08-04-2018, 12:09 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
चुत कले
इमरान ने हज्जाम की दुकान खोल ली। ठीक उसके दुकान के ऊपर माले पे एक चाय नाश्ते की दुकान थी। ऊपर से कभी कोई पानी फेंक देता, कभी कुछ, कभी कुछ। दोनों में झगड़े के बाद सुलह हुई। चाय वाला नीचे आ गया, इमरान अपनी हज्जाम की दुकान ऊपर ले गया।
लेकिन नीचे चाय की दुकान पर एक बोर्ड लगा गया- “नीचे का बाल बनाने वाला ऊपर है…”
पहले ही दिन एक सरदार उसकी दुकान में पहुँचा और चेयर पर पैंत उतारकर बैठ गया। इमरान ने पूछा- यह क्या बदतमीजी है?
सरदार बोला- “नीचे बोर्ड लगा है ‘नीचे का बाल बनाने वाला ऊपर है’ अब बनाओ नीचे का बाल…”
इमरान को अपनी गलती का अहसास हुआ लेकिन उसने सोचा की चुपचाप बैठने से अच्छा है कि यह भी करके देखा जाए। दिल ही दिल में सोचने लगा इस काम के लिए पैसे भी अच्छे मिलेंगे। उसने उस्तूरा निकाला और सरदार की झांट साफ कर दिया, और 50 रूपए माँगे, जो सरदार खूशी से दे गया।
रात सरदार ने सरदारनी को अपना साफ सुथरा लण्ड दिखाया तो सरदारनी ने पूछा- इसे कहाँ से साफ करवाया?
सरदार ने उसे अड्रेस बता दिया और बोला- “तुम भी वहाँ से अपना साफ करवा आना…”
दूसरे दिन सरदारनी इमरान की दुकान पर पहुँची। मुश्कुराते हुए सरदार के साफ लण्ड की तारीफ की और बोली- “उन्होंने भेजा है, मेरा भी साफ कर दो…”
इमरान बोला- “हाँ हाँ क्यों नहीं? सलवार उतारिय और बैठिए…”
सरदारनी ने सलवार उतरी और कुरती भी उतारने लगी।
इमरान बोला- उसे उतारने की जरूरत नहीं।
सरदारनी बोली- बगल भी साफ करवाना है।
इमरान कुछ सोचकर बोला- तो ठीक है उतार दीजिए।
अब सरदारनी बिल्कुल नंगी थी। इमरान उसकी इतनी बड़ी गाण्ड इतनी बड़ी-बड़ी चूचियों को देखकर हैरान था। दिल तो कर रहा था कि चोद डाले लेकिन साइज देखकर डर महसूस कर रहा था। फिर भी सरदारनी के सीट पर बैठते ही उसने चूचियों को सहलाने शुरू कर दिया।
सरदारनी बोली- यह क्या कर रहे हो?
इमरान बोला- हज्जाम मैं हूँ या आप?
सरदारनी बोली- वो तो आप हो।
तो फिर मुझे मेरा काम करने दीजिए। आप आराम से लेटी रहिए।
सरदारनी बोली- ठीक है भैया, मुझसे गलती हो गयी आप अपना काम करें।
इमरान ने कुछ देर चूचियों को दबाया फिर निपल में होंठ लगा दिए। सरदारनी भी अब मस्त होने लगी थी। इमरान अब नीचे आया और बुर चूमने लगा।
सरदारनी बोली- “भैया, आप चोदेंगे क्या?
