Incest Porn Kahani माँ बनी सास
10-24-2018, 12:59 PM,
RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
ज़ाहिद इस से पहले भी कई दफ़ा अपनी बहन शाज़िया के भारी जिस्म को इसी तरह अपनी बाहों में उठा कर खड़े खड़े चोद चुका था. 

इसीलिए उसे इस स्टाइल में मोटी और भारी वज़न वाली औरतों को चोदने में काफ़ी प्रॅक्टीस थी.

ये ही वजह थी कि ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की बात को अनसुनी करते हुए शाज़िया के मुँह से अपना लंड निकला. 

और इस के साथ ही अपने बाजुओं में जकडे हुए अपनी अम्मी रज़िया बीबी के मोटे जिस्म को कमर से पकड़ कर थोड़ा सा नीचे किया. 

तो शाज़िया ने अपने भाई ज़ाहिद के तने हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ कर नीचे से अपनी अम्मी की पानी छोड़ती चूत के मुँह से लगाया.

“ऊहह” ज्यूँ ही शाज़िया के मुँह के थूक से भरे लंड ने एक बार फिर से रज़िया बीबी की चूत को टच किया. तो रज़िया बीबी के जिस्म ने एक जदगारी ली.

अपनी अम्मी की गरम गीली और मुलायम चूत के चिप चिप करते होंठो पर अपने लंड को महसूस करते ही ज़ाहिद अपने घुटनों को मोड़ते हुए थोड़ा नीचे हुआ फिर एक दम से उपर को उठा. 

तो ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की फुद्दि के होंठो के दरमियाँ से अपना रास्ता बनाता हुए रज़िया बीबी की चूत में दुबारा घुस गया.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई बएटााआआआआआअ,किय्ाआआअ शानदार चोदते हो तुम” ज्यों ही ज़ाहिद का लंड रज़िया बीबी की बे करार चूत में दुबारा दाखिल हुआ. तो रज़िया बीबी की तपती चूत को एक सकून से महसूस हुआ.

रज़िया बीबी की चूत में तो पहले ही आग लगी हुई थी. इसीलिए ज्यों ही ज़ाहिद का मोटा लंड रज़िया बीबी की चूत के होंठो से स्लिप हो कर फुद्दि के अंदर आया. तो रज़िया बीबी की गीली चूत ने “शारपप्प्प्प्प” से अपने बेटे ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने अंदर निगल लिया.

अपनी अम्मी के जिस्म को अपने बाजुओं में उठाने की वजह से रज़िया बीबी और ज़ाहिद की आँखे पहली बार एक दूसरे से मिलीं. 

तो दोनो माँ बेटे की आँखों में क़ैद एक दूसरे के लिए जिन्सी प्यार उबल कर बाहर निकल आया.

ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की आँखों में आँखे डालते हुए अपने मुँह को आगे किया. और पहली बार अपनी अम्मी के रस भरे हुए होंठो के उपर अपने होंठो को रख दिया.

“ओह अम्मिईीईईई जाअंन्नँनननणणन्” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के होंठो को अपने दाँतों से काटा. 

तो रज़िया बीबी सिसक उठिईीई” हाईईईईईईईईईईईई काटूऊऊ मात्त्तटटटतत्त बएटााआआ”.

दोनो माँ बेटा के होंठो पहली बार आपस में मिले.तो दोनो के होंठो की गर्मी ने एक दूसरे के वजूद को मज़ीद गरमा दिया.

ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के मुँह में अपनी ज़ुबान डाली और दोनो माँ बेटे की ज़ुबान एक दूसरे से अपनी लड़ाई लड़ने लगी.

रज़िया बीबी के होंठो को चुसते चुसते ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के भारी मम्मे को अपनी हाथ की गिरफ़्त में लेने की कोशिश की. 

मगर रज़िया बीबी के 42 ड्ड मम्मा इतना मोटा और बड़ा था. कि वो ज़ाहिद के हाथ में पूरा नही समा पाया.

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ आप के मम्मे तो मेरी बीवी शाज़िया से भी ज़्यादा सॉफ्ट और बड़े हैंन्नननननननणणन् अम्मिईीईईईईईई” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की आँखों में देखते हुए प्यार से कहा. और फिर अपने हाथ से अपनी अम्मी के मोटे मम्मे के साथ खेलने लगा.

ज़ाहिद अपनी अम्मी के मम्मे दबाए जा रहा था. और उन के मम्मो के पिंक निपल को मसल रहा था और खींच रहा था.

“आआआआआअ बडूऊऊऊऊओ मेरे इन मम्मो और निपल्स को ज़ाहिद,ये बहुत अरसा तरसे हैं किसी मर्द के हाथों के लामास को बेटा” ज्यों ही ज़ाहिद के गरम हाथों ने अपनी अम्मी की भारी छातियों को छुआ. तो आज इतने सालों बाद किसी मर्द के हाथों का स्वाद पा कर रज़िया बीबी के मम्मो के निपल्स तन कर मज़ीद अकड़ गये.

“ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ज़ाहिद्द्द्द्द्द्दद्ड मेरे मम्मो को को चूसो गे भी या बस दबाते ही रहो गे,इन को चूसो ना बएटााआआअ”. रज़िया बीबी अपने बेटे के हाथों के लामास को अपनी छातियों पर महसूस कर के सिसकियाँ ले रही थी.

“आप की इन मोटी छातियों को अपने मुँह में लेने के लिए तो में कब से तरस रहा हूँ अमिीईईईईईई” अपनी अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद ने जवाब दिया. और साथ ही अपनी अम्मी का एक मम्मा पकड़ कर उस को पागलों की तरह चूसने लगा और दूसरे मम्मे को साथ साथ दबाने लग गया.

ज़ाहिद अपनी अम्मी के मोटे निपल्स के उपर अपनी गरम ज़ुबान फेरता और फिर अपने अम्मी के मोटे मम्मे के गोश्त को अपने मुँह में भर कर निपल्स के इर्द गिर्द वाले हिस्से को चूमता और चाट्ता था.

ज़ाहिद आज ज़िंदगी में पहली बार अपनी अम्मी के उन मोटे मम्मो को अपने मुँह में ले कर चूसने में मगन था. जिन मम्मो से उस ने कभी अपने बचपन में दूध पिया था.

ज़ाहिद को आज अपनी अम्मी के मम्मो को चुसते हुए बहुत मज़ा आ रहा था. 

इसीलिए अब ज़ाहिद अब अपनी अम्मी के मम्मो को चूसने के साथ साथ कभी कभी वहशियाना तरीके से काट भी रहा था. 

जिस की वजह से रज़िया बीबी के मम्मो पर ज़ाहिद के दाँतों के निशान भी बन गये थे.

आज कितने सालों बाद किसी मर्द की गरम ज़ुबान और मुँह को अपनी भारी छातियों पर चलता हुआ महसूस कर के रज़िया बीबी मज़े से पागल हो रही थी.

रज़िया बीबी ने इस मज़े के आलम में अपनी आँखे बंद कर लीं और सिसकियाँ लेने लग गई “आआहह ज़ाहिद और चूवसूओ आहह दाँत से नही काटो प्लज़्ज़्ज़्ज़ ह मेरी जान बोहोत मज़ा आ रहा है,,,, आअहह चूवस लूऊ उम्म्म्मम उम्म्म्म ऊहह”
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10-24-2018, 12:59 PM,
RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
आज कितने सालों बाद किसी मर्द की गरम ज़ुबान और मुँह को अपनी भारी छातियों पर चलता हुआ महसूस कर के रज़िया बीबी मज़े से पागल हो रही थी.

रज़िया बीबी ने इस मज़े के आलम में अपनी आँखे बंद कर लीं और सिसकियाँ लेने लग गई “आआहह ज़ाहिद और चूवसूओ आहह दाँत से नही काटो प्लज़्ज़्ज़्ज़ ह मेरी जान बोहोत मज़ा आ रहा है,,,, आअहह चूवस लूऊ उम्म्म्मम उम्म्म्म ऊहह”

ज़ाहिद अपनी अम्मी के मम्मो को चूसने के दौरान अपनी अम्मी को अपनी बाहों में उठा कर कमरे के फर्श पर खड़ा हो कर ज़ोर ज़ोर से अपनी अम्मी की फुद्दि को चोद भी रहा था.


ज़ाहिद अपने जिस्म को हल्का सा नीचे ले जा कर अपना लंड को थोडा से बाहर निकालता. और फिर एक ज़ोर दार धक्का उपर की तरफ मार कर अपना लंड जड़ तक अपनी अम्मी की चूत में घुसा देता.


ज़ाहिद का लंड उस की अम्मी की चूत की दीवारों से एक दम चिपक कर रगड़ता हुआ पूरा अंदर तक घुस जाता था.

“उफफफफफफफफ्फ़, ओह अम्मी की फुद्दि बहुत सालों से प्यासी है,आज अपनी अम्मी की चूत में अपने लंड का पानी डाल कर इस चूत की प्यास बुझा दो भाईईईईईईईईईईईईईई” रज़िया बीबी और ज़ाहिद की चुदाई के इस खेल को बिस्तर पर लेटी शाज़िया बहुत गौर से देख रही थी. और अपने भाई को अपनी ही अम्मी की फुद्दि चोदते देख कर शाज़िया मस्ती में अपनी चूत के साथ खेलने में भी मसरूफ़ थी.

ज़ाहिद इस वक्त अपनी अम्मी के जिस्म को अपनी बाहों में उठा कर कमरे में बिछे हुए बिस्तर के नज़दीक खड़े हो कर अपनी अम्मी की चूत की धुआँ धार चुदाई करने में मसरूफ़ था.

ज़ाहिद की इस जबर्जस्त चुदाइ ने रज़िया बीबी की चूत को पानी पानी कर के रख दिया था.

रज़िया बीबी की चूत इस वक्त इतना पानी छोड़ रही थी. कि अब उस की चूत का पानी ज़ाहिद के लंड से होता हुए ज़ाहिद के मोटे आंडों को भी गीला कर रहा था.

“क्यों ना में नीचे से अपने भाई के आंडों पर लगे अम्मी की चूत के जूस को चाट कर अपनी अम्मी और भाई के लंड और चूत के मिक्स पानी का स्वाद चेक करूँ” ये सोच कर शाज़िया बिस्तर के करीब खड़े हुए अपने भाई ज़ाहिद की टाँगों के दरमियाँ आई.



और बिस्तर पर लेट कर ही नीचे से अपने भाई के जूस भरे आंडों को अपनी ज़ुबान से चूसने लगी.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अम्मी की फुद्दि तो मुझे आज भी इनता मज़ा दे ही रही है,मगर तुम्हारे मुँह की इन हरकतों ने भी मुझे पागल कर कर रख दिया है मेरी जान” ज्यों ही शाज़िया की गरम और नुकीली ज़ुबान अपने भाई के फूले हुए बड़े आंडों से टकराई तो ज़ाहिद मज़े से चिल्ला उठा.

