Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
09-24-2018, 01:47 PM,
#51
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
करीब 10 मिनट की चूत फाड़ चुदाई के बाद ममता झड़ गई और लंबी साँसें लेने लगी.. मगर राधे अब भी धकापेल लगा हुआ था।
ममता- आह आह.. राजा तुम असली आ आह.. मर्द हो.. आह.. मेरा पानी निकाल दिया ओह आ आह.. अब भी लगे हुए हो आई.. ईसस्स.. चूत में जलन होने लगी है.. आह..
राधे- अभी कहाँ.. जानेमन तुझे शक था ना.. मेरे लौड़े पर.. आह.. ले अब चुद.. आह.. ले.. उहह उहह उहह..
ममता- आह.. आई.. सस्स..र्र राजा एक मिनट के लिए निकाल लो.. आह.. सच्ची चूत में जलन हो रही है..
राधे ने लौड़ा बाहर निकाल लिया.. उस पर ममता के रज के साथ जरा सा खून भी लगा था..
ममता- आई.. देखो सील तो मेरे पति ने तोड़ी थी.. आज तुम्हारे लौड़े ने आगे तक चूत में जगह बनाई है.. ये खून इसी लिए निकला है.. तभी जलन हो रही है.. आह..
राधे- ऐसे डरेगी.. तो माँ कैसे बनेगी.. चल अब मेरे लौड़े पर बैठ कर चुद.. मज़ा आएगा..
राधे सीधा हो गया.. और ममता को लौड़े पर बैठा कर कुदाने लगा।
ममता- आई.. आह.. मज़ा आ गया.. आज तो आह.. चोदो मेरे राजा.. आह.. मेरी चूत.. आह.. फिर से उफान पर है.. आह.. आई…
राधे ने ममता को हटाया और जल्दी से नीचे लेटा कर लौड़ा चूत में घुसा दिया और स्पीड से चोदने लगा।
दोनों का पानी एक साथ निकला.. ममता को बड़ा सुकून मिला.. जब राधे का पानी उसकी चूत की मुँह में गिरा।
ममता- आह आईईइ मज़ा आ गया.. आह.. भर दो मेरी चूत को.. आह.. अपने पानी से आह.. उईईइ..
अब दोनों शान्त हो गए थे और एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे।
काफ़ी देर तक दोनों वैसे ही पड़े रहे।
राधे- क्यों ममता.. मज़ा आया ना.. आज असली मर्द से चुदवाकर..
ममता- हाँ राजा जी.. कसम से आज पता चला कि चुदाई क्या होती है.. मैं तो धन्य हो गई आपसे चुद कर.. मेरी चूत में आपका बीज पड़ जाए.. बस यही भगवान से प्रार्थना करूँगी..
राधे- अरे पड़ जाएगा.. चिंता मत कर दिन में दो बार चुदवा मेरे लौड़े से.. पक्का तेरी मुराद पूरी हो जाएगी.. चल अब ऐसा कर.. जरा चाय बना कर ला.. उसके बाद मैं तुझे घोड़ी बना कर चोदूँगा.. तब देखना कैसा मज़ा आता है..
ममता- हाँ राजा जी.. जैसे चाहो चोद लेना.. मुझे बस माँ बना दो.. मैं आपकी गुलामी जिंदगी भर करूँगी।
राधे- अरे गुलामी की क्या बात है.. अब जा और हाँ नंगी ही जाना.. कपड़े पहनने में समय मत खराब करना.. आकर तेरे को फिर से चुदवाना भी है.. 
ममता हँसती हुई पहले बाथरूम गई.. उसको जोरों की पेशाब आई थी।
दोस्तो.. अब बस भी करो.. चुदाई हो गई ना.. अब बाथरूम भी ममता के साथ जाओगे क्या.. जाओ अपने बाथरूम में जाओ.. हा हा हा हा हा.. सॉरी फ्रेंड्स, मैं आपको डिस्टर्ब करने नहीं आई.. इनको चाय पीने दो.. हम रोमा को देखते हैं.. वो आज क्या करेगी स्कूल से तो भाग गई.. अब कहाँ है.. खुद देख लो..
रोमा ने नीरज को फ़ोन कर दिया था.. वो तो इसी मौके की तलाश में था.. फ़ौरन उसको लेने आ गया था।
अब वो दोनों वहीं थे.. जहाँ कल दोनों ने चुदाई लीला की थी। 
नीरज- हाँ तो जानेमन.. अब कहो क्या इरादा है?
रोमा- कुछ नहीं.. बस आपसे मिलने आई हूँ.. रात को अपने कसम जो दे दी थी।
नीरज- अच्छा मेरी जान.. अपने नीरज की कसम के लिए आई है.. तो मैंने कुछ करने को भी कहा था.. वो किया या नहीं?
रोमा थोड़ा शर्मा गई.. उसको नीरज की बात समझ आ गई थी कि वो चूत के बाल साफ करने की बात पूछ रहा है।

रोमा- ऐसा हो सकता है क्या.. कि आप कुछ कहो और मैं ना करूँ।
नीरज- अरे वाह.. मेरी बुलबुल.. तू तो बहुत समझदार है।
रोमा- अब आपके लिए स्कूल से भाग कर आई हूँ.. दोबारा कसम मत देना.. ऐसे रोज नहीं आ पाऊँगी।
नीरज- अच्छा नहीं दूँगा कसम.. बस अब बात को घुमाओ मत.. जरा मुझे भी दिखाओ.. कैसे साफ की है अपनी चूत को..
रोमा- आप बहुत बेशर्म हो.. बस आते ही यही बात करने लगे..
नीरज- अच्छा तो तुम बताओ.. क्या बात करूँ.. हम न्यू कपल हैं प्यार की बात नहीं करेंगे.. तो क्या समाज में क्या चल रहा है.. महंगाई कितनी हो गई है.. ये सब बात करेंगे..
रोमा- आपसे जीतना मुश्किल है.. आप बहुत तेज हो..
नीरज- मेरी जान.. ये उमर प्यार करने की है.. तुम ऐसे दूर बैठी रहोगी.. तो मैं प्यार कैसे कर पाऊँगा.. यहाँ बिस्तर पर आ जाओ.. आराम से बातें करेंगे।
रोमा- नहीं.. बिस्तर पर आऊँगी.. तो आप बदमाशी करोगे.. और मेरी स्कूल ड्रेस खराब हो जाएगी।
नीरज- अरे कुछ नहीं करूँगा.. आओ तो और स्कूल ड्रेस खराब होने का डर है तो निकाल कर आ जाओ..
रोमा- देखो आ गए ना.. उसी बात पर.. जाओ मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी..
नीरज खड़ा हुआ और रोमा के पास जाकर उसको बाँहों में भर लिया.. उसके होंठों को चूसने लगा।
रोमा भी शायद यही चाहती थी.. मगर वो झूटा नाटक कर रही थी। नीरज को धक्का मारने लगी।
रोमा- जाओ आप बहुत गंदे हो.. मेरे मना करने पर भी नहीं मानते.. मैं जा रही हूँ।
नीरज ने रोमा को बाँहों में उठाया और बिस्तर पर ले गया।
नीरज- मेरी जान मुझे पता है.. तुम्हारा हाल भी मेरे जैसा ही है.. क्यों नाटक कर रही हो.. ऐसे करते रहे.. तो समय निकल जाएगा.. बाद में तुम पछताओगी कि काश थोड़ा समय और मिल जाता प्यार करने के लिए..
रोमा- मैं कहाँ नाटक कर रही हूँ.. हटो मेरे ऊपर से.. मेरे कपड़े खराब हो जाएँगे।
नीरज- अरे जान.. तो निकाल दो ना.. कपड़ों को.. क्यों बार-बार डिस्टर्ब कर रही हो।
रोमा- देखना आपको है.. मैं क्यों निकालूँ.. हा हा हा..
रोमा के मन की बात नीरज समझ गया.. उसने जल्दी से रोमा की ड्रेस खोलनी शुरू कर दी.. रोमा बस लेटे हुए ड्रेस निकलवा रही थी। आज रोमा ने काली ब्रा और पैन्टी का सैट पहना था.. इसमें वो बहुत मादक लग रही थी।
रोमा- बस ये रहने दो.. पहले मेरे ड्रेस को सही रखो.. पहन कर वापस भी जाना है।
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09-24-2018, 01:47 PM,
#52
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
नीरज खड़ा हुआ ड्रेस को अच्छी तरह रखा.. और खुद नंगा होने लगा.. जिसे देख कर रोमा थोड़ी घबरा गई।
रोमा- य..ये आप क्या कर रहे हो.. कपड़े क्यों निकाल रहे हो?
नीरज- अरे मेरी जान.. डरो मत.. हम बस प्यार करेंगे.. अब दोनों नंगे होंगे तो ज़्यादा मज़ा आएगा..
रोमा के दिल के किसी कोने से आवाज़ आई कि तू यहाँ चूत चटवाने आई है.. मगर लगता है आज तेरी चूत चुदने वाली है.
रोमा मन ही मन कहने लगी.. नहीं कुछ भी हो.. सेक्स नहीं करेगी.. बस ऐसे ही मज़ा लेकर चली जाएगी।
नीरज बस अंडरवियर में था और उसके होंठों पर एक मुस्कान थी.. जो साफ बता रही थी कि आज का मौका वो किसी हाल में नहीं जाने देगा। उसका लंड भी तनाव खाने लगा था।
नीरज जब बिस्तर पर आया तो रोमा ने अपने हाथों से अपना चेहरा छुपा लिया।
नीरज- वाह मेरी जान.. पूरी जवानी खोल कर चेहरा छुपा रही हो..
रोमा- मुझे शर्म आ रही है।
नीरज- अभी कुछ देर की बात है.. तुम्हें इतना मज़ा दूँगा कि तुम बेशर्म बन जाओगी।
इतना कहकर नीरज उसके बगल में लेट गया और धीरे-धीरे उसके मम्मों को सहलाने लगा।
नीरज बहुत तेज था.. वो बस मम्मों को हल्के से सहला रहा था.. जिससे रोमा की उत्तेजना बढ़ने लगी थी। वो चाहती थी नीरज ज़ोर से दबाए.. मगर वो ऐसा नहीं कर रहा था।
रोमा कुछ देर तो जिस्म को इधर-उधर हिलाती रही.. जब उसका सब्र टूट गया तो बोल पड़ी- आह.. क्या आप भी.. थोड़ा ज़ोर से दबाओ ना.. ऐसे मज़ा नहीं आ रहा।
नीरज- मेरी जान.. जब ज़्यादा आगे बढूँगा.. तो रोक दोगी.. इसलिए ऐसे ही ठीक है..
रोमा- नहीं रोकूंगी.. करो ना प्लीज़।
नीरज को बस रोमा की ‘हाँ’ का इंतज़ार था.. अब वो जंगली बन गया था। रोमा के मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा था।
रोमा- आह.. हाँ ऐसे ही करो.. आह.. ब्रा निकाल दो.. आह.. चूसो मेरे मम्मों को.. आह.. कल बहुत मज़ा आया था.. आह.. आज भी वैसा मज़ा दो ना..
नीरज ने ब्रा निकाल दी.. अब रोमा के कड़क मम्मे आज़ाद हो गए थे.. जिन पर नीरज भूखे कुत्ते की तरह टूट पड़ा.. वो निप्पल को दाँतों से हल्का काटने लगा और साथ ही मम्मों को चूसता रहा जिससे एक मीठी टीस सी रोमा की चूत में उठने लगी.. वो चुदास से भर कर तड़पने लगी।
रोमा- आह.. आईईइ.. नीरज आह.. मेरे नीचे कुछ करो ना.. आह.. बहुत गुदगुदी हो रही है आह..
