Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
08-05-2018, 12:15 PM,
#11
RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
तभी अंकित के कानो में आवाज़ पाती है..


एक्सक्यूस मी......


वो मुड़ता है और देखता है...सामने एक लेडी थी या लड़की उसकी समझ नही आया.....


अंकित :- जी...


थॅंक यू सो मच....आज आप नही होते तो..में अपने बेटे को शायद .. वो बोलते बोलते रुक गयी..


एक पल तो उसके होश उड़ गये...क्यूँ कि उसे लग नही रहा था कि ये इसका बच्चा है..कहीं से भी देख

के नही लग रहा था कि ये लड़की इस बच्चे की माँ है....रंग एक दम गोरा चिट्टा...चेहरे पे इतना चर्म

और इतनी क्यूटनेस कि बस आदमी वहीं खड़े उसे देखता रहे....मासूमियत चेहरे पे तो कूट कूट

के भरी हुई थी....उसके लिप्स बिल्कुल आंजेलीना जोली की ही तरह थे....

(बस अंकित ने आज सिर्फ़ चेहरा ही देखा उसके नीचे वो गया ही नही..उसकी आँखें तो बस उस चेहरे

पर ही जम चुकी थी....

फिर वो अपने होश में आता हुआ)


अंकित :- अरे नही नही ये आप क्या बोल रही हैं...ये तो मेरी ड्यूटी थी....


मेरी वजह से आपको चोट लग गयी....आइ आम सो सॉरी...आइ आम रियली


अंकित उसकी उस आवाज़ में ही खो गया वो थी ही इतनी प्यारी...


अंकित :- अरे आप ये क्या बोल रही हैं..ये तो छोटी सी चोट है...अभी ड्रेसिंग करवा लूँगा..तो ठीक

हो जाएगा...


फिर अंकित आगे बढ़ा और घुटनो के बल बैठ कर....उस बच्चे से..


अंकित :- क्या नाम है आपका..


वो बच्चा पहले कुछ सोचता रहा..फिर बोला....आर्नव..


अंकित :- अरे ये तो बहुत प्यारा नाम है..अच्छा ये बताओ..आपको कहीं लगी तो नही ना..


अरणाव :- नही लगी...


फिर अंकित उसके बालों पे हाथ फेरता है और खड़ा हो जाता है...


थॅंक यू सो मच...सच में आज अपने मुझ पर एक बहुत बड़ा एहसान किया है...आपका ये एहसान में

ज़िंदगी भर नही भूलूंगी...किसी भी कीमत पर आपका ये एहसान चुकाने को तैयार हूँ में जब भी आपको

मेरी ज़रूरत पड़े बेझीजक बताईएगा...


अंकित :- आप ये क्या बोल रही हैं...मेने कोई एहसान थोड़ी किया है आप पर...


नही किया है..आर्नव ही मेरी ज़िंदगी है....अगर आज इसे कुछ हो जाता तो .. तो पता नही.


अंकित :- कुछ नही होगा इसे..इतने प्यारे बच्चे को कुछ नही हो सकता...


(सच में अर्नव का चेहरा बिल्कुल अपनी माँ पे गया था...वो भी बहुत सुंदर था)


अंकित :- वैसे इसकी एज क्या है...

(इस क्वेस्चन के पीछे अंकित का स्वार्थ था...इससे वो उसकी माँ यानी उस लेडी की एज का अंदाज़ा लगाने

की कॉसिश करता)


5 यियर्ज़ का है....


अंकित का मूह खुल गया एक बार तो ये सुन के और वो सोचने लगा....

कि बच्चे की उमर 5 साल..तो उसकी उमर क्या होगी..लगती तो ये 25 की भी नही है....


तभी वहाँ डॉली आ जाती है...


डॉली :- ले पानी डाल..


अंकित :- कितनी बदतमीज़ फ़्रेंड है...यह्न मुझे चोट लगी है..और तू पानी भी नही डाल सकती...

दुश्मनो को भी ना मिले ऐसी दोस्त...


आर्नव की मम्मी हँसने लगती है..


डॉली :- हाँ बस बस...अब डायलॉग ना मार...डाल देती हूँ..


फिर डॉली पानी डालना शुरू करती है....

आह...आराम से..जल रहा है.....इससे ज़्यादा ठंडा नही था क्या.....


डॉली :- काफ़ी लगी है तुझे...जल्दी चल...डॉक्टर के चलते हैं..


अंकित :- तू चलेगी...


डॉली :- हाँ...में स्कूटी निकालती हूँ रुक...


आपको सच में काफ़ी चोट लग गयी...आइ आम रियली वेरी सॉरी..


अंकित :- अ(वो आंटी बोलने वाला था कि एक दम से रुक गया और सोचने लगा यार ये क्या भसूडी है

इनको बुलाऊ क्या समझ नही आता....उमर ही ऐसी है आंटी बुलाउन्गा तो भड़क ना जाए और

दीदी बुलाना नही चाहता में..तो फिर)


अंकित सोच ही रहा होता है कि तभी वो बोल पड़ती है..


माइ नेम ईज़ रितिका....(शायद अंकित की प्राब्लम समझ गयी)


अंकित :-(मन ही मन खुश हो गया) रितिका जी..इसमे किसी की कोई ग़लती नही है..और आप बार बार सॉरी

बोलेंगी तो मुझे फिर ऐसा लगेगा कि मेने पता नही क्या कर दिया..


रितिका :- ह्म्म आप सच में बहुत अच्छे हो..आज कल ऐसे लोग बहुत कम मिलते हैं..वैसे आप कहाँ

रहते हो..


अंकित :- बस इसी सी ब्लॉक में..


रितिका :- ओह्ह में बस यहीं ए ब्लॉक में अभी अभी शिफ्ट हुई हूँ..


अंकित अपने मन में..(हाँ तभी कभी नही देखा आपको)


तभी वहाँ से डॉली हॉर्न बजाने लगती है....


अंकित :- अच्छा रितिका जी में चलता हूँ..अच्छा अर्नव आप अपना ध्यान रखना बाए..


रितिका :- अरे आपने अपना नाम तो बताया ही नही..


अंकित :- ओह्ह हाँ..अंकित..माइसेल्फ अंकित अग्रवाल..


रितिका :- बेटा अर्नव अंकित भैया को बाइ बोलो और थन्क यू भी..


अरणाव :- बाइ थॅंक यू...(वो दोनो एक साथ बोल देता है)


अंकित मुस्कुरा देता है..और फिर बाइ बोल के वहाँ से चला जाता है.....रितिका 2 मिनट वहाँ खड़ी रहती

है और फिर वो भी चली जाती है...
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08-05-2018, 12:15 PM,
#12
RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
अंकित स्कूटी पे बैठे हुए..


अंकित :- गिराएगी तो नही ना तू


बैठ रहा है या फिर में वापिस जाउ...डॉली बोलती है..


अंकित :- ये आज कल की लड़कियों से तो मज़ाक करना भी भारी है सीधे धमकी देती है..


डॉली :- थॅंक यू..अब चलूं..


अंकित :- चल यार डॉली चल..


डॉली :- तू अब नाम से बुलाएगा या फिर गिरा दूं तुझे..


अंकित :- ओफूओ..धमकी...


डॉली :- हाँ यही समझ ले....


5 मिनट की दूरी पर ही डॉक्टर था बातें करते हुए पहुच गये...


अंकित :- अच्छा बाबा प्रिया अब खुश..


प्रिया :- हाँ खुश..चल अब फटफट से ड्रेसिंग करवा ली..मुझसे तो देखा भी नही जा रहा...कितनी

ज़्यादा चोट लगी है..


अंकित :- अब तू मुझे मत डरा....


प्रिया :- तुझे दर्द नही हो रहा..


अंकित :- क्यूँ में कोई मशीन हूँ जो दर्द नही होगा....हो रहा है..लेकिन बार बार बोलने से कम थोड़ी

होगा..


प्रिया :- बस बहस करवा लो....


फिर अंकित ड्रेसिंग कराने लगता है..काफ़ी हेवी ड्रेसिंग हुई थी....

वो अपने मन में बोलता है..सच में साला पनौती चल रही है...ये चोट तो लग गयी..अब घर

जाके जो बड़ी वाली चोट माँ से पड़ेगी..उसको कैसे झेलूँगा....

बचा लेना..भाई.कोई बचा लेना.....