अब कमरे में ये हालत थी. कि ज़ाहिद अपनी अम्मी को अपनी बाहों में उठा कर अपने बड़े लंड से रज़िया बीबी के मोटे फुद्दे को तेज़ी से चोदने में मसरूफ़ था. 

जब कि नीचे से शाज़िया अपने भाई के लंड और आंडों पर लगे हुए अपनी अम्मी की चूत के पानी को अपनी ज़ुबान से चाट चाट कर सॉफ करने में मसगूल थी.

जब कि दोनो माँ बेटे के चूत और लंड के आपस में टकराने से कमरे में “थॅप थॅप” की आवाज़े गूँज रही थी.

थोड़ी देर मज़ीद अपनी अम्मी की फुद्दि को इसी पोज़िशन में चोदने के बाद ज़ाहिद ने अपनी अम्मी रज़िया बीबी को बिस्तर पर लेटी शाज़िया के पहलू में लिटाया.और खुद बिस्तर पर चढ़ कर अपनी अम्मी के फुद्दे में अपना लंड फिर से पेलने लगा.

रज़िया बीबी की फुद्दि अपने बेटे के मोटे और बड़े लंड से चुद चुद कर अब एक पूरा फुद्दा बन चुकी थी.

मगर इस के बावजूद ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की चूत में ऐसे फिट हो रहा था. ऐसे किसी बॉटल में कॉर्क फिट हो जाता है. 

रज़िया बीबी के मुँह से तेज तेज सिसकारियाँ निकल रही थी. और वो भी अब अपनी गान्ड को नीचे से उठा उठा कर अपने बेटे के मोटे लंड को पूरे का पूरा अपनी फुद्दी के अंदर समेत लेना चाह रही थी. 

शाज़िया ने अपने भाई ज़ाहिद और अपनी सहेली नीलोफर की चुदाई की वीडियोस तो देखी हुई थी. 

मगर आज अपनी आँखों के सामने और एक ही बिस्तर पर अपने भाई को इतने जोश और मज़े से अपनी ही सग़ी अम्मी की चुदाइ करता देख कर शाज़िया की चूत में भी एक आग लगी हुई थी. 

जिसे वो अपनी हाथ की उंगलियों के साथ बुझाने की नाकाम कोशिश में मसरूफ़ थी.

अपने पहलू में लेटी हुई अम्मी के फुद्दे के अंदर बाहर होते अपने भाई ज़ाहिद के मोटे लंड को देख कर शाज़िया बेचैन हुई. तो वो एक दम बिस्तर से उठ कर अपने भाई ज़ाहिद के नज़दीक गई.



और अपने शोहार/भाई की आँखों में आँखे डाल कर ज़ाहिद से पूछने लगी“मेरी फुद्दिईईईईईई ज़्यादा मज़े दार है या मेरी अम्मी की भाईईईईईईईईईई”

“ओह शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स तुम दोनो माँ बेटी की चूतो में इतनी गर्मी और इतना स्वाद है कि में ज़िंदगी भर तुम दोनो को चोद चोद कर भी, कभी ये फ़ैसला नही कर पाऊँ गा, कि अम्मी की चूत मुझे ज़्यादा अच्छी लगी है या तुम्हारी,मेरी बहनाआआआअ”. ज़ाहिद ने जोश से अपनी अम्मी की चूत में अपने लंड घुमाते हुए शाज़िया को जवाब दिया.

रज़िया बीबी को उस की शादी शादी शुदा ज़िंदगी में ज़ाहिद के अब्बू ने बिस्तर पर कमर के बल लिटा कर हमेशा एक ही तरीके से चोदा था.

मगर आज उस का बेटा ज़ाहिद अपनी अम्मी को कई अच्छे तरीक़ो से चोद चोद कर जिन्सी लज़्जत की नई मंज़िलों से पहचान करवा रहा था. जिन मंज़िलों पर पहुँचने का रज़िया बीबी ने आज तक कभी सोचा भी नही था.

रज़िया बीबी की चूत को आज इतने सालों बाद एक जवान मर्द का लंड नसीब हुआ था. जो कि एक मर्द होने के साथ साथ उस का अपना सगा बेटा भी था.

इसीलिए रज़िया बीबी की बूढ़ी फुद्दि अपने जवान बेटे के ज़ोर दार झटकों के आगे हार मानने को हरगिज़ तैयार नही थी.

इसीलिए ज़ाहिद जब उपर से अपना पूरा लौडा अपनी अम्मी के मखमली फुद्दे में डालता. 

तो रज़िया बीबी भी नीचे से अपनी गान्ड को बिस्तर से पूरा उपर उठा कर अपनी चूत को अपने बेटे के लंड पर मारती.

इस अमल के दौरान रज़िया बीबी के मोटे और भारी पुस्टन रज़िया बीबी की छाती पर बुरी तरह से उछलते हुए एक दूसरे के साथ टकरा जाते थे. 

अपने भाई के हर ज़ोर दार झटके पर अपनी अम्मी के बड़े बड़े मम्मो का हवा में लहराने का ये मंज़र शाज़िया के लिए बहुत ही दिल कश था. 

शाज़िया कुछ देर तो अपनी अम्मी के पहलू में लेट कर अपनी अम्मी के मोटे मम्मो को अपनी अम्मी की छाती पर इधर उधर झूमता देखती रही.
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10-24-2018, 12:59 PM,
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फिर शाज़िया को ना जाने किया सूझी कि उस ने आगे बढ़ कर अपनी अम्मी की गुदाज छातियों को अपने मुँह में लिया. और अपने भाई के ज़ोर दार धक्कों के साथ ताल मिलाते हुए अपनी अम्मी के मोटे निपल्स को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.

रज़िया बीबी की ज़िंदगी में ये लेम्हा इस से पहले कभी नही आया था. जब एक शख्स उस की छातियों को अपने मुँह में ले कर चूस रहा हो. 

जब कि कोई दूसरा शख्स नीचे से उस की प्यासी फुद्दि को अपने मोटे लंड से भरपूर ताक़त के साथ चोदने में मसरूफ़ हो.

अपनी ज़िदगी में अपनी ही जवान बेटा और बेटी के हाथों से इस तरह की जिन्सी लज़्जत को हासिल कर के रज़िया बीबी मज़े से बे हाल हो चुकी थी.

जिस की वजह से रज़िया बीबी के मुँह से बार बार सिसकियाँ फूट रही थी.

आज बहुत सालों बाद रज़िया बीबी को चुदाई का इतना मज़े दार मोका नसीब हुआ था. 

और इस मोके का फ़ायदा उठाते हुए रज़िया बीबी अपने बेटे के मोटे लंड को सही मायनों में अपनी गरम चूत में एंजाय कर रही थी. 

दोनो माँ बेटे के गरम बदन अब पसीना पसीना हो कर बुरी तरह हांप रहे थे. 

जब कि पूरे कमरे में “गछ गछ और फॅक फॅक” की आवाज़ गूँज रही थी.

रज़िया बीबी : "ऊहह,सस्स्स्सीईई,ज़ाहिद,बहुत मस्त लौडा है, तुम्हारे इस घोड़े जैसे लंड ने तो आआअजजजज मेरी बरसो की प्यास भुजाआअ दी हाईईईईईई,बएटााआअ".

ज़ाहिद: "हहा……..अमिीईईईईईईईई, सच पूछे तो आज आप की चूत ने भी सीधा जन्नत में ही पहुँचा दिया है मुझे ययययी,उफफफफ्फ़ बहुत मज़ा आ रहा है ".

“ज़ाहिद्द्द्द्दद्ड क्या लंड हाीइ,आआअहह..आह,में झड रही हूँ बएटााआआअ” दूसरे ही लम्हे रज़िया बीबी के मोटे जिस्म ने ज़ाहिद की मज़बूत बाहों के हिस्सार में एक ज़ोर दार झटका लिया और रज़िया बीबी की प्यासी चूत अपने जवान बेटे के तगड़े लंड पर अपनी पानी छोड़ने लगी.

रज़िया बीबी की चूत ने इतना पानी छोड़ा कि उस की पूरी चूत पिच पिच करने लगी.

अब रज़िया बीबी की चूत बहुत गीली हो चुकी थी. इसीलिए ज़ाहिद के मोटा लंड पहले से भी ज़्यादा आराम से अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे के अंदर बाहर हो रहा था. 

“ओह आप की फुददी ने मेरे लंड का पानी भी निकाल दिया हाईईईईईईईईईईईईईई अम्मिईीईईईईईईईई जानंननननननननननणणन्” रज़िया बीबी के छूटते ही चन्द सेकेंड बाद ज़ाहिद को लगा कि अब उस का लंड भी अपना पानी छोड़ने वाला है.

ज़ाहिद ने आगे बढ़ते हुए अपने लंड को पूरी तरह अपनी अम्मी की चूत में धंसा दिया. और इस के साथ ही ज़ाहिद के लंड ने अपने पानी का फव्वारा भी खोल दिया.

ज़ाहिद के मोटे लंड ने एक ज़ोर दार पिचकारी मारी. तो ज़ाहिद का लंड का थिक वीर्य एक गोली की तरह ज़ाहिद के लंड से निकल कर उस की अम्मी की फुद्दि की गहराई में गिरने लगा. 

ज्यों ही ज़ाहिद के जवान लंड ने अपना गरम पानी अपनी अम्मी की फुद्दि में उडेलना शुरू किया. 

तो रज़िया बीबी को अपने बेटे के तेज धार वाले गरम पानी की वजह से ऐसा लगा . जैसे उस की चूत में सूनामी आ गया हो.

आज इतने सालों बाद किसी मर्द के गरम और गाढ़े वीर्य को अपनी चूत की दीवारों में बैठा पा कर मज़े से रज़िया बीबी चिल्ला उठिईीईईईई” ओह ज़ाहिद्द्द्द्द्द्दद्ड मेरे बच्चे”

इस के साथ ही रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की कमर के गिर्द अपनी टाँगों को ला कर अपने बेटे के जिस्म को अपने काबू में कसा. 

तो ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की चूत के मज़ीद अंदर तक अपना पानी छोड़ने लगा.

ज़ाहिद के लंड ने आज इतना पानी छोड़ा कि रज़िया बीबी की पूरी चूत अपने बेटे के गाढ़े पानी से भर गई.

अपनी अम्मी की फुद्दि में फारिग होने के बावजूद ज़ाहिद का लंड अभी तक रज़िया बीबी की चूत की तह में जड़ तक धंसा हुआ था.

चन्द सेकेंड बाद ज़ाहिद को ना जाने क्या सूझी के उस ने अपने लंड को एक दम अपनी अम्मी की फुद्दि से निकाला. जो कि अभी तक अपना पानी खारिज कर रहा था.

ज्यों ही ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की फुद्दि से बाहर आया. 

