के बाद वो कुर्ता पाजामा पहन कर डाइनिंग टेबल पर आया तो, उसने किरण के बदले हुए मूड को देखते हुए पूछा…

अजय: क्या बात है….आज बड़ी खुश लग रही हो….

किरण: (मुस्कुराते हुए….) क्यों मैं खुश नही हो सकती….

अजय: नही दरअसल तुम हमेशा मुझे शराब के नशे मे देख कर तो, बुददुदाने लगती हो…आज कुछ ख़ास है क्या….अच्छा विनय सो गया क्या….

किरण: नही वो आज शीतल दीदी के घर पर है वही सोएगा….

अजय: अच्छा अब बताओ इतनी खुश क्यों हो…..
किरण: जी एक ख़ूसखबरी है….(किरण ने अजय के साथ वाली चेर पर बैठते हुए कहा..)
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07-28-2018, 01:04 PM,
#75
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
अजय: तो चलो पहले खूसखबरी ही सुन लेते है….

किरण: जी मैं वो…..(किरण ने शरमाते हुए कहा….)

अजय: हां भाई बोलो….मुझसे इंतजार नही हो रहा….

किरण: जी वो मैं पेट से हूँ….

किरण की बात सुनते ही अजय एक दम सुन्न पड़ गया….उसे यकीन नही हो रहा था कि किरण जो कह रही है क्या वो सच है….”तुम्हे कैसे पता चला…..” अजय ने पानी का घूँट भरते हुए कहा….”जी दो महीने से डेट नही आई थी…..और कल चेक क्या तो पता चला…..” किरण की बात सुन कर अजय चेर से खड़ा हो गया….

किरण: क्या हुआ जी…..पहले तो मुझे भी यकीन नही हो रहा था….आप को याद है ना भैया के शादी के दो दिन बाद हम ने वो किया था…..

अजय: कुछ नही हुआ….मैं भी एक खूसखबरी तुम्हे देना चाहता हूँ….

किरण: क्या….?

अजय: रूको एक मिनिट….

ये कहते हुए वो रूम मे चला गया…..किरण अभी भी थोड़ा घबरा रही थी…थोड़ी देर बाद अजय वापिस हॉल मे आया और एक पेपर किरण की तरफ बढ़ा दिया… किरण ने सवालिया नज़रों से अजय की तरफ देखते हुए, वो पेपर पकड़ लिया….किरण पेपर देखते ही समझ गयी थी कि ये कोई मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट है…पर किस चीज़ की है वो उसे पता नही चला…

किरण: जी ये क्या है…

अजय: मेरे रिपोर्ट्स है….पता है इसमे क्या लिखा है….

किरण: नही….

अजय ने किरण को कंधो से पकड़ कर खड़ा किया और फिर अपने दोनो हाथो को उसके कंधो से हटा लिया…और अगले ही पल एक जोरदार थप्पड़ किरण के गाल पर पड़ा… किरण के कान मे सीटी बजने लगी…..गाल सुन्न हो गया….”साली हरामजादी इसमे लिखा है कि, मैं कभी बाप नही बन सकता….मेरे अंदर स्पर्म्ज़ ही नही बनते तो, ये बच्चा कहाँ से आ गया….”


अजय की बात सुनते ही किरण के पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी….”जी मैं सच कह रही हूँ….मैने तो कभी आपके सिवाए…किसी और के साथ….” अभी किरण अपनी बात पूरी भी नही कर पे थी कि, अजय ने किरण को बालो से पकड़ा और घसीटते हुए ऊपेर ले गया…किरण दर्द से तड़प उठी…”सुनिए जी आह मेरी बात तो सुनिए… “ पर अजय तो जैसे पागल हो चुका था…उसने किरण को ऊपेर एक रूम मे लेजाकर बेड पर पटक दिया..और फिर खुद बेड पर चढ़ते हुए मुक्के और घूँसों और लातो की बारिश कर दी…..”ये ले साली मेरा बच्चा है….बोल साली किसका बीज तूने अपनी कोख मे डाल रखा है…साली बाहर के लोगो से चुदवाना कब शुरू कर दिया…” 

अजय पूरी बहरामी से किरण की ठुकाई कर रहा था…ऐसे-2 जोरदार घूँसो की बारिश की कि, किरण का सबर जवाब दे गया….”बताती हूँ—2 …” किरण के चेहरे पर कई घाव हो चुके थे…उसके होंटो और नाक मे से खून बह रहा था…आँखे सूज चुकी थी…उसका ब्लाउस कई जगह से फट चुका था…

.”बोल साली अब अगर एक मिनिट भी देर की सच बोलने मे तो मैं तेरी खाल खेंच कर उतार दूँगा…..” ये कहते हुए अजय बेड से नीचे उतर गया….”बोल अब ये बच्चा किसका है….”