सोचते हुए वो वापिस घर की तरफ आ जाता है.....


घर के अंदर से घुसने से पहले वो बहाने सोचने लगता है ... पर उसे कुछ सूझ ही नही रहा

था..तो वो आख़िर अंदर चला जाता है..जैसे ही अंदर घुसता है..


अंकित :- बहादुर(उनका सर्वेंट) मम्मी घर पे नही है क्या..


बहादुर :- नही मार्केट गयी है..


अंकित :- चलो शुक्र है..


बहादुर :- ये आपके हाथ पे क्या हुआ..


अंकित :- यार बस गिर गया था.....


वो सीधे अपने कमरे में चला जाता है...और लॅपटॉप खोल के फ़ेसबुक खोल के बैठ जाता है...


आधे घंटे बाद...


वो अंज़े से चट्तिंग कर रहा होता है..कोई देख के नही कह सकता इसे...कि अभी अभी हाथ तुड़वा के

आया है....उसे पता ही नही चला कि कब.


ये तेरे हाथ को क्या हुआ..ईनी बड़ी पट्टी....


अंकित सामने देखता है तो उसकी माँ खड़ी होती है..उसके चेहरे की मुस्कान गायब हो जाती है..


अंकित :- मा वू..उूओ..यी.....


अंकित मोम :- क्या वो वो....तू कभी नही सुधरेगा ना...क्या कर के आया है अब..जो इतनी चोट लग गयी

किसी से लड़ाई मड़ाई करी है क्या..बोलता क्यूँ नही है..(चिल्लाते हुए)


अंकित :- यार आप बोलने दो..तो बोलूं....गिर गया था...यार..वो पत्थर पे पैर पड़ा और फिसल गया..


अंकित मोम :- सच बोल रहा है या झूठ..


अंकित :- सच ही बोल रहा हूँ...झूठ क्यूँ बोलूँगा..


अंकित की मोम कुछ बोलने ही वाली थी..कि तभी बहादुर ने आवाज़ लगा दी..


बहादुर :- भाभी जी आपको कोई बुला रहा है बाहर..


अंकित की मोम....कौन है बोल के चली जाती है..


अंकित :- हस्स्शह बच गया....

(और फिर लॅपटॉप में लग जाता है..)


फोन का आलराम बजा जिससे अंकित की आँखें खुली...


फोन का आलराम बजा जिससे अंकित की आँखें खुली...


अंकित :- यार आज तो सुबह बहुत जल्दी हो गयी...आह.....(उसका चोट वाला हाथ उसके पलंग पर तेज़ी

से लग गया...जिसकी वजह से एक दर्द भरा करंट उसके शरीर में फैल गया)

साला कल तो दर्द नही कर रहा था और आज इतना दर्द क्यूँ हो रहा है.....कम्बख़्त..आहह उंघ

(अंगड़ाई लेते हुए)

चलो भाई चलें..नही तो लेट हो जाएगा.....


फिर वो उठ के कमरे के बाहर आ जाता है....


अंकित मोम :- उठ गया बेटा....अभी दर्द है हाथ में..


अंकित :- हाँ मोम थोड़ा सा दर्द है


अंकित मोम :- तो बेटा आज रहने दे ना...दर्द है तो आराम कर ले..आज..


अंकित :- अरे.अरे...नही मोम..यार कॉलेज जाना ज़रूरी है..नही तो बेकार में क्लास मिस हो जाएगी..तो

बाद में दिक्कत हो जाती है..


अंकित मोम :- ओहो..वाह.....आज कल बड़ी पढ़ाई पे ध्यान दे रहा है...क्या चक्कर है..कोई लड़की

पसंद आ गयी है क्या कॉलेज मे..


अंकित :- ओहो यार आपको इसके अलावा कुछ और नही मिलता क्या......में जा रहा हूँ नहाने नाश्ता तैयार

कर दो..


अंकित मोम :- हुहह..नाश्ता तैयार कर दो..बेटा अब तूने जिस दिन बेकार में छुट्टी की ना कॉलेज की

फिर बताऊगी तुझे..जिस दिन छुट्टी करने को बोल दो..उस दिन तो ज़रूर जाना है..इन्हे..

(तेज आवाज़ में बोलती है)


अंकित :-(अंदर बाथरूम से) बस मम्मी बॅस...कितना बोलती हो सुबह सुबह....


बड़ी मुश्किल से बेचारा नाहया...हाथ बचाते हुए..फिर नाश्ता करा और कॉलेज के लिए निकल गया..

पूरे रास्ते भर में कितनी ही हॉट सेक्सी लड़कियाँ गुज़री लेकिन भाई साहब का ध्यान तो कल हुए

हादसे पर था...मन तो अर्नव की माँ की शक्ल पे जा के ठहर गया था..

अरे अरे..ऐसा नही है कि उससे प्यार करने लगा था...वो तो यही सोच में डूबा था कि आख़िर

5 साल का बेटा है कैसे इसका...उमर तो इतनी लगती नही...उफ़फ्फ़ आज कल का तो ज़माना ही खराब हो चुका है....

कहानी जारी है ............................
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08-05-2018, 12:16 PM,
#13
RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क आगे.....................


सोचते हुए क्लास्स्स में टाइम पे पहुच ही गया...आज टीचर के आने से पहले..सच में कमाल

ही हो गया..


विकी :- हे अंकित क्या हाल है भाई....अबे ये क्या हो गया..कैसे लग गयी.. (विकी अपनी सीट से खड़े

होते हुए बोला)


अंकित :-(उसके पास आते हुए) अरे भाई एक साथ कितने सवाल पूछेगा....बस यार कल गिर गया..

तू सुना क्या हाल चाल है..


विकी :- लगता है..कुछ ज़्यादा बुरी तरह गिर गया .. पट्टी देख के तो यही लगता है..काफ़ी चोट लगी

है...खैर..में तो बढ़िया ही हूँ......

(तभी उसका फोन बज उठता है..)


इतनी देर में अंकिता क्लास में आ जाती है...सभी उन्हे खड़े होके विश करते हैं..

इधर विकी फोन कट कर देता है....


अंकित :- गुड मॉर्निंग मॅम.... (अंकित ज़ोर से बोलता हुआ)


अंकिता एक स्माइल के साथ..गुड मॉर्निंग अंकित..


अंकित का सारा दर्द गायब हो गया अंकिता को देख के....जिस तरह से वो ड्रेसअप होके आती है..

उसे देख के कोई ये नही कह सकता कि ये टीचर है....एक से एक साड़ी पहन के आती है...


अंकिता :- तो आज हम एक दूसरा प्रोग्राम बनाएँगे....में क़्वश्चन लिखूँगी और आज अब सब को खुद

बनाना होगा....और सिर्फ़ 10 मिनट दूँगी..इस 10 मिनट में वो हो जाना चाहिए नही तो आप सब के इंटर्नल

में से 1 मार्क डिफिनेट्ली कट कर दूँगी...


फिर वो क्वेस्चन दे देती है...और सब लग जाते हैं उसमे अपना दिमाग़ लगाने...

आधे बच्चों की शक्ल से ही दिख रा था कि दिमाग़ के उपर से उड़ गया क्वेस्चन तो...जब तक

अंकिता अपने रिजिस्टर में कुछ कर रही थी..


अंकित प्रोग्राम सॉल्व करता हुआ....बीच बीच में अपनी गर्दन उठा के अंकिता को देखने लगता..

अंकिता के बाल एक तरफ थे...उसने पेन को अपने लिप्स्स में दबा रखा था..एक तरफ के उसके वो

सुंदर शोल्डर दिख रहे थे स्लेवलेस्स ब्लाउस की वजह से...

उस वक़्त इतनी सुंदर लग रही थी..कि बस कोई भी उसपे मर मिटे..


अंकित अपने मन में..हाए...इतने सुंदर दृश्य को छोड़ के कोई कैसे ये क्वेस्चन सॉल्व कर सकता

है....और वो पेन छोड़ के बस सामने अंकिता को देखने लगता है...


तभी अंकिता अपनी नज़र उपर उठती है..और अंकित को ऐसे घूरता पति है..इधर अंकित घबराता नही है

बस उसे ही देखता रहता है...

अंकिता अपनी घड़ी दिखाते हुए जैसे बोल रही हो टाइम ख़तम हो गया है..अपना काम करो...