तो शाज़िया ने एक दम अपने हाथ को आगे बढ़ा कर अपने भाई के मोटे लंड को अपने हाथ में काबू किया. 



और अपने भाई ज़ाहिद के लंड में बाकी बचे हुए पानी को अपनी अम्मी रज़िया बीबी की चूत के होंठो पर गिराने लगी.

अपने लंड का आखरी क़तरा भी अपनी अम्मी की चूत और पेट के उपर गिरा कर ज़ाहिद निढाल हो गया. 

और उस ने अपनी अम्मी के मोटे जिस्म पर लेट कर अपनी मम्मी के भारी मम्मो के दरमियाँ अपना सर रख दिया. 

इधर रज़िया बीबी का जिस्म भी पसीने से भर चुका था.

आज ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की बूढ़ी हड्डियों को हिला कर रख दिया था. 

रज़िया बीबी की चूत वाला हिस्सा तो बिल्कुल सुन्न सा हो गया था. 

जिस वजह से अब रज़िया बीबी को ऐसा लग रहा था. कि जैसे आज किसी ने उस की कमर के नीचे वाले हिस्से को काट कर उस के जिस्म से अलग कर दिया हो.

रज़िया बीबी का अंग अंग अपने जवान बेटे की ज़ोर दार चुदाई की वजह से अब दर्द कर रहा था.

ज़ाहिद के मोटे तगड़े लंड ने चोद चोद कर आज अपनी अम्मी की प्यासी चूत की आग तो बुझा दी थी. 

मगर इतनी जबर्जस्त चुदाई की वजह से अब रज़िया बीबी की चूत बुरी तरह सूज गई थी.

और वो भी अब अपने बेटे ज़ाहिद और अपनी बेटी शाज़िया के दरमियाँ बिस्तर पर लेटी अपनी बिखरी साँसों को बहाल करने की कॉसिश कर रही थी.



जब कि उस की मोटी सूजी हुई चूत से ज़ाहिद के मोटे लंड का थिक वीर्य बह बह कर रज़िया बीबी की गान्ड से होता हुआ बिस्तर की चादर को गीला कर रहा था.
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10-24-2018, 01:00 PM,
RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
इधर ज़ाहिद ने ज्यों ही अपने लंड का पानी अपनी अम्मी की फुद्दि और पेट पर ऊडेला. 

तो अपने शौहर/भाई के लंड का गरम और थिक पानी आज अपनी नज़रों के सामने अपनी ही अम्मी अम्मी/सास की चूत और पेट पर गिरता देख कर शाज़िया की प्यासी फुद्दि में मौजूद गरम पानी को भी उबाल आ गया. 

शाज़िया ने अपने भाई के झुकते खड़े लंड पर अपनी नज़रें घुमाई हुए अपने एक हाथ को अपनी चूत पर लाई. और तेज़ी के साथ अपनी चूत के देने को मसल्ने लगी.

ज्यों ही शाज़िया ने अपनी तपती चूत को छुआ तो अपनी अम्मी की तरह शाज़िया के जिस्म ने भी एक झटका लिया. 

और उस ने भी अपनी अम्मी और भाई की देखा देखी अपनी चूत का नल खोल दिया.

आज अपनी अम्मी और भाई की चुदाई का लाइव सीन अपनी आखों के सामने मंज़र पज़ीर होता देख कर शाज़िया की चूत ने इतना पानी छोड़ा.कि शाज़िया के नीचे बिछी हुई बिस्तर की सफेद चादर भी पूरी भीग गई थी.

अब उस घर के तीनो शख्स यानी रज़िया बीबी,ज़ाहिद और शाज़िया एक ही बिस्तर पर पूरे नंगे पड़े बुरी तरह से हांप रहे थे.

थोड़ी देर में अपनी बिखरी साँसों को काबू करने के बाद ज़ाहिद ने अपनी गर्दन उठा कर अपने बाज़ू में लेटी हुई अपनी अम्मी के चुदे हुए वजूद का जायज़ा लिया.तो ज़ाहिद ने देखा कि उस की अम्मी रज़िया बीबी की आँखे अभी तक बंद थी.

रज़िया बीबी बिस्तर पर लेटी अभी तक तेज तेज साँसे ले रही थी. और इन तेज सांसो की वजह से रज़िया बीबी के नंगे मम्मे उस की छाती पर उछल कर उपर नीचे हो रहे थे. 

अपनी अम्मी की भारी भारी छातियों के यूँ दबने और फिर उपर उभरने का मंज़र ज़ाहिद के लिए बहुत ही जान लेवा था.

अम्मी के गरम वजूद का जायज़ा लेते लेते ज़ाहिद की नज़र अपनी अम्मी के दूसरे पहलू में बैठी हुई अपनी बीवी/बहन शाज़िया पर पड़ी.

दोनो बहन भाई की नज़रें आपस में मिलीं तो दोनो के चेहरे पर एक मुस्कुराहट सी फैल गई.

“उफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरी बहन शाज़िया ने आज अम्मी की चूत की सूरत में जो बर्थ डे गिफ्ट मुझे पेश किया है, ऐसा गिफ्ट आज तक किसी बीवी ने अपने शोहर को नही दिया हो गा” अपनी बहन से नज़रें मिलाते ही ज़ाहिद के जेहन में ये बात आई. तो ज़ाहिद के दिल में अपनी बहन के लिए प्यार मज़ीद गहरा हो गया.

अपनी बहन की मोहब्बत दिल में जगते ही ज़ाहिद एक दम बिस्तर से उठा कर बिस्तर की दूसरी साइड पर बैठी हुई अपनी बहन शाज़िया के पीछे आ कर बैठा.



बिस्तर पर बैठते ही ज़ाहिद ने पीछे से अपनी बहन की भारी छातियों को अपने हाथ में तामते हुए अपनी गर्दन को आगे बढ़ाया. 

और अपनी बहन शाज़िया के गुदाज होंठो पर अपने गरम होंठ रखते हुए बोला “तुम ने आज मुझे अम्मी के साथ शेयर कर के अपने प्यार की इंतिहा कर दी है, आइ लव यू सो मच फॉर दट शाज़िया,मेरी बहन मेरी बीवी”.

शाज़िया अपने भाई का अपने लिए ये वलिहाना प्यार देख कर बहुत खुश हुई. और वो भी अपनी गर्दन को पीछे घुमा कर अपने भाई की लंबी ज़ुबान को अपने मुँह में ले कर सक करने लगी.

“अम्मी की चूत को तो तुम ने चोद कर ठंडा कर दिया है, मगर मेरी चूत में अभी तक आग लगी हुई भाईईईईईईईईईईईई” शाज़िया ने अपने भाई के मुँह में अपनी ज़ुबान घुमाते हुए ज़ाहिद से कहा.

बे शक शाज़िया अभी अपनी चूत के पानी को अपने ही हाथों से एक बार निकाल चुकी थी. 

मगर इस के बावजूद शाज़िया की चूत को पूरी तरह से जिन्सी सकून नही पहुँचा था.

“अगर तुम चाहो तो में अपना आधा लंड तुम्हारी फुद्दि में डाल कर तुम्हारी चूत की प्यास बुझा दूं जान” अपनी बहन की बात सुन कर ज़ाहिद ने पूछा.

“नहियीईईईईईईईईई मुझे पता है कि अगर एक दफ़ा मेने अप के लंड का मोटा टोपा भी अपनी चूत में ले लिया, तो फिर मुझे पता है कि आप का पूरा लंड अंदर लिए बिना मुझे चैन नही आएगा भाईईईईईईईईईई”ज़ाहिद की बात सुन कर शाज़िया बोली.

“तो तुम ही बताओ कि में किस तरह अपनी जान की चूत को ठंडा करूँ” शाज़िया की बात के जवाब में ज़ाहिद ने पूछा.

“अगर आप एक दफ़ा मेरी चूत को चाट दो, तो मेरी प्यासी फुद्दि को कुछ सकून मिल जाएगा भाई” शाज़िया ने ज़ाहिद से कहा. 

“ठीक है तुम लेटो में अभी तुम्हारी ये फरमाइश पूरी कर देता हूँ जान” शाज़िया की फरमाइश सुन कर ज़ाहिद ने अपनी बहन के मोटे मम्मो को आखरी दफ़ा ज़ोर से दबा कर छोड़ दिया.

“नही आप लेटो में आप के मुँह के उपर बैठना चाहती हूँ भाईईईईईईईईईई”शाज़िया ज्यों ही अपने भाई के बाजुओं की क़ैद से आज़ाद हुई.तो उस अपने पीछे बैठे हुए ज़ाहिद को अपने हाथ से धक्का दे कर बिस्तर पर गिरा दिया.

ज्यों ही ज़ाहिद बिस्तर पर गिरा तो शाज़िया जल्दी से अपनी जगह से उठी. और अपने भाई के जिस्म पर चढ़ कर अपनी तपती हमला चूत को अपने शोहर भाई के गरम मुँह पर रख दिया.

“ओह क्य्ाआआआआआआआअ गरम और मस्त चूत है मेरी बहन की” ज्यों ही शाज़िया की फूली हुई चूत के होन्ट उपर से ज़ाहिद के होंठो से टकराए. 



तो ज़ाहिद ने अपना एक हाथ से अपनी बहन की मोटी रान को थामा. और दूसरे हाथ को उपर ले जा कर अपनी बहन की कसी हुई जवान छाती को अपनी गिरफ़्त में ले कर दबाना शुरू कर दिया. 

साथ ही साथ ज़ाहिद ने नीचे से अपना मुँह खोला. और अपनी नुकीली ज़ुबान को अपनी बहन की चूत के अंदर डाल दिया.

“ओह आप का लंड तो लंड, आप की गरम ज़ुबान भी पूरी क़ातिल हाईईइ भाईईईईईईईईईईईईईईईई” ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी बहन की जवान और मोटी फुद्दि को अपने मुँह में दबाया. तो मज़े की शिद्दत से अपने भाई के मुँह पर बैठी शाज़िया चिल्ला उठी.

शाज़िया ने जोश में आते हुए अपनी गरम फुद्दि को अपने भाई के मुँह और होंठो पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ना शुरू कर दिया. जिस की वजह से शाज़िया की गरम फुद्दि बे तहाशा पानी छोड़ने लगी.

शाज़िया की चूत का पानी टपक टपक कर ज़ाहिद के खुले हुए मुँह में घिर रहा था. 

और ज़ाहिद अपनी बहन की चूत के इस नमकीन रस को मज़े ले ले कर पीने में मसरूफ़ था.

अपने भाई की गरम ज़ुबान ने शाज़िया की चूत को चाट चाट कर इतना बे हाल कर दिया था. कि मज़े के मारे शाज़िया के मुँह से निकलने वाली आवाज़े और सिसकियाँ पूरे कमरे में फैल रही थी.