किरण: जी वो विनय का……

जैसे ही अजय ने विनय का नाम सुना तो, वो सर पकड़ कर नीचे बैठ गया….” हे भगवान ये सब मेरे साथ तुमने क्यों क्या…” वो पागलो की तरह दहाड़ें मार कर रोने लगा….किरण बेसूध सी वहाँ बेड पर मरी हुई हालत मे बैठी अजय को देख रही थी….तभी अजय एक दम से उठा..उसका चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था….”नही छोड़ूँगा – 2 उस हराम के पिल्ले को मैं….उस कंज़र को मैने अपने घर मे रखा, हर तरह के सुख दिए….पढ़ाया लिखाया इस दिन के लिए….”

ये कहते हुए अजय तेज़ी से नीचे गया….किरण जो बेजान सी बेड पर बैठी थी…जब उसको पता चला कि, अजय शीतल के घर गया है…तो उसका दिल एक दम से कांप उठा….कि कही अजय विनय को कुछ कर ना दे….

अजय नीचे आया और अपने रूम से हॉकी स्टिक उठा कर घर से बाहर निकल कर शीतल के घर की तरफ भागा….उसके सर पर खून सवार हो चुका था…वो गुस्से से काँपते हुए शीतल के घर की तरफ दौड़े जा रहा था…..किरण को भी इस बात का अहसास हो चुका था…..कि कितनी बड़ी मुसबीत आने वाली है….वो किसी तरह अपने आप को संभालते हुए, घर से निकल कर शीतल के घर की तरफ गयी….दूसरी तरफ अजय ने शीतल के घर के सामने पहुँच कर बुरी तरह से उसके घर के गेट को पीटना शुरू कर दिया था…..
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07-28-2018, 01:04 PM,
#76
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
शीतल और उसका पति जो अभी खाना खा कर बेड पर लेटे ही थे कि, वो बाहर से आ रही गेट ठोकने की आवाज़ सुन कर एक दम से चोंक गये…..”ये साला कॉन पागल आ गया है इस समय….” शीतल के पति ने झुंझलाते हुए कहा….और बेड से नीचे उतर कर रूम का डोर खोल कर बाहर चला गया….बाहर अजय अभी भी गेट को ज़ोर- 2 से नॉक कर रहा था…शीतल भी बेड से उठ कर बाहर आ गयी…जैसे ही शीतल के पति ने गेट खोला तो, अजय दानदनाते हुए अंदर आ घुसा…..

अजय को इस हालत मे देख कर दोनो घबरा गये…..”क्या हुआ भैया आप इस समय और ये हाथ में हॉकी किस लिए…”

अजय ने गुस्से से थरथराते शीतल की तरफ देखा और उसे धक्का देकर पीछे हटाते हुए बोला….”कहाँ है वो हराम का पिल्ला….आज उसे मैं जिंदा नही छोड़ूँगा…” जैसे ही अजय आगे बढ़ने लगा तो, शीतल ने आगे आकर उसका रास्ता रोक लिया….”भैया हुआ क्या…बताओ तो सही….आप किसकी बात कर रहे हो…?” शीतल ने घबराते हुए कहा….

अजय: उसी हराम के पिल्ले की. जिसे मैं अपने घर में पिछले एक साल से रख रहा हूँ. उसे पढ़ा रहा लिखा रहा हूँ….विनय कहाँ है…

शीतल: क्या किया है विनय ने…..बच्चा है वो अगर उससे कोई ग़लती हो गयी है तो, उसे जान से मार देने की सोची भी कैसे आप ने….आपकी बेहन की आख़िरी निशानी है वो….

अजय: नही वो हरामज़ादा मेरी बेहन की औलाद हो ही नही सकता…

शीतल: पर उसने क्या किया है….?