नीरज ने रोमा की पैन्टी भी निकाल दी अब वो रोमा की कच्ची चूत को जीभ से चाटने लगा था।
रोमा- आह.. नीरज मज़ा आ गया आह.. उह.. आज तो कल से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा है आह..
नीरज अचानक से बैठ गया। रोमा को ये बिल्कुल अच्छा नहीं लगा.. उसको अधूरापन महसूस हुआ..
रोमा- आह.. क्या हुआ.. आप करो ना.. प्लीज़ मुझे ऐसे बीच में मत छोड़ो.. प्लीज़ मैं आपके हाथ जोड़ती हूँ..
नीरज ने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया था.. अब उसका लौड़ा रोमा को सलामी दे रहा था।
नीरज- तुम तो रोज मज़ा ले कर चली जाओगी.. मेरे लौड़े का भी ख्याल करो जान.. थोड़ा सा इसको भी प्यार कर लो।
रोमा- आह.. कर दूँगी ना.. बाद में.. आह.. पहले मुझे ठंडा कर दो.. बाद में अपने हाथों से तुम्हारे लौड़े को सहलाऊँगी प्लीज़..
नीरज- नहीं जान.. प्यार में जब तक बराबरी ना हो.. प्यार मजबूत नहीं होता है। मैं जब अपने होंठों से तुम्हारी मखमली चूत को चूसता हूँ.. तो तुम्हें भी अपने होंठों से मेरे लंड को चूसना चाहिए।
रोमा- नहीं.. मुझे अच्छा नहीं लगता प्लीज़.. कुछ करो ना प्लीज़..
नीरज- अच्छा ज़्यादा नहीं.. बस थोड़ी देर किस कर दो।
रोमा मान गई तो नीरज ने अपना लौड़ा उसके मुँह के पास कर दिया।
रोमा बेमन से सुपाड़े को चुम्बन करने लगी। अपनी जीभ से हल्के उसको चाटने लगी।
नीरज- आह.. तुम्हारे मुलायम होंठों का स्पर्श कितना अच्छा है.. एक बार मुँह में ले लो ना मेरी जान..
रोमा ने धीरे से सुपाड़े को मुँह में ले लिया और नीरज ने उसके सर को पकड़ कर आधा लौड़ा उसके मुँह में घुसा दिया। रोमा छटपटाने लगी मगर नीरज ने उसका सर कस कर पकड़ लिया।
नीरज- आह.. बस थोड़ी देर चूसो.. आह.. प्लीज़.. मज़ा आ रहा है..
रोमा ना चाहते हुए लौड़े को चूसने लगी नीरज अब उसके मुँह को चोदने लगा।
मगर ज़्यादा देर ये नहीं चला रोमा की सांस रुक गई.. तो वो झटके से पीछे हो गई।
रोमा- उहहू..उहहू.. क्या आप भी उह मारने का इरादा है क्या..
नीरज ने उसको आगे बोलने नहीं दिया और उसको लेटा कर खुद ऐसे लेट गया कि उसका लौड़ा रोमा के मुँह के पास हो गया.. अब वो उसकी चूत चूसने लगा।
अब दोनों 69 के पोज़ में थे.. नीरज चूत को चूस रहा था.. रोमा सिसक रही थी.. लौड़ा उसके मुँह के एकदम करीब था.. तो रोमा सेक्स की उत्तेजना में लौड़े को खुदबखुद चूसने लगी।
करीब 5 मिनट तक ज़बरदस्त चूसमचुसाई चलती रही। अब रोमा की उत्तेजना बढ़ गई थी.. उसका पानी निकलने वाला था। अब उसको लौड़े का टेस्ट भी अच्छा लगने लगा था।
वो लौड़े को पूरा मुँह में ले कर चूसने लगी और गाण्ड को हिला कर झड़ने लगी.. जिसे नीरज पीने लगा।
नीरज के लौड़े में अभी जान थी और वो रोमा के मुँह में झड़ना नहीं चाहता था.. तो उसने लौड़ा मुँह से निकाल लिया।
रोमा- आह आई.. मज़ा आ गया.. तुम क्या चूसते हो.. कसम से आह.. मज़ा आ गया और अब तो तुम्हारा लौड़ा भी मज़ा दे रहा है.. निकाल क्यों लिया.. चूसने दो ना..
नीरज- चुसवाऊँगा मेरी जान.. मगर अभी ज़्यादा चूसोगी तो इसका रस तुम्हारे मुँह में निकल जाएगा.. जो तुम्हें पसन्द नहीं आएगा।
रोमा- तुम कैसे मेरी चूत का पानी पी जाते हो.. मुझे तो सोच कर घिन आती है.. प्लीज़ मेरे मुँह में कभी पानी मत निकालना..
नीरज- नहीं निकालूँगा मेरी जान.. मगर मेरे लौड़े को ठंडा तो कर दो.. देखो कैसे झटके खा रहा है बेचारा..
रोमा- लाओ अभी हाथ से कर देती हूँ या ऐसा करती हूँ.. मुँह से चूसती हूँ.. बस पानी आने के समय बाहर निकाल देना प्लीज़..
नीरज- नहीं जान.. तुम बस सीधी लेट जाओ.. मैं तुम्हारी चिकनी चूत पर लौड़ा रगड़ कर पानी निकालूँगा..
रोमा- नहीं नहीं.. प्लीज़ सेक्स नहीं करेंगे.. ऐसे ही निकाल दूँगी ना..
नीरज- अरे डर मत.. अन्दर नहीं घुसा रहा हूँ.. बस ऊपर से रगड़ कर मज़ा लूँगा.. प्लीज़ मान जाओ..
रोमा- अच्छा ठीक है.. मगर अन्दर मत घुसड़ेना प्लीज़..
नीरज खुश हो गया और रोमा के ऊपर लेट गया। अब नीरज दोबारा रोमा के मम्मों को चूसने लगा व अपने लंड को चूत के ऊपर घिसने लगा.. जिससे रोमा की कामवासना फिर से जागने लगी।
रोमा- आह.. मज़ा आ रहा है.. उई तुम्हारा लौड़ा चूत के अन्दर जाने की कोशिश कर रहा है.. आई.. रोको दर्द होता है आह..
करीब 5 मिनट तक नीरज रोमा को मसलता रहा.. अब उसके लौड़े का बाँध भी टूटने को आ गया था। वो सीधा बैठ गया और लौड़े को हाथ से पकड़ कर रोमा की चूत पर रगड़ने लगा।
रोमा- आह आई.. मज़ा आ रहा है नीरज.. उह.. दर्द मत करो आह.. ऐसे ही रगड़ो आह..
नीरज धीरे-धीरे चूत की फाँक को उंगली से खोल कर लौड़े का सुपाड़ा चूत में घुसेड़ने की कोशिश करता और रोमा सिहर जाती..
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09-24-2018, 01:47 PM,
#53
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
नीरज के लौड़े ने आग उगल दी.. सारा माल रोमा की चूत पर गिर गया अब नीरज ठंडा हो गया और रोमा के एक तरफ लेट गया।
रोमा- आह.. कितना अच्छा लग रहा था.. जब तुम लौड़े को चूत पर घिस रहे थे.. आह.. पानी क्यों निकाला.. थोड़ी देर और करते ना.. आह.. तो मेरा भी पानी निकल जाता..
नीरज- थोड़ा सब्र कर मेरी जान.. लौड़े को खड़ा होने दे.. अबकी बार तेरा पानी लंड से ही निकालूँगा..
रोमा ने ‘आई लव यू नीरज’ कहा और उससे लिपट गई। नीरज ने भी उसको कस कर पकड़ लिया।
बहुत देर तक दोनों ऐसे ही लिपटे रहे और उसके बाद अलग होकर अपने आगे के जीवन की बातें करने लगे कि शादी के बाद ऐसा करेंगे.. वैसा करेंगे।
हैलो दोस्तो, आप तो यार बस जिधर सेक्स देखा.. उधर के ही हो जाते हो.. अब इनकी लाइफ प्लान को सुनकर क्या करोगे.. वहाँ ममता ने राधे को चाय पिला दी होगी.. तो वहाँ का दुबारा का धमाल देखते हैं.. तो चलो..
चाय पीने के बाद राधे बिस्तर पर पैर लटका कर बैठा था और ममता उसके पास बैठी थी।
राधे- यार ममता तू इतनी सेक्सी है.. शादी के पहले तो तुझे देख कर लड़कों का हाल खराब होता होगा.. किसी ने तुझे ‘आई लव यू’ नहीं कहा था क्या?
ममता- अरे साहब जी.. मैंने बताया तो था.. मैं समय के पहले ही जवान हो गई थी.. सब हरामी लौंडों की नज़र मेरे पर थी.. इसी लिए तो बापू ने जल्दी में मेरा ब्याह उस नामर्द से करवा दिया।
राधे- अरे कोई तो होगा.. जो तुझे पसन्द था या किसी ने तेरे इन रसीले चूचों को छुआ हो?
ममता- ना साहब जी.. ऐसा कुछ नहीं हुआ.. मुझे तो पता भी नहीं था इस सब के बारे में.. शादी की रात को सब ही पता चला कि मर्द शादी की रात में क्या करता है.. मगर आप क्यों पूछ रहे हो?
राधे- अरे ये क्या साहेब जी.. लगा रखा है.. मेरा नाम ले.. नहीं तो राजा जी ठीक है.. मैं तो इसलिए पूछ रहा हूँ.. तू चुदवाती बहुत मस्त है.. तेरे जैसी क़यामत को किसी ने टच नहीं किया.. ये सोच कर अफ़सोस होता है.. मैं तेरे घर के पास होता तो रात को तेरे घर आकर तेरी चूत में लौड़ा घुसा देता..
ममता- ही ही मेरे राजा.. इतनी पसंद आ गई मेरी चूत आपको तो रोका किसने है.. अब घुसा दो.. देखो आपका लंड महाराज कैसे खड़ा हो गया है।
राधे- साली तेरी टाइट चूत का कमाल है.. ये लौड़ा तो खड़ा होगा ही.. तेरी चूत तो ऐसी है कि 80 साल का बूढ़ा भी तेरी चूत देख ले.. तो उसका लौड़ा भी खड़ा हो जाए.. आ जा तेरे मुलायम होंठों से थोड़ा लौड़ा चूस कर गीला कर दे.. उसके बाद मैं तेरी ठुकाई चालू करूँगा।
ममता मदहोश हो कर लौड़े को चूसने लगी।
राधे- आह्ह.. गुड.. वेरी गुड.. मेरी ममता ऐसे ही चूस.. बहुत मज़ा आ रहा है..
राधे का लौड़ा पूरा थूक से गीला हो गया.. तब उसने ममता को अलग किया और बिस्तर से नीचे उतर गया।
ममता- क्या हुआ राजा.. नीचे क्यों उतर गए.. चोदने का इरादा नहीं क्या?