इमरान बोला- “देखिए, यह जो बुर की जगह है ना यह बहुत नाजुक जगह है इसके लिए अभी तक कोई क्रीम तो बाजार में आया नहीं है। इसलिए पहले बुर से ही क्रीम निकालना पड़ेगा फिर उसी क्रीम से झाँट की सफाई होगी। और बुर से बिना चुदाई के क्रीम तो निकलेगी नहीं। यह तो मेरे काम का हिस्सा है…”
सरदारनी बोली- “वो ऐसा है तो फिर अपना लण्ड निकालिए मैं भी जरा उसे चूसकर गीला कर दूं…”
इमरान ने अपने सारे कपड़े उतारकर टांग दिए और मुड़ा तो उसका लण्ड आधा खड़ा हो चुका था। उसे देखकर सरदारनी बोली- “वाह भैया, क्या लण्ड है… सरदार से दोगुना लंबा और दोगुना मोटा। मजा आ जाएगा…”
इमरान- “क्या मजा आ जाएगा… मैं कोई मजे के लिए नहीं चोद रहा…”
सरदारनी बोली- “मैं जानती हूँ फिर भी इतना तगड़ा लण्ड अंदर लेने में मजा तो आएगा ही…”
इमरान- “मुझे नहीं मालूम, आपको मजा लेना है तो लें…”
सरदारनी भूखी कुतिया की तरह लण्ड चूसने लगी। उसने बोला- “जल्दी अंदर डालो… मेरी बुर पिघलती जा रही है…”
इमरान ने जल्दी से पोजीशन लिया और लण्ड सरदारनी की बुर में घुसा दिया। सरदारनी 35-36 साल की तगड़ी औरत थी, आसानी से पूरा लण्ड निगल गयी। फिर तो इमरान किसी मशीन की तरह उसे चोदने लगा। बुर और लण्ड के बीच जंग जारी रही। आखिरकार लण्ड ने हार मान ली। दोनों बुरी तरह हाँफ रहे थे। इमरान ने सीट के नीचे एक कटोरी रख दी थी जिसमें बुर से निकलने वाली मिक्स क्रीम जमा हो रही थी। आधी कटोरी क्रीम भरी हुई थी। इमरान ने उसे उठाया और बोला- “आपकी बुर ने तो जितनी क्रीम दे दी है कि आज दूसरी कोई ग्राहक आ जाती तो इसी से उसका भी काम चल जाता, मुझे इतनी महत क्रीम निकालने में नहीं करनी पड़ती।
सरदारनी बोली- आपको मेरी बुर पसंद आई?
इमरान बोला- बड़ी भूखी बुर लगती है।
सरदारनी बोली- “हाँ यार, सरदार बड़ा सुस्त है चोदने में…” फिर सचमुच इमरान ने क्रीम उसकी बुर पर लगाया और उस्तूरा से उसकी बुर की बाल साफ कर दिए। फिर बगल के बाल साफ किए। तब तक उसका लण्ड फिर खड़ा हो गया था। उसने फिर पोजीशन लिया।
तो सरदारनी बोली- अब क्यों?
इमरान बोला- “चेक कर रहा हूँ कि साफ करने के बाद चोदने में मजा आता है या नहीं? मुझे मजा आएगा तभी तो आपके खसम को मजा आएगा? उनको मजा नहीं आया तो वो आपको भेजेगे नहीं…” इमरान ने फिर से सरदारनी को जाम के चोदा। जब झड़ गया तो हाँफते हुए बोला- “200 रूपए दो
|
|
08-04-2018, 12:10 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
बजाज का सफर
दोस्तों ये कहानी नाहु मेरा सच्चा और हॉट अनुभव है में आशा करता हूँ कि आप लोगों को मेरी यह स्टोरी भी पसंद आयेगी। अब मेरी कहानी शुरू होती है।
मेरा नाम संजय है, मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है।
मेरी अजमेर में गिफ्ट शॉप है तो उसी सिलसिले में कुछ सामान खरीदने अजमेर स्व मुंबई जा रहा था। मेरी टिकट एक लग्जरी स्लीपर बस में करवा दी थी, क्योंकि में ट्रेन से जाने के मूड में नहीं था। मैंने शाम को 5 बजे बस पकड़ी, बस में ज़्यादा लोग नहीं बैठे थे, उसमे आगे कुछ कपल बैठे थे और उनके पेरेंट्स थे और बीच में मैं और आख़री सीट में एक छोटी सी फेमिली थी। थोड़ी देर में अगला स्टेशन आया तो कुछ लोग चढ़ने लगे और एक कपल जिसमें एक आदमी, उसकी पत्नी और 2 बच्चे थे, एक लड़का जो 4 साल का था और बहुत ही खूबसूरत था और उसकी एक 3 साल की लड़की थी। उन लोगों की सीट मेरे बाज़ू में थी।