इतने मे पीछे से किरण भी उनके घर में दाखिल हुई….किरण का पूरा चेहरा खून से सना हुआ था…जिसे देख शीतल और उसका पति दोनो घबरा गये….जैसे ही किरण उनके घर मे दाखिल हुई, वो लड़खड़ा कर नीचे गिर गयी….शीतल और उसका पति दोनो उसको उठाने के लिए उसकी तरफ दौड़े तो, अजय मोका देखते हुए अंदर की ओर भाग निकाला…”मेरी फिकर ना करो दीदी….उन्हे रोको….नही तो विनय को आहह….मैं ठीक हूँ….” 

शीतल और उसके पति को जैसे ही इस बात का अहसास हुआ कि, विनय की जान ख़तरे मैं है…दोनो अजय के पीछे दौड़े…उधर विनय बाहर शोर सुन कर रूम के डोर तक आ चुका था….तभी उसकी नज़र हाथ मे हॉकी स्टिक पकड़े अपने मामा पर पड़ी, जिसे देख कर वो एक दम से घबरा गया….अजय ने आव देखा ना ताव और विनय को हॉकी से मारने के लिए जैसे स्टिक उठाई…शीतल के पति ने उसे पीछे से आकर धक्का देकर गिरा दिया….अजय बुरी तरह फर्श पर गिरा….

अजय: तुम पीछे हट जाओ….बीच मे आने की कॉसिश की तो, मैं किसी रिश्ते की परवाह नही करूँगा….

विनोद: सुन ओये साले ये मेरा घर है….अगर तुम्हे किसी रिश्ते की परवाह नही तो, मैं भी तुम्हारी परवाह नही करूँगा….विनय को हाथ लगा कर तो दिखा….

अजय ये सुन कर गुस्से से बोखला उठा…और उसने हॉकी उठाई और फिर से विनय की तरफ लपका….विनोद बीच मे क़ूद पड़ा और विनय को बचाने की कॉसिश करने लगा…गुस्से मे बोखलाए अजय ने विनोद के पेट पर लात दे मारी….वो दर्द से कराहता हुआ, फर्श पर जा गिरा….अजय विनय की तरफ पलटा और अपनी हाथ मे पकड़ी हॉकी को पूरे ज़ोर से घुमा दिया….पर शीतल बीच मे आ गये….हॉकी शीतल के सर पर लगी..और उसका सर फॅट गया…ये देख अजय एक दम सुन्न पड़ गया…

उधर विनोद गुस्से से पागल हो गया…उसने उठते ही अजय पर मुक्को और घूँसो की बारिश कर दी….जैसे ही अजय के हाथ से हॉकी स्टिक गिरी…विनोद ने हॉकी स्टिक उठाते हुए एक के बाद एक कई बार उसकी टाँगो पर वार किया….अजय लड़खड़ा कर नीचे गिर गया….उसकी पिंदलियाँ बुरी तरह से घायल हो गयी….विनोद ने तुरंत पोलीस को फोन किया और थोड़ी देर बाद पोलीस आई और अजय और शीतल को हॉस्पिटल में लेकर चली गयी……
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07-28-2018, 01:04 PM,
#77
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
उस दिन दोनो की हालत बहुत खराब थी….इसलिए पोलीस ने हॉस्पिटल मे उन दोनो को अपनी निगरानी मे रखा था….विनोद ने पोलीस को स्टेट्मेंट दे दिया था…अगले दिन जब अजय को होश आया तो, उसने पोलीस को अपना स्टेट्मेंट दिया और अपने वहशी होने के बारे मे बताया तो, पोलीस ने विनोद को समझाया कि, ये आपके घर का मामला है…अगर घर मे ही सुलझा लिया जाए तो, अच्छा होगा, वरना पोलीस के चक्कर मे पड़ कर बदनामी हो जाएगी…आप लोग गली मोहल्ले मे मूह दिखाने लायक नही रहोगे…

विनोद को इस बात का अंदाज़ा भी नही था कि, किरण और विनय के बीच ये सब भी हो सकता है…वो एक दम से परेशान हो गया….उसे समझ मे नही आ रहा था कि, वो ये समस्या कैसे सुलझाए…वो परेशान होकर अपनी पत्नी शीतल के पास चला गया…जब उसने शीतल को सारी बात बताई तो, शीतल भी बहुत परेशान हो गयी…

शीतल: आप मुझे अजय के पास ले चलो…मैं उससे बात करूँगी…..

विनोद: नही शीतल अभी तुम ठीक नही हो….

शीतल: देखिए मैं बिल्कुल ठीक हूँ……अगर आज मैने अजय से बात नही की तो, फिर कुछ भी नही बचेगा….वो आज नही तो, कल फिर से विनय को मारने की कॉसिश करेगा…..