अंकित समझ जाता है..और वो मुस्कुराते हुए फिर से प्रोग्राम करने लगता है.....

इधर उसके साथ बैठा विकी अपने बाल नोच रहा था...अंकित ने उसे ऐसा करते देख लिया..फिर उसे कोनी

मारते हुए...


अंकित :- अबे परेशन क्यूँ है..ले यहाँ से कॉपी कर ले...मेरा हो गया....


विकी :- थॅंक्स यार...तू तो कसम से कमाल है..


अंकिता :- टाइम इस ओवर...


में सबकी की सीट पी आके चेक करूँगी....और जिसका नही हुआ होगा उसका तो 1 मार्क गया..

फिर वो बारी बारी से सबका आन्सर चेक करने लगती है..कुछ की तो बॅंड ही बज गयी कुछ ने थोड़ा

बहुत करा था इसलिए बच गये..


आख़िरी में बची अंकित और विकी की सीट जो उस रो की लास्ट सीट थी..


अंकिता :- दिखाओ....


फिर अंकित दिखाता है....


अंकिता :- ह्म्म गुड...लगता है पूरी क्लास में सिर्फ़ तुम्हे ही समझ आ रहा है...और किसी से नही हुआ

एक्सलेंट...


अंकित :- मॅम आप पढ़ाओ और ना आए..ऐसा तो हो नही सकता..


अंकिता अपनी आँखें साइड कर के उसे देखने लगती है...तभी उसकी नज़र अंकित के हाथ पे पड़ती है..


अंकिता :- ये क्या तुम्हारे हाथ में..कैसे लग गयी?


अंकित :- वू.व.व.ऊ.ओ.....मा..आ.म..का.एल..गिर...गया...था...उसी से लगी...


अंकिता :- ह्म्‍म्म्मम.......(और उसे घूर्ने लगती है)


विकी :- मॅम मेरा तो चेक कीजिए..


अंकिता :- (आगे जाते हुए) कोई ज़रूरत नही है..मुझे पता है तुम्हारा सही है...अंकित से जो कॉपी की

है...


इतना बोलती है..तो विकी की तो सुलग जाती है..लेकिन अंकित अपनी हँसी को नही रोक पाया.....वो ज़ोर

ज़ोर से हँसने लगा..


अंकित :- यार तेरा तो सॉलिड पोपट हुआ....


विकी सड़ा सा मूह बना के बैठ जाता है....


फिर क्लास ओवर हो जाती है.....और अंकिता जाते जाते..


अंकिता :- अंकित टीचर्स रूम में आना तुम..मुझे तुमसे कुछ पूछना है?


अंकित :- ओके मॅम...
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08-05-2018, 12:16 PM,
#14
RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
विकी :- क्या बात है भाई..तेरी तो लॉटरी निकल गयी...साला हमे तो इसने कभी नही बुलाया..और तुझे

तो रोज़ रोज़....(छेड़ते हुए)


अंकित :- अरे भाई हम हम हैं..बाकी सब पानी कम है..तू ज़्यादा चिड़ा ना..अपनी गर्लफ्रेंड का फोन उठा

ले नही तो मारेगी पकड़ के..


विकी :- अबे साले तुझे कैसे पता मेरी गर्लफ्रेंड है...और ये कैसे पता चला कि उसी का फोन आ रहा है..


अंकित :-(क्लास से बाहर जाते हुए) बेटा अपनी शक्ल देख..सुबह से ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने कितना मारा

हो....तू टेन्षन ना ले...अभी आता हूँ..तो तुझे तेरी गर्लफ्रेंड से बचने का आइडिया भी देता हूँ...


विकी :- थॅंक यू भाई...और हाँ जल्दी आइयो..नही तो मेरा स्वाहा कर देगी वो.....


फिर अंकित टीचर्स रूम का गेट नॉक करता है..


अंदर से आवाज़ आती है...कम इन..


अंकित गेट खोलता है..और अंदर देखने लगता है..अंदर कोई नही था..बस एक कोने में अंकिता बैठी

थी...और उसकी पीठ सामने थी...

बस अंकित का तो बॅंड बज गया वो सीन देख के....अंकिता ने अपने बाल आगे ले रखे थे..

जिसकी वजह से उसकी डीप बॅक कट ब्लाउस की वजह से उसकी वो शानदार गोरी चिकनी पीठ उसके सामने थी...

अंकित की नज़रें अंकिता की नेक से लेके उसकी फुल बॅक पर उपर नीचे नाच रही थी..


तभी अंकिता ने अपनी गर्दन पीछे मोडी....


अंकिता :- आओ अंकित...


अंकित :-(होश में आता हुआ) मॅम कुछ ज़रूरी काम था क्या..


अंकिता :-(कुर्सी को अंकित की तरफ कर लेती है.) नही ऐसा कुछ खास ज़रूरी काम तो नही था...

पर फिर भी तुमसे में वो सवाल पूछना चाहती हूँ..जिसका सच सच आन्सर देना..


अंकित :- श्योर मॅम पूछिए..


अंकिता :- ये हाथ में चोट कैसी लगी ?


अंकित :- (सुन के बोला) व्व.ऊ..व.ऊ.मेने बताया.था... ना...गिर गया ..था कल....


अंकिता :- अच्छा....चलो मान लेते हैं..लेकिन तुम्हे एक बात बताऊ....तुम जितने अच्छे बहाने बना

लेते हो ना...उतने ही बुरे झूठ भी बोलते हो....


अंकित :- मे..मे...कुछ समझा नही...


अंकिता :- कल तुमने जो बहाना मारा...वो बढ़िया था...कि क्लास में आया फिर चला गया..मेने मान

लिया..लेकिन जो तुम इस वक़्त बोल रहे हो वो बहाना नही झूठ है...जो तुम बहुत बेकार बोलते हो..

इसलिए बोल रही हूँ सच सच बताओ..


अंकित :- (अपने मन में...यार ये आइटम बहुत चालू है इसे पता चल गया कि में झूठ बोलने में

बहुत बेकार हूँ..यार इसे बता देता हूँ क्या फ़र्क पड़ेगा वैसे भी)


अंकिता :- आइ आम वेटिंग..


अंकित :- वो मॅम कल हुआ यूँ......(फिर सारी कहानी बता देता है..)


अंकिता :-(सर्प्राइज़्ड होते हुए) तुम ये छुपा रहे थे..लेकिन क्यूँ..तुम्हे पता है तुमने कितना अच्छा

काम किया है...यू आर.


अंकित बीच में ही रोक देता है..


अंकित :- इसलिए नही बता रहा था मॅम में...सब बार बार यही बोलते हैं तूने बहुत अच्छा किया फ्लाना

फ्लाना..मुझे ये सब पसन्द नही है..मेने कोई खास काम नही किया...वो मेरा फ़र्ज़ था जो मेने

पूरा किया..


अंकिता :-(काफ़ी इंप्रेस हो जाती है) तुम जैसे दिखते हो...वैसे बुल्कुल नही हो...उपर से इतने शैतान

लेकिन तुम्हारा मन बहुत सॉफ है..


अंकित :- थॅंक यू माँ......अब में जाउ..


अंकिता :- या श्योर...तुम जा सकते हो..


और अंकित मूड के जाने लगता है..तभी वो दुबारा मॅम की तरफ मुड़ता है..अंकिता उसे ही देख

रही थी...ऐसे मुड़ने पर वो थोड़ी सकपका जाती है..


अंकित :- मॅम आपको यही लगा था ना कि मेने लड़ाई की है और वो भी उसी लड़के से..जिसकी वजह से

मुझे ये चोट लगी (मुस्कुराते हुए)


अंकिता :-(इस बार सर्प्राइज़्ड होने की बारी उसकी थी) हाँ.. बिल्कुल मुझे यही लगा....इसलिए मेने पूछा

क्यूँ कि..(वो बोलते हुए रुक जाती है)


अंकित :- क्यूँ कि...(उससे सवालिया नज़रिया से पूछते हुए)


अंकिता :- क्यूँ की में नही चाहती कि तुम सस्पेंड हो...तुम एक बहुत ब्राइट स्टूडेंट हो..और में ये

नही चाहती कि तुम्हारे रिज़ल्ट में कोई भी कमी आए...समझी...अब जाओ..(मुस्कुराते हुए)


अंकित :- समझ गया में मॅम..अच्छी तरह से..(हंस देता है)


अंकिता :-(थप्पड़ दिखाते हुए) मार खाएगा..चल जा....


