पति के शौक ने पत्नी को बनाया रंडी
विजय अपने ऑफिस में बैठा हुआ गुमसुम साथा। उसकी पत्नी दीप्ति मां बनने वाली थी। आम तौर पर बच्चे की खुशी सभी को होती है। लेकिन विजय को नहीं थी। क्योंकि उसे पता था कि उसकी पत्नी के पेट में पल रहा बच्चा किसी और का है। जिसका है उसके बारे में भी विजय को पता था। थोडी देर पहले ही वो उससे बात कर रहा था। बच्चा भी उसी का था। क्योंकि विजय ने पिछले पांच सालों में बमुश्किल दस बार ही अपनी पत्नी को चोदा था। सप्ताह सप्ताह भर तो उसकी पत्नी घर पर ही नहीं आती थी। लेकिन विजय अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था। इसलिए इतना सबकुछ होने के बाद भी वो उसे छोडने को तैयार नहीं था। और वैसे भी जो हो रहा था उन सबके पीछे विजय ही जिम्मेदार था।
विजय पाठक : उम्र 32 साल, औसत कदकाठी का हैं। लंड का साइज 5 इंच का है। एक बडी कंपनी में सीईओ हैं। एक साल पहले ही उसका प्रमोशन हुआ था। ये प्रमोशन उसके दोस्त की सहायता से हुआ था। कैसे हुआ था ये कहानी में आगे बताया जाएगा। पैसे कोई कमी नहीं। मंबई के एक पॉश इलाके में थ्री बीएचके फ्लैट में रहता है।
इस समय विजय पाठक अपने लैपटॉप पर एक मूवी देख रहा था। जो एक साल पहले बनाई गई थी। मूवी में उसकी पत्नी दीप्ति तीन लोगों से एक साथ चुद रही थी।
दीप्ति पाठक : विजय पाठक की बीबी 27 साल अभी प्रेगनेंट हैं। और उसे पता है कि उसके पेट में पल रहा बच्चा किसका है। विजय का नहीं है। उसे ये बात भी पता है कि विजय को सब कुछ पता है। क्योंकि दीप्ति कई बार विजय की आंखों के सामने चुद चुकी थी। बेहद खुबूसूतर जिस्म की मालिक, कदम 5.7 इंच, 5 साल पहले इसे सेक्स का ज्यादा मतलब भी पता नहीं था कि लेकिन आज किसी भी पॉर्न स्टार को भी मात दे दे। कहानी की मुख्य हीरोइन
सुरेश पाठक : ये विजय पाठक के बडे भाई हैं, उम्र 35 साल हैं कहानी में ज्यादा रोल नहीं है। इनके बारे में ज्यादा बताने की जरूरत हुई तो आगे बताया जाएगा।
पूनम पाठक : खूबसूरती में किसी भी एंगल से दीप्ति से कमजोर नहीं है। उम्र 31 साल हैं। आजकल ये अविनाश की रखैल बनी हुई है। अधिकांश समय अविनाश के साथ ही रहती है। लम्बाई 5 फुट 5 इंच, रंग गोरा। कॉलेज के दिनो में मॉडलिंग भी की है।
अविनाश सावंत : उम्र 31 साल, बहुत ही अय्यास किस्म का आदमी, औरत को वो सिर्फ मर्दों के जिस्म की भूख मिटाने वाली मशीन समझता था। जब उसने दीप्ति को देखा था तो उसे पाने के लिए पागल हो गया था। आज दीप्ति उसकी रखैल, रंडी, गुलाम सबकुछ है। अविनाश के एक इशारे पर दीप्ति भरे बाजार नंगी होकर चुदवाने को भी तैयार हो जाती है। अविनाश को दो ही शौक थे एक जिम का और दूसरा चुदाई का। आम तौर पर अविनाश ज्यादा औरतों को नहीं चोदता लेकिन दीप्ति पर उसका ऐसा दिल आया था कि सप्ताह में दो बार वो जरूर दीप्ति को चोदता था। कई बार तो रात को अचानक उसका मन होता तो वो विजय के फ्लैट पर पहुंच जाता। अविनाश को देखकर विजय अपने बेडरूम से दूसरे बेडरूम में चला जाता और फिर रात को अपनी बीबी की चुदाई की आवाजें सुनता रहता। कहानी का मुख्य हीरो
सलमान कुरैश : ये अविनाश का ड्रइावर हैं। पहले ये अविनाश के पिताजी की कार चलता था। अविनाश के पिता की जब मौत हुई तो अविनाश ने इन्हें अपने पास रख लिय। अविनाश के बेहद भरोसे के व्यक्ति, उम्र 46 साल, शरीर गठीना, 6.2 इंच का कद एक पहलवान की तरह लगता है। अविनाश के लिए कुछ भी करने को तैयार।