विनोद: ठीक है जैसी तुम्हारी मरजी…..

विनोद ने डॉक्टर और पोलीस वालो से पर्मिशन ली और शीतल को वीलचेर पर बैठा कर अजय के पास ले गया….अजय भी बुरी तरह चोटिल था…शीतल ने विनोद को बाहर जाने के लिए कहा…..और विनोद बाहर चला गया…..

शीतल: मैं जानती हूँ भैया कि, आप की मनोस्थिती क्या है….पर भैया इस तरह विनय को सज़ा देना ठीक नही है….

अजय: तो क्या करूँ मैं….सब जानते हुए भी सब कुछ भूल जाउ….मेरी अपनी पत्नी मुझे धोका देती रही….वो भी मेरे अपने भान्जे के साथ रंग रंगरलियाँ मना कर….

शीतल: देखो अजय विनय तो नादान है….एक बार ठंडे दिमाग़ से सोचो…क्या विनय खुद ऐसा कुछ कर सकता है…तो फिर सज़ा सिर्फ़ विनय को ही क्यों……

अजय: दीदी मैं तो किरण को भी जान से मार दूँगा……आख़िर मैने ऐसा कॉन सा पाप किया था….जो मुझे ये दिन देखना पड़ा….अर्रे सुबह से रात तक बाहर मरता हूँ,. कमाता हूँ और उन सब का पेट भरता हूँ…और ये सब मेरी पीठ मे चाकू घोंप रहे है…..पता नही भगवान मुझसे कॉन से जनम के पापों का बदला ले रहा है….

शीतल: किसी और जनम के पाप नही है…जो अब तुम्हारे सामने आ रहे है…ये सब तुम्हारे इसी जनम के पापों का फल है…..

अजय: क्या दीदी आप ये कह रही है….मैने कॉन सा पाप कर दिया इस जनम मे….
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07-28-2018, 01:04 PM,
#78
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
शीतल: क्यों तुमने अपनी बड़ी बेहन के पति को शराब पिला कर उसके सिग्नेचर नही लिए थे…उसकी प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंट पर….जो तुमने उस मिनिस्टर के नाम करवाई थी….

अजय: नही दीदी मैने ऐसा कुछ नही किया….ये सब आप को किसने कहा…कॉन है जो मेरे खिलाफ आपके कान भर रहा है….

शीतल: अजय मैं सब जानती हूँ….नीलम दीदी ने आत्म हत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था….जिसमे उसने आपके बारे मे सब लिखा था…आप ने जीजा को शराब पिलाई और नशे की हालत में उनसे प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट पर साइन करवा कर, उनकी सारी खेती की ज़मीन उस मिनिस्टर के नाम कर दी….ताकि वो अपना मॉल वहाँ बना सके…

अजय: ये सब झूठ है दीदी भला मैं ऐसा क्यों करूँगा….

शीतल: ताकि तुम्हारी अवैध ज़मीन पर दुकान और फॅक्टरी को गिराया ना जाए….और वो दुकान और फॅक्टरी तुम्हारे नाम पर हो सके….मुझे मालूम है कि, उस मिनिस्टर ने तुम्हे फॅक्टरी चालू करने के लिए 50 लाख नकद भी दिए थे……

तुम इतना कैसे गिर सकते हो…..मुझे तो तुम्हे अपना भाई कहते हुए भी शरम आती है….मैं सब कुछ जान कर भी अंज़ान बनी रही….ये मैने ही फैंसला किया था कि, विनय तुम्हारे घर पर रहेगा….ताकि आगे चल कर मैं किसी भी तरह उसको उसका हक़ दिलवा सकूँ….तुमने एक नही दो-2 हत्याए की है…दीदी भी तुम्हारी वजह से मरी है….तुम्हारे साथ मेरे मोह ने मुझे चुप रहने के लिए मजबूर कर दिया था. भाई हो ना….इसीलिए तुम्हारा बुरा ना सोच सकी….