अंकिता के मूह से ऐसी फ्रॅंक लॅंग्वेज सुन के चौक जाता है..और फिर हंसता हुआ चला जाता है..


अंकिता :-(हँसती हुई) पगल कहीं का...लेकिन है स्वीट...


बस उसका कॉलेज का दिन ऐसा ही निकल जाता है.......वो घर आ जाता है..काफ़ी खुश लग रहा था

वो...

और सोच रहा था कि यार आज कल चाहे पोपट कितनी बार हुआ हो मेरा..लेकिन कसम से फिर भी

मज़े बहुत आ रहे हैं...

अंकिता मॅम...यार आप सच में कमाल की है...काश आप मेरी उमर की होती तो आपको गर्लफ्रेंड बनाता

अपनी....काश...लेकिन साली किस्मत....इस किस्मत के आगे कौन जीत सकता है......


शाम के 6 बजे...वो लॅपटॉप पे बैठ के चुनमुनियाडॉटकॉम पे स्टोरीस पढ़ रहा था.....


फिर उसने सोचा चलो बाद में पढ़ुंगा ..और फिर वो लॅपटॉप बंद कर देता है कि तभी..


बहादुर :- भैया भाभी जी बाहर बुला रही है..


अंकित :- क्यूँ??


बहादुर :- वो कोई आपसे मिलने आया है..


अंकित :- अबे यार कौन आ गया..


और वो बाहर चल देता है...बाहर उसकी मम्मी किसी से बात कर रही होती है..


अंकित :-(बिना देखते हुए) मम्मी कौन है...


हेलो अंकित....सामने से एक लेडी उससे ही बोलती है...


अंकित :-(सोच में डूबता हुआ) सॉरी आप कौन पहचा..(बस बोलते बोलते रुक जाता है) क्यूँ कि उसकी

आँखें बड़ी हो जाती है..और मूह खुला खुला रह जाता है...

रितिका जी.....)बस उसके मूह से यही निकलता है..

कहानी जारी है ............................
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08-05-2018, 12:16 PM,
#15
RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क आगे.....................




अंकित सामने रितिका को अचानक से खड़ा पाकर एक दम से चौक जाता है..वो कभी सामने रितिका को

देखता तो कभी अपनी मम्मी को..उसे समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे..

तभी अंकित की मोम बोली..


अंकित मोम :- आप जानते हैं अंकित को?


रितिका :- जी हाँ...हम कल ही मिले थे....आर्नव अंकित भैया को हाई बोलो..


आर्नव :- हाई


अंकित :- हाई अर्नव..कैसे हो तुम...


अरणाव :- अच्छा हूँ....


अंकित की मोम कन्फ्यूज़्ड थी..


रितिका :- अंकित तुम्हारे हाथ की चोट अब कैसी है...अब ज़्यादा दर्द तो नही है ना..


अंकित अपने मन में...यार ये आज मेरा बॅंड बज़वाएगी..इसे मेरा घर कहाँ से मिल गया अब मेरी

माँ मुझसे सवालों की झाड़ियाँ लगा देगी...


अंकित :- ह्म्म अब ठीक है....


अंकित मोम :- मगर आप दोनो एक दूसरे को कैसे ? (उन्होने अपना कन्फ्यूषन जताते हुए पूछा)


अंकित :- मम्मी आपको मंदिर जाने के लिए लेट नही हो रहा..


अंकित मोम्स :- हाँ पर ऐसे अभी..आप अंदर आइए ना..


रितिका :- अरे नही नही..में तो बस अंकित को ये देने आई थी...आर्नव अंकित भैया को गिफ्ट दो..


आर्नव के हाथ में एक पॅक्ड गिफ्ट होता है वो आगे बढ़ा के देने लगता है..


अंकित :- अरे अरे अर्नव ये क्या कर रहे हो...ये गिफ्ट आप ही रखो मुझे नही चाहिए..


आर्नव :- ले लो ना...


रितिका :- अंकित ले लो...मेने तुम्हारे लिए ही लिया है..


अंकित :- लेकिन....में ये गिफ्ट नही रख सकता...


रितिका :- देखो..तुम्हे रखना ही पड़ेगा...में कुछ नही सुनूँगी..


अंकित अपने मन में..अंकित बेटा आज तो तेरी वॉट लग गयी समझ ले..

आँकी की मोम आख़िर अपनी कन्फ्यूषन दूर करने के लिए पूछ ही लेती है..


अंकित मोम :- अरे आप इसे क्यूँ गिफ्ट दे रही है..इसने ऐसा क्या कर दिया??


रितिका :- अरे कल अंकित ने.........(और फिर सारी कहानी बता देती है)


अंकित की मोम सब कुछ सुन के अंकित को घूर्ने लगती है..अंकित की तो बुरी तरह से फट जाती है...

फिर..


अंकित मोम :- अंकित इन्हे अंदर ले जाके..कुछ नाश्ता कर्वाओ ऐसे बाहर खड़े रहना अच्छा नही लगता

आप प्लीज़ अंदर आइए..


रितिका :- नही फिर कभी पक्का....


अंकित :- अर्नव आप तो आओगे ने मेरे घर...चॉकलेट है मेरे पास आपके लिए..


आर्नव :- हाँ...मम्मी चलो ना... मुझे चॉकलते चाहिए..


रितिका :- अरे...आर्नव..


अंकित मोम :- प्लीज़ आप आ जाइए अंदर....और में आपसे सॉरी बोलती हूँ..मुझे अभी लेट हो रहा

है..मुझे जाना होगा...प्लीज़ डोंट माइंड ना..


रितिका :- नो इट्स ओके.....


अंकित मोम :- अंकित ध्यान रखना..


अंकित :- जी मम्मी... (उसको तो विश्वास नही हो रहा था कि डाँट पड़ने की वजाय ये हो रहा है उसके साथ)


वो रितिका और अर्नव को अंदर ले जाता है......अब उसे शांति मिलती है...


अंदर बिठाने के बाद वो बहादुर को आवाज़ लगाता है पानी के लिए.....अब वो टेन्षन फ्री था

इसलिए अब उसने ध्यान से देखा रितिका को....


रितिका ने एक लाइट पर्पल कलर की साड़ी पहन रखी थी....वाहह क्या ग़ज़ब की लग रही थी साड़ी में..

इतनी फॅशनबल तरीके से उसने उसका ब्लाउस और साड़ी पहन रखी थी कि किसी आक्ट्रेस से कम नही लग रही थी..

बाल खुले हुए..लंबे लंबे...चेहरे पे हल्का सा मेकप..जिसकी वजह से चेहरा ऐसा खिला हुआ

था..कि बस अगर कोई देख ले ढंग से तो देखता ही रहे...देखता ही रहे....

कितना सुंदर बनाया है इसे उपर वाले ने पूरी फ़ुर्सत से....तभी में इसे पहचान ही नही

पाया जब इसे देखा तो..कल और आज में तो बहुत ही फ़र्क लग रहा है....

(अंकित अपने मन में सोचता है)
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08-05-2018, 12:16 PM,
#16
RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
अभी तक अंकित ने इसे उस नज़र से नही देखा था....जिस नज़र से वो लड़कियों को देखता है..

पता नही ऐसा क्या था रितिका के चेहरे में जो देखे बस वो वहीं गुम सा हो जाता था..


तभी उसे अर्नव होश में लाता है..


आर्नव :- अंकित भैया..चॉकलेट दो ना..


अंकित :- अरे हाँ...अभी लाता हूँ..


रितिका :- नही नही अंकित कोई ज़रूरत नही है....आर्नव बेटा ऐसे किसी से ..नही माँगते..


अंकित :- अरे अर्नव में कोई और थोड़ी हूँ..आपका भाई ही हूँ ना..फिर मुझसे लेने में कोई शर्म नही

हैं ना..


आर्नव अपनी मुन्डी हाँ में हिला देता है...

और अंकित चॉकलेट लेने चला जाता है.....और वापिस आके उसे चॉकलेट दे देता है..


रितिका :- थॅंक यू बोलो..


अंकित :- नही नही..अब हमारे बॉच कैसा थॅंक यू .....


रितिका :- अंकित...तुम्हारा घर बहुत सुंदर है...


अंकित :- थॅंक यू सो मच.....आपसे एक बात पूछूँ...


रितिका :- हाँ हाँ..