राधे ने ममता के पैर पकड़े और उसका आधा शरीर बिस्तर से नीचे खींच लिया और खुद खड़ा होकर उसके पैरों को पकड़ लिया।
राधे- मेरी जान अब नीचे खड़े होकर तेरी चूत की धज्जियां उड़ाऊँगा।
इतना कहकर राधे ने लौड़ा चूत में घुसा दिया और हावड़ा मेल की तरह स्पीड से चोदने लगा।
ममता तो इस हमले से संभल भी नहीं पाई.. बस ‘आहें’ भरती रही और राधे बहुत देर तक उसको चोदता रहा।
ममता- आह्ह.. राजा कब से चोद रहे हो.. आह्ह.. आई.. उह.. ऐसे ही आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. तुम्हारा मोटा लंड.. आह्ह.. मेरी चूत को फाड़ डालेगा आज.. आह्ह.. चोदो.. ज़ोर से चोदो.. आह्ह.. आई.. मैं गई.. आह.. राजा आह्ह.. आईईइ.. ज़ोर से आह्ह.. तुम्हें आह आह.. मेरी कसम है.. आह्ह.. रुकना मत.. आह.. स्पीड से लौड़ा डालते रहो आई… मैं झड़ने वाली हूँ.. आहह.. ऐसे ही.. आह.. ऐसे ही आह्ह.. ज़्यादा मज़ा आह्ह.. रहा है.. मैं गई.. आआह्ह.. आईईईई.. सस्स्स्स आस्सस्स आह..
ममता तो झड़ गई.. मगर राधे कहाँ झड़ने वाला था.. वो थक जरूर गया था मगर झड़ने का नामो-निशान नहीं था।
राधे ने लौड़ा चूत से निकाल लिया और कहा- थोड़ी देर तू मेरे लौड़े को मुँह से चूस.. उसके बाद मैं तुझे घोड़ी बनाऊँगा..
ममता तो खुद यही चाहती थी कि उसको थोड़ा आराम मिले.. राधे लेट गया और ममता उसके लौड़े को होंठों में दबा कर कस कर चूसने लगी… जैसे कोई चूत में लौड़ा जाता हो।
राधे- आह्ह.. ममता.. इतना टाइट चूस रही हो.. उफ़फ्फ़ मज़ा आ रहा है.. मीरा की सील तोड़ी थी.. तब ये अहसास हुआ था आह्ह..
ममता- राजा मैं चुदी-चुदाई हूँ.. तो आपने मेरी हालत खराब कर दी.. मीरा तो कच्ची कली थी.. उसका क्या हाल हुआ होगा..
राधे- उसका हाल तूने देखा नहीं था.. उससे उठा भी नहीं गया.. आह्ह.. बुखार भी आ गया था.. आह्ह.. चूस ना..
ममता- हाँ देखा मैंने.. बेचारी बच्ची को कितना दर्द हुआ होगा..
राधे- तुझे बहुत चिंता है.. तू अपना देख अभी तेरी ठुकाई करता हूँ.. साली बहुत दया आ रही है ना तुझे.. अब खुद पर दया कर..
राधे ने ममता के बाल पकड़े और उसे घोड़ी बना दिया और ज़ोर-ज़ोर से उसकी गाण्ड पर चोटें मारने लगा।
ममता- आआ आई.. लगता है राजा..
राधे- अब घोड़ी बनी है.. तो थोड़ा मार का मज़ा भी ले.. और साली तेरी गाण्ड तो बहुत झक्कास है.. इसका भी टेस्ट करना पड़ेगा..
ममता- नहीं नहीं.. राजा जी.. भगवान के लिए ऐसा मत करना.. ये गाण्ड कुँवारी है… मैं सह नहीं पाऊँगी.. आपका लौड़ा बहुत मोटा है..
राधे- अरे वाह.. मुझे तो पता ही नहीं था तेरा पति बहुत अच्छा इंसान है.. जो मेरे लिए तुझे कुछ तो अधूरा रखा… आज मैं तेरी गाण्ड को मारकर तुझे पक्की औरत बना दूँगा..
ममता- राजा पहले चूत मार लो.. बाद में मौका दूँगी ना.. अब सब आपका ही है आराम से मार लेना.. अभी नहीं..
राधे- मीरा भी गाण्ड के लिए ‘ना’ कहती है.. अब तू भी नहीं दे रही..
ममता- मैं ‘ना’ नहीं कह रही दूँगी.. पहले चूत का मज़ा ले लो.. बाद में गाण्ड भी मार लेना।
राधे ने लौड़े पर थूक लगाया और चूत में पेल दिया.. मगर साथ ही साथ उसने अपनी उंगली भी गाण्ड में डालनी शुरू कर दी।
ममता- आह.. आईईइ.. राजा जी.. आह गाण्ड में दर्द हो रहा है आई.. उंगली से ये हाल है.. लौड़ा जाएगा तो मैं.. आह्ह.. मर ही जाऊँगी..
राधे- कुछ नहीं होगा मेरी रानी.. उहह.. उहह.. आह्ह.. तेरी चूत तो जलवा है ही.. गाण्ड भी मक्खन है.. इसको तो मैं बड़े प्यार से मारूँगा आह्ह..
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09-24-2018, 01:47 PM,
#54
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
राधे 15 मिनट तक ममता की चुदाई करता रहा.. अब उसकी उत्तेजना चरम पर थी.. किसी भी वक़्त लंड महाराज ‘परसाद’ छोड़ सकते थे और ममता की चूत तो बेहाल हो गई थी.. उसके बाँध में भी दरार पड़ गई थी.. कभी टूट सकता था।
राधे- आह्ह.. आह.. साली आह्ह.. आज तेरी चूत को आह फाड़ दूँगा आह्ह..
ममता- आईईइ ससस्स.. ककककक.. आह फाड़ दो.. आह्ह.. ज़ोर से आह आज आई.. मेरी कोख को आ भर दो आई.. तेज़ी से चोदो राजा आह गईइ..
दोनों के कामरस का मिलाप हो गया या यूं कहो.. जिंदगी से जिंदगी के जन्म की नींव रख दी गई थी।
अब दोनों ही थक कर चूर हो गए थे और एक-दूसरे को देख कर बस मुस्कुरा रहे थे।
राधे धीरे से ममता के मम्मों को सहलाता है।
ममता- क्या बात है मेरे राजा जी.. मेरी चूत का भुर्ता बना कर भी आपका मन नहीं भरा क्या?
राधे- अरे नहीं ममता रानी.. वो बात नहीं है.. मेरे लौड़े को भी आराम करने दो.. मैं तो बस देख रहा हूँ कि तुम्हारे पति ने कभी इन मम्मों को दबाया या मसला नहीं.. क्या कितने कड़क हैं।
ममता- शुरू में थोड़ा दबाता था.. अब तो महीनों बीत गए.. उसने इनको छुआ भी नहीं..
राधे- तभी इतने कड़क हैं.. अच्छा बच्चा होने के बाद तो तुम मुझे भूल जाओगी ना..
ममता- नहीं मेरे राजा… मैंने तो अपने मन में तुम्हें अपना देवता मान लिया है.. आप जब चाहो.. आवाज़ देना.. मैं हाजिर हो जाऊँगी।
राधे- नहीं ममता.. मैं मीरा से बहुत प्यार करता हूँ.. उसकी वजह से ही तुम्हें चोद रहा हूँ.. बच्चा ठहर जाने के बाद तुम्हें हाथ भी नहीं लगाऊँगा.. मैं मीरा का सच्चा पति बन कर रहूँगा।
ममता- ठीक है राजा.. मगर बड़े साहेब जी के रहते आप क्या सारी जिंदगी लड़की बने रहोगे.. और उन्होंने आपकी शादी किसी से करवा दी तो?
राधे- इतना आगे तक मत जा.. ऐसा कुछ नहीं होगा और हाँ पापा के आने के बाद बड़ी सावधानी से कम करना कहीं उनको पता ना लग जाए..!
ममता- आप चिंता ना करो.. मैं सब संम्भाल लूँगी।
राधे ने ममता को अपने सीने से चिपका लिया और बस दोनों वैसे ही सोए रहे।
उधर नीरज बातों के दौरान रोमा को सहला रहा था और उसको चुदाई के लिए मना भी रहा था- जान.. तुम सेक्स से मना क्यों कर रही हो.. कभी ना कभी तो सेक्स करना ही होगा।
रोमा- हाँ पता है.. मगर वो कभी जब आएगा.. तब देखूँगी.. अब आप कब से मेरे मम्मों को सहला रहे हो.. देखो नीचे गीला हो रहा है..
नीरज- हा हा हा खुल कर बोलो ना.. चूत गीली हो रही है.. अभी तुम्हें ठंडा कर देता हूँ और हाँ अब देखो मेरे हाथों का कमाल..
रोमा- कैसा कमाल.. क्या दिखाओगे?
नीरज- मेरी जान.. तुमने कभी अपनी चूत में फिंगरिंग की है क्या?
रोमा- नहीं.. कभी नहीं की.. क्यों?
नीरज- आज तुम्हें मैं सिखाता हूँ.. बड़ा मज़ा आता है.. तुम बस कुछ बोलना मत और आराम से मज़ा लेना..
रोमा- ठीक है मेरे प्यारे जानू.. जब आपके सामने नंगी हो गई.. तो चूत में उंगली क्या चीज है.. करो।
नीरज- ऐसे नहीं जान.. पहले तुम्हें थोड़ा गर्म करूँगा.. उसके बाद उंगली का कमाल दिखाऊँगा।
इतना कहकर नीरज अपने होंठों से रोमा के मम्मों को चूसने लगा और धीरे-धीरे नीचे आने लगा।
रोमा- आह्ह.. मेरे जानू.. आह्ह.. तुम्हारा ये स्टाइल बहुत अच्छा है.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है..
नीरज अब रोमा की चूत चाटने लगा। अपनी जीभ की नोक अन्दर घुसेड़ने लगा.. जिससे चूत गीली हो गई और कामरस भी चूत से टपक रहा था.. तो चूत एकदम गीली हो गई थी।
रोमा- आह्ह.. आई.. जानू ज़ोर से करो.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है..
नीरज ने अपनी उंगली चूत की फाँक पर रख दी और धीरे-धीरे सहलाने लगा.. जिससे रोमा की उत्तेजना और बढ़ गई और वो सिसकने लगी।
रोमा- आह्ह.. ससस्स क्या कर रहे हो.. उफ़..गुदगुदी हो रही है आह्ह..
नीरज कुछ नहीं बोला और उंगली को चूत में हल्का सा घुसा दिया।
रोमा- आआ आह्ह.. दर्द होता है.. उई क्या कर रहे हो आप..
नीरज- चुप रहो मेरी जान उंगली से तेरी चूत को चोद रहा हूँ.. शुरू में थोड़ा दर्द होगा.. बाद में बहुत मज़ा आएगा।
रोमा- आह्ह.. ठीक है ओह.. मगर आराम से आह्ह..
नीरज धीरे से बोला- साली आज तक इस चूत में उंगली भी नहीं डाली.. तभी चुदने में डर रही है.. मगर आज तेरी चूत का उद्घाटन लौड़े से ही करूँगा.. चाहे प्यार से या ज़बरदस्ती..
नीरज अब उंगली को थोड़ा अन्दर-बाहर करने लगा और चूत के दाने को मसलने लगा.. जिससे रोमा के जिस्म का तापमान बढ़ गया.. वो आसमानों की सैर पर निकल गई.. उसकी आँखें बन्द और मुँह खुल गया..
रोमा- आह.. नीरज आह्ह.. ससस्स.. सच्ची इतना मज़ा लाइफ में कभी नहीं आया आह्ह.. अब दर्द कम है.. थोड़ा और अन्दर करो ना.. आह.. मज़ा आ रहा है..
