01-03-2019, 04:19 PM,
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sexstories
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RE: Chodan Kahani नीता की खुजली
रात को गरम हुई पड़ी नीता ने रमेश के लंड को पकड़ लिया और तब तक उस लंड
से खेलती रही जब तक रमेश ने उसकी चूत पूरी गीली नही कर दी. आज उसने
हिम्मत कर के रमेश के लंड को मुँह मे डाल ही दिया जब वो चुदाई करके निढाल
बिस्तर पर लेटा था. रमेश को यह कुच्छ अजीब लगा पर मज़ा आया इसलिए चुप
रहा. ?आपका ये कितना प्यारा है जानू !? कहते हुए नीता ने उसके टटटे
सहलाए.
रमेश ये सुन कर जोश मे आ गया और फिर नीता को चूमने लगा. नीता धीरे से
बोली ?क्या आप को मेरी ये अच्छि नही लगती?? और उसने अपना हाथ अपनी छूट पे
रख दिया. ?तुम्हारी तो बहुत प्यारी है.? कहते हुए रमेश ने पाने पंजों मे
उसकी चूत दबोच ली. ?तो आप इसको चुम्मि क्यों नही देते?? नीता शरमाने की
आक्टिंग करते हुए बोली और उसका लंड कस के पकड़ लिया. लंड पे दबाव और नीता
कि सेक्सी बात सुन कर रमेश उल्टा हो गया और उसकी चूत मे मुँह डाल दिया.
नीता निब ही उसके लंड को मुँह मे डाल कर ऐसा दबाया कि रमेश अगले आधे घंटे
तक उत्तेजित हो कर उसकी चूत चाटने मे मस्त रहा. तब तक नीता ने उसके लंड
को चूस चूस कर निढाल कर दिया?..
रात भर नीता सोई नही. आज उसने अपने ससुर से चुदवाया, फिर नितिन से
चुस्वाया, और आख़िर रमेश को चूसा. उसका मान खुशी से बाग बाग हो रहा था और
उसकी चूत पानी पानी?
अब तो उसकी हिम्मत जैसे खुल गई थी.उसके सब्र का बाँध अब टूट गया था. उसके
सामने अब एक अनंत समुंदर था काम वासना का.
सुबह उठ कर रमेश का लंड चूस्ति और जब वो तय्यार हो जाता तब उस पर सवारी
करती. जब तृप्त हो जाती रमेश से चुस्वाती और तभी उसको अपने हिसाब से
चोदने देती.
नाश्ता देने के बहाने ससुर के कमरे मे जाती और उनसे अपने शारीर का भोग
लगवाती.
वो चोद तो नही पाते थे पर उसके शरीर के हर अंग को दबाते और चूमते
ज़रूर थे. दोपहर मे जब सास नही होती तब नीता को अपनी जांघों पर बिठा कर
उसकी चूत की आग ठंडी करते. लता को काम से अब हटा दिया गया था ताकि नीता
और ससुर मज़े कर सके.
कुच्छ महीनों बाद नीता को मायके जाने की इच्च्छा हुई. रमेश उसे छ्चोड़ने
गया.ट्रेन मे पता नही कितने लोगों ने नीता के कूल्हे पे हाथ फेरा और
कितनों ने उसकी गांद पे अपना लंड सेका. नीता की नाभि से नीचे गिरती सारी
और उसका उभरा वक्ष देख कर हर मर्द तन जाता था.
स्टेशन पर जब वो उतरे तो जीतू अपनी बहेन तो देख कार दंग रह गया. उसके
छ्होटे छ्होटे वक्ष अब पूरी तरह उभर गये थे. सारी से बाहर झाकती उसकी
नाभि ने जीतू को हिला दिया.
घर पहुँच कर इधर उधर की बातें हुई और रात को दोनो नीता के कमरे मे सोने
चले गये. जीतू से रहा नही गया. वो कीहोल से उनकी काम क्रिया देखने लगा.
जिस तरह नीता ने रमेश को अपना पेटिकोट उठा कर ललचाया और जिस तरह रमेश ने
उसकी फुददी मे मुँह घुसाया जीतू फिर हिल गया. वो अपना लंड पकड़ कर दबाने
लगा. तभी कमला ने उसे देख लिया और उसके कान पकड़ कर अपने कमरे मे ले गई
?शरम नही आती, अपनी बहेन को देखता है?. ?क्या करूँ मा ! दीदी आज इतनी गरम
दिख रही थी कि सहेन नही हुआ.? जीतू बोला और अपनी मा से चिपेट गया.
?खबरदार जो कभी उसकी तरफ ग़लत नज़रों से देखा? कहते हुए कमला ने ब्लाउस
खोल कर अपना एक निपल उसके मुँह मे दे दिया?..
अगले दिन रमेश सुबह चला गया. नीता नहा कर जब बाहर आई तब उसने सिर्फ़
पेटिकोट और ब्रा पहना. उपर टवल लप्पेट कर वो बाहर आ गई. उसके टवल और
पेटिकोट मे से झाँकती उसकी नाभि को देख कर जीतू का लंड डोलने लगा. नीता
ने नोटीस किया उसे और धीमी मुस्कुराहट देती हुई अपने कमरे मे चली गई.
जीतू चुपके से अपनी बहेन के कमरे की तरफ गया. देखा दरवाज़ा खुला था. अंदर
देखा तो उसका दिल धक धक करने लगा. नीता ब्लाउस और पेटिकोट पहने काँच के
सामने खड़ी थी. काँच मे उसे देखते ही बोली ?जीतू ज़रा ये हुक्स खोल दे
ना, दूसरा ब्लाउस पहेनना है.?
जीतू को और क्या चाहिए था. वो उसके पिछे जा कर खड़ा हो गया और उसके हुक्स
खोलने लगा. ?दीदी आप तो अब बहुत सेक्सी दिखने लगी हो.जीजाजी बहुत खुश हैं
लगता है? जीतू बोला. नीता बोली ?मा जैसी खूबसूरत कहाँ हूँ मैं. वैसे तेरे
जीजाजी मुझे आछे लगते हैं? कहते हुए वो कुसकुराइ.
जीतू ने ब्लाउस के साथ साथ उसकी ब्रा के हुक्स भी खोल दिए और धीरे से हाथ
आगे डाल कर उसके बूबे पकड़ लिए ?आपके पहले कितने छ्होटे थे, अब तो आपके
भी बहुत बड़े हो गये हैं.?. उसके हाथ मे अपने बूबे देख कर नीता का शरीर
कांप उठा, उसने उन्हे अलग करने की कोई कोशिश नही की, ?शरम नही आती अपनी
बहेन के दबाता है.? और बड़ी आसानी से अपना ब्लाउज उतार दिया.
?क्या करूँ आप तो जानती हो सब कुच्छ, आदत हो गई है? ये कहते हुए उसने
अपना कड़क होता हुआ लंड नीता की गांद से चिपका दिया. ?ये क्या कर रहा है?
कहते हुए नीता ने अपना एक हाथ पिछे डाल कर उसके लंड को दबाया.
?दीदी रोको मत, प्लीज़ !? कहते हुए उसने ब्रा को उपर धकेल दिया और उसके
नंगे बूबे पकड़ लिए. एक हाथ से ब्रा को अलग करते हुए नीता बोली ? नही
जीतू, तू मुझसे दूर ही रह?.
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