फिर थोड़ी देर बाद ही ज़ाहिद की ज़ुबान की मेहरबानी की वजह से शाज़िया अपनी मंज़िल पर पहुँच गई.
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10-24-2018, 01:00 PM,
RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
ज्यों ही शाज़िया का जिस्म एक झटका ले कर ज़ाहिद के सीने पर ढीला पड़ा. तो ज़ाहिद को एक दम से ज़ोर का पेशाब आ गया. 

ज़ाहिद ने जल्दी से अपनी छाती पर ढेर हुई शाज़िया के जिस्म को आहिस्ता से बिस्तर पर गिराया. और खुद उठ कर फॉरन बाथरूम में चला गया.

इधर जिस दौरान शाज़िया अपने भाई के मुँह पर बैठ कर ज़ाहिद से अपनी चूत को चाटवा रही थी. 

उसी दोरान दूसरी तरफ रज़िया बीबी अपने बच्चो के साथ ही लेटी दोनो बहन भाई को एक दूसरे के साथ अपना प्यार का इज़हार करता देख कर फिर से गरम होने लगी थी.

ज्यों ही ज़ाहिद बाथरूम में घुसा तो शाज़िया बिस्तर पर लेटी अपनी अम्मी की तरफ मतवज्जो हुई. 

शाज़िया ने देखा के उस की अम्मी रज़िया बीबी की चूत से ज़ाहिद के लंड का पानी बह बह कर उस की अम्मी की टाँगों को भी गीला कर चुका है.

“हाईईईईईईईईईईईई ये तो अम्मी और भाई के मिलन का बहुत ही अनमोल पानी है, मुझे किसी सूरत भी इस पानी को ज़ाया नही होने देना चाहिए” ये सोचते ही शाज़िया एक दम से अपनी अम्मी के जिस्म के उपर 69 पोज़ीशन में इस तरह से लेट गई. कि अब शाज़िया के पैर उस की अम्मी रज़िया बीबी के सर की तरफ थे.जब कि शाज़िया का मुँह अपनी अम्मी के पैरों की तरफ था.

शाज़िया के इस तरह से अपनी अम्मी रज़िया बीबी के उपर लेटने से शाज़िया की गरम चूत बिस्तर पर चित लेटी अपनी अम्मी के मुँह पर आ गई. 

जब कि शाज़िया का मुँह अपनी अम्मी के ताज़ा ताज़ा चुदे हुए मोटे फुद्दे पर आ पड़ा.

अपनी अम्मी की चूत के नज़दीक आते ही शाज़िया ने अपने मुँह को एक दम नीचे झुका कर एक डाइव मारी. 

और अपनी अम्मी की चूत के होंठो को अपने हाथ से खोल कर अपनी अम्मी की गरम और फूली हुई चूत के अंदर मौजूद अपने भाई के गरम और गाढ़े वीर्य को अपनी ज़ुबान से चाट चाट कर खाने लगी.

“क्यों अम्मी पसंद आया अपने बेटा का जवान लंड” अपनी अम्मी की चूत में अपना मुँह मारते हुए शाज़िया ने अपनी अम्मी से पूछा.

“ओह ज़ाहिद के लंड का तो जवाब नही,सच पूछो तो तुम्हारी तरह आज में भी अपने ही बेटे के लंड की आशिक बन गई हूँ शाजिया” रज़िया बीबी ने अपनी गान्ड को नीचे से उठा कर अपनी चूत को शाज़िया के मुँह पर ज़ोर से मारते हुए कहा.

“हाईईईईईईईईईईईईई ऐसे लगता है कि आज आप के जिस्म में बिजली भरी हुई है अम्मी” रज़िया बीबी ने जब जोश से अपनी गान्ड उठा कर अपनी चूत को अपने बेटी शाज़िया के सामने पेश किया. तो शाज़िया भी जोश में अपनी अम्मी की चूत के अंदरूनी हिस्सों में अपनी ज़ुबान घुमाते हुए बोली.

“ओह आज मेरी चूत्त्त्त्त्त्त्त्त को कुछ आराम भी करने दो गी, या मेरी फुद्दि को खा खा कर एक ही दिन में ही मेरी चूत का सारा पानी ख़तम कर दो गी तूमम्म्मममममममम” शाज़िया की गरम ज़ुबान ज्यों ही फिर से अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे पर चलना शुरू हुई. तो रज़िया बीबी ने सिसकारियाँ भरते हुए अपनी बेटी शाज़िया से कहा.

अभी शाज़िया अपनी अम्मी के फुद्दे को खाने में मसरूफ़ थी. कि इतने में ज़ाहिद बाथरूम से निकल कर दुबारा कमरे में आया.

जब ज़ाहिद ने देखा कि उस की बहन शाज़िया अपनी अम्मी के उपर लेट कर अम्मी के मोटे फुद्दे को चाटने में मशरूफ है. और इस अमल के दौरान शाज़िया का पूरा मुँह अपनी अम्मी की चूत के पानी से भर चुका है. तो ज़ाहिद का लंड फिर से अकड़ने लगा.

“अम्मी की चूत को चाटो गे भाईईईईईईईईईईईई” ज्यों ही ज़ाहिद बाथरूम से बाहर निकला. 



तो शाज़िया ने अपनी अम्मी की चूत को अपने भाई के लिए अपने हाथों से खोलते हुए ज़ाहिद से पूछा.

“दिल तो बहुत कर रहा है मगर भूक भी लगी है जान” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की खुली फुद्दि को देख कर अपनी ज़ुबान को अपने होंठो पर फेरा. और अपनी बहन शाज़िया को जवाब दिया.

“वो कहते हैं ना कि ,पहले पेट पूजा,फिर कम दूजा,तो ठीक है भाई आप हाथ मुँह धो लो में खाना लगाती हूँ” ये कह कर शाज़िया अपनी ने अपनी अम्मी की चूत को एक बार फिर चूमा. और फिर बिस्तर से उतर कर अपने कपड़े पहनते ही कमरे से बाहर निकल गई.

इधर ज्यों ही राज़ी बीबी को अहसास हुआ कि वो तो कमरे में अपने जवान बेटे के साथ अकेली रह गई है. तो अपने बेटे से चुदवाने के बावजूद रज़िया बीबी शरम के मारे बिस्तर पर सुकड सी गई.

ज़ाहिद को अपनी अम्मी का उस से यूँ शरमाने का ये अंदाज़ अच्छा लगा.और वो बिस्तर पर नंगी लेटी हुई अपनी अम्मी की तरफ देखते हुए बोला “अम्मी आप ज़रा उठ कर बैठ जाए मेने आप से एक बात करनी है”

रज़िया बीबी अपने जवान बेटे का लंड अपनी चूत में लेने के बावजूद ना जाने क्यों अभी तक ज़ाहिद के सामने अपनी झिझक ख़तम करने मे नाकाम थी.

मगर इस के बावजूद ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी से उठ कर बैठने की दरख़्वास्त की. तो रज़िया बीबी एक कठ पुतली की तरह अपने बेटे के इशारे पर नाचती हुई उठ कर बिस्तर पर बैठ गई.

अपनी अम्मी के बिस्तर पर बैठते ही ज़ाहिद भी अपनी अम्मी के साथ ही बिस्तर पर बैठा. और रज़िया बीबी को अपनी बाहों में ले कर अपनी अम्मी के गुदाज होंठो को चूमते हुए बोला “आज जो कुछ हमारे दरमियाँ हुआ है उस से आप खुश तो है ना अम्मी”.

“हाईईईईईईईईईई ज़ाहिद मुझे शरम आ रही है बेटा” अपने वजूद को अपने जवान बेटे की बाहों में एक बार फिर जकड़ा हुआ पा कर रज़िया बीबी की मछली की तरह तड़प कर अपने आप को अपने बेटे ज़ाहिद की बाहों से छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली.

“मेरे लंड का गरम पानी आप की बच्चे दानी को सेराब कर चुका है और आप हैं कि अभी तक मुझ से शर्माए जा रही हैं अम्मी” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी से कहा. और इस के साथ ही अपनी अम्मी के मोटे होंठो पर अपने दाँतों से काट लिया.

“हाईईईईईईईईईईईईईईई ज़ाहिद्द्द्द्द्द्दद्ड तुम्हारे प्यार करने का आदाज़ तो बिल्कुल जंगली बिल्ले जैसा है मेरे बच्चे” अपने होंठो पर अपने ज़ाहिद के दाँतों को चुभता हुआ महसूस कर के रज़िया बीबी सिसक उठी.

“आप जैसी बिल्ली को काबू करने के लिए बिल्ला बनना पड़ता है अम्मी जी” अपनी अम्मी की सिसकारी पर महज़ोज़ होते हुए ज़ाहिद अपनी अम्मी के होंठो को इस बार प्यार से चूमते हुए कहा.

रज़िया बीबी तो पहले ही आज अपने बेटे ज़ाहिद के मोटे,बड़े और सख़्त जवान लंड से चुदवा कर अपने बेटे की दासी बन चुकी थी. और अब अपने बेटे के वहशियाना प्यार का ये अंदाज़ रज़िया बीबी को अपने ही बेटे का मज़ीद दिवाना बना रहा था.

इसी दौरान रज़िया बीबी के गरम बदन ने एक दम से एक झुरझुरी ली और इस के साथ ही रज़िया बीबी ने अपनी झिझक और रही सही “ शर्म-ओ- हया” की आख़िरी तह भी एक तरफ फँकते हुए अपने बेटे के मुँह में अपने मुँह को डाला और कहा 



““ओह जिस तरह तुम ने अपनी बहन को चोद कर उस की ज़िंदगी को दुबारा से पुर रोनक बना दिया है,बिल्कुल उसी तरह मेरी चूत में अपना लंड डाल कर तुम ने आज अपनी ही माँ की सुखी कोख को दुबारा से हरा भरा कर दिया है मेरे बच्चे”.

“ओह अम्मिईीईईईईईईईईईईईईईईईईई आइ लव यू सो मच” अपनी अम्मी को यूँ गरम जोशी से अपने वजूद उस के हवाले करता पा कर ज़ाहिद भी गरम हुआ. और अपनी अम्मी के मुँह में अपनी लंबी ज़ुबान डाल कर रज़िया बीबी की ज़ुबान से ज़ुबान टकराने लगा.

इस से पहले कि ज़ाहिद और रज़िया बीबी मज़ीद कुछ कर पाते की इतने में शाज़िया दुबारा से कमरे में एंटर हुई.
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10-24-2018, 01:00 PM,
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““ओह जिस तरह तुम ने अपनी बहन को चोद कर उस की ज़िंदगी को दुबारा से पुर रोनक बना दिया है,बिल्कुल उसी तरह मेरी चूत में अपना लंड डाल कर तुम ने आज अपनी ही माँ की सुखी कोख को दुबारा से हरा भरा कर दिया है मेरे बच्चे”.