नीरज- नहीं जान.. अब लौड़े को चूत पर रगड़ कर और मज़ा दूँगा.. तू बस आराम से मज़े ले..
नीरज ने रोमा के पैरों को मोड़ दिया और लौड़े को चूत पर रगड़ने लगा। सुपाड़े को थोड़ा-थोड़ा अन्दर घुसेड़ने की कोशिश करने लगा।
रोमा- आह्ह.. नीरज उह.. क्या कर रहे हो आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. लौड़ा अन्दर मत डालना आह्ह..
नीरज- अन्दर कहा डाल रहा हूँ जान.. बस टच कर रहा हूँ।
रोमा- आई.. जानू.. उंगली डालो ना.. मज़ा आ रहा था.. जब उंगली अन्दर-बाहर हो रही थी..
नीरज- नहीं.. उंगली में दर्द हो गया.. तुम कहो तो बस थोड़ा सा लौड़ा घुसा दूँ.. जैसे उंगली डाला था..
रोमा वासना के भंवर में फँस गई थी.. अब बस हर हाल में उसको मज़ा लेना था। वो नादानी में ‘हाँ’ कह गई और नीरज अपने मकसद में कामयाब हो गया..
नीरज ने दोनों हाथों से चूत को फैलाया और लौड़े पर अच्छे से थूक लगा कर चूत में सुपाड़ा फँसा दिया और हल्का झटका मारा।
रोमा- आआआ एयाया.. ये क्या आह्ह.. कर दिया.. पूरा घुसा दिया आह्ह..
रोमा हिल ना पाए.. इसलिए नीरज उसके ऊपर चढ़ गया.. उसके हाथ पकड़ लिए और उसके निप्पल चूसने लगा।
नीरज- पूरा कहाँ जान.. बस सुपाड़ा चूत में घुसाया है।
रोमा- तो इतना दर्द क्यों हो रहा है.. आह्ह.. मुझे आह्ह.. प्लीज़ निकाल लो ना..
नीरज- ठीक है निकाल लेता हूँ.. मगर बस एक बार ‘हाँ’ कह दो.. मैं लौड़े को थोड़ा झटका मारना चाहता हूँ.. उसके बाद निकाल लूँगा।
रोमा- आह्ह.. बहुत दर्द होगा ना मुझे.. आह्ह.. मगर आप को नाराज़ नहीं करूँगी.. आह्ह.. मार लो..
नीरज ने कमर पर दबाव बनाया और ज़ोर से झटका मारा.. आधा लंड चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया और झटके के साथ ही उसने रोमा के होंठ अपने होंठों में दबा लिए।
रोमा इतनी ज़ोर से चीखी.. मगर उसकी आवाज़ मुँह में ही दफ़न हो गई..
रोमा की आँखों से आँसू आने लगे.. उसका बदन अकड़ सा गया.. सारा मज़ा फुर्र हो गया..
नीरज काफ़ी देर तक आधे लौड़े को आगे-पीछे करता रहा.. रोमा ‘गूं.. गूं..’ करती रही.. मगर अब नीरज पीछे हटने वाला नहीं था। वो बस रोमा की चुदाई करता रहा। काफ़ी देर बाद उसको लगा अब रोमा शान्त है और चिल्ला नहीं रही.. तो वो रुक गया और अपने होंठ हटा दिए।
रोमा- उउउ तुम बहुत गंदे हो.. आह्ह.. मेरी मर्ज़ी के बिना मेरी चूत फाड़ दी.. आह उउउह.. तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूँगी मैं.. उउउहह..
नीरज- अरे रो मत मेरी जान.. तुमने कहा था ना.. झटका मार दो.. तभी मैंने मारा.. अब आधा लौड़ा घुस गया है.. सील टूट गई है.. अब चुदाई का असीम आनन्द लो.. रोती क्यों हो तुम.. अब तो असली मज़ा आएगा..
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09-24-2018, 01:47 PM,
#55
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
रोमा- मुझे पता था.. तुम आज चोदे बिना नहीं मानोगे.. आह्ह.. मगर इतना दर्द होगा.. ये नहीं सोचा था.. आह्ह.. अब हटो..
नीरज- अरे जान.. प्लीज़ जो दर्द होना था हो गया.. अब अधूरी चुदाई में क्या मज़ा प्लीज़.. अब थोड़ी देर साथ दे दो..
रोमा को लगा अब दर्द कम है और चुदाई का मज़ा लेने में क्या बुराई है.. तो उसने नीरज को ‘हाँ’ कह दी।
अब नीरज आधे लौड़े को अन्दर-बाहर करने लगा.. रोमा को दर्द के साथ मज़ा भी आ रहा था.. तो अब वो भी मज़े लेने लगी..
रोमा- आह्ह.. आई.. जानू आह्ह.. उंगली से आह्ह.. ज़्यादा लंड से मज़ा आ रहा है.. आह उई चोदो आह्ह.. आई…
नीरज- मेरी जान अब थोड़ा सा दर्द और होगा.. बस उसके बाद तुम हमेशा के लिए दर्द मुक्त हो जाओगी.. आह्ह.. पूरा घुसा रहा हूँ.. उसके बाद मज़े ही मज़े हैं।
रोमा- आह आईईइ.. अब जब आह आधा लौड़ा आह्ह.. इतना मज़ा दे रहा है.. तो आह्ह.. पूरा घुसा दो.. मैं दाँत भींच रही हूँ.. आह्ह.. घुसा दो आह्ह..
नीरज ने कमर को पीछे किया और ‘घाप’ से लौड़ा चूत की गहराई में घुसा दिया.. रोमा ना चाहते हुए भी चीख पड़ी।
रोमा- आह जानू नहीं आआह्ह.. मर गई रे आह.. मम्मी आह उईईइ..
नीरज अब स्पीड से लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा ताकि जल्दी से चूत में सैट हो जाए और रोमा का दर्द कम हो।
दस मिनट तक रोमा चीखती-चिल्लाती रही और नीरज चुदाई में लगा रहा और साथ ही साथ रोमा के मम्मों को चूसता रहा।
रोमा- आ आह्ह.. नीरज आह्ह.. मेरे जानू आह्ह.. अब थोड़ा दर्द कम हुआ आह्ह.. आई.. मेरी चूत में.. आह्ह.. अब गुदगुदी शुरू हो गई है.. आह्ह.. ज़ोर से करो आह्ह..
नीरज- उहह उहह.. मेरी जान आह्ह.. तुम झड़ने वाली हो.. आह्ह.. मेरा भी कंट्रोल नहीं हो रहा.. आह्ह.. बस आ गया.. आह्ह.. ले उहह.. उहह..
नीरज के लौड़े से वीर्य की पिचकारी रोमा की चूत में जब गई.. उसके गर्म अहसास से रोमा की चूत भी बहने लगी। अब दोनों ही मस्ती में झड़ने लगे थे।
जब नीरज अलग हुआ तो उसका लंड वीर्य और खून से सना हुआ था.. चादर भी खराब हो गई थी.. जिसे देख कर रोमा घबरा गई..
रोमा- ओह माँ.. ये क्या किया आपने.. मेरी चूत फाड़ दी.. उउउह.. देखो कितना खून निकला है.. उउउहह..
नीरज- अरे अरे जान.. रो मत.. कुछ नहीं हुआ.. बस सील टूटने पर ये खून आया है.. ये तो सगुन का लाल रंग है जान.. सच्ची.. कुछ नहीं हुआ..
रोमा को बहुत देर तक नीरज समझाता रहा.. जब जाकर उसकी समझ में बात आई और नीरज ने थोड़ी छेड़खानी भी उससे की.. कि वो कैसे लास्ट में गाण्ड उठा कर चुद रही थी।
रोमा- धत्त.. आप बहुत बेशर्म हो.. जाओ.. मुझे आपसे बात नहीं करनी।
नीरज- ठीक है मत करो बात.. मगर चुदवा तो लोगी ना..
रोमा- नहीं कभी नहीं.. तुम बहुत बदमाश हो..
रोमा जब उठने लगी.. उसको चूत में बहुत दर्द हुआ और उसके मुँह से हल्की चीख निकल गई।
नीरज- अरे मेरी जान.. अब तुम कुँवारी कली नहीं हो.. जो ऐसे उठ रही हो.. अब तो पका हुआ पपीता बन गई हो.. आज थोड़ा आराम से उठो.. उसके बाद तो तुम्हारी चाल ही बदल जाएगी।
रोमा- आह्ह.. मरवा दिया ना.. आह्ह.. अब घर कैसे जाऊँगी मैं आह्ह..
नीरज- अरे डर मत.. कुछ नहीं होगा.. बस थोड़ी देर दर्द होगा.. बाद में एकदम ठीक हो जाओगी..
नीरज ने रोमा को पकड़ कर बाथरूम तक जाने में मदद की..
रोमा के पैर ज़मीन पर बराबर नहीं टिक रहे थे.. उसको बहुत दर्द हो रहा था- आह्ह.. आपने तो मेरी हालत बिगाड़ दी.. अब आ घर कैसे जाऊँगी?
नीरज- अरे मैंने कहा ना.. कुछ नहीं होगा चलो.. मैं तुम्हें अन्दर ले जाता हूँ।
नीरज उसको अन्दर ले गया और बड़े प्यार से उसको बैठा दिया.. उसकी चूत को पानी से साफ करने लगा..
रोमा- आह्ह.. आराम से.. दर्द होता है.. उई तुम भी अपना लौड़ा साफ कर लो.. कैसे गंदा हो गया है..
नीरज- तो तुम ही कर दो ना.. मेरी जान.. देख क्या रही हो..
रोमा भी लौड़े को साफ करने लगी.. नीरज चूत को अच्छे से साफ कर रहा था। उंगली अन्दर तक घुसा कर चूत को साफ कर रहा था.. जिससे रोमा को दर्द के साथ मज़ा भी आ रहा था।
रोमा- आह्ह.. उई.. धीरे से मेरे जानू.. आह्ह.. उई.. आज तो मम्मी मेरी जान ले लेगी.. उनको पता चल जाएगा..
नीरज- एक तरीका है.. जिससे पूरा दर्द निकल जाएगा.. मगर तुम उस बात को मानोगी नहीं।
रोमा- मान लूँगी मेरे जानू.. तुम बताओ तो सही.. क्या तरीका है..?
नीरज- ठीक है.. बताता हूँ.. पहले तौलिया से अच्छे से चूत साफ कर लो..
रोमा- तुम बाहर जाओ.. मुझे बाथरूम करना है.. उसके बाद जो तरीका है.. बता देना..
नीरज उसकी बात मान कर बाहर आ जाता है और बिस्तर को ठीक करने लगता है.. उसके चेहरे पर एक अलग ही ख़ुशी थी और होगी क्यों नहीं.. कच्ची चूत को जो चोदा था उसने..।
हैलो दोस्तो, मज़ा आ रहा है ना.. आना भी चाहिए.. यहाँ का खेल तो देख लिया.. चलो थोड़ा घूम कर आते हैं। अरे नहीं नहीं.. कोई नई जगह नहीं… अपने राधे के पास ही चलते हैं।
राधे- ममता बहुत भूख लगी है यार.. कुछ खाने का बंदोबस्त कर ना..
ममता- अभी लो मेरे राजा जी.. लेकिन पहले नहा कर अपने कपड़े पहन लेती हूँ.. बीबी जी आने वाली हैं।
राधे- ठीक है तब तक मैं थोड़ा सो लेता हूँ.. थक गया हूँ यार..