अपनी ग़लतियों को तो तुमने छुपा लिया….पर आज अगर उस नादान से ग़लती हो भी गयी तो, क्या तुम उसे भी मार दोगे…..देखो अजय मैं ऐसा हरगिज़ नही होने दूँगी…वो मेरी बेहन की आख़िरी निशानी है…अगर तुमने ऐसी वैसी कोई हरक़त की तो, मैं सारे रिश्तेदारों को बुला कर तुम्हारी सच्चाई सब के सामने रख दूँगी….दीदी का वो सुसाइड नोट आज भी मेरे पास है…

ये कह कर शीतल ने विनोद को आवाज़ दी…और विनोद उसे लेकर उसके वॉर्ड मे चला गया….विनोद ने किसी तरह से पोलीस वालो से सेटल्मेंट करके मामले को वही दबा दिया…थोड़े दिन लगे शीतल को ठीक होने मे….उस दिन जब शीतल और विनोद घर पहुँचे तो, किरण उनके घर पर आई…..

किरण: दीदी अब आप कैसी है…..?

शीतल: मैं ठीक हूँ…तुम कैसी हो….?

किरण: मैं ठीक हूँ….

शीतल: अजय घर पहुँचा कि नही….?

किरण ने शीतल की आँखो मे देखा और एक पेपर उसकी तरफ बढ़ा दिया…शीतल ने पेपर को पढ़ना शुरू किया….उसमे लिखा हुआ था कि, अजय घर और सारा कारोबार किरण के नाम करके उनकी ज़िंदगियों से दूर जा रहा है….और वो अब लौट कर कभी नही आएगा…..

अजय सब सारी प्रॉपर्टी और पैसा किरण के नाम करके उनसे बहुत दूर चला गया था. लेकिन अब किरण की ज़िम्मेदारियाँ बहुत ज़्यादा बढ़ गयी थी….जिस दुकान से उनका घर चलता था….अब उसको भी किरण को ही संभालना था…दुकान के ऊपेर वाली मंज़िल पर अजय ने एक साल पहले रेडीमेड गारमेंट की मॅन्यूफॅक्चरिंग शुरू की थी. जिसे संभालना अभी किरण के बॅस की बात नही थी….किरण सुबह वशाली और विनय को स्कूल भेजने के बाद दुकान पर जाने लगी थी…किरण को अगले 15 दिन काफ़ी मुस्किलो का सामना करना पड़ा….

किरण रोज की दौड़ धूप से परेशान हो चुकी थी….आख़िर कार उसने फैंसला किया कि, वो गारमेंट के मॅन्यूफॅक्चरिंग का काम बंद कर देगी…और उससे दुकान के ऊपेर जो जगह खाली होगी….उसे वो अपने रहने के लिए घर की तरफ इस्तेमाल करेगी…काम बंद करने के बाद उसने ऊपेर वाली मंज़िल को दो रूम्स किचन बाथरूम मे तब्दील कर दिया. और वो वशाली और विनय के साथ वही रहने के लिए आ गयी….वो सुबह 10 बजे दुकान खोलती और रात को 7 बजे बंद करती….

दोपहर को स्कूल से आने के बाद कभी वशाली तो कभी विनय दुकान पर बैठ जाया करते और किरण को आराम करने और घर का काम करने का मौका मिल जाता…दिन इसी तरह गुजर रहे थे…वशाली और विनय दोनो बच्चे नही थे…हालाकी शीतल के हज़्बेंड ने उस बात को बाहर किसी तक पहुँचने नही दिया था…पर फिर भी वशाली और विनय इस बात से अंज़ान नही थे कि, उनके घर कुछ दिन पहले क्या हुआ था….वशाली जब भी किरण का उदास चेहरा देखती तो, उसका दिल उदास हो जाता….वो एक बार फिर से अपनी माँ को खुश देखना चाहती थी….

इसलिए दोपहर को ज़्यादा से ज़्यादा टाइम नीचे दुकान पर बैठने लगी थी…वैसे तो दुकान पर काम करने वाले दो आदमी और थे…इसलिए वशाली को सिर्फ़ बेचे हुए कपड़ों का हिसाब ही रखना होता था…धीरे-2 सब नॉर्मल होने लगा…किरण को पेट से हुए 3 महीने हो चले थे…उसको पति के जाने को जो थोड़ा बहुत गम था…वो भी वो काफ़ी हद तक भूल चुकी थी…दुकान ठीक ठाक चल रही थी….पैसो की कोई तंगी नही थी….उस दिन दोपहर का टाइम था….वशाली नीचे दुकान पर आई…और किरण से बोली. “मम्मी आप ऊपेर जाकर आराम कर लीजिए….मैं यहाँ बैठती हूँ….” 

किरण: अच्छा ठीक से…ध्यान रखना…..