अंकित :- आपको मेरा घर कैसे पता चला??


रितिका :- ओह..वो अभी में ऑफीस से आ रही थी...तो कल जो तुम्हारी फ़्रेंड थी ना तुम्हारे साथ

वो मुझे दिख गयी...अब मुझे तुम्हे ये गिफ्ट देना था बस यही सोच रही थी..कि अगर कभी तुम मिले

तो दूँगी..वो तो बाइ चांस तुम्हारी फ़्रेंड वहाँ खड़ी मिली तो उससे पूछ लिया .. उसी ने बताया..



अंकित अपने मन में..ये प्रिया मरेगी मेरे हाथ से..अगर मेरी माँ ने कुछ भी कहा तो मुझे..


अंकित :- ओह्ह..अच्छा...वैसी सीरियसली इस गिफ्ट की कोई ज़रूरत नही है...मेने कोई.ऐसा काम नही किया..जिसके लिए.


रितिका बीच में रोक देती है..


रितिका :- (गंभीर चेहरे से) देखो अंकित में समझ सकती हूँ..तुम्हारे लिए ये कोई बड़ी बात नही

होगी..पर मेरे लिए मेरा बेटा मेरा अर्नव ही सब कुछ है..मेरी ज़िंदगी अब तो इसी की है....

इसलिए मेरे लिए तो तुमने वो किया है जो एक फरिश्ता करता है...इसलिए ये गिफ्ट तो तुम्हे लेना ही

पड़ेगा हर हाल में...


वो गिफ्ट आगे बड़ा देती है..आर्नव अपनी चॉकलेट खाने में लगा हुआ था...

अंकित अब मना ना कर पाया और उसने वो गिफ्ट ले ही लिया...


अंकित :- (महॉल को बदलने के लिए ) अच्छा वैसे आप कौन सी कंपनी में है..


रितिका :- में यूएस की बहुत बड़ी कंपनी है... ******* है ना..उसमे...


अंकित :- ओह्ह वाऊओ...मतलब आप सॉफ्टवेर इंजीनियर हो..


रितिका :- ह्म्म..तुम क्या कर रहे हो


अंकित :- में खुद एमसीए कर रहा हूँ...


रितिका :- ग्रेट..तुम्हे कभी भी हेल्प चाहिए हो मुझे बता देना...में तुम्हारी हर प्राब्लम सॉल्व

कर दूँगी.....(और अपना फोन निकालती है) अपना नंबर. बता दो मुझे....


अंकित के तो दिल में लड्डू फूटने लगे..जो बात वो सोच रहा था कि कैसे बोले रितिका ने खुद

ही बोल दी....


अंकित :- 9********9


रितिका नंबर. डाइयल करके कॉल करती है......अंकित की रिंगटोन बजती है...


"हम तेरे बिन अब रह नही सकते....तेरे बिना क्या बाजूद मेरा"


अंकित कट कर देता है..


रितिका :- ओहो..ये सॉंग मुझे बहुत प्यारा है..


अंकित :- मुझे भी.... (रितिका को देखते हुए)


रितिका :- अच्छा अंकित अब मुझे चलना चाहिए....काफ़ी लेट हो गया है..आर्नव चले..


आर्नव की चॉकलेट ख़तम तो अब भाई क्यूँ रुकेगा वो..उसने अपनी गर्दन हाँ में हिला दी...


फिर रितिका जाने लगी..


अंकित :- थॅंक्स फॉर दा गिफ्ट रितिका जी..


रितिका :- अरे थॅंक्स की कोई ज़रूरत नही है..और वैसे तुम रितिका जी..मत बुलाया करो..यू कॅन कॉल मी ओन्ली

रितिका..


अंकित :- लेकिन..


रितिका :- मुझे आदत नही है इसलिए बोल रही हूँ...


अंकित :- ओके....बाइ..


फिर बाइ कर के चली जाती है..
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08-05-2018, 12:16 PM,
#17
RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क आगे.....................


इधर अंकित के दिल की बॅंड बज चुकी होती है.....उसने कभी नही सोचा था..कि इतना सब कुछ हो जाएगा.

वो बहुत खुश था....उसे कुछ समझ नही आ रहा था...कि अचनाक उसकी किस्मत इतनी मेहरबान कैसे

हो गयी..आज तक उसे किसी ने गिफ्ट नही दी..पर इतनी छोटी सी बात पर उसे गिफ्ट मिल गयी..


उसने सबसे पहले वो गिफ्ट खोली..


अंकित :- ऊओ तेरी..की...इतना महँगा गिफ्ट....यार ये सही है या नही..में इतना महँगा गिफ्ट आक्स्प्ट नही कर

सकता...

कम से कम 6 या 7 हज़ार का तो होगा ही ये पर्फ्यूम या इससे भी ज़्यादा का...

इतना महँगा पर्फ्यूम तो में अपनी पूरी लाइफ में कभी यूज़ ना कर पता..में वापिस कर दूँगा..

पर कैसे..नंबर. तो मिला है..अड्रेस्स कहाँ से पता किया जाय...कम्बख़त में भी नलायक हूँ..अब डाइरेक्ट्ली ऐसे

अड्रेस्स तो नही पूछ सकता ना.....लेकिन फिर भी कुछ तो करना पड़ेगा..उनसे मिलने के लिए..

अब तो दिल में एक बेचेनी रहेगी..जब तक उनसे नही मिल लेता...सच में यार कोई इतना सुंदर भी

होता है..वो भी एक बच्चे की माँ...

चेहरे पे तो मसुमियत कूट कूट के भरी है...हइईईई....


करते हुए बेड पे गिर जाता है........


अंकित रात को सोच में डूबा हुआ था....उसके ख्यालों में एक तरफ तो उसकी हॉट और सेक्सी टीचर अंकिता

के ख्याल आ रहे थे..जहाँ उसे अंकिता के लाजवाब मदमस्त कर देने वाले बूब्स थे और

दूसरी तरफ रितिका के चेहरे का वो ग्लो झलक रहा था....

एक तरफ तो उसकी सोच में वासना भरी थी..और दूसरी तरफ एक अट्रॅक्षन था रितिका के लिए....


उसने अपना फोन उठाया और रितिका को गुडनाइट का मसेज भेज दिया....और इंतजार करने लगा रिप्लाइ आने

का......

5 मिनट...10 मिनट....15 मिनट... लेकिन कोई रिप्लाइ नही आया...

अंकित ने टाइम देखा तो 2 बज रहे थे..


अंकित :- में भी ना..इतनी रात को मसेज कर रहा हूँ..सो गये होंगे वो तो...वैसे क्या मुझे उन्हे

मसेज करना ठीक रहेगा..हाँ हाँ ठीक ही रहेगा..वैसे भी वो मॉडर्न है...देख के उन्हे तो

यही लगता है..लेकिन मुझे उनके बारे में और जानना होगा..उनके हज़्बेंड..और बाकी सब...

लेकिन अभी तो सो जाता हूँ..कल सोचूँगा....


फिर वो फोन रख देता है और ए/सी चला के सो जाता है..


अगली सुबह ...


अंकिता क्लास ले रही थी...ब्लेक बोर्ड पे एक प्रोग्राम लिख रही थी..अंकित की नज़र प्रोग्राम पर नही थी..

अंकिता पे थी..वो उपर से लेके नीचे तक बार बार देखे जा रहा था....


तभी विकी उसके कंधे पे कोनी मारते हुए.


विकी :- अबे...उससे घूर्ना छोड़ और जो प्रोग्राम करवा रही है उसे समझ..कल नही तो फिर कुछ ऐसा

दे देगी...फिर में तेरी कॉपी करूँगा..और वो फिर मेरा पोपट कर देगी..


अंकित :- अरे भाई प्रोग्राम की छोड़ तू...क्या नज़ारा है...साला क्लास में एक यही तो माल है..

बाकी सब तो साले आउटडेटेड है....देखने दे..जी भर के....


बस अंकित का ऐसा ही चलता रहता है....


घर आके....


शाम को उसने फिर से रितिका को मसेज किया....आर्नव के बारे में पूछते हुए..उसने मसेज किया जिससे उसे

अजीब ना लगे...

लेकिन रात तक कोई मसेज का रिप्लाइ नही आया......


अंकित को लगा कि शायद बिज़ी होगी.....इसलिए...काफ़ी रात बहुत हो गई तो वो सो गया....