ममता- बस अभी नहा कर खाना बना देती हूँ आप आराम करो..
ममता उठ कर चली गई और राधे वहीं पड़ा रहा।
दोस्तो, यहाँ भी कुछ नहीं है.. वहाँ भी कुछ नहीं है.. तो चलो आपको एक नई जगह ले चलती हूँ.. बाद में भी वहाँ जाना होगा.. तो अभी फ्री समय में थोड़ा देख आते हैं।
दोस्तो, अब वक़्त आ गया है आपको टीना के बारे में बताने का.. यह तो आप जानते हो कि टीना और रोमा दोस्त हैं मगर यह टीना कौन है और कहानी में इसका क्या किरदार है यह आपको बताती हूँ। 
टीना का पूरा नाम है टीना यादव.. इसके पापा राजेश यादव साउथ अफ्रीका में किसी कम्पनी में जॉब करते हैं.. जो 2 साल में एक बार आते हैं 2 महीने रुक कर वापस चले जाते हैं।
माँ सुमीता यादव बहुत सीधी-शादी घरेलू औरत है.. और टीना का बड़ा भाई आयुष एक सीधा-साधा लड़का है.. वो अपनी बहन टीना से बहुत प्यार करता है, इन दोनों के बीच दोस्तों जैसा रिश्ता है।
आप सोच रहे होंगे कि मैं यह क्या बता रही हूँ.. कहानी को कहाँ से कहाँ ले गई हूँ.. तो दोस्तो, माफ़ करना.. मगर ये सब बताना जरूरी था.. क्योंकि इन सब बातों का कहानी से बहुत गहरा सम्बन्ध है।
चलो अभी इतना जान लिया.. यही काफ़ी है.. अब वापस रोमा और नीरज का हाल जान लेते हैं।
रोमा बाथरूम से बाहर आई तो नीरज बस उसको देख कर मुस्कुरा रहा था।
रोमा- हाँ हंस लो.. मेरा हाल से बेहाल हो गया है।
नीरज- अरे मेरी भोली रोमा.. मैं हंस नहीं रहा हूँ.. तुम्हें देख कर खुश हो रहा हूँ.. आ जाओ मेरे पास.. अब देखो तुम ठीक से चल पा रही हो।
रोमा- नहीं अभी भी दर्द है.. तुम कौन सा तरीका बता रहे थे।
नीरज- मेरी जान तुम बिस्तर पर आओ तुम्हें बताता हूँ।
रोमा उसके पास चली गई तो नीरज ने उसको एक चुम्बन किया और उसके बालों को सहलाने लगा।
रोमा- यह क्या कर रहे हो.. मुझे वो तरीका बताओ ना.. जिससे मेरा दर्द कम हो जाए?
नीरज- मेरी जान अगर तुम्हारी चूत को में जीभ से हल्के-हल्के चाटूं तो इसका दर्द कम हो जाएगा।
रोमा- तो इतना सोच क्या रहे हो.. चाट लो ना.. मुझे बस दर्द कम करना है प्लीज़..
नीरज ने रोमा को लेटा दिया और उसकी चूत को देखा.. थोड़ी सूज कर लाल हो गई थी.. उसने अपने होंठ चूत पर रख दिए और आराम से चाटने लगा।
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09-24-2018, 01:48 PM,
#56
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
रोमा- आह्ह.. उई आराम से चाटो जानू.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है उफ़.. आराम भी बहुत मिल रहा है.. आह्ह.. तुम्हारी ये जीभ ही सारे फसाद की जड़ है आह्ह.. इसकी लत ने ही आ..आज मुझे चुदवा दिया आह्ह.. चाटो आह्ह..
दस मिनट तक नीरज बड़े मज़े से चूत को चाटता रहा.. अब रोमा बहुत गर्म हो गई थी.. उसकी उत्तेजना बढ़ गई थी और नीरज का लण्ड भी तन कर खड़ा हो गया था।
रोमा- आह्ह.. आई.. जानू आह्ह.. बहुत मज़ा आ रहा है आह्ह.. ज़ोर-ज़ोर से चाटो ना.. आह्ह.. थोड़ी उंगली डालो ना.. उई आह्ह.. प्लीज़ आह्ह..
नीरज ने चाटना बन्द किया और लौड़े पर थूक लगा कर चूत में सीधा ‘घप’ से लौड़ा घुसा दिया।
रोमा- आईईइ आआह्ह.. उफ़फ्फ़.. ये क्या किया.. आह.. उईईइ..
नीरज- मेरी जान उंगली से अब कुछ नहीं होगा.. तुम्हारी चूत को लौड़े की आदत लग गई है और यही वो तरीका है.. जिससे दर्द कम होगा.. ले.. उहह.. उहह.. मैं तुम्हें दोबारा चुदने को कहता.. तो तुम नहीं मानती.. आह्ह.. उहह.. इसलिए चूत चाटने का बहाना करके.. तुम्हें गर्म किया.. आह्ह.. अब बस थोड़ी देर बाद.. आह्ह.. तुम्हें मज़ा आएगा..
रोमा- आह्ह.. आई.. तुम बहुत बदमाश हो आह्ह.. थोड़ी देर बाद क्यों.. आह्ह.. मुझे तो अभी मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. चोदो आह्ह.. फास्ट.. आह्ह.. मुझे अब.. आह्ह.. बहुत मज़ा आने लगा है आह्ह..
नीरज स्पीड से चोदने लगा.. अब रोमा पूरी मस्ती पर थी.. उसका दर्द फुर्र… हो गया था.. बस वो तो चुदाई का असीम आनन्द ले रही थी.. किसी तितली की तरह खुले आसमान में उड़ रही थी।
करीब 15 मिनट की चुदाई की इस उड़ान के बाद रोमा को वो अहसास हुआ.. जो पहली बार चुदने में नहीं हुआ था। उसकी चूत में बेहद तेज सनसनी होने लगी.. उसने नीरज को कस कर पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से मादक सीत्कारें करने लगी। रोमा के जलते शरीर और गर्म अहसास से नीरज भी पिघल गया।
दोनों का वीर्य व रज एक साथ निकल गया और दोनों ही निढाल से हो गए..
कुछ देर बाद रोमा को कुछ याद आया तो वो झटके से बैठ गई।
नीरज- क्या हुआ मेरी जान?
रोमा- ये अपने क्या कर दिया.. मेरे अन्दर ही पानी निकाल दिया.. कहीं बच्चा ठहर गया तो?
नीरज- अरे कुछ नहीं होगा.. मेरे पास इसकी गोली है.. अभी खा लेना.. कुछ नहीं होगा.. अब देखो दर्द कम हुआ ना?
रोमा- चुदाई के समय तो बिल्कुल दर्द नहीं था.. अब थोड़ा हो रहा है..
नीरज- कुछ नहीं होगा.. इसी कमरे में थोड़ा चल-फिर लो.. फिर तुम ठीक से चल पाओगी और लो.. मैं गोली दे देता हूँ.. खा लो..
नीरज ने रोमा को गोली खिला दी और उसे वहीं चलाता रहा। आधे घंटे में वो नॉर्मल हो गई।
रोमा ने कहा- बहुत समय हो गया.. मुझे मेरी सहेली के घर के पास छोड़ दो.. ताकि वो उसको समझा सके..
नीरज ने रोमा को पक्का समझा दिया कि मेरे बारे में अभी किसी को कुछ मत बताना।
दोनों रेडी होकर वहाँ से चले गए।
दोस्तो, टीना की बात आपको अधूरी बताई थी.. अब रोमा भी वहीं जा रही है।
तो चलो यह गाड़ी में जाएगी और मैं आपको पहले ही वहाँ उड़ा कर ले जाती हूँ।
स्कूल के बाद टीना घर आ गई थी।
आयुष- अरे आ गई मेरी बहना.. मैं तेरा ही इंतज़ार कर रहा था।
टीना- क्या बात है भाई.. आज अपनी बहन पर इतना प्यार कैसे आ रहा है? कोई काम है क्या मुझसे?
आयुष- अब ज़्यादा भोली मत बन.. मैंने तुम्हें कुछ पूछा था.. और तुमने स्कूल से आकर बताऊँगी कहा था.. अब बताओ ना.. उससे बात की क्या?
टीना- अरे कहाँ की.. वो तो आई और गई.. बात क्या उसके भूत से करती?
आयुष- अरे ठीक से बता ना.. क्या आई और गई.. बोल रही है..
टीना- मेरे प्यारे भाई.. वो सुबह आई.. उसने मुझसे कहा कि मेरी छुट्टी की अर्जी लगा दे.. मुझे कहीं जाना है.. और बाद वो चली गई..
आयुष- ओह्ह.. अच्छा तो मतलब.. आज भी बात नहीं हुई..
टीना अपने भाई के करीब आई और प्यार से उसके चेहरे को हाथों में लेकर कहा- अरे अरे.. मेरे भोले भैया.. उदास क्यों होते हो.. वो अभी यहाँ आने वाली है.. तब उससे बात कर लूँगी..
इतना सुनते ही आयुष खुश हो गया और टीना से लिपट गया.. उसको उठा कर घूमने लगा।

ओ हैलो.. रूको रूको.. यह क्या है.. हर जगह सेक्स नहीं होता.. ये दोनों भाई-बहन हैं। मैंने पहले बताया था ना.. इनमें दोस्तों जैसा रिश्ता भी है और आपने क्या सोचा टीना की ‘न्यू एंट्री’ हो गई.. तो ये भी चुदेगी.. नहीं.. आप गलत हो.. जरूरी नहीं कि जो कहानी में हो.. उसकी चुदाई भी हो.. ये इस कहानी का क्लाइमैक्स बनाएगी.. तभी इसने एंट्री ली है.. अब गंदे विचार दिल से निकालो और कहानी पर ध्यान दो..
टीना अपने कपड़े चेंज करने चली गई तभी दरवाजे की घंटी बजी।
टीना- जाओ भाई.. दरवाजा खोल दो आपकी रोमा मैडम आ गई हैं।
आयुष काफ़ी समय से रोमा को दिल ही दिल में चाहता था और अब उसने हिम्मत करके यह बात टीना को बता दी थी। आज उसने रोमा से पूछने को कहा था कि आयुष उसको कैसा लगता है.. अब रोमा आ गई है.. वो भी चुदकर.. तो देखो कहानी में क्या ट्विस्ट आता है..
आयुष ने दरवाजा खोला और रोमा को सामने देख कर उसके चेहरे की खुशी देखने लायक थी।
रोमा- टीना घर पर है क्या..? मुझे उससे मिलना है..
आयुष- हाँ.. वो अन्दर है.. आओ ना रोमा.. बाहर क्यों खड़ी हो?
रोमा अन्दर आ गई.. तब तक टीना भी बाहर आ गई थी और रोमा को लेकर वो अपने कमरे में चली गई।
टीना- अब बता.. स्कूल से गुलाटी मारकर कहाँ चली गई थी तू?
रोमा- अरे कहीं नहीं.. कुछ काम था यार.. तुझसे बस एक बात कहने आई हूँ.. प्लीज़ मॉम को आज की बात का पता ना चले.. बस..
टीना- अरे नहीं बताऊँगी यार.. मगर मुझे तो बता.. तू कहाँ गई थी आज.. और अभी आई है..
रोमा- कहा ना यार.. अभी नहीं.. बाद में बता दूँगी..
टीना- अच्छा मत बता मुझे.. तुझे एक बात बतानी है.. प्लीज़ यार तू बुरा मत मानना..