फिर बस स्टार्ट हुई और वो औरत झुककर अपने बैग को सीट के नीचे रख रही थी। उसका आदमी आराम से बैठ गया था और उसके दोनों बच्चे पीछे की सीट पर बैठे थे। फिर अचानक से मेरी नज़र उस पर पड़ी, उसका पल्लू नीचे गिरा था और उसके बूब्स मेरी आँखों में समा गये थे। मैंने एक पल के लिए भी उनसे अपनी निगाह नहीं हटाई, उसने मुझे नोटीस किया और एडजस्ट करते ही बैठ गयी। उसने काले कलर की साड़ी पहनी थी और क़यामत ढा रही थी, उसका फिगर 36-28-36 होगा, स्लिम बॉडी और बहुत गोरी थी और साड़ी भी उसने नाभी के नीचे बांध रखी थी। फिर हम सब बैठे हुए थे और में अपना मोबाईल निकाल कर गाने सुन रहा था। फिर धीरे-धीरे रात होने लगी और फिर रात के 10 बजे बस एक मस्त से ढाबे पर रुकी, में उतरकर वॉशरूम गया और फिर मैंने टाईम पास के लिए कुछ स्नेक्स और कोल्ड ड्रिंक्स ले ली और वो औरत भी अपने बच्चो को लेकर वॉशरूम गयी और उसने कुछ स्नेक्स नहीं लिया, क्योंकि उसका पति बहुत गहरी नींद में सोया हुआ था तो वो ढाबे पर नहीं उतरा था।
फिर बस चलने के लिए तैयार थी और फिर सब आकर बैठ गये, उसका पति खिड़की वाली सीट पर था और वो उसके बाज़ू में और उसके बच्चे पीछे वाली सीट पर थे। फिर अचानक उसकी बच्ची रोने लगी कि उसको विंडो सीट पर बैठना है, लेकिन वो बच्चा नहीं मान रहा था और उसका पति विंडो सीट पर सो गया था, तो मैंने उन्हें कहा कि आप अपनी बच्ची को मेरी विंडो सीट पर बैठा दो, तो उसने पहले मना किया कि आप क्यों हट रहे हो। फिर मैंने उसे समझाया कि बच्चो का दिल नहीं तोड़ते है और में बाज़ू की सीट पर बैठ गया और उसकी बच्ची को विंडो सीट पर बैठा दिया। फिर मैंने उसकी बच्ची को बहुत खुश किया मेरा मतलब स्नेक्स खिलाया, मोबाईल दिया और मुझसे उसकी माँ भी खुश हो गयी। फिर उसने मुझसे पूछा कि आप कहाँ जा रहे हो, तो मैंने कहा मुम्बई तो उसने भी कहा कि वो लोग भी वहीं जा रहे है। फिर मैंने उससे फ्लर्ट करने की सोची और फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने उसका नाम बिट्टू बताया फिर हमारी बातें शुरू हुई।
बिट्टू : मुम्बईमें कहाँ जा रहे हो?
में : दुकान के सिलसिले में जा रहा हूँ।
बिट्टू: ओह्ह्ह, तो आप क्या करते हो?
में : (मज़ाक से कहा की) खुश करता हूँ।
बिट्टू: उसने मुझे देखते हुए कहा कि कैसे खुश करते हो।
में : अरे, वो तो मैंने आपसे ऐसे ही कहा, मेरी शॉप अजमेर में है, में वो चलाता हूँ।
बिट्टू : अच्छा हुआ कि आपकी कंपनी मिल गयी वरना में तो अकेले बैठे-बैठे बोर हो रही थी, मेरे पति भी सो गये है।
में : हाँ इतना काम, मेहनत जो करते होगे बेचारे।
फिर उसने सेक्सी सी स्माइल दी, शायद वो मेरी बात समझ गयी हो। उतने में उसकी बेटी भी सो गयी थी। फिर मैंने उससे कहा कि आपकी बेटी भी सो चुकी है तो उसने देखा और कहा कि लाओं में उसे पीछे वाली सीट पर सुला देती हूँ। जब में उसे उसकी बेटी दे रहा था, तब मेरा हाथ उसके बूब्स से चिपक गया और मुझे बहुत गर्म-गर्म महसूस हुआ, जैसे वो एकदम गर्म हो चुकी है। फिर उसने भी मेरा हाथ नोटिस किया और बच्ची को लेकर पीछे वाली सीट पर सुला दिया। अब रात बहुत हो चुकी थी और बस की लाईट भी बंद थी और सब सोए हुए थे, तो में अपने मोबाईल में गाने सुनने लगा तो उसने रिक्वेस्ट की कि वो भी गाने सुनना चाहती है, क्योंकि उसे नींद नहीं आ रही थी।