सलमा कुरैशी : सलमान कुरैशी की बीबी, उम्र 45 साल, सलमान और सलमा की शादी अविनाश के पिता ने ही कराई थी। सलमान उनका ड्राइवर था और सलमा रखैल। कहते हैं कि सलमा अविनाश के पिता मोहन सिंह की चुदाई से प्रेगनेंट हो गई थी। सलमान सलमा से प्यार करता था। और मोहन सिंह ने उससे दो तीन बार सलमा को चुदवाया भी था। सलमा जब प्रेगनेंट हुई तो मोहन सिंह ने दोनों की शादी करा दी थी। सलमा अपने समय में बहुत खूबसूरत थी। और सलमा के बच्चे को वो पूरा खर्च उठता है।
मोहन सिंह का कहानी में कोई रोल नहीं हैं। बस इतना ही है जो लिखा जा चुका है। सलमा का भी विशेष रोल नहीं है।
सलीम कुरैशी : सलमान और सलाम का बेटा, उम्र 25 साल, आईटी इंजीनियर है। सलीम की पूरी पढाई लिखाई से लेकर उसके बाकी खर्चें सभी कुछ मोहन सिंह ने किए थे। सलीम को किसी भी चीज की जरूरत होती थी तो वो अपने पिता की जगह मोहन सिंह के पास जाता था। मोहन की जगह जब अविनाश ने ली तो अविनाश ने भी अपने बाप के किसी भी काम को नहीं रोका और मोहन सिंह की आगे की पूरी पढाई का खर्च उसी ने उठाया। सलीम अविनाश को बहुत ज्यादा मानता था। और उसके लिए अपनी जान तक देने को तैयार था। अविनाश को भी ये पता था कि मोहन का लडका होने के कारण वो एक तरह से उसका भाई ही लगता है।
ममता कालिया : उम्र 59 साल, एक कोठा चलाती है। पहले ये एक रंडी थी। मोहन सिंह ने इसकी बहुत चुदाई की थी। मोहन सिंह की मदद से इसने मुंबई में अपना कोठा खोला था। मोहन सिंह इस कोठे में बराबर का हिस्सेदार था। ये बात अविनाश को बहुत बाद में मालूम पडी थी। ममता कालिया अविनाश को बहुत मानती थी। इसलिए अविनाश जब भी उसके कोठे पर आता था तो उसके सामने वो कोठे की नई कोरी लडकी पेश करने की कोशिश करती थी। मैकअप और बालों को रंगाती रहती है जिस कारण उसे देशकर कोई उसकी उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकता।
राजू : ये एक अनाथ लडका हैं। उम्र 28 साल, अविनाश को ये 13 साल पहले मिला था। रेलवे स्टेशन पर फटेहाल, 15 साल था उस समय अविनाश अपने पिता के साथ जा रहा था। जाने अविनाश को क्या हुआ उसे राजू पर दया आ गई। पहले उसने राजू को खाना खिलवाया क्योंकि वो बहुत भूखा था। बाद में अविनाश ने अपने पिता से कहकर उसे अपने साथ रख लिया। शुरूआत में राजू घर के छोटे मोटे काम करता था। लेकिन अब अविनाश के बॉडीगार्ड के रूप में रहता है। अविनाश के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है।
काव्य : उम्र 26 साल, राजू की पत्नी, काव्या अच्छे घर की लडकी थी। लेकिन एक दिन उस पर ममता कालिया की नजर पढ गई। ममता कोठा चलाती है। जो अवैाध रूप से चलता है। ममत की पुलिस में अच्छी सेटिंग है। इसलिए उसका धंधा अच्छा चल रहा है। काव्या जब 18 साल की थी तब ममता ने उसे कॉलेज से लौटते हुए उठा लिया था। और इसे संयोग कहा जाएगा जिस दिन काव्या को ममता के गुंडो ने उठाया था उसी दिन अविनाश का ममता के कोठे पर जाना हुआ। और उसी दिन काव्या की सील अविनाश ने तोडी थी। इसके बाद अविनाश ने काव्या कोई बार चोदा था। बाद में राजू जब अविनाश के साथ रहने लगा तो एक दिन अविनााश ने काव्या को उससे भी चुदवाया था। राजू काव्या के हुस्न को देखकर पागल हो गया था। उसने अविनाश से कहा कि वो काव्या से शादी करना चाहता है। अविनाश ने राजू को बहुत समझाया कि काव्या रंडी है। लेकिन जब राजू ने जिद की तो अविनाश ने ममता से कहकर राजू की काव्या से शादी करा दी। आज भी जब अविनाश का मन होता है वो काव्या को चोदता है। राजू की अविनाश को इस काम के लिए पूरी इजाजत है। दो साल पहले काव्या को एक लडका हुआ। इस बच्चे का बाप राजू ही हैं। क्योंकि अविनाश काव्या को अब बहुत कम चोदता है।
कहानी में बाकी के पात्रा को जरूरत के अनुसार परिचय कराया जाएगा। अब कहानी शुरू करते हैं।
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