रोमा- क्या बात है बता तो..
टीना- वो क्या है ना.. कई दिनों से आयुष भाई.. तुम्हारे बारे में ज़्यादा पूछते रहते हैं तो मुझे शक हुआ और मैंने उनके मन बात उनसे पूछ ली.. यार.. वो तेरे में इंटरेस्टेड हैं.. मगर कहने से डरते हैं.. इसलिए उन्होंने मुझसे तुमसे बोलने को कहा। अब तू तो मेरे भाई को जानती है ना कि वो कितने सीधे हैं।
रोमा- तू क्या कह रही है.. नहीं यार.. मैंने आयुष के बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा, और प्लीज़ दोबारा ऐसा कुछ भी मत कहना..
टीना- अरे तू इतना गुस्सा क्यों हो गई.. तेरा मन नहीं तो ना कह दे.. ऐसे गुस्सा होने का क्या मतलब है?
रोमा- ओके सॉरी.. यार.. लेकिन प्लीज़ मैं आयुष से.. नहीं नहीं.. कभी नहीं..
टीना- अच्छा ठीक है.. मैं भाई को बता दूँगी और बता क्या लेगी?
रोमा- नहीं कुछ नहीं.. मुझे घर जाना है अगर ज़्यादा देर हुई तो मम्मी मार डालेगी.. अच्छा तू बस आज की बात किसी को बताना मत.. यार ओके बाई..
रोमा जल्दी में वहाँ से निकल गई और टीना बस उसको देखती रही।
आयुष बड़ा उतावला था रोमा के बारे में जानने को.. वो झट से टीना से जा मिला और पूछ लिया कि बात की क्या?
टटीना अपने भाई का दिल नहीं तोड़ना चाहती थी.. तो उसने झूठ कह दिया कि रोमा ने सोचने के लिए कुछ समय माँगा है।
आयुष खुश हो गया कि आख़िर रोमा तक बात तो गई और वो ख़ुशी-ख़ुशी टीना के लिए आइसक्रीम लेने चला गया।
ओके दोस्तो.. यह बात यहीं रोकती हूँ.. आगे वक़्त आने पर बता दूँगी.. अभी राधे और ममता के पास चलते हैं।
ममता ने दोपहर का खाना रेडी कर दिया था और राधे भी नहा कर फ्रेश हो गया था। अभी वो मेन गेट के पास कुर्सी पर बैठा ही था कि मीरा स्कूल से आ गई।
मीरा- गुड नून मेरे प्यारे हज़्बेंड.. क्या बात है.. बाहर क्यों बैठे हो.. ममता कहाँ है?
राधे- आ गई मेरी मीरा रानी.. वो अन्दर खाना रेडी कर रही है.. चलो चेंज कर लो साथ में खाएँगे.. आज तो बड़ी जोरों की भूख लगी है।
मीरा- क्यों मेरे आशिक.. ममता के साथ ज़्यादा उछल-कूद कर ली क्या?
राधे- सब बताऊँगा.. पहले खाना तो खा लो मेरी जान..
मीरा अन्दर गई तो ममता उसको देख कर शर्मा गई।
मीरा- ओह्ह.. ये बात… मुझसे शर्मा रही हो और मेरे आने के पहले क्या-क्या किया होगा.. तब शर्म नहीं आई?
ममता- बीबी जी, खाना तैयार है.. आप कपड़े बदल लो.. ये बातें बाद में होती रहेगीं।
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09-24-2018, 01:48 PM,
#57
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
मीरा ने कपड़े बदल लिए और खाने के दौरान वो ममता और राधे को छेड़ती रही।
खाने के बाद ममता को कहा कि रसोई की सफ़ाई के बाद वो चली जाए।
ममता ने अपना काम निपटा दिया और वो चली गई। राधे और मीरा कमरे में बैठे बातें कर रहे थे।
मीरा- अब बताओ ना.. आज क्या किया और कैसे किया.. चुदाई में मज़ा आया क्या? और ममता को मज़ा आया या नहीं.. सब बात बताओ..
राधे- मेरी जान.. अगर अभी बताऊँगा.. तो तुम्हारे साथ मैं भी गर्म हो जाऊँगा और फिलहाल अभी मेरा चुदाई करने का बिल्कुल मूड नहीं है.. तुम थकी हुई आई हो.. सो जाओ.. रात को बताऊँगा और साथ में तुम्हारी ठुकाई भी करूँगा।
मीरा जल्दी मान गई.. क्योंकि चुदने का अभी उसका भी कोई इरादा नहीं था।
दोनों आराम से सो गए.. उधर रोमा भी अपने घर चली गई। उसकी चूत में दर्द तो था.. मगर अब वो ठीक से चल पा रही थी। उसकी माँ को शक होने का सवाल नहीं था। बेटी स्कूल से जो आई थी.. तो यहाँ भी यही हुआ.. खाना खाकर रोमा भी गहरी नींद में सो गई। उसको तो ऐसी नींद आई कि बस पूछो मत… चुदाई के बाद थकान कैसी होती है.. ये तो चुदाई करने वाले ही अच्छी तरह बता सकते हैं।
शाम को नीरज बड़ा खुश था और वो अपनी ख़ुशी बांटने शीला के पास चला गया। जब उसको सारी बात बताई तो..
शीला- अरे वाह.. मेरे राजा.. बड़ी जल्दी लड़की पटा ली और उसका मुहूरत भी कर दिया.. तू साला बड़ा हरामी निकला रे..
नीरज- हाँ साली.. तूने तो मेरी लाइफ बना दी.. ये ले देख तेरे लिए सोने की बालियाँ लाया हूँ.. ले पहन ले.. तेरा इनाम है ये साली.. हिच हिच.. तू मस्त है..
नीरज नशे में धुत्त था और शीला भी उसका पूरा फायदा उठाना चाहती थी।
शीला- देख नीरज.. अभी शुरूआत है.. तू आराम से उस चिड़िया को चोद-चोद कर मज़ा ले.. मगर चूत हमेशा टाइट नहीं रहती है.. उस लड़की के जरिए तुझे दूसरी लड़की भी मिल जाएगी.. मगर सब होशियारी से करना होगा.. अभी कुछ महीने तो वो बड़ा मज़ा देगी.. उसके बाद वो ढीली हो जाएगी.. तब तुझे दूसरी चूत चाहिए होगी.. तो कहाँ से लाएगा?
नीरज- तू ठीक बोलती है शीला रानी.. उसके जरिए दूसरी लड़की कैसे आएगी.. तू आइडिया बता ना.. साली तेरा दिमाग़ बहुत तेज़ चलता है..।
शीला- बता दूँगी मेरे राजा.. अभी तो उसका मज़ा ले बस.. और ‘हाँ’ किसी तरह मोबाइल में उसकी नंगी तस्वीरें और चुदाई का वीडियो रिकॉर्ड कर ले.. बस वक़्त आने पर वो तेरे बहुत काम आएँगे.. और ‘हाँ’ मुझे ये बालियाँ दीं.. ठीक है.. मगर एक सोने का हार ला देगा… तो मज़ा आ जाएगा मेरे राजा जानी..
नीरज- साली अभी नहीं.. उस रोमा को पटाने के चक्कर में बहुत खर्चा हो गया। किराए का फ्लैट.. गाड़ी.. इन सब में बहुत पैसा चला गया। अब दोबारा राधे के पास जाना होगा। साला वो भी मज़ा ले रहा होगा.. उससे पैसे लाऊँगा.. तो पक्का तुझे हार ला दूँगा।
शीला- ठीक है मेरे राजा.. अब तू जा.. मेरा ग्राहक आने वाला है.. तू तो मुझे अब चोदेगा नहीं.. तेरे को तो कच्ची मिल गई है.. जा मज़े कर..
नीरज वहाँ से चला गया और दोबार पीने के लिए दारू की दुकान पर जाकर बैठ गया।
उधर रात के खाने के बाद राधे और मीरा कमरे में बैठे बातें कर रहे थे।
मीरा- राधे अब बताओ ना.. सुबह कितनी बार ममता को चोदा और कैसे-कैसे चोदा.. मज़ा आया या नहीं?
राधे- अरे क्या बताऊँ मीरा.. सुबह बहुत मज़ा आया.. वो ममता का पति सच में नामर्द है.. उसने कुछ नहीं किया था.. ममता तो एकदम कसी हुई है.. अब तक उसके चूचे भी कड़क हैं और चूत तो इतनी टाइट.. जैसे तुम्हारी है।
मीरा- क्या बात करते हो.. तब तो ममता को बहुत दर्द हुआ होगा?
राधे- होगा कैसे नहीं.. मेरा लौड़ा है ही ऐसा.. हालत बिगाड़ दी उसकी..
मीरा- शुरू से सब बताओ ना.. मुझे मज़ा आ रहा है..
राधे- ऐसे नहीं.. पहले नंगी हो जाओ ताकि बात करते हुए हम गर्म हो जाएं तो कपड़े निकालने में समय खराब ना हो.. हम सीधे चुदाई शुरू कर सकें।
मीरा- हाँ ये ठीक रहेगा.. तुम भी निकाल दो.. मैं बात सुनती रहूंगी और लौड़ा सहलाती रहूंगी.. ताकि ये मस्त कड़क हो जाए..
अब दोनों एकदम नंगे बैठे हुए थे और राधे सुबह ममता के साथ हुई चुदाई को विस्तार से मीरा को बता रहा था.. जिसे सुन कर मीरा की उत्तेजना बढ़ रही थी। वो पहले तो लौड़े को सहला रही थी.. बाद में मुँह में लेकर चूसने लगी।
राधे- अरे क्या हुआ मेरी मीरा डार्लिंग.. इतनी क्या जल्दी है लौड़े को चूस-चूस कर मेरा हाल खराब कर दिया.. अब ये मानेगा नहीं.. अपनी चूत को तैयार कर ले.. अब बस ये फुंफकारने लगा है.. आह्ह.. आह..
मीरा- तुम्हारी बातें सुनकर मेरे जिस्म में आग लग गई है और एक बात से मुझे थोड़ा दु:ख भी हुआ है..
राधे- अरे मैंने तो तुम्हें चुदाई कथा सुनाई उसमें दु:ख कहाँ था?
मीरा- था मेरे भोले आशिक.. बहुत दु:ख था.. एक तरफ़ तो मैं अपनी गाण्ड नहीं मारने देती.. ऊपर से ममता ने भी मना कर दिया.. इस बात का मुझे दु:ख हुआ..
राधे- ओह्ह..ये बात है.. अरे इसमें दुखी होने की क्या बात है.. आज नहीं तो कल.. तुम दोनों की गाण्ड मैं ही मारूँगा ना..
मीरा- कल नहीं.. आज ही.. तुम मेरी गाण्ड मारोगे.. मैं अब तुम्हें ज़्यादा नहीं तड़पाऊँगी.. तुम्हें मेरी गाण्ड से प्यार है ना.. तो आज इसका भी मुहूरत कर दो.. उसके बाद तुम जब चाहो.. मेरी चूत मारना.. और जब चाहो गाण्ड मारना। अब सब तुम्हारा ही तो है।
राधे- अरे वाह.. मेरी मीरा आज तो दिल खुश कर दिया.. कसम से तेरी गाण्ड को देख कर.. लौड़ा रोज झटके ख़ाता था.. आज मारने के नाम से ही आधा इन्च बड़ा हो गया।
मीरा- क्या बात कर रहे हो.. पहले ही तुम्हारा लौड़ा बम्बू जैसा लंबा था.. अब और बढ़ गया है.. आज तो मेरी गाण्ड की खैर नहीं..