बस फिर क्या था....रोज़ रोज़ का दिन ऐसे ही निकलता रहा...

हर दिन वो एक मसेज ड्रॉप करता रितिका को लेकिन उसका कोई रिप्लाइ नही आता......

अंकित को अब थोड़ा अजीब और गुस्सा आने लगा..कि एक रिप्लाइ तो कर दे कम से कम....


7 दिन बीत गये..लेकिन रितिका का कोई भी रिप्लाइ नही आया..कम से कम 50 मसेज ड्रॉप करेंगे होंगे

अंकित ने लेकिन एक भी रिप्लाइ नही किया...


अंकित अपने आप से...साला में ही पागल हूँ...जो उसे मसेज कर रहा हूँ..उसके बच्चे की जान बच

गयी..उसने गिफ्ट दे दिया उसका फ़र्ज़ पूरा हो गया..उपर से तो इतनी मीठी बन रही थी कि पूछो मत...

आज कल लड़कियाँ हो या औरतें सब साली..हम लड़कों का चूतिया काट देती है..और हम पागल कट भी

जाते हैं...

(उसको काफ़ी गुस्सा आ रहा था) उसने गुस्से में आके..रिरतिका का नंबर. अपने सेल से डिलीट कर दिया...

एक पल के लिए उसने सोचा कि उसका दिया हुआ गिफ्ट कूड़े में फैंक दे....

फिर उसने सोचा साला इतना महंगा पर्फ्यूम कभी दुबारा नही मिलेगा..इसलिए फिर उसने नही फेंका...


इसकी वजह से अंकित का मूड भी खराब रहने लगा....और इसका असर कॉलेज में भी पड़ा....

ना तो वो अब अंकिता से ढंग से बात करता था...ना ही क्लास की पढ़ाई में ध्यान लगाता था..

बस अपने गुस्से में ही खोया रहता था...


10 दिन हो चुके थी......उसी दिन..कॉलेज में..


अंकिता ने एक क्वेस्चन दे रखा था जिसे सबको करना था..इंट्नल्स पास आ रहे थे....


लेकिन पहली बार ऐसा था कि अंकित का पेन चला ही नही उस क्वेस्चन पे...पहली बार ऐसा था कि उसे

आता ही नही था...

और कमाल की बात है कि विकी को आता था ये प्रोग्राम..उसने तो फटाफट से कर दिया...


विकी :- (अंकित की नोटबुक देखते हुए) अबे..तूने अभी तक नही किया..


अंकित :- नही आता मुझे..(अजीब सी टोन में)


विकी :- तुझे नही आता...मेरे कानो पे विश्वास नही हो रहा....भाई ये तो बहुत आसान प्रोग्राम है तू

तो डिफिकल्ट से डिफिकल्ट कर देता है..
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08-05-2018, 12:17 PM,
#18
RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
अंकित :- बोला ना यार नही आता.. (एक टोन में...)


विकी :- कोई नही...तू मेरे से कॉपी कर ले..नही तो जब वो महरानी तेरा आन्सर चेक करने आएगी तो

ज़ीरो लगा देगी.


अंकित :- कोई नही लगाने दे...कम से कम तुझे तो नही बोलेगी कि तूने कॉपी किया है मेरे से....


विकी :- कोई नही यार...तूने मेरे लिए बहुत कुछ किया है..तो में क्या तेरे लिए इतना भी नही कर सकता..


अंकित विकी की बात को सुन के खुश हो जाता है..आज 10 दिन बाद उसके चेहरे पे एक स्माइल आई थी..


अंकित :- नही यार...आज ऐसे ही रहने दे...(मुस्कुराते हुए)


तभी अंकिता आ जाती है....सबसे पहले वो विकी की नोटबुक उठाती है...


अंकिता :- सही है एक दम लेकिन फिर से कॉपी करा है तुमने..कब सुधरोगे तुम...आज भी 0 लगा दूँगी

तुम्हारा में..


ये बोल के वापिस जाने लगती है...वो अंकित का नही देखती..क्यूँ कि उसे पूरा भरोसा था कि उसने तो करा

ही होगा...


लेकिन अंकित ऐसा बिल्कुल नही था कि अपने दोस्त का नुकसान होने दे..


अंकित :- एक्सक्यूस मी मॅम....


अंकिता रुकी और मूडी..


अंकिता :- ह्म्म...


अंकित :- विकी ने कॉपी नही किया है मॅम...


अंकिता :- देखो तुम उसे बचाने की कॉसिश नही कर सकते...


अंकित :- में किसी को नही बचा रहा....मुझे ये प्रोग्राम नही आता..और ना ही मेने करा है...

(उसने बिल्कुल सॉफ सॉफ बता दिया)


अंकिता उसे घूर्ने लगी....फिर


अंकिता :- सॉरी विकी...


विकी :- इट्स ओके मॅम..


अंकित वापिस अपनी सीट पे बैठ गया...अंकिता अटेंडेन्स लेके चली गयी....विकी ने अंकित को कॅंटीन

चलने के लिए बोला लेकिन उसने मना कर दिया...विकी ने भी फोर्स नही किया..क्यूँ कि वो जानता था कुछ

दिन से अंकित का बिहेवियर ठीक नही है...विकी चला गया...


कुछ देर बाद.....अंकित को क्लास की किसी ने लड़की ने आवाज़ दी..


अंकित बोलना तो नही चाहता था..लेकिन फिर जब उसने सुना कि कोई मिलने आया है उससे तो उसने अपनी मुन्डी

उपर करी..देखा सामने एक लड़का खड़ा था..


अंकित :- हाँ...(उसने बस इतना ही कहा)


आपको अंकिता मॅम ने बुलाया है नीचे लब में.....(वो लड़का बोल के निकल गया)


अंकित का जाने का मन नही था...फिर भी बेमन से खड़ा हुआ..और चल पड़ा बॅग उठा के कंप्यूटर

लॅब में.....


लॅब में पहुच के....गेट पे खड़ा हो जाता है...अंकिता देख के..


अंकिता :- कम इन...(वो गेट के सामने कंप्यूटर पे बैठ के कुछ कर रही थी)


अंकित वहाँ जाके खड़ा हो जाता है...


अंकिता :- बैठो..


अंकित बगल वॅली कुर्सी पे बैठ जाता है..


अंकिता :- क्या प्राब्लम है..में काफ़ी दिन से देख रही हूँ..तुम्हारा ध्यान पढ़ाई पर है नही..इंट्नल्स

आ रहे हैं...तुम्हे पढ़ाई करनी है कि नही?(झूठे गुस्से से)


अंकित :- कर लूँगा मॅम.. (बेमन से बात कर रहा था)


अंकिता :- कर लूँगा का क्या मतलब...तुम एक अच्छे स्टूडेंट हो और ऐसे लापरवाही करोगे तो तुम्हारा

नुकसान होगा....देखो कोई बात हो तो बताओ...तुम मुझे बता सकते हो...क्यूँ की में हर स्टूडेंट को

अपने फ़्रेंड की तारह ही ट्रीट करती हूँ..


अंकित :- कोई प्राब्लम नही है मॅम...और आप स्टूडेंट को स्टूडेंट की तरह ही ट्रीट करो..फ़्रेंड मत

बनाओ...क्यूँ कि आज के टाइम में फ़्रेंड कब धोका दे दे पता नही चलता...(बोलते हुए खड़ा हो जाता

है....) अब में जा सकता हूँ....(बड़े रूखे स्वर में बात कर रहा था)


अंकित को बहुत अजीब लगा क्यूँ कि पहले उसने उससे कभी ऐसे बात नही की...लेकिन वो बिल्कुल गुस्सा नही हुई और

ना ही बुरा लगा उसे पता है जिस आग से अंकित से गुजर रहा है उसमे ऐसा होता ही रहता है...


अंकिता :- (मुस्कुराते हुए.... ) ह्म्म कोई बात नही ... अभी नही बताना चाहते तो कोई बात नही..एक काम

करो...(वो पेपर पे कुछ लिख के अंकित को दे देती है) ये लो..


अंकित :- क्या?


अंकिता :- ये मेरा नंबर..जब भी कोई दिक्कत हो..पढ़ाई में क्या दूसरे तरीके से तुम बेजीझक कॉल

कर लेना..किसी भी टाइम..में तुम्हारी हेल्प ज़रूर करूँगी..