ये कह कर किरण ऊपेर आ गयी….जब किरण ऊपेर पहुँची, तो वो विनय को देखने के लिए उसके रूम मे गयी….लेकिन जैसे ही वो विनय के रूम के डोर पर पहुँची तो, उसके कदम वही जम गये…विनय बेड पर बैठा हुआ था….उसकी पेंट उसके घुटनो से नीचे तक उतरी हुई थी…और वो अपने लंड को तेज़ी से हिला रहा था….ये देख किरण का कलेजा मूह को आ गया…ऐसा नही था कि, उसने इस हाल मे विनय को पहली बार देखा था….पर लेकिन मूठ मारते हुए उसने विनय को कभी पहले नही देखा था….वो बिना कुछ बोले वहाँ से अपने रूम मे आ गयी….
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07-28-2018, 01:05 PM,
#79
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
किरण जानती थी कि, हस्तमैथुन कितनी गंदी आदत है….और इससे विनय के आने वाली जिंदगी पर क्या असर पड़ता है….वो इस सब का कसूरवार अपने आप को मान रही थी. क्यों कि वो यही समझती थी कि, उसने ही विनय को इस दलदल मे झोंका है…वो अपने रूम मे बैठी यही सब सोच रही थी….थोड़ी देर बाद किरण उठी और सीडीयों का डोर बंद करके बाथरूम मे नहाने के लिए घुस गयी….बाथरूम में पहुँच कर उसने अपनी साड़ी उतारी और फिर ब्रा और पैंटी उतार कर नहाने से पहले उसको धोने लगी…वो बेखायाली मे बाथरूम का डोर भी बंद करना भूल गयी थी…

तभी अचानक डोर खुला तो, किरण ने चोन्कते हुए डोर की तरफ देखा…तो डोर पर विनय अपने लंड को हाथ मे पकड़े खड़ा था….उसका लंड झटके खाते हुए फूँकार रहा था…विनय के लंड का सुपाडा अंदर जल रही सीएफएल की लाइट से एक दम चमक रहा था… किरण ने काँपती सांसो के साथ पहले विनय और फिर विनय के फुंफ़कार रहे लंड की तरफ देखा….”मामी प्लीज़ इसका कुछ करो ना….कितने दिन हो गये आप ने मेरे साथ वो सब नही किया….” विनय ने झुक कर मामी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया…..किरण बुत बनी कभी विनय को देखती तो, कभी विनय के झटके खाते लंड को……तभी किरण को अहसास हुआ कि, शायद उसे पहले ही ये सब कुछ नही करना चाहिए था….

उसने हड़बड़ाते हुए अपने हाथ को विनय के लंड से हटा लिया…और खड़े होते हुए विनय की तरफ पीठ करते हुए बोली…”ये क्या बदतमीज़ी है….बाहर जाओ विनय….और आइन्दा ऐसी हरक़त मत करना…” विनय किरण की बात सुन कर बाहर आ गया…किरण ने अंदर से डोर बंद किया…और अपना सर पकड़ कर नीचे बैठ गयी…आधे घंटे बाद किरण नहा कर बाहर आई और किचन मे छाई बनाने के लिए चली गयी…चाइ बनाने के बाद उसने तीन कप मे चाइ डाली और 1 कप उठा कर नीचे दुकान पर आ गयी… कप काउंटर पर रखते हुए बोली...”वशाली अब तुम ऊपेर जाओ…..किचन मे तुम्हारी और विनय की चाइ पड़ी है…खुद भी पी लेना और विनय को भी दे देना..”

वशाली: पर माँ विनय भैया तो, थोड़ी देर पहले ही बाहर गये है…..

किरण: क्या बाहर गया है…..? कुछ बता कर गया है किधर जा रहा है…?

वशाली: पता नही बड़े गुस्से मे था….

किरण: अच्छा ठीक है तू ऊपेर जाकर चाइ पी…

वशाली वहाँ से उठ कर ऊपेर चली गयी….दूसरी तरफ विनय घूमता हुआ अपने पुराने घर की तरफ आ पहुँचा….वो पुराने घर की चाबी साथ ले आया था..उसने घर का लॉक खोला और घर के अंदर आ गया….और ऊपेर रूम मे पड़े एक पुराने बेड पर लेट गया….विनय की आँख लग गयी…शाम के 7 बज चुके थे…दूसरी तरफ किरण विनय को लेकर बेहद परेशान हो चुकी थी…विनय अभी तक घर नही लौटा था….वो बार -2 बाहर देख रही थी…विनय कभी किसी दोस्त के भी यहाँ आता जाता नही था….