राधे- अरे डर मत मेरी मीरा रानी.. बड़े प्यार से देसी घी लगा कर तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसाऊँगा..
मीरा- अच्छा मेरे आशिक.. तुम घी लाओ.. मैं बाथरूम जाकर आती हूँ.. उसके बाद तुम्हारा लौड़ा गाण्ड में जाएगा.. तो ठीक से बैठ भी नहीं पाऊँगी मैं..
राधे- अरे जा.. मेरी जान.. गाण्ड में लौड़ा गया नहीं कि पहले ही तेरी गाण्ड फट गई.. हा हा हा.. जा.. हल्की होकर आ जा.. उसके बाद मैं आज आराम से तेरी गाण्ड को खोलूँगा..
मीरा बाथरूम चली गई और राधे रसोई में घी लाने चला गया।
उसने घी को हल्का गर्म किया और कमरे में ले आया।
दोस्तो, मीरा आए.. तब तक थोड़ी देर रोमा के पास चल कर देख आते हैं वो क्या कर रही है।
अपने कमरे में एकदम नंगी लेटी हुई किसी को फ़ोन लगा रही थी।
किसी को क्या नीरज को ही लगा रही होगी और आधी रात को किसको लगाएगी..
नीरज- हैलो मेरी जान.. क्या हुआ नींद नहीं आ रही क्या..?
रोमा- नीरज ये अपने क्या कर दिया.. मुझे अपने जिस्म पर कपड़ा अच्छा नहीं लग रहा.. बस मन कर रहा है नंगी ही रहूँ.. आह्ह.. और मेरी चूत में सूजन आ गई है.. मैं क्या करूँ अब?
नीरज- मेरी जान पहली बार चुदी हो ना.. तो कपड़ा कैसे अच्छा लगेगा.. तुम्हें इस वक़्त जिस्म पर कपड़ा नहीं.. जवान मर्द का जिस्म चाहिए.. जो तुम्हें अपने आगोश में लेकर प्यार करे.. तुम्हारी सूजी हुई चूत को चाट कर आराम दे..
रोमा- उफ़.. ऐसी बातें मत करो.. एक तो पहले ही मैं परेशान हूँ.. आप और मत सताओ.. बताओ ना.. मैं क्या करूँ.. जिससे मुझे आराम मिले..
नीरज- मेरी जान.. कल आ जाओ अब तुम्हें आराम मेरे लौड़े से ही मिलेगा.. जैसे बहुत तेज़ भूख लगी हो और 2 निवाला लेकर तुम्हें उठना पड़े.. तो उसके बाद भूख और बढ़ जाती है ना.. वैसे ही तुम्हारी चूत बस दो बार लंड लेकर और प्यासी हो गई है.. अब इसको लौड़ा ही शान्त कर सकता है.. आ जाओ कल..
रोमा- आह्ह.. इससस्स.. कैसी बातें कर रहे हो.. आह्ह.. ऐसे रोज स्कूल से गायब हुई.. तो सब को पता चल जाएगा..
नीरज- अच्छा कल शाम को किसी बहाने आ जाना ना.. प्लीज़..
रोमा- आ जाऊँगी.. आह्ह.. मगर अभी तो कुछ बताओ.. मैं क्या करूँ?
नीरज- एक काम करो.. ठंडे पानी से नहा लो और चूत पर कोई क्रीम लगा 
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09-24-2018, 01:48 PM,
#58
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
रोमा- ठीक है जानू.. अब रखती हूँ.. आह्ह.. अब नहा कर ही सुकून मिलेगा.. बाय मेरे जानू लव यू..
अरे अरे.. ये क्या.. यहीं अटक गए.. थोड़ी देर के लिए कैमरा यहाँ क्या घुमाया.. आप तो बस.. जाने दो नहीं करनी आपसे बात.. वहाँ मीरा बाहर कब की आ गई.. जाओ खुद देख लो..
राधे- अरे वाह.. मेरी जान ये क्या बात हुई तुम मेरे पास ऐसे उल्टी चलकर क्यों आ रही हो?
मीरा- आपको मेरी गाण्ड दिखा रही हूँ ना.. ताकि लौड़ा और बड़ा हो जाए..
राधे- अच्छा ये बात है.. तुम्हें डर नहीं लग रहा.. मेरे लौड़े से.. कि जब ये अन्दर जाएगा तो तुम्हें कितना दर्द होगा..
मीरा- मेरे आशिक.. जब चूत की सील इस लौड़े से तुड़वा ली.. तो गाण्ड में क्या हर्ज है.. और डर किस बात का.. वो लंड ही क्या.. जो दर्द ना दे..
राधे- उफ़.. मार डाला रे.. तूने तो कसम से.. आज तो तूने मुझे अपना गुलाम बना लिया.. मैं झुक कर तुम्हें सलाम करता हूँ।
मीरा- नहीं नहीं.. राधे, मेरे पास चूत और गाण्ड के सिवा कुछ नहीं है.. मेरे सामने मत झुको.. तुम्हें गाण्ड मारनी है.. मरवानी नहीं है.. हा हा हा हा..
राधे- ओ तेरी की.. साली मुझे छेड़ती है.. रुक अभी तेरी मस्ती निकलता हूँ..
मीरा कमरे में इधर-उधर भागने लगी और राधे उसके पीछे उसको पकड़ने में लग गया।
राधे ने मीरा को आख़िर पकड़ ही लिया और बिस्तर पर सीधा लेटा दिया।
मीरा- क्या हुआ आशिक जी.. गाण्ड मारने का इरादा कैंसिल कर दिया क्या?
राधे- नहीं मेरी जान.. क्यों ऐसा क्यों बोल रही हो?
मीरा- ऐसे लेटा कर कैसे गाण्ड मारोगे.. मेरे आशिक?
राधे- मेरी जान पहले थोड़ा प्यार तो कर लूँ.. ऐसे सीधे ही लौड़ा गाण्ड में घुसा दूँगा.. तो तुम कहोगी मज़ा नहीं आया..
मीरा- ओह्ह.. ये बात है.. प्यार करोगे तो मेरी चूत में आग लगेगी.. उसके बाद मुझे लौड़ा चाहिए.. तो गाण्ड मारोगे या चूत?
राधे- मेरे लंड में इतनी ताक़त है कि मैं तुम्हारी चूत और गाण्ड दोनों की बैंड बजा दूँगा।
इतना कहकर राधे चूचे चूसने लगा.. मीरा को मसलने लगा.. कभी उसके होंठ चूसता… तो कभी मम्मों का रस पीता.. दस मिनट तक वो दोनों एक-दूसरे को चूमते-चाटते रहे।
मीरा- उई राधे.. अब बस भी करो.. आह्ह.. घुसा दो अपना डंडा मेरी गाण्ड में.. आह्ह.. आज पूरी तरह मुझे अपना बना लो आह्ह..
राधे ने मीरा को पेट के बल लेटा दिया और उसकी कमर को थोड़ा ऊपर कर दिया.. जिससे गाण्ड ऊपर को उठ गई..
अब राधे के सामने मीरा की एकदम गोरी गाण्ड थी.. जिसके बीच में छोटा सा हल्का गुलाबी छेद था.. जैसे कोई गुलाब हो.. राधे का ऐसी प्यारी गाण्ड देख कर लौड़ा फुंफकार रहा था…
मीरा- आह्ह.. राधे आराम से डालना.. कहीं मेरी गाण्ड फट ना जाए..
राधे- डर मत मीरा.. तू मेरी बीवी है और ये गाण्ड मुझे बरसों मारनी है.. इसको फाड़ दूँगा.. तो आगे क्या मारूँगा.. इसका मुहूरत बड़े प्यार से करूँगा… तू बस देखती जा..
राधे ने पास पड़ी प्याली से थोड़ा घी उंगली पर लगाया और मीरा की गाण्ड के छेद पर लगाने लगा..
मीरा की गाण्ड कभी सिकुड़ती.. कभी खुलती.. वो नज़ारा किसी को भी पागल बना देने के लिए काफ़ी था।
राधे ने आराम से उंगली गाण्ड में घुसा दी।
मीरा- आह्ह.. बहुत अच्छा लग रहा है राधे.. तुम बहुत अच्छे हो..
राधे- बोलो मत मीरा.. बस मज़ा लो.. मैं पहले उंगली से घी अन्दर तक घुसा देता हूँ.. ताकि जब लौड़ा अन्दर जाए तो तुम्हें दर्द कम महसूस हो..
मीरा- आह्ह.. मैं जानती हूँ.. मेरे आशिक.. मुझे तकलीफ़ देकर तुम खुद परेशान हो जाओगे.. मगर तुम्हारी मीरा कमजोर नहीं है.. आह्ह.. घुसा दो अपना लौड़ा.. आह्ह.. में हर दर्द को सह जाऊँगी..
राधे- मैं जानता हूँ.. मेरी जान.. अब बस तुम दाँत भींच लो.. मैं लौड़ा घुसा रहा हूँ।
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09-24-2018, 01:48 PM,
#59
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
राधे ने उंगली घी में डुबोई और पूरी उंगली गाण्ड के अन्दर घुसा दी.. मीरा को थोड़ा दर्द हुआ.. मगर वो बस सिसक कर रह गई.. उसके बाद राधे ने लौड़े पर अच्छे से घी लगाया.. खास कर सुपाड़े को घी से तर कर लिया.. जिससे टाइट गाण्ड में लौड़ा आराम से घुस जाए।
अब राधे ने सुपाड़े को छेद पर रखा और ज़ोर लगाने लगा.. मगर लौड़ा घुसने की बजाय फिसल कर कभी ऊपर तो कभी नीचे चला जाता..
मीरा- क्या कर रहे हो राधे.. आह्ह.. घुसाओ ना.. आह्ह..
राधे- अरे मेरी जान.. तेरी गाण्ड का सुराख बहुत छोटा है.. साला लौड़ा ऐसे नहीं जाएगा.. तू ऐसा कर अपने दोनों हाथों से थोड़ा गाण्ड को फैला.. बस एक बार टोपी अन्दर घुस जाए.. उसके बाद तो पूरा लौड़ा अपने आप घुस जाएगा..
मीरा- ठीक है मेरे आशिक.. जैसा तुम कहो.. अब करना ही पड़ेगा.. तुमसे प्यार जो करती हूँ.. मीरा ने अपने हाथों से गाण्ड को फैलाया तो राधे ने झट से सुपाड़ा गाण्ड में फँसा दिया और दबाव बनाने लगा।
मीरा- आह्ह.. उई.. राधे मेरी गाण्ड आज फट जाएगी.. आह्ह.. अभी सुपाड़ा गया.. तो ऐसे लग रहा है.. जैसे ओई.. लोहे की रोड घुस गई हो गाण्ड में..
राधे- अरे ऐसे कैसे फट जाएगी.. मैं हूँ ना.. तू बस अपने हाथों को टाइट रख.. नीचे मत गिर जाना.. घी का कमाल दिखाता हूँ.. मैं अब लौड़ा धीरे-धीरे घुसाऊँगा.. तू बस हिम्मत रख..
मीरा- आह्ह.. ठीक है.. उफ़फ्फ़ बहुत जलन हो रही है.. आह्ह.. आगे घुसाओ आह्ह..