अंकित लेना तो नही चाहता था लेकिन फिर उसने थोड़ा दिमाग़ चलाया और वो काग़ज़ ले लिया...

और पर्मिशन लेके निकल गया लॅब से बाहर...


अंकिता उसे देख के हल्का सा मुस्कुरा दी और फिर अपने काम में लग गयी....


अंकित ने बाहर जाके...उस काग़ज़ का अपने हाथों से क्रश करके...वहीं लॅब के साइड में ही फैंक

दिया..उसे इस वक़्त बहुत गुस्सा था...


नंबर देके सहानुभूती दिखा रही है..बाद में फोन भी नही उठाएगी और उठा लिया तो बहाने

लगा देगी...सब का यही हाल है..इस बार में पगल नही बनूंगा लेकिन..नही चाहिए नंबर...

(गुस्से में तो उसका दिमाग़ खराब हो चुका है....उसके मन की ख्वाइश खुद चल के आई थी और

उसने ठुकरा दिया था)


वो अगली क्लास में नही गया..सीधा घर की तरफ ही निकल गया.....


घर पहुच के सीधे पलंग पे जा पसरा....फोन को साइलेंट मोड पे डाला और सो गया...


शाम के 5 बजे.....उसकी आँख खुली.....उसने फोन पे टाइम देखने के लिए उठाया तो देखा कि

8 मिस कॉल थी...


अंकित ने नंबर चेक किया...नंबर अननोन था...


अंकित :- अबे कौन है ये..जो इतनी बार फोन कर डाला...मिला के देखूं..नही नही..खुद मिला लेगा..में

क्यूँ बेकार में फोन मिला के.. बेलेन्स ख़त्म करूँ....


फिर फोन को साइलेंट मोड से हटा के साइड में रख देता है और अंगदाइयाँ लेने लगता है...


तभी,,,,,,,,,,,,,,,,,



कहानी जारी है ............................
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08-05-2018, 12:17 PM,
#19
RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
"हम तेरे बिन अब रह नही सकते....तेरे बिना क्या वजूद मेरा..."


तभी रिंगटोन बज जाती है उसके फोन की...


नंबर अननोन था...वो फोन पिक करता है..


अंकित :- हेलो..


सामने से आवाज़ अत्ती है...हेलो...(एक लड़की की)


अंकित :- हाँ.. कौन....


अंकित बोल रहे हो ना....(वो लड़की बोलती है)


अंकित :- हाँ अंकित बोल रहा हूँ..आप कौन बोल रही हैं...


अंकित में.......(वो लड़की बोलती है)


अंकित :- में...इस में का कोई नाम है कि नही...(उबासी लेते हुई अंगड़ायाँ लेता है)


और जैसी ही उसके कानो में लड़की का नाम पड़ता है....उसका शरीर वहीं एक पल के लिए स्टॉप हो

जाता है..अंगड़ायाँ लेते हुए.....और आँखें बड़ी हो जाती है...दिल की धड़कने तेज हो जाती है....


अंकित नाम सुन के चौक गया..कुछ सेकेंड वो सोचता रहा कि आगे बोले क्या..


हेलो..अंकित आर यू देअर...?

(जब सामने से आवाज़ आई तब ये महाशय बोले)


अंकित :- यस यस..रितिका जी.. आइ एम ऑन दा लाइन..


रितिका :- उफ्फ फिर से रितिका जी...मेने तुम्हे कहा था ना कि आइ डोंट लाइक इट


अंकित अपने मन में....बोल तो ऐसी रही है..हुकुम तो ऐसी दे रही है जैसे मेरे से कोई रिश्ता हो हुहह..

मन तो कर रहा है फोन ही कट कर दूं..पर


(फिर रितिका दुबारा बोली)


रितिका :- अंकित आइ आम सो सॉरी..ई कुडनोट रिप्लाइ यू वन्स पास्ट 10 डेज़..आइ आम रियली वेरी सॉरी.


अंकित :- व्हाई यू से सॉरी..आपकी मर्ज़ी है आप नही बात करना चाहती थी...(अंकित ने तीखे लहज़े में

बोला)


पर शायद रितिका को उस लहज़े का अंदाज़ा नही हुआ....उसने अपनी बात नॉर्मली ही आगे बोली..


रितिका :- नो यार... आइ आम रियली वेरी सॉरी....वो क्या है ना ऑफीस की वजह से बिज़ी थी...और तुम तो मेरे

फ़ेसबुक अकाउंट में भी एड नही हो..नही तो शायद तुम्हे वहाँ एक मेसेज कर ही देती..


अंकित अपने मन में..एहसान जता रही है अब..


अंकित :- मेने कहा ना आपको सॉरी बोलने की ज़रूरत नही है...आपको बात नही करनी थी तो उसमे आपकी मर्ज़ी

में कोई फोर्स थोड़ी ना कर सकता हूँ...

(फिर तीखे लहज़े में गुस्सा दिखाते हुए)


लेकिन अभी भी रितिका ने बड़े नॉर्मली ही बात करी...वो शायद फोन पे बात करते करते कुछ

काम भी कर रही थी..शायद इसी वजह से उसने ध्यान नही दिया..कि अंकित किस टोन में बात कर रहा है..


रितिका :- नो यार...वो आक्च्युयली हुआ यूँ ना..कि जिस दिन तुम्हारे घर से गयी उसी रात को मुझे ऑफीस से

कॉल आया तो मुझे 10 दिन के लिए जाना पड़ा यू.एस .. अब जब आज आई तो तुम्हारे मेसेजिज देखे...

मुझे बहुत बुरा फील हुआ...कि मेने तुम्हे बताया भी नही....और सबसे पहले तुम्हे ही कॉल किया

अभी...


बस रितिका की ये लाइन सुन के अंकित का सारा गुस्सा निकल गया और हवा में उड़ गया..उसका मूह खुला

का खुला रह गया......दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया....


अपने मन में बडबडाता हुआ....ओह्ह्ह शिट...ये क्या कर दिया मेने....कसम से जब गुस्सा आता है

तो कुछ नही सोचता..ये भी नही सोचा कि ऑफीस के काम से कहीं बाहर भी जा सकती है...शिट्सस यार..

अभी में कुछ बोल देता तो कितना बुरा लग जाता..


रितिका :- आर यू देअर..


अंकित :- या या आइ आम हियर..आइ आम हियर...(खुशी में बोलता हुआ)


रितिका :- अच्छा ये बताओ...तुमने मुझे पहचाना क्यूँ नही जब तुमने कॉल पिक किया तो....तुमने मेरा.


अंकित बीच में ही रोकता हुआ..


अंकित :- नही नही...वो वो....(अब वो दिमाग़ दौड़ने लगा कि क्या बोली और फिर बहाने मारने में नंबर. 1 तो

है ही....) वो रितिका जी..में सो रहा था तो बिना नंबर देखे कॉल पिक किया ना इसलिए...


रितिका :- ओह्ह...मेने सोचा.....वैसे मेने तुम्हे मना करा है ना कि जी मत लगाओ यार...

तुम जी लगाते हो तो ऐसा साउंड करता है कि में कितनी ओल्ड हो गयी हूँ..तुम्हे भी यही लगता है कि में

ओल्ड हो गयी हूँ बहुत..


अंकित :- न..नही..नही कौन कम्बख़्त ऐसा कहता है कि आप ओल्ड हो गयी हो...उसे ज़रूर आँखों के ऑपरेशन

की ज़रूरत है....आप तो अभी....

(बस बोलते हुए रुक जाता है...)


रितिका :- हहेहेहेहेहेः....में तो अभी??... आगे कुछ नही बोलना?

(छेड़ते हुए)


अंकित :- आप तो अभी..अभी यंग ही हो....(बोलना कुछ और ही चाहता था)


रितिका :- ह्म्‍म्म...थॅंक यू... अच्छा अंकित..कल मेने ऑफीस से लीव ली है..आर्नव भी तुमसे मिलने के लिए

बहुत ज़िद्द कर रहा था..तो क्या तुम कल घर आ सकते हो
Reply
08-05-2018, 12:17 PM,
#20
RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
अंकित के मन तो लड्डूओं का पहाड़ फूटने लगा...आख़िर ये भी कोई पूछने की बात है...


अंकित :- सॉरी....में तो कब से चाहता था मिलना..मतलब कि आर्नव से मिलना चाहता था..