“ओह अम्मिईीईईईईईईईईईईईईईईईईई आइ लव यू सो मच” अपनी अम्मी को यूँ गरम जोशी से अपने वजूद उस के हवाले करता पा कर ज़ाहिद भी गरम हुआ. और अपनी अम्मी के मुँह में अपनी लंबी ज़ुबान डाल कर रज़िया बीबी की ज़ुबान से ज़ुबान टकराने लगा.

इस से पहले कि ज़ाहिद और रज़िया बीबी मज़ीद कुछ कर पाते की इतने में शाज़िया दुबारा से कमरे में एंटर हुई.

कमरे में आते ही शाज़िया ने जब अपनी अम्मी और भाई को एक दूसरे के मुँह में मुँह डाले मसरूफ़ पाया. 

तो उस ने इस नये प्रेमी जोड़े को कुछ देर डिस्टर्ब करना मुनासिब ना समझा. और खामोशी से खड़ी अपनी अम्मी और भाई का एक दूसरे के साथ प्यार का इज़हार देखती और गरम होती रही.

“अच्छा अब बस भी करो खाना ठंडा हो रहा है भाईईईईईईई” थोड़ी देर अपनी अम्मी और भाई के शो को देखने के बाद शाज़िया का सबर ख़तम हुआ तो वो बोल पड़ी.

“ओह अच्छाआआआआआअ” ज़ाहिद और रज़िया बीबी शाज़िया की कमरे में मौजूदगी का पता चलते ही एक दूसरे से एक दम लग हुए. 

और जैसे एक छोटा बच्चा अपनी चोरी पकड़े जाने पर घर के बड़े से अपनी नज़रें चुराने लगता है. 

उसी तरह ज़ाहिद और उस की अम्मी रज़िया बीबी भी दोनो ही शाज़िया से अपनी नज़रें चुराने लगे.

अपने भाई और अम्मी को यूँ घबराता देख कर शाज़िया ने एक ज़ोर दार कहकहा लगाया और मूड कर किचन की तरफ चली गई.

शाज़िया के जाते ही रज़िया बीबी ने जल्दी से अपने कपड़े पहने जब कि ज़ाहिद सिर्फ़ अंडरवेअर में ही हाथ धो कर खाने के लिए किचन में चला गया.

ज़ाहिद और रज़िया बीबी जब अपने हाथ मुँह धो कर किचन में आए. 

तो शाज़िया उस वक्त टेबल पर खाना लगा कर उन दोनो के इंतिज़ार में बैठी थी.

ज़ाहिद और रज़िया बीबी के डाइनिंग टेबल पर बैठते ही घर के तीनो सदस्यों ने मिला कर खाना खाया.

खाने के दौरान शाज़िया अपनी अम्मी को अपने भाई ज़ाहिद के हवाले से बिल्कुल उसी तारह बार बार छेड़ कर मज़ा ले रही थी. 

जिस तरह अक्सर सहेलियाँ एक दूसरे को उन के बॉय फ्रेंड्स,मंगेतर (फियान्से) या शोहर का मोका ब मोका नाम ले ले कर छेड़ती हैं.

और रज़िया बीबी भी अपनी ही बेटी के मुँह से अपने जवान बेटे का अपने हवाले से चिड कर किसी सोला साला नोखेज दोशेज़ा की तरह खिल खिला कर हँसने लग जाती थी.

फिर खाने से फारिग होने के बाद जब ज़ाहिद टेबल से उठ कर अपने कमरे की तरफ जाने लगा. तो शाज़िया एक दम अपने भाई के पीछे लपकते हुए बोली “ज़रा इधर ही रूको में अभी आई भाईईईई”.

अपने भाई को किचन में ही ठहरने का कह कर शाज़िया दौड़ती हुई बाहर गई. और टीवी लाउन्ज में ज़ाहिद के बर्थडे के लिए खरीदा हुआ केक उठा कर दुबारा किचन में लौट आई.

“आज आप की साल गिरह है.अब जब कि आप ने अम्मी की चूत की सूरत में अपना तोहफा वसूल तो कर लिए है, तो क्यों ना आप अब केक भी काट ही डालो भाई” ये कहते हुए शाज़िया ने साथ ही एक शेर भी पेश किया,

“बर्थडे का दिन है केक तो काट लो भाई,
क्यों कि रस्मे दुनिया भी है,
मोका भी है और दस्तूर भी “
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10-24-2018, 01:00 PM,
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शाज़िया ने किसी शायर के कहे हुए इस शेर को मोके की मुनासबत से ज़ाहिद की साल गिरह के हवाले से तब्दील करते हुए अपने भाई से कहा.

ज़ाहिद ने अपनी बहन के लाए हुए केक को काटा तो रज़िया बीबी और शाज़िया दोनो माँ बेटी ने “हॅपी बर्थ डे टू यू ज़ाहिद” कहते हुए ज़ाहिद को साल गिरह की मुबारकबाद दी.

ज़ाहिद ने केक काट कर केक का एक पीस शाज़िया और रज़िया बीबी के मुँह मे डाला. और साथ ही साथ दोनो के होंठो को चूम कर अपनी अम्मी और बहन का शुक्रिया अदा किया.

अभी ये सब लोग किचन में ज़ाहिद की बर्थडे सेलेब्रेट करने में मसरूफ़ थे. कि इतने में पड़ोस की एक आंटी ने घर की बेल बजा दी.

घर के गेट पर किसी की मौजूदगी का पता चलते ही ज़ाहिद एक दम से अपने कमरे में जा कर अपने बाथरूम में नहाने के लिए घुस गया. जब कि रज़िया बीबी घर का दरवाजा खोंलने चली गई.

रज़िया बीबी ने जब दरवाजा खोला तो उस ने अपनी पड़ोसन को गेट पर खड़ा पाया.

“बहन अगर टाइम हो तो मेरे साथ ज़रा मार्केट तक चलो गी,क्यों कि मुझे कुछ चीज़े लेने में तुम्हारे मशवरे की ज़रूरत पड़े गी” रज़िया बीबी की पड़ोसन ने घर का गेट खुलते ही रज़िया बीबी से रिक्वेस्ट की.

“अच्छा एक मिनट में शाज़िया को बता कर आती हूँ” ये कह कर रज़िया बीबी वापिस पलटी. और फिर अपनी बेटी शाज़िया को अपने बाहर जाने का बता कर अपनी पड़ोसन के साथ करीबी मार्केट की तरफ चली गई.

इस दौरान ज़ाहिद नहा कर बाथरूम से बाहर निकला.और एक निक्कर (शॉर्ट्स) पहन कर बिस्तर पर बैठ कर अपने दफ़तरी (ऑफीस) काम में मसरूफ़ हो गया.

अपने काम के दौरान कब रात हो गई ज़ाहिद को ज़रा अहसास ना हुआ.

जब अपने सारे काम ज़ाहिद फारिग हुआ तो रात के दस (10) बज चुके थे.

ज़ाहिद का पेट तो शाम जल्दी रोटी और केक खाने की वजह से पहले ही भरा हुआ था. इसीलिए उसे अब भूक नही महसूस हो रही थी.

“काम तो मुकम्मल हो चुका है तो क्यों ना अब सोया जाए” अपने पोलीस केसस की फाइल्स को एक तरफ रख कर ज़ाहिद ने बिस्तर पर बैठे बैठे अंगड़ाई ली. और फिर बिस्तर पर लेट कर कमरे का टीवी ऑन कर लिया.

उधर दूसरी तरफ शाज़िया अपने घर के सारे काम ख़तम कर के अपने बिस्तर पर लेटी अपनी अम्मी के घर वापिस आने का इंतिज़ार कर रही थी.

कुछ देर बाद रज़िया बीबी अपने घर लौट कर वापिस अपने कमरे में दाखिल हुई. 

ज्यों ही शाज़िया ने अपनी अम्मी को कमरे में आते देखा. तो उस ने एक दम से अपनी अम्मी रज़िया बीबी से पूछा “आप ने इतनी देर कहाँ लगा दी अम्मी जान”.

“तुम्हें तो पता है कि तुम्हारी ये पड़ोस वाली खाला तो मार्केट जा कर घर वापिस आना ही भूल जाती है, इसी लिए मुझे भी वापसी में देर हो गई मेरी बच्ची” अपनी बेटी की बात का जवाब देते हुए रज़िया बीबी बोली. 

इस के साथ ही अपना दुपट्टा उतार कर रज़िया बीबी जैसे ही अपने बिस्तर पर बैठने लगी. तो शाज़िया ने एक दम से दुबारा अपनी अम्मी को की तरफ देखते हुए बोली “आप इधर क्यों लेटने लगी हैं अम्मी”.

“क्या मतलब है तुम्हारा, में तो रोज़ ही इधर सोती हूँ मेरी बच्ची” रज़िया बीबी शाज़िया के इस सवाल पर हैरान हो कर अपनी बेटी से पूछने लगी.

“हां आप इस से पहले हर रोज़ इस बेड पर ज़रूर सोती रही हैं, मगर आज से आप का इधर सोना बंद हो गया है अम्मी जी” शाज़िया ने अपनी अम्मी को जवाब दिया.

“अगर तुम ने आज से मेरा अपने बिस्तर पर सोना बंद कर दिया है, तो फिर मुझे ये तो बताओ कि में आज से कहाँ सोऊँ गी मेरी बच्ची”. अपनी बेटी की बात सुन कर रज़िया बीबी हैरान हुई. और उस ने एक दम अपनी बेटी के मुँह की तरफ देखते हुए पूछा.

“वही जहाँ में अपने प्रेग्नेंट होने से पहले तक सोती रही हूँ” शाज़िया ने एक शोख लहजे में अपनी अम्मी को जवाब दिया.

“मुझे पहेलियाँ ना बुझवाओ, बल्कि सीधी सीधी तरह से बताओ कि तुम आज मुझे कहाँ सुलाना चाहती हो,क्यों कि मुझे बहुत नींद आ रही है शाज़िया” अपनी बेटी की बात को अभी तक ना समझते हुए रज़िया बीबी झुंझला गई. और थोड़े गुस्से में अपनी बेटी को डाँटते हुए कहने लगी.

“आज से आप मेरी जगह ज़ाहिद भाई की बीवी बन कर, मेरे शोहर भाई के साथ उन के बिस्तर को गरम करते हुए अपनी रात बसर किया करो गी अम्मी जान” शाज़िया अपनी अम्मी की आँखों में आँखे डालते हुए मुस्कुराइ. और अपनी अम्मी के गुस्से के जवाब में बहुत इतमीनान और प्यार से अपनी अम्मी की बात का जवाब दिया.

“ज़ाहिद की बीवी तो तुम ही हो शाज़िया, और तुम्हारे होते हुए भला में कैसे ज़ाहिद की बीवी बन कर उस के साथ सो सकती हूँ मेरी बच्ची” रज़िया बीबी को अपनी बेटी से इस बात की तवक्को नही थी. 

इसी लिए वो शाज़िया की बातों को सुन सुन कर हैरानी से अपनी बेटी का मुँह देखते हुए उस से सवालो-ओ- जवाब किए जा रही थी. और इन सब बातों के दौरान रज़िया बीबी की चूत की गर्मी नीचे से अपना पानी छोड़ते छोड़ते अपनी इंतिहा को छूने लगी थी.
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10-24-2018, 01:00 PM,
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“ज़ाहिद की बीवी तो तुम ही हो शाज़िया, और तुम्हारे होते हुए भला में कैसे ज़ाहिद की बीवी बन कर उस के साथ सो सकती हूँ मेरी बच्ची” रज़िया बीबी को अपनी बेटी से इस बात की तवक्को नही थी. 

इसी लिए वो शाज़िया की बातों को सुन सुन कर हैरानी से अपनी बेटी का मुँह देखते हुए उस से सवालो-ओ- जवाब किए जा रही थी. और इन सब बातों के दौरान रज़िया बीबी की चूत की गर्मी नीचे से अपना पानी छोड़ते छोड़ते अपनी इंतिहा को छूने लगी थी.

“आप को पता है मेरे भाई से चुदने के बाद आप ना सिर्फ़ मेरी भाभी, बल्कि मेरे शोहर से चुदवाने के बाद तो आप मेरी शौतान भी बन चुकी हैं, इसीलिए मेरी डेलिवरी तक आप ज़ाहिद की दूसरी बीवी और मेरी शौतान की हैसियत से अब आप अपने शोहर के लंड को ठंडा करो गी, अम्मी जान” शाज़िया ने रज़िया बीबी के करीब आ कर अपनी अम्मी को अपनी बाहों में जकड़ा. और फिर शलवार के उपर से ही अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे पर जोश के साथ अपने हाथ को फेरते हुए कहा.

आज दोपहर (आफ्टरनून) को होने वाले वकीये के मुतलक रज़िया बीबी अभी तक ये ही समझ रही थी. कि ये सब कुछ सिर्फ़ जोशे जज़्बात में हो गया है. और इस के बाद शाज़िया शायद अपनी अम्मी को ज़ाहिद के लंड से फाज़ याब होने का मोका फ़ेरहम ना करे.

मगर अब अपनी बेटी शाज़िया की बात सुन कर रज़िया बीबी का पूरा वजूद खुशी से ऐसे झूम उठा. 

जैसे सदियों के भूके आदमी को चावलों की पूरी भरी हुई डैग एक दम से खाने को मिल जाए.

“ओह तुम वाकई ही दिल से ऐसा चाहती हो मेरी बच्ची” रज़िया बीबी अपनी बेटी शाज़िया की ऑफर सुन कर खुशी से फूले ना समाई. और उस ने भी बे शर्मी से अपनी बेटी की हमला चूत पर अपने हाथ फेरते हुए शाज़िया से दुबारा कन्फर्म किया.



“हां अम्मी में वाकई ही दिल ये चाहती हूँ,कि जिस तरह मेरी तलाक़ के बाद मेरे सगे भाई ने मेरा शोहर बन कर मेरी चूत की बंजर ज़मीन को अपने लंड के पानी से फिर से हरा भरा किया है,उसी तारह मेरी ख्वाहिश है कि अब्बू की कमी को आप का सगा जवान बेटा आप का शोहर बन कर हर रोज़ पूरी किया करे,अम्मी जान” ये कहते हुए शाज़िया ने अपने होंठो को अपनी अम्मी के होंठो से मिलाया और दोनो माँ बेटी एक दूसरे के होंठो को जोश और मस्ती से चूमने और चाटने लगीं. 

“अगर तुम राज़ी हो तो मुझे भला क्या ऐतराज हो सकता है मेरी बच्ची” रज़िया बीबी ने भी अपनी बेटी की गरम ज़ुबान से अपनी ज़ुबान लड़ाते हुए शाज़िया की मोटी भारी छाती को अपने हाथ की गिरफ़्त में लिया. और अपनी बेटी के मोटे मम्मे को ज़ोर से मसलते हुए बोली.

(कहते हैं कि ब ज़ाहिर शरीफ नज़र आने वाली अक्सर औरतों के अंदर भी एक चुड़क्कड़ औरत हर वक्त मौजूद होती है.

जो उस शरीफ औरत के वजूद से बाहर आने के लिए हर वक्त किसी मोके की तलाश में रहती है. 

और आज अपनी शरीफ अम्मी के बेवा जिस्म में क़ैद इस चुड़क्कड़ औरत को शाज़िया और ज़ाहिद ने अपनी ज़ुबान और लंड से रिहाई दिला दी थी.)

अब एक दफ़ा अपने बेटे के जवान लंड को अपनी चूत में ले कर शाज़िया की तरह रज़िया बीबी भी अपने जवान बेटे के लंड की दिवानी तो पहले ही बन चुकी थी. 

इसीलिए अब हर रोज़ अपने बेटे के मोटे और तगड़े लंड से अपनी गरम फुद्दि की प्यास बुझवाने के बंपर ऑफर को रज़िया बीबी भला कैसे ठुकरा सकती थी.

“शाज़िया अगर बुरा न मानो तो एक बात पूछूँ तुम से” रज़िया बीबी ने अपनी बेटी के गुदाज होंठो को अपने दाँतों से काटते हुए कहा.

“अब हमारे दरमियाँ पर्दे वाली कौन सी बात बाकी रह गई है, इसीलिए आप का जो दिल चाहे आप पूछ लो,अम्मी जी” शाज़िया ने सिसकते हुए जवाब दिया.

“असल में में ये सोच रही थी कि तुम्हारी बंद चूत की सील तो तुम्हारे असली शोहर ने खोली थी, तो तुम्हारे साथ दूसरी सुहाग रात मनाते वक्त तुम्हारे भाई ज़ाहिद ने तुम्हारी कौन सी सील खोली हो गी” रज़िया बीबी के ज़हन में कब से ये सवाल गर्दिश कर रहा था.

मगर वो अब तक शाज़िया से ये बात पूछने से हिचकिचाती रही थी.

लेकिन अब अपने जिस्म पर पड़े शरम के पर्दे को उतार फैंकने के बाद रज़िया बीबी में अपनी बेटी शाज़िया से ये बात पूछने की हिम्मत आ गई थी. 

इसीलिए रज़िया बीबी ने अपनी बेटी के गालों पर अपनी लंबी ज़ुबान रगड़ते हुए पूछा.

“ओह ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड भाईईईईईईई ने आप की बेटी की कंवारी गान्ड की सील तोड़ कर मुझे अपनी बीवी बनाया था, अम्मिजान”. शाज़िया ने रज़िया बीबी के मोटे भारी चुतड़ों को अपने हाथों में दबोचते हुए अपनी अम्मी की बात का जवाब दिया.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ज़ाहिद का लंड तो इतना मोटा है कि फुद्दि में लेते वक्त तकलीफ़ होती है, और उस ज़ालिम ने इतने बड़े लंड से मेरी मासूम बच्ची की कंवारी गान्ड की धज्जियाँ उड़ा दीन्न्न्न्न्न्न्न” ज़ाहिद के मोटे लंड को अपनी तस्वरती आँखो से शाज़िया की गान्ड का बंद सुराख खोलते हुए सोच कर रज़िया बीबी की चूत से पानी का फव्वारा बहने लगा.

“ओह मोटे लंड से अपनी गान्ड की सील तुड़वाने में जो मज़ा है,में उसे लफ़्ज़ों में बयान नही कर सकती, वैसे आप की गान्ड तो मुझ से भी ज़्यादा बड़ी है,अगर अब्बू ने आज तक आप की गान्ड की सील नही खोली, तो भाईईईईईईईई को ये मोका दे दो, ज़ाहिद भाईईईईईईईईई आप की गान्ड को ऐसे प्यार से खोले गा कि मज़े की शिद्दत से एक तो आप सारे दर्द भूल जाएंगी , और दूसरा ज़ाहिद भाई के लिए एक बेटे से शोहर बनाने का सफ़र मज़ीद मज़ेदार हो जाएगा,अम्मी जीिइईईईईई”. शाज़िया ने अपनी अम्मी की शलवार में क़ैद रज़िया बीबी की गान्ड के उभरे हुए गुदाज चुतड़ों को अपने हाथ से दबाते हुए कहा. 

अपनी बेटी की बात सुन कर रज़िया बीबी एक लम्हे के लिए अपने मज़े में खो गई.

असल में रज़िया बीबी की गान्ड तो उस की जवानी से काफ़ी बड़ी और बाहर को उभरी हुई थी. 

अपनी जवानी के बारे में सोचते हुए रज़िया बीबी को वो वक्त याद आया. 

जब अपनी शादी से पहले रज़िया बीबी घर से बाहर निकलती. तो अपने जिस्म के गिर्द एक बड़ी सी चादर ओढ़ लेती.
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10-24-2018, 01:00 PM,
RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
मगर रज़िया बीबी की गान्ड इतनी मोटी और भारी थी. कि जिसे रज़िया बीबी के जिस्म के गिर्द लिपटी हुई चादर भी छुपाने में नाकाम हो जाती थी.

रज़िया बीबी जब अपनी गली में चलती. तो रज़िया बीबी की मटकती हुई गान्ड हिल हिल कर मोहल्ले के सारे लड़कों के लौडो पर बिजलियाँ गिरा देती थी. और पीछे से देखने वालों को अपना आशिक़ बना लेती थी.

शादी के बाद ज़ाहिद के अब्बू ने कई दफ़ा अपनी बेगम रज़िया बीबी से उस की गान्ड मारने की दरख़्वास्त की थी. 

मगर हर दफ़ा रज़िया बीबी ये कह कर अपने मेरहूम शोहर की ये बात टाल देती कि “ये जायज़ काम नही”.

लेकिन आज जब रज़िया बीबी ने शाज़िया के मुँह से गान्ड मरवाने की बात सुनी. तो नज़ाने क्यों रज़िया बीबी को ये बात बुरी नही लगी. 

बल्कि शाज़िया के मुँह से अपने बेटे ज़ाहिद की गान्ड चोदने की तारीफ सुन कर रज़िया बीबी की अपनी गान्ड में अपने बेटे ज़ाहिद के लंड की खारिश होने लगी.

“अच्छा अगर तुम्हारी ये ही मर्ज़ी है कि में अब ज़ाहिद के साथ ही सोया करूँ तो भला मुझे क्या ऐतराज हो सकता है मेरी बच्ची” शाजिया की बातों को सुन कर रज़िया बीबी की शलवार में छुपी हुई उस की चूत का मुँह बिल्कुल ऐसे खुलने और बंद होने लगा जैसे ज़ाहिद का लंड उसके सामने ही खड़ा है 

जैसे समुंद्र (सी) में मौजूद किसी मछली (फिश) का मुँह अपनी खुराक (फुड) को हासिल करते वक्त खुलने और बंद होने लगता है. 

अब रज़िया बीबी का दिल चाहने लगा कि वो किसी तरह उड़ कर अपने बेटे ज़ाहिद के पास पहुँचे.और फिर अपने बेटे के बिस्तर में गुस्स कर पूरी रात अपने बेटे के मोटे लंड को अपनी गान्ड और चूत में डलवा कर मज़े करे.

इसीलिए रज़िया बीबी ने जल्दी से बिस्तर पर पड़ा अपने दुपट्टा उठाया और उसे अपनी भारी छातियों पर लेने लगी.

“आप दुपट्टा क्यों ले रही हां अम्मी” अपनी अम्मी को दुपट्टे से अपने बड़े बड़े मम्मे ढांपते देख कर शाज़िया ने अपनी अम्मी से पूछा.

“में हमेशा अपने सीने पर अपना दुपट्टा ओढ़ती हूँ,तो आज क्यों नही” रज़िया बीबी ने शाज़िया को कहा.

“वो इसीलिए के हम औरते अपनी मोटी छातियों को गैर मर्दो की भूकि नज़रों से छुपाने के लिए दुपट्टा लेती हैं, जब कि आप तो अपनी इन भारी छातियों को अपने ही सगे बेटे को दिखाने, मसलवाने और चुसवाने के लिए खुद चल कर उस के पास जा रही हैं, तो इस सूरत में दुपट्टे की क्या ज़रूरत है बाला” शाज़िया ने ये बात कह कर अपनी अम्मी को लाजवाब कर दिया.

“ये बात है तो ये रहा दुपट्टा, में अब अपने मम्मो को पूरी तरह नंगी कर के अपने बेटे ज़ाहिद के पास जाऊं गी शाज़िया” ये कहते हुए रज़िया बीबी ने अपने दुपट्टे को अपने सीने से उतार कर शाज़िया के कदमो में फैंका. तो रज़िया बीबी के मोटे मम्मे उस की तंग कमीज़ के खुले गले से उछल कर बाहर आने की कोशिश करने लगे.

इस के साथ रज़िया बीबी एक दम मूडी और अपनी बेटी शाज़िया से अलविदा हो कर अपने बेटे ज़ाहिद के कमरे की तरफ जाने लगी.

“भाई के पास जाते वक्त किचन से गरम दूध का एक ग्लास भी साथ लेते जाना अम्मी” शाज़िया ने जब अपनी गान्ड मटकाती अम्मी को अपने कमरे से बाहर निकल कर ज़ाहिद के कमरे की तरफ जाता देखा. तो पीछे से उस ने अपनी वालिदा (अम्मी) को आवाज़ दी.

“गरम दूध मगर वो किसीलिए शाज़िया” रज़िया बीबी जाते जाते वापिस पलटी और रुक कर अपनी बेटी से सवाल किया.

“आप के लिए अम्मी जान, और किस के लिए” शाज़िया ने अपनी अम्मी की बात का जवाब दिया.

“मेरे लिए? मगर तुम को तो पता है कि में इस वक्त गरम दूध नही पेटी” अपनी बेटी की बात सुन कर रज़िया बीबी ने हैरान हो कर शाज़िया की तरफ देखते हुए कहा. 

“ये दूध है तो आप के ही लिए, मगर इसे पीएँगे ज़ाहिद भाई” शाज़िया अपनी अम्मी को मज़ीद हैरान करने के लिए बोली.

“दूध है मेरे लिए,मगर पीना ज़ाहिद ने है,ये तुम क्या अजीब अजीब बातें किए जा रही हो शाज़िया” अपनी बेटी की बात को ना समझते हुए रज़िया बीबी गुस्से में आई और ज़ोर से बोली.

“अच्छा में आप को समझाती हूँ, अपने मुँह के ज़रिए ये गरम दूध पीने के बाद, फिर ज़ाहिद भाई ने इसी दूध को अपने लंड के रास्ते, गरम वीर्य की शकल में आप की चूत और गान्ड में उडेलना है, तो इस तरह ये दूध तो असल में तो आप ही के लिए है ना अम्मी जान” शाज़िया अपनी अम्मी से ये बात कह कर खिल खिला कर हँसने लगी.

“बहुत ही बे शरम और वाहियात हो तुम भी शाज़िया” अपनी बेटी के मज़ाक को एंजाय करते हुए रज़िया बीबी भी हँसने लगी. 

“अच्छा में ज़ाहिद के लिए दूध ले जाती हूँ, इसीलिए अब तुम जा कर आराम करो” रज़िया बीबी अपनी बेटी को उसी तरह कमरे के दरवाज़े पर खड़ा छोड़ कर किचन में घुसी. और वहाँ से गरम दूध का एक ग्लास अपने हाथ में उठा कर ज़ाहिद के कमरे की तरफ चल पड़ी.

रज़िया बीबी ज्यों ही अपने बेटे ज़ाहिद के कमरे के दरवाज़े तक आई. तो उस ने कमरे का दरवाजा बंद पाया.

“लगता है ज़ाहिद आज जल्दी सो गया है”. कमरे के बंद दरवाज़े को देख कर रज़िया बीबी के जेहन में ख्याल आया. 

रज़िया बीबी तो अपनी चूत में बहुत से अरमान ले कर अपने बेटे के कमरे तक पहुँची थी.

मगर अपने बेटे ज़ाहिद के बंद दरवाज़े को देख कर ना जाने क्यों रज़िया बीबी का दिल एक दम से बुझ सा गया.

“क्या करूँ दरवाजा खट खटाऊ या फिर ऐसे ही वापिस चली जाऊं” अपने बेटे ज़ाहिद के कमरे के बाहर खड़े खड़े रज़िया बीबी को कई किसम के ख्याल आ रहे थे.

“जब में अपने बेटे के साथ रात गुज़ारने आ ही गई हूँ, तो मुझे दरवाज़े पर नॉक कर के चेक तो करना चाहिए, शायद ज़ाहिद जाग ही रहा हो” ये ख्याल जहाँ में आते ही रज़िया बीबी ने धड़कते दिल के साथ दरवाज़े को हाथ लगाया. तो कमरे का दरवाजा अंदर से कुण्डी ना लगी होने की वजह से अपने आप पूरा खुलता चला गया.

जिस वक्त रज़िया बीबी ने ज़ाहिद का कमरे का दरवाजा खोला. 

ठीक उसी वक्त ज़ाहिद अपने बिस्तर पर लेट कर दोपेहर में होने वाले वाकिये को याद कर के निक्कर के उपर से ही अपने लंड से खेलने में मसरूफ़ था.

अपने लंड को हाथ से मसल्ने के दौरान ज़ाहिद ये सोच रहा था कि.“हाईईईईईईईई काश इस वक्त अगर अम्मी की चूत दुबारा चोदने को मिल जाए तो मज़ा ही आ जाए”.

इसी दौरान ज्यों ही कमरे का दरवाजा खुला .तो बिस्तर पर निक्कर पहन कर लेटे हुए ज़ाहिद की नज़रें अपने कमरे के बाहर दूध का ग्लास लिए खड़ी अपनी अम्मी से टकराई.

ज़ाहिद ने देखा कि उस की अम्मी ने अपने भरी सीने पर कोई दुपट्टा नही लिया हुआ. 

जिस की वजह से उस की अम्मी के मोटे मोटे तरबूज़ जैसे मम्मे रज़िया बीबी की कमीज़ के खुले गले से आधे बाहर नज़र आ रहे थे.

ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को यूँ नीम नंगी हालत में अपने कमरे के बाहर खड़ा देखा. तो ज़ाहिद को ऐसा लगा कि जैसे उस के लंड की मुराद पूरी हो गई हो.

“आप इस वक्त इधर क्या कर रही हैं अम्मी” अपनी अम्मी को अपने कमरे के सामने देख कर ज़ाहिद एक दम से अपने बेड से उठ कर खड़ा हुआ और रज़िया बीबी से पूछने लगा.

“वो असल में शाज़िया ने कहा कि तुम अक्सर रात को गरम दूध पी कर सोते हो,तो इसीलिए में तुम्हें दूध देने चली आई” बे शक रज़िया बीबी अपनी बेटी शाज़िया की बातों में आ कर ज़ाहिद के साथ सोने के लिए आ तो गई थी.

मगर अपने बेटे से एक बार चुदवाने के बावजूद रज़िया बीबी अपने बेटे ज़ाहिद को अपने आने का मकसद बताने में हिच किचाहट महसूस करने लगी थी.

“आप अभी तक बाहर क्यूँ खड़ी हैं, अंदर आ जाओ ना अम्मी जान”अपनी अम्मी को रात को तन्हाई में अपने कमरे के अंदर आने की दावत देने के दौरान ज़ाहिद का लंड उस की शॉर्ट्स में फुल तन कर खड़ा हो गया था.

“उफफफफफफफफफफफ्फ़ देखो तो सही, जिस तरह मेरी चूत इस लंड के लिए भी बुरी तरह से मचल रही है, बिल्कुल उसी तरह मेरे बेटे का ये लंड भी मेरी फुद्दि के लिए आकड़े जा रहा है” ज़ाहिद की निक्कर में खड़े हुए लंड पर नज़र पड़ते ही रज़िया बीबी के दिल में ख्याल आया. 

तो ना सिर्फ़ रज़िया बीबी का दिल खुशी से झूम उठा. बल्कि उस की चूत भी अपने बेटे ज़ाहिद के लंड को देख कर शलवार में खुशी से “फूल” गई.

“जब मेरा बेटा मुझे इतने प्यार से अपने पास बुला रहा है,तो मुझे उस के पास जाने में देर नही करनी चाहिए”अपने बेटे ज़ाहिद से उस के कमरे के अंदर आने की दावत मिलते ही रज़िया बीबी ने एक लम्हे के लिए सोचा.

और फिर ने अपना एक कदम आगे बढ़ा कर अपने बेटे के कमरे की दहलीज़ पर कर दी.
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10-24-2018, 01:00 PM,
RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
“जब मेरा बेटा मुझे इतने प्यार से अपने पास बुला रहा है,तो मुझे उस के पास जाने में देर नही करनी चाहिए”अपने बेटे ज़ाहिद से उस के कमरे के अंदर आने की दावत मिलते ही रज़िया बीबी ने एक लम्हे के लिए सोचा.

और फिर ने अपना एक कदम आगे बढ़ा कर अपने बेटे के कमरे की दहलीज़ पर कर दी.

रज़िया बीबी आज शाम से पहले तक ना जाने कितनी ही दफ़ा अपने बेटे ज़ाहिद के इस कमरे में आ चुकी थी. 

लेकिन इस सारे अरसे में ज़ाहिद के कमरे में आते वक्त रज़िया बीबी के दिल की वो हालत कभी नही हुई थी. जो इस व्कत रज़िया बीबी महसूस कर रही थी.

उस रात को अपने धड़कते दिल के साथ रज़िया बीबी ने ज्यों ही अपने बेटे के कमरे में अपना पावं रखा. 

तो रज़िया बीबी को यूँ महसूस हुआ. कि उस के शोहर की वफात के वक्त से उस के वजूद के साथ लिपटी हुई बेवगी की चादर एक दम से गिर कर उस के बदन से अलग हो गई हो.

आज अपने बेटे ज़ाहिद के कमरे की हद में कदम रखते ही रज़िया बीबी ना सिर्फ़ अपने आप को हल्का फूला महसूस करने लगी.

बल्कि उस के बे करार दिल को भी यका यक करार आ गया.

ज़ाहिद के कमरे में आते वक्त रज़िया बीबी की चाल में भी एक अजीब किसम का निखार था.

रज़िया बीबी अपने बेवा से बीवी बनने के इस अमल के दौरान बहुत शान के साथ एक नई नवेली दुल्हन की तरह अपनी गान्ड मटकाती हुई अपने सरताज बेटे के कमरे में दाखिल हुई. तो उस के अंग अंग से एक अजीब किसम की मस्ती सी फूट पड़ी थी.

अपनी अम्मी के जिस्म और चाल की इस तब्दीली को ज़ाहिद की गहरी नज़रों ने भी महसूस किया. 

मगर उसे फॉरी तौर पर अपनी अम्मी के वजूद में आने वाली ये तब्दीली की समझ नही आई.

रज़िया बीबी ने कमरे में दाखिल हो कर ज़ाहिद के बिस्तर की साइड टेबल पर दूध का ग्लास रखा. 

ज्यों ही रज़िया बीबी और ज़ाहिद एक दूसरे के नज़दीक हुए. तो दोनो माँ बेटे ने एक दूसरे के जिस्म में लगी जिन्सी भूक की महक को फॉरन महसूस कर लिया.

“अम्मी के जिस्म की खुसबू को सूंघ कर तो यूँ महसूस हो रहा है जैसे नीचे से उन की फुद्दि “चुह चुह” (बह बह) कर तालाब बन चुकी है, लगता है अम्मी सिर्फ़ मुझे ही भैंस का दूध पिलाने नही आई, बल्कि वो खुद भी दुबारा से मेरे लंड का दूध भी पीने आई हैं”अपनी अम्मी के गरम वजूद से फूटने वाली चुदाई की भीनी भीनी महक को सूंघते हुए ज़ाहिद ने सोचा. तो उस का लंड खुशी से उस की निक्कर में लुदियाँ डालने लगा.

इधर दूसरी तरफ रज़िया बीबी भी ज्यों ही अपने बेटे ज़ाहिद के करीब हुई.

तो वो भी अपने जवान बेटे के सख़्त जिस्म से निकलने वाली गर्मी की हीट को महसूस कर के मस्त होने लगी.

“हाईईईईईईईईईई लगता है कि आज दोपहर की तरह आज की रात भी मेरी चूत के लिए बहुत यादगार रात साबित हो गी” अपने बेटे ज़ाहिद के पास खड़े हो कर रज़िया बीबी के जेहन में सोच आई. 

तो उस की चूत से बहने वाले पानी ने रज़िया बीबी की गुदाज रानों को गीला करना शुरू कर दिया.

ज़ाहिद के बिस्तर के पास दूध रख कर रज़िया बीबी ज्यों ही वापिस पलटी.

तो रज़िया बीबी के मुड़ने के अंदाज़ से ज़ाहिद को ना जाने क्यों ऐसा महसूस हुआ.कि उस की अम्मी वापिस अपने कमरे की तरफ जाने लगी है.

“थोड़ी देर मेरे पास भी बैठ जाओ ना अम्मी” ज़ाहिद ने जब रज़िया बीबी को एक दम से वापिस मुड़ते देखा. तो उस ने अपनी अम्मी की कलाई को अपने हाथ से पकड़ते हुए अम्मी से कहा.

“नही में आज बहुत थक गई हूँ, इसीलिए अब अपने कमरे में जा कर आराम करूँगी बेटा” ये कहते हुए रज़िया बीबी ने अपने हाथ को झटका दिया. और किसी मगरूर हसीना की तरह अपनी नाज़ुक कलाई को अपने आशिक़ बेटे के शिकंजे से चुरा कर कमरे के दरवाज़े की तरफ चल पड़ी.

इस के बावजूद रज़िया कि बीबी की फुद्दि में भी आग लगी हुई थी.

लेकिन चूँकि रज़िया बीबी ज़ाहिद के लंड को उस की शॉर्ट्स में मचलता हुआ देख चुकी थी. 

इसीलिए अब वो अपने बेटे को थोड़ा तंग करने के मूड में आ गई थी.

जब कि दूसरी तरफ आज दोपहर के बाद से ज़ाहिद ये समझ रहा था. कि उस से एक बार चुदवाने के बाद तो अब उस की अम्मी रज़िया बीबी हर वक्त अपनी शलवार का नाडा खोल कर उस के सामने पड़ी रहे गी.या ज़ाहिद जब चाहेगा उस की अम्मी उस से चुदने के लिए राज़ी हो जाएगी.

मगर यहाँ तो ज़ाहिद की सोच के विपरीत उस की अम्मी रात की तेन्हाई में उस के पास आने के बावजूद उसे नज़र अंदाज़ किए जा रही थी.

अपनी अम्मी की बे रूखी का ये अंदाज़ ज़ाहिद के दिल और लंड दोनो ही के लिए बहुत जान लेवा साबित हो रहा था.

इसीलिए ज़ाहिद ने ज्यों ही अपनी अम्मी को अपने पास से गुज़र कर बाहर की तरफ जाता देखा. तो वो एक दम अपनी अम्मी के पीछे लपका.

ज़ाहिद ने जल्दी से रज़िया बीबी के पीछे आ कर अपनी अम्मी के भारी वजूद को अपनी बाहों में कस लिया. 

अपनी अम्मी के जिस्म को अपनी बाहों में काबू करते ही ज़ाहिद ने पीछे से हाथ बढ़ा कर अपनी अम्मी की कमीज़ के खुले गले से बाहर छलकती हुई रज़िया बीबी की बड़ी बड़ी छातियों को अपने दोनो हाथों की गिरफ़्त में थाम लिया. 



और अपनी अम्मी के मोटे मम्मो को अपने हाथों से दबाते हुए ज़ाहिद रज़िया बीबी के कान में सरगोशी करते हुए एक इंडियन गाने के ये बोल गुन गुनाने लगा,

“आ मेरे साथ कोई रात गुज़ार 
तुझे सुबह तक करूँ में प्यार
ओह ऑश ऊऊऊओ” 

गन्ने के बोल गुनगुनाने के साथ ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की गान्ड पर अपने लंड को रगड़ते हुए रज़िया बीबी से पूछा “मुझे सच सच बताएँ, आप इस वक्त क्यों मेरे कमरे में आई हैं अम्मी जी”.

“ओह में वाकई तुम्हे दूध देने आई थी बेटा” अपने बेटे के सख़्त हाथों को अपने सॉफ्ट मम्मो के उपर चलता पा कर रज़िया बीबी सिस्काई.

“दूध तो बस एक बहाना है, असल में मामला कोई और है, प्लीज़ मुझे बताओ ना, अम्मी ज़ाआाआआआआआअँ” ज़ाहिद ने रज़िया बीबी की बात को अन सुनी करते हुए अपने हाथों और लंड का दबाव अपनी अम्मी के मोटे मम्मो और चौड़ी गान्ड पर बढ़ाते हुए फिर पूछा.

“ओह ज़ाहिद अगर सच जानना चाहते हो तो सुनो, शाज़िया चाहती है कि जब तक वो तुम्हारे बच्चे को जनम नही दे लेती, उस वक्त तक उस की जगह में तुम्हारी बीवी की हैसियत से तुम्हारे साथ इस कमरे में सोया करूँ, मेरे बच्चे” अपने वजूद को अपने बेटे की गिरफ़्त में पा कर रज़िया बीबी मचल उठी. और उस ने अपनी चौड़ी गान्ड को ज़ाहिद के मोटे और सख़्त लंड पर दबाते हुए एक दम से अपना मुँह खोल दिया.

ये ज़ाहिद के साथ हाथों का ही कमाल था. जिस की वजह से रज़िया बीबी अब मज़े से बे हाल हो कर लंबी-लंबी साँसें लेने लगी थी. और उस का दिल और मोटे मम्मे ज़ोर ज़ोर से धक धक करने लगे थे. 

“उफफफफफफफफफ्फ़ मुझे तो यकीन ही नही हो रहा, क्या वाकई ही शाज़िया ये चाहती है कि आज से आप मेरी बीवी की हैसियत से मेरी रातों को रंगीन किया करो अम्मी जीिीइ” रज़िया बीबी की तरह ज़ाहिद भी अभी तक ये ही समझ रहा था. कि दोपहर में शाज़िया ने उसे अपनी अम्मी को चोदने की जो दावत दी थी.वो शाज़िया का कोई सोचा समझा मंसूबा नही था. 

बल्कि ये सिर्फ़ और सिर्फ़ शाज़िया पर तरी उस वक्त के जिन्सी जज़्बात का असर था.जिस की वजह से शाज़िया ने उस वक्त ज़ाहिद को अपनी अम्मी के साथ चुदाई की इजाज़त दे दी थी.

और अब उस जिन्सी जनून का असर ख़तम होने के बाद शाज़िया शायद ज़ाहिद को अपनी अम्मी के साथ रंग रलियाँ मनाने का मोका ना दे.

इसी लिए रज़िया बीबी के बताने के बावजूद ज़ाहिद को यकीन नही हो रहा था. कि वो जो कुछ अपनी अम्मी के मुँह से सुन रहा है.वो वाकई ही सच है.

“ये सच है ज़ाहिद, तुम्हारी बीवी शाज़िया वाकई ही ये चाहती है कि में अब उस की अम्मी या सास नही, बल्कि अब उस की शौतान की हैसियत से तुम्हारे बिस्तर को हर रात गरम किया करूँ, अब तुम बताओ तुम्हें तो कोई ऐतराज नही मेरे बच्चे” रज़िया बीबी ने गोश्त से भरी अपनी पीठ (बॅक) को अपने बेटे की सख़्त छाती पर रगड़ते हुए पूछा.

“ओह मेरे लिए इस से बढ़ कर खुश किस्मती और फक्र की बात हो गी, कि मेरी सग़ी अम्मी अब मेरी बीवी बन कर मेरे साथ हम बिस्तरी किया करे गी” अपनी बहन शाज़िया की इस ख्वाहिश को अपनी अम्मी के मुँह से सुन कर ज़ाहिद तो खुशी से पागल होने लगा था.
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