राधे ने कमर पर दबाव बनाया और थोड़ा लंड और अन्दर घुसा दिया। वैसे तो मीरा की गाण्ड बहुत टाइट थी मगर घी से लौड़े को फिसलने में आसानी हो रही थी।
राधे- उहह मीरा तेरी गाण्ड है.. या क्या है.. आह्ह.. लौड़े को कैसे दबा लिया.. सारी नसें दब कर रह गई हैं.. आह्ह.. मगर जब पूरा लौड़ा घुस जाएगा.. कसम से मुझे पेलने में बहुत मज़ा आएगा आह्ह..
राधे ने एक झटका मारा तो आधा लौड़ा अन्दर घुस गया.. इस बार मीरा की हालत खराब हो गई। उसकी आँखों में आँसू आ गए.. मगर उसने दाँत भींच लिए।
राधे- उहह सॉरी जान.. थोड़ा जल्दी घुसा दिया.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है..
मीरा- ओई.. आह राधे.. आह्ह.. तुम फिकर मत करो.. आह्ह.. मुझे कुछ नहीं होगा.. आह्ह.. अभी पूरा मत घुसेड़ना बस.. आह्ह.. आधे को ही अन्दर-बाहर करो.. आह्ह.. थोड़ी जलन कम हो जाए.. तो पूरा घुसा देना आह्ह.. ओई…
राधे को पता था मीरा को दर्द तो बहुत हो रहा है.. मगर वो दर्द को सह गई। मीरा की इस अदा पर राधे को बहुत प्यार आया..
राधे अब धीरे-धीरे लौड़े को आगे-पीछे करने लगा..
मीरा- आह्ह.. ओई.. मारो आह्ह.. मेरे आशिक आह्ह.. तुम्हारा लौड़ा.. आह्ह.. मुझे.. आह्ह.. बहुत अच्छा लगता है.. आह्ह.. चोदो.. आह्ह.. मेरी गाण्ड की फिकर मत करो.. आह्ह.. फाड़ दो.. आह्ह.. घुसा दो पूरा लौड़ा.. आह्ह.. अब दर्द जरा कम सा हुआ है.. आईई..
राधे आधे लौड़े को आगे-पीछे कर रहा था.. मगर हर झटके के साथ आधा इन्च लौड़ा और अन्दर घुस जाता.. मीरा बोलती रही कि पूरा घुसा दो.. मगर उसको नहीं पता था.. राधे उसे दिलो जान से मोहब्बत करता था.. वो आराम से पूरा लौड़ा घुसाना चाहता था..
मीरा- आह्ह.. ओई.. घुसा दो उफ़.. फाड़ दो मेरी गाण्ड ओई.. आह..
राधे का लौड़ा अब गाण्ड में सैट हो गया था.. फुच्च..फुच्च की आवाजें आने लगी थीं.. राधे हर बार लौड़े को आगे सरकाता रहा.. और पूरा लौड़ा गाण्ड की अंधी खाई में खो गया। जब राधे की जाँघें मीरा की जाँघों से टकराईं.. तब उसको अहसास हुआ कि पूरा लौड़ा अन्दर घुस गया है।
मीरा- आह्ह.. उह.. राधे पूरा लौड़ा गाण्ड में घुस गया है.. वाह.. पता नहीं चला.. मज़ा आ गया.. जितना दर्द.. सोचा था ओई.. उतना नहीं हुआ.. आह्ह.. अब जल्दी-जल्दी चोदो.. आह्ह.. मारो.. आह्ह.. मेरी गाण्ड को आह.. खोल दो.. ओई…
राधे ने स्पीड से लौड़े को झटके देने शुरू कर दिए। अब मीरा हर धक्के के साथ आगे चली जाती.. मगर राधे ने कस कर मीरा की जाँघें पकड़ ली थीं.. वो बस ‘दे ठकाठक.. दे ठकाठक’ गाण्ड को ठोके जा रहा था।
मीरा भी अपनी गाण्ड को पीछे धकेल कर चुद रही थी..
मीरा- आह्ह.. आईईइ.. राधे आह्ह.. तुम लौड़ा गाण्ड से निकाल कर आह्ह.. थोड़ी देर चूत में घुसा दो.. आह्ह.. बड़ी गुदगुदी हो रही है.. आह्ह.. ओई…
राधे ने लौड़ा गाण्ड से निकाला.. तो पक्क की तेज आवाज़ आई.. जैसे किसी कोल्डड्रिंक का ढक्कन खुलने पर आती है..
राधे ने एक ही झटके में पूरा लौड़ा चूत में घुसा दिया..
मीरा- आह उईईइ.. मज़ा आ गया.. अब स्पीड से मेरी चूत को चोदो आह्ह.. उह.. जल्दी करो आह्ह..
राधे- उफ़.. साला लौड़ा कितना फँसा हुआ था.. तेरी गाण्ड में.. आह्ह.. अब आराम मिला.. उहह ले मेरी जान.. उहह संभाल उफ़.. तेरी चूत.. क्या मस्त गीली हो रही है.. आह्ह.. ले ले..
मीरा पहले ही झड़ने के करीब थी। राधे के लौड़े ने चूत का माहौल और गर्म कर दिया। दो ही मिनट में वो कामरस छोड़ने लगी..
मीरा- आह फास्ट.. आह फास्ट.. मैं गई आह.. उह… आह आह..
राधे ने स्पीड से लौड़े को बाहर निकाला और अबकी बार एक ही झटके में पूरा गाण्ड की गहराई में घुसा दिया..
मीरा- आआआ आआआ.. मर गई रे.. आह्ह.. जालिम.. चूत से निकाल कर सीधा ही घुसा दिया.. उफ़.. आह्ह..
राधे अब स्पीड से गाण्ड मारने लगा था। उसका लौड़ा भी अब तनकर फटने को तैयार हो गया था.. किसी भी पल माल की मूसलाधार बारिश हो सकती थी।
पांच मिनट की गाण्ड ठुकाई के बाद राधे के लौड़े ने मीरा की गाण्ड को पानी-पानी कर दिया। अब राधे ने लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाल लिया और गाण्ड के छेद को देखने लगा।
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09-24-2018, 01:48 PM,
#60
RE: Chodan Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
मीरा सीधी होकर लेटना चाहती थी.. मगर राधे ने उसकी जाँघें पकड़ रखी थीं।
मीरा- उफ़.. राधे अब क्या है.. हटो ना.. आह्ह.. मुझे लेटने दो ना..
राधे- जान तेरी गाण्ड को देख रहा हूँ.. कैसे बन्द हो रही है और खुल रही है.. क्या मस्त नजारा है..
मीरा- बस बस.. अब हटो भी.. तुम्हें तो मज़ा आ रहा है.. मेरी गाण्ड की क्या हालत है.. मैं ही जानती हूँ।
मीरा सीधी होकर लेट गई.. उसको अभी भी ये महसूस हो रहा था.. जैसे उसकी गाण्ड में लौड़ा फँसा हुआ हो..
वो दोनों काफ़ी देर तक बातें करते रहे.. उसके बाद राधे ने एक बार और मीरा की गाण्ड मारी और इस बार उसका पानी बहुत देर से निकला.. राधे बीच-बीच में मीरा की चूत भी मारता रहा.. कभी लौड़ा गाण्ड में घुसता.. तो कभी चूत में जाता.. इस तरह उसने मीरा को 2 बार और ठंडा किया और आख़िर में खुद मीरा की चूत में पानी छोड़ कर ठंडा हो गया।
अब दोनों थक कर चूर हो गए थे और कब सो गए.. पता भी नहीं चला..
सुबह 5 बजे मीरा की आँख खुल गई.. उस वक़्त वो राधे से चिपकी हुई थी और राधे का लौड़ा तन कर खड़ा हुआ था।
मीरा- आह्ह.. रात को इतनी चुदाई की है.. लेकिन अभी भी अकड़ा हुआ है.. इसने तो उफ़..मेरी गाण्ड का हाल बिगाड़ दिया।
मीरा बड़बड़ाती हुई बाथरूम चली गई और 10 मिनट बाद फ्रेश होकर वापिस आई.. तब भी राधे का लौड़ा खड़ा था और उसको सलामी दे रहा था।
मीरा- ओह्ह.. मेरे राधे आई लव यू.. तुम कितने अच्छे हो और तुम्हारा लंड तो कमाल का है.. कभी थकता ही नहीं.. अभी भी कितना प्यारा लग रहा है.. ये मन करता है.. खा जाऊँ।
इतना कहकर मीरा बिस्तर पर आ गई और लौड़े को सहलाने लगी।

थोड़ी देर सहलाने के बाद मीरा ने लौड़े को मुँह में भर लिया और प्यार से चूसने लगी.. तभी राधे की आँख खुल गई.. मगर वो चुपचाप लेटा.. मीरा को देखता रहा।
मीरा जड़ तक लौड़े को चूस रही थी और हाथ से ज़ोर-ज़ोर से उसको हिला रही थी। राधे को बड़ा मज़ा आ रहा था।
कुछ देर बाद मीरा थक गई और लौड़े को मुँह से बाहर निकल लिया।
मीरा- ओह्ह.. अब कैसे ठंडा करूँ तुम्हें.. तुम तो बहुत अकड़े हुए हो..
राधे- मेरी जान रात को चुदाई अधूरी रह गई थी क्या.. जो इतनी सुबह लौड़े को तैयार कर दिया..
राधे की आवाज़ सुनकर मीरा चौंक गई और शर्मा भी गई।
मीरा- अरे तुम उठ गए.. मैं समझी.. सोए हो.. और मैंने इसे तैयार नहीं किया ये शैतान खुद ही खड़ा-खड़ा.. मुझे बुला रहा था.. तो मैंने सोचा इसको ठंडा कर देती हूँ.. मगर ये झड़े तब ना..
राधे- मेरी जान इसका पॉवर तुम अच्छी तरह जानती हो.. फिर भी ऐसा कह रही हो.. अब इसको ठंडा करना ही है.. तो बन जाओ घोड़ी.. अभी तुम्हारी गाण्ड में घुसा कर ठंडा कर दूँगा..
मीरा- कोई जरूरत नहीं है.. मुझे इसको ठंडा करने की.. जाओ फ्रेश हो जाओ.. मैं चाय बना लाती हूँ.. आज जल्दी उठ गए है.. तो थोड़ी देर में पढ़ाई करूँगी.. पहले रोज सुबह पढ़ाई करती थी.. अब कितने दिनों से पढ़ाई नहीं की..
राधे- अरे जान ये तो ज़ुल्म है.. मेरे लौड़े को चूस कर खड़ा कर दिया.. अब चुदाई के समय पढ़ाई की बात कर रही हो.. मैं नहीं मानने वाला.. इसको ठंडा करो उसको बाद कुछ भी करो..
मीरा- नहीं नहीं.. जाओ नहीं करती.. क्या कर लोगे तुम?
राधे- अगर प्यार से नहीं मानी.. तो ज़बरदस्ती करना मुझे आता है..
मीरा- मेरे साथ ज़बरदस्ती करोगे.. इतनी हिम्मत है तुम्हारे अन्दर.. आओ करके दिखाओ?
मीरा उठकर भागने ही वाली थी कि राधे ने उसके पैर पकड़ लिए और उसको बिस्तर पर पटक दिया।
मीरा छटपटाने लगी.. मगर राधे उस पर टूट पड़ा.. उसके होंठ चूसने लगा और पैरों से उसके पैर दबा दिए.. लौड़ा ठीक चूत के सामने था.. राधे ने लौड़े को एडजस्ट किया और ‘घप’ से लौड़ा चूत में घुस गया..
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