परेशान होकर उसने शीतल के घर फोन किया…पर विनय वहाँ भी नही था. उल्टा शीतल भी विनय को लेकर परेशान हो गयी…और वो किरण के घर पहुँची, वो सब लोग विनय को आधी रात तक तलासते रहे…पर विनय को पता ठिकाना नही मिला…किरण के घर मातम छा गया था…रह रह कर किरण को बुरे-2 ख़याल आ रहे थे….रात के 1 बज रहे थे…वशाली सो चुकी थी…शीतल का पति वापिस अपने घर जा चुका था. क्योंकि वो बच्चों को घर पर अकेला छोड़ कर आया था…..

शीतल: क्या तुमने आज विनय को किसी बात पर डांटा था क्या….

किरण: हां दीदी….

शीतल: क्यों…..?

किरण: अब आप को क्या बताऊ दीदी….जो ग़लती मैं कर चुकी हूँ..वो अब मेरा पीछा नही छोड़ रही…..

शीतल: किरण खुल कर बता आख़िर हुआ क्या….?

फिर किरण ने शीतल को सारी बात बताई….”देख किरण जो भी है….सारी ग़लती तेरी है… अब ऐसे मामले मे मैं भी विनय से कैसे बात करूँ…अब जाने अंजाने तुमने विनय के साथ जो रिश्ता कायम किया है….उसे अब तुम्हे जिंदगी भर निभाना पड़ेगा. कही ऐसा ना हो कि, विनय कोई ग़लत कदम उठा बैठे…..”

किरण: दीदी जिस वजह से इतना सब कुछ हो गया….आप कह रही हो कि, मैं वही ग़लती दोबारा करूँ…

शीतल: ग़लती तो तूने पहले की थी…अब उसको सुधारने का वक़्त है….मैं जो कह रही हूँ…वोही तुम्हारे और विनय के लिए सही होगा….

शीतल वहाँ से उठ कर वशाली के पास आ गयी……अगली सुबह शीतल की आँख खुली तो, उसने देखा कि उसका मोबाइल बज रहा था…फोन उसके पति का था….शीतल ने फोन पिक किया….

शीतल: हेलो जी…..

विनोद: शीतल विनय मिल गया है…..

शीतल: क्या कहाँ पर था वो सारी रात…..

विनोद: वो तो मुझे पता नही..अभी अभी घर आया है….तुम जल्दी से घर आ जाओ…लगता है काफ़ी भूका है…

शीतल: ठीक है हम थोड़ी देर मे वहाँ पहुँचते है…..

शीतल ने कॉल कट की और किरण को जाकर बताया कि विनय उनके घर पर है….फिर उन्होने वशाली को उठाया और तीनो घर की तरफ चल पड़ी…शीतल ने किरण को रास्ते मे ही कह दिया था कि, जब तक विनोद घर पर है वो चुप रहे….थोड़ी देर बाद तीनो घर पहुँची, तो देखा विनोद जॉब पर जाने के लिए तैयार हो चुका था. जैसे ही वो तीनो घर पहुँची तो, विनोद जॉब के लिए निकल गया…जैसे ही किरण ने विनय को देखा तो, वो फवक कर रोते हुए उससे लिपट गयी….”कहाँ गया था तू कहाँ था सारी रात…तुम्हे हमारी थोड़ी बहुत फिकर है भी कि नही…हम पागलो की तरह सारी रात तुम्हे इधर उधर ढूँढते रहे…बोलता क्यों नही है…”

शीतल: किरण अभी शांत हो जाओ….और विनय जाकर पहले नहा धो लो…हम तुम्हारे कपड़े साथ लाए है….

ये कहते हुए शीतल ने विनय को कपड़े दिए और उसको बाथरूम मे भेज दिया…और खुद विनय के लिए नाश्ता बनाने लगी….नाश्ता करने के बाद विनय ने बताया कि, वो सारी रात पुराने घर पर रहा था….शीतल ने किरण को समझा कर विनय को साथ भेज दिया. और विनय को एक बार फिर से मामी का प्यार मिला…. मित्रो कहानी यही ख़तम होती है 
ये कहानी आपको कैसी लगी अपने कमेंट ज़रूर देना


समाप्त
एंड
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