फिर मैंने उसे लेफ्ट साईड का इयरफोन उसको दे दिया, हम लोग थोड़ा दूर-दूर बैठे हुए थे तो इयरफोन बार बार उसके कान से निकल रहा था, तो मैंने उसे अपने बाज़ू वाली सीट पर बैठने को बोला तो उसने हाँ कहा और अपने पति को चेक किया कि वो सो रहा है या नहीं? फिर मेरे बाज़ू में आकर बैठ गयी
|
|
08-04-2018, 12:10 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
में बहुत रोमांटिक वीडियो गाने प्ले कर रहा था, जिससे वो और मस्त हो रही थी। फिर मैंने आहिस्ते-आहिस्ते हाथ उसके हाथ पर टच किया, उसने कुछ रिएक्ट नहीं किया, तो मैंने और फ्री होना स्टार्ट किया, मैंने झटके से उसकी जांघ पर हाथ रख दिया, जिससे उसने एतराज़ जताया और एक स्माइल देकर बैठ गयी। फिर थोड़ी देर के बाद वो उठ रही थी तो वैसे ही मैंने उसे पकड़ लिया और प्यार से उसके बूब्स दबाने लगा। उसने मना किया कि प्लीज यहाँ मत करो कोई देख लेगा, प्रोब्लम हो जायेगी। तो मैंने कहा कि यहाँ कोई नहीं देखेगा अंधेरा है और सब सो रहे है तो उसने बस में देखा और हलकी मुसकरा कर मेरे बाजु में मेरे से चिपक के बैठ गयी मेरा हौसला खुल गया । और अब बिना किसी डर से उसके पैरों को मसलने लगा और थोड़ी देर में वो गर्म हो गयी अब मैंने आगे बढ़कर फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया और ब्लाउज के ऊपर से ही बूब्स दबाने लगा, तो वो मौन करने लगी। फिर मैंने उसको लिप किस किया। फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। तो उसने कहा कि जो करना है जल्दी-जल्दी करो वरना उसका पति उठ जायेगा। फिर मैंने उसे सीट पर बैठाया और उसकी साड़ी ऊपर की और पेंटी को नीचे किया तो देखा कि उसकी चूत तो बिल्कुल गीली हो चुकी थी और चूत पर थोड़े-थोड़े बाल भी थे, तो मैंने सकिंग करना स्टार्ट किया। तो वो मेरे बाल नोचने लगी और मेरा मुँह दबाने लगी, जैसे वो चाह रही हो कि में उसकी चूत को पूरा खा जाऊं, उसने फिर से पानी छोड़ा और मैंने पूरा चाट लिया।
फिर मैंने उससे लंड चूसने को कहा तो उसने मना कर दिया और कहा कि उसको उल्टी आ जायेगी, इसलिए मैंने उसे ज्यादा फोर्स नहीं किया, क्योंकि फोर्स करने से सेक्स करने का मज़ा नहीं आता और कपल उसे इन्जॉय नहीं कर पाता और सेक्स तो नेचुरल ही इन्जॉय करो और फील करो। फिर मैंने उसे नीचे लेटाया और मेरा लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, जिससे वो पागल सी हो गयी और उसने मुझसे कहा कि प्लीज शिफान अब मत तड़पाओ। फिर मैंने चूत के दरवाजे पर अपना लंड रखा और एक झटका मारा तो चूत गीली होने की वजह से आधा लंड आसानी से अन्दर चला गया और में धक्के लगाने लगा। उसे बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। फिर बिना रुके 15 मिनट चुदाई करने के बाद मैंने उसकी चूत में ही पानी छोड़ दिया और वो तब तक 2 बार झड़ चुकी थी। फिर उसने मुझे स्मूच किया और अपने कपड़े ठीक करके अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी और फिर हमने अपने मोबाईल नंबर एक्सचेंज किए। वो बहुत खुश हुई, उसने मुझसे वादा किया है कि हम फिर से मिलेंगे, वैसे तो में उससे अब भी फोन सेक्स करता हूँ ।।और मुम्बई जब भी जाता हूं उसके साथ मिलके फूल मस्ती करता हु ।