रितिका :- ह्म्म ग्रेट...अच्छा आइ लिल बिजी नाउ..आइ विल्ल सेंड यू माइ अड्रेस्स..ओके..बाय..


अंकित :- ओके....बाय......


(फोन कट)


अंकित तो गहरी सोच में चला गया..उसे यकीन नही हो रहा था जो भी उसके साथ अभी हुआ..कहीं

वो सपना तो नही था...ये जाने के लिए उसने अपने हाथ पे हल्का सा नोचा..


ओउcच..नही नही सपना नही है...बिल्कुल सच है..कल..रितिका के घर..वाह....खुशी मे बोलता हुआ..

लेकिन फिर वो अपने सर पे हाथ मार देता है...


इस गुस्से में मेने क्या कर दिया यार...अंकिता मॅम से पहले रूडली बात करी और उसके बस उनका नंबर

भी फैंक दिया...शिट्स शिट्ससस्स..शिट्सस्स...(बोलता हुआ सर पे पिल्लो मारने लगा.)

ये क्या कर दिया मेने गुस्से में...सॉरी अंकिता मॅम...ग़लती हो गयी माफ़ कर दो....अब कोई ना कोई

चक्कर तो चलाना ही पड़ेगा....(फिर गहरी सोच में डूब जाता है)


तभी उसके फोन पे मसेज आता है...वो मसेज रितिका का ही होता है..


रितका मेसेज ...... अंकित दिस ईज़ माइ अड्रेस....********* ए ब्लॉक...कल 1 बजे आ जाना .. लंच साथ करेंगे.

ओक..मीट यू टूमारो..


1 बजे...लेकिन कॉलेज..टाइम चेंज करवा दूं..नही नही...कल कॉलेज से जल्दी आकर सीधे वहीं चला

ज़ाउन्गा...अंकित ने ये सोचा और ओके कर के रिप्लाइ कर दिया..


भाई साहब ने थोड़ी देर कुछ सोचा..और फिर फ्रेश होके मार्केट चले गये.....

उसके दिमाग़ में अंकिता को मनाने का प्लान चल रहा था..उसी की तैयारी में गया था...


आज तो अंकित भाई टाइम से पहले उठ गये...आँखों में एक अलग चमक लिए और चेहरे पे एक

अलग इरादा लेके कॉलेज की तरफ निकल पड़े....

ना किसी लड़की पे ध्यान ना कुछ...बस आज तो अपनी मंज़िल यानी कि कॉलेज की तरफ बढ़ते चले जा रहे

थी...इंपॉर्टेंट काम जो करना था उन्हे...

अंकिता से सॉरी जो बोलना था...


टाइम से पहले ही आज अंकित क्लास में पहुच गया...क्लास में सिर्फ़ एक दो ही स्टूडेंट बैठे

थी...अंकित सीधे जाके वही जहाँ रोज़ बैठता था लास्ट बेंच पे जाके बैठ गया.....

15 मिनट क्लास में विकी आया...और अंकित को वहाँ बैठा देख चौंक गया...


विकी :- बडी...आज तू इतनी जल्दी..


अंकित :- हाँ यार ब्रो..आज जल्दी उठा गया तो आ गया..


विकी अपने मन में सोचता है कि आज भाई साहब का मूड बड़े दिनो के बाद बेहतर है..

फिर दोनो बातें करने लगते हैं..धीरे धीरे क्लास में बच्चे आने लगे..और टाइम हो गया क्लास

का....

फिर क्लास में आई अंकिता.....हाथ में एक रिजिस्टर लिए..हाथों में स्टाइलिश बॅंगल सी पहने हुए

बाल खुले आगे की तरफ एक ही साइड में कर रखे थे...पिंक कलर की साड़ी में...

अंकित तो बस देखता ही रहा....

सबने विश करके गुड मॉर्निंग किया.....


अंकिता ने पढ़ाना शुरू किया......अंकित बस उसे देखने लगा...आज वो बुक में से कुछ समझा रही

थी.. लेकिन अंकित का ध्यान अपने प्लान पे था....

एक दो बार अंकिता ने नज़र उठा के अंकित की तरफ देखा लेकिन बड़े ही अजीब एक्सप्रेशन दिए जो

अंकित को अजीब लगे..

वो समझ गया कि अंकिता मॅम काफ़ी नाराज़ है उससे..लेकिन क्यूँ..कल तक तो ठीक थी..ऐसा क्या हो गया..

ये सब सोचते हुए..क्लास कब ओवर हुई पता नही..


अंकिता क्लास से बाहर चली गयी....अंकित बाहर जाता इतनी देर में दूसरा टीचर आ जाता है जिसकी वजह से

वो बाहर नही जा पाया..

बड़ी बेचनि से उसका दूसरा पीरियड ख़तम हुआ एक एक मिनट उसके लिए भारी हो रहा था ...

लेकिन क्लास ख़तम हुई और अंकित विकी से ये बोल के निकला कि उसे कुछ काम है..और बॅग उठा के निकल

गया....


सबसे पहले उसने टीचर्स रूम में देखा लेकिन वो वहाँ नही थी..फिर कॅंटीन में देखा लाइब्रेरी

में देखा उससे अंकिता कहीं नही मिली..गर्मी में पसीना पसीना हो गया था


अंकित :-(परेशान होते हुए) कहाँ गयी मॅम आप....आज मिल जाओ उसके बाद बात करो ना करो कोई

बात नही..पर जब तक आपको सॉरी नही बोलूँगा में चैन से बैठ नही पाउन्गा...

(फिर उसके दिमाग़ की लाइट ऑन हुई....उसने हर जाग देखा लेकिन कंप्यूटर लॅब में नही देखा...)


वो फ़ौरन भागता हुआ..एक के बाद एक लॅब में देखने लगा..और आख़िरकार लॅब 4 में एक कंप्यूटर

पे अंकिता बैठी हुई दिख गयी उसको..


पीठ थी अंकिता की अंकित के सामने.....स्टाइलिश ब्लाउस और वो सुंदर कमर कोई भी देख ले तो बस

उसका तो बॅंड ही बज जाए....

अंकित बिना पर्मिशन लिए अंदर घुस गया और अंकिता के पास पहुच के..


अंकित :- एक्सक्यूस मी मेम ?


अंकिता ने कंप्यूटर पे काम करना बंद नही किया और बिना मुड़े..


अंकिता :- यस ??


अंकित :- मॅम.. आइ आम सॉरी...


इस बार अंकिता ने कम छोड़ा...और अपनी गर्दन पीछे मोडी..उसने स्पेक्स लगा रहे थे...और वो उसमे

बहुत क्यूट लग रही थी..


अंकिता :- सॉरी ... व्हाई सॉरी?


अंकित :- मॅम कल मेने आपसे अच्छे से बात नही करी इसलिए..उसके लिए आइ आम सॉरी


अंकिता :- लुक अंकित...वी आर टीचर स्टूडेंट..तो ऐसी बातों का कोई मतलब नही है...


अंकित को सुन के शॉक लगा कि आख़िर ये क्या हुआ अचानक ...लेकिन फिर उसने बड़े ठंडे दिमाग़ से काम लिया..


अंकित :- आइ नो मॅम...में भी एक स्टूडेंट की हैसियत से ही बोल रहा हूँ...मुझे पता है मेने कल

बदतमीज़ी से बात करी इसलिए उसके लिए सॉरी बोल रहा हूँ..


अंकिता :- इट्स ओके..नाउ यू कॅन गो (स्ट्रेट फॉर्वर्ड आन्सर देते हुए)


अंकित को सुन के थोड़ा दुख हुआ और अजीब भी लगा....


फिर उसने अपना बॅग खोला और उसमे से कुछ निकाल के...अंकिता की कंप्यूटर की टेबल की साइड में रख

दिया....

अंकिता ने उन चीज़ों को देखा और फिर अंकित से पूछने ही वाली थी..कि अंकित बोल पड़ा..


अंकित :- मॅम कल जो अपने नंबर दिया था वो मेने बिना पढ़े...ही यहीं लब के बाहर फैंक

दिया था.....बहुत ग़लत किया था मेने..आइ आम रियली वेरी सॉरी...और अब में कभी भी पढ़ाई के अलावा

कोई दूसरी बात नही करूँगा....हॅव आ नाइस डे मॅम..


(निराशा भरे स्वर में बोल के वो वहाँ से निकल गया)

कहानी जारी है ............................
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