|
|
08-04-2018, 12:11 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
फिर बड़ी थी भाभी के छूटरो की मैंने भाभी को एज झाँकने को कहा आयार प्यार से उनकी गान्ड और फूली हुई चुत पे साहबुन लगाया और उनकी जांघों टांगों पैरों को ढोते हुए मैं सामने की और आ गया और उनके पैरों से जांघों से शुरू करते हुए उनकी चुत को खूब साहबुन लगाया सहलाया और धोया इस दौरान मैंने एक उंगली उनकी चुत में डाल कर उसमें घुमाई भाभी चीख उठी थी मैं अब फिर पीछे की और आया और भाभी को एज झुकने को कहा और मैंने कहा के भाभी आपकी पिंकी बहुत जोरदार है शानदार भी…मेरे पप्पू को आप की पिंकी बहुत पसंद हे और वो इसे छू कर प्यार करना चाहता है…ये कहते हुए मैंने आपना पापू भाभी की पिंकी के मुँह पर टीका दिया …भाभी बोली ..देखो अंदर मत करना तरुण,,मैंने कहा नहीं भाभी बस पप्पू को पिंकी से मिलना है दोस्तों की तरह भाभी बोली ओके तो मैं बोला भाभी आप भी तो थोड़ा एज बाद कर पिंकी को पप्पूसे मिलवओ ना वो बोली ओके लो ये कहते हुए मैंने और भाभी ने एक साथ ज़ोर लगाया तो 30 % लंड चुत के अंदर था तो भाभी बोली यार ये तो तुमने पूरा ही अंदर कर दिया तो मैंने कहा नहीं भाभी पूरा भझर ही है देखो ना ये कहते हुए मैंने भाभी का हाथ लंड पर लगाया और उनसे कहा देखो ना ,,,
भाभी ने लंड पर हाथ फेराते हुए कहा हां यार लगता तो इससे ही है के सारा बाहर है पर महसूस इससे हो रहा है जैसे सारा अंदर हो अब और अंदर मत करना और इसे ही रहना मैंने अब भाभी के मम्मो को सहलाना और दबाना चालू कर दिया भाभी बीच बीच में सिहर उठती थी …भाभी ने कुच्छ देर बाद कहा बस हो गया अब निकल लो मैंने कहा ओके भाभी ..एक बात काहू एक बार पप्पू और पिंकी को ज़ोर से गले मिलने जैस्सा कर ले जैसे दोस्त लोग मिलते है तो आख़िरी बार एक ज़ोर की गले मिलनी करते है आपुन भी इससे करे तो …भाभी बोली ओके पर ज्यादा ज़ोर से नहीं मैंने कहा नहीं पर दिल से और जिंदादिली से ..वो बोली ओके …मैंने कहा 1 2 3 बोलने पर दोनों एक साथ करेंगे ओके …भाभी ओके पर 1 2 3 मैं कहूँगी मैंने कहा ओके अब भाभी ने जिससे ही कहा 1 2 3 मैंने और भाभी ने एक साथ ज़ोर लगाया तो 50 % से ए ज्यादा लंड अंदर था ..भाभी के मुँह से हल्की सी चीख निकली और उन्हूने कहा ये क्या किया तरुण तुमने तो पूरा ही अंदर कर दिया ..
मैंने भाभी से कहा नहीं यार…चलो तुम नहीं मानती तो देखो मैंने फिर भाभी का हाथ लेकर लंड पे रखा उन्हूने टटोल कर देखा और फिर बोली हां यार लगता तो है ज्यादा हिस्सा बाहर ही है पर फिर मुझे ऐसा क्यों लग रहा है जैसे पिंकी पूरी भर गयी हो,,एक बात तो है तरुण यार तुम्हारा ये पप्पू मोटा भी बहुत है और लंबा भी..तो मैंने कहा मौमीता यार तुम्हारी पिंकी भी बड़ी शानदार है और गहरी भी …अगर इजाज़त हो तो इससे पूरा अंदर डाल के देखू एक बार ..इस पर भाभी ने कहा नहीं तरुण …ये ठीक नहीं है और इससे कह कर एक दम से खड़ी हो गयी और मुझे हटा कर और नहा धो कर आपने रूम में चली गयी…मुझे बुरा लगा मैं उनको रोकता रहा पर उन्हूने रूम में जा के दरवाजा बंद कर दिया……